Chapter 3 (सरहदी बस्ती)
नीचे
इंसानी दुनियाँ में शाम ढल चुकी थी, रात का अँधेरा छाने लगा
था | टाइगर ताई और जेम्स बांड
अपनी दूकान समेट घर की तरफ चल दिए | शहर के बाहरी जंगल की
सीमा पर दोनों की अलग – 2 बस्ती थी |
जैसे
ही रात घनी और काली हुई टाइगर ताई की बस्ती के सारे इंसान, बांड की बस्ती में पहुँच
गये | टाइगर ताई की पूरी बस्ती
किसी उजड़े इलाके की तरह लग रही थी | हवा भी अगर किसी खिड़की के
साथ खेलती तो डर की अलग definition निकलकर सामने आ रही थी |
पल
नही गुजरा होगा, गलती
से खुले छोड़ गये एक बल्ब की light ने कुछ आकृतियों को साये
में बदल दिया | लम्बे कोट, सर पर hat और उससे 3 inch पीछे तलवार की हत्था, जिससे किसी आम इंसान के
ना होने का doubt clear हो गया था |
“क्या हम सही जगह पर है....|” खाली घर, सुनसान गली और जंगल से आती दहशत भरी हवा को महसूस कर काला कोर्ट पहने एक
साये से आवाज आती हुई “इस बस्ती में इंसान तो छोडिये कोई पालतू जनावर भी नही है |”
अगले
ही पल बगल की दीवार से खटपट की आवाज आयी तो सामने की दीवार पर सायो की तलवार बाहर
निकलती नजर आयी | हल्के काले कपड़ो के जूते, बिना आवाज के उस तरफ बढ़े
तो अगले ही पल दो चूहे चिल्लाते हुए सामने की दीवार में बने बिल में जाकर घुस गये |
“ये कैसे हो सकता है....?” सर का टॉप उतार राजकुमारी खाली बस्ती को देख हैरानी में“ यहाँ के इंसान कहाँ चले
गये ?”
“शायद ये बस्ती काफी दिनों से बेजान है |” उखड़े मुड के साथ पास खड़े युवराज ने कहा |
“बेजान बस्तियों में रौशनी नही होती युवराज....|” पीछे जल रहे उसी बल्ब की
तरफ इशारा करते राजकुमारी ने कहा |
“जंगली जानवर तो नही खा गये सब को....!?” एक सैनिक ने उत्सुकता से
कहा |
“अपना मुहँ बंद रखो ...!!!” राजकुमारी ने उसे डाँटा |
“पता कैसे लगे ये सब गये कहाँ ?” युवराज ने खाली घरों के
देखते हुए कहा |
राजकुमारी
के पास कोई जवाब नही था |
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दूसरी
तरफ बांड की बस्ती में मेंला लगा था मानो कोई festival हो | लोग आपस में घुल मिल- झूल रहे थे, उनके बीच हंसी मजाक चल
रहा था |
Adventure best hind story, डेविलांश (Devilansh) भाग-3
“हे राम.....|” एक घर की चारपाई पर अपने घुटने को पकड़ बैठते हुए ताई बोली |
“क्यों री पारो, घुटनों का दर्द ओर भी बढ़ गया क्या....?” पास बैठी दूसरी बूढी औरत
ने पूछा |
“अब तो उम्र हो गई है श्याम....|” पारो (टाइगर) ताई उसके
कंधे पर हाथ रख“ अब तो सब कुछ होगा |”
“ताई चाय लोगी....?” घर के अंदर से एक लडकी (पुराने से कपड़े, दो चुटियाँ में बालो को
बांधे हुए, हाथ
में चाय का स्टील का गिलास, उम्र 17 ) बाहर आती हुई बोली |
“वैसे मुड तो नही था, पर तू ले ही आई है तो......|” ताई ने चाय का गिलास पकड़ लिया |
“पारा आज लाइट तो आयेगी ना...?” दूसरी बुढिया ने पूछा |
“पता नही दादी चाचा बोल तो रहे थे पर....?” पारा ने doubt में words को रोक लिया |
“छोड़ ना वैसे भी कौन सी लाइट आ कर तीर तुडवा देगी ?” ताई पारा के हाथ में लगे घाव को देख “पारा तेरी ये चोट ठीक
नही हुई अभी ?”
“ताई वो काम करने में अक्सर छिल जाती है.....|” पारा अपनी चोट को देख “ ठीक हो जायेगी |” पारा अंदर चली गयी |
तभी
एक लड़का दौड़ता हुआ ताई के पास आ गया |
”ताई- 2, अपनी बस्ती में कुछ लोग
घुम रहे है |” एक लडके ने जोर – 2 से साँस लेते हुए कहा |
“क्या....?” ताई चौंकते हुए उठ गयी |
“लगता है कोई अंजान परदेसी है...?” लडके के चहरे से साफ़ दिख
रहा था वो डरा हुआ था |
“हे राम...!!!” ताई आगे बढती हुई “ टाइम क्या हुआ है अभी ?”
“9 बजे है ताई.....|” लड़का उसके पीछे चल दिया |
“रक्षा करना राम....|” ताई तेज कदमो से आगे बढ़ गयी |
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“ये कैसे हो सकता है....?” सर का टॉप उतार राजकुमारी खाली बस्ती को देख हैरानी में“ यहाँ के इंसान कहाँ चले
गये ?”
दूसरी तरफ बांड की बस्ती में मेंला लगा था मानो कोई festival हो | लोग आपस में घुल मिल- झूल रहे थे, उनके बीच हंसी मजाक चल रहा था |
Adventure best hind story, डेविलांश (Devilansh) भाग-3 |
“छोड़ ना वैसे भी कौन सी लाइट आ कर तीर तुडवा देगी ?” ताई पारा के हाथ में लगे घाव को देख “पारा तेरी ये चोट ठीक
नही हुई अभी ?”
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अभी पढ़े, कैसे बचाए रिश्तों पर धूल जमने से
राजकुमारी और बाकी सब वहीं खड़े मानो किसी का इंतजार कर रहे थे |
राजकुमारी और बाकी सब वहीं खड़े मानो किसी का इंतजार कर रहे थे |
“हम यहाँ खड़े क्यों अपना समय नष्ट कर रहे है....?” युवराज ने बैचेन होकर
पूछा |
“आपके पास कोई अच्छा तरीका हो तो बता दीजिये....?” एक सैनिक ने पूछा |
“क्या हमें सच में इस डेविल की जरूरत है ?” राजकुमारी का मन टटोलने के लिए फिर से युवराज ने पूछा |
“युवराज अच्छा होगा आप बेकार की बहस छोड़ यहाँ के लोगो का कुछ पता
लगाये...!!!” राजकुमारी बहस को सीधा खत्म कर देती है |
युवराज
कुछ कहता उससे पहले ही ताई कुछ गावँ वालो के साथ वहाँ पहुँच गयी |
“अपने हथियार छिपाओ.....|” राजकुमारी ने आदेश दिया |
दूसरे
ही पल सबके हथियार गायब थे |
“आप सब कौन है और आज की रात हमारे गाँव में क्या कर रहे है.....?” ताई ने टार्च की रौशनी
युवराज की आँखों पर मरते में पूछा |
“हमें किसी के बारे में जानकारी चाहिए थी...|” राजकुमारी ने प्यार से
पूछा |
“जानकारी, कैसी जानकारी ?” ताई राजकुमारी का कुछ
ज्यादा ही गोरा रंग देखती बोली |
“डेविल के बारे में....|” आँखे स्थिर शून्य भाव के साथ राजकुमारी ने कहा |
“डावली, कौन डावली...?” राजकुमारी, युवराज सैनिको को देखने के बाद ताई ने समझने के लिए अपने लोगो की तरफ देखा |
“डावील नही डेविल ?” सैनिक ने कहा |
“कौन डेविल, और आप कौन है....?” ताई परेशान हो गयी थी |
“देखिये आप जो भी है आज की रात यहाँ से चले जाइये, आप गलत आदमी का पता गलत
जगह पूछ रहे है...|” ताई के पीछे खड़े एक आदमी ने कहा |
“हम सही जगह आये है और आज की रात में क्या बात है...?” राजकुमारी के words कडक start ले, सवाल तक slow हो गये |
राजकुमारी
ने सवाल तो पूछ लिया but ताई और पीछे खड़े लोगो के
चहरे पर जो दहशत और डर दिखा रहा था उससे शायद अपना ही सवाल भूल गयी |
“ऐसा क्या होगा आज की रात जो इनकी सांसे रुक गयी ?” एक सैनिक ने बडबडाते हुए दूसरे के कान में बोला |
"आज आमावस्य की रात है आज जंगल में जानवरों के बीच लड़ाई होती है...!!!” दूसरा आदमी घबराये चहरे
के साथ ”जो
भी इंसान उनके बीच आता है वो....|” आदमी पूरा बोल भी नही पाया |
“मैंने पहले ही कहा था,ये इंसान पागल के अलावा कुछ
नही है |” युवराज राजकुमारी के कान
में बडबडाया |
अब तक
बांड और पारा भी आ गये थे |
“ ताई आप अब तक यहाँ क्या
कर रही है ?” बांड time देख हैरान था |
पारा
उन सबको देखने लगी |
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“तू जरा बता इन्हें, यहाँ कोई डेविल है क्या...?” ताई ने बांड से पूछा |
डेविल
का नाम सुनते ही बांड के चहरे की हवाएँ उड़ने लगी और राजकुमारी के साथ सभी उसे भांप
गये |
“आप सब चलो यहाँ से मैं इन्हें छोडकर आता हूँ |” बांड ने ताई और बाकी सबसे कहा |
“जल्दी आना |” ताई कहते हुए चल दी |
“तुझे क्या अलग से बोलू चल यहाँ से...!!!” पास खड़ी पारा को डाँटते
हुए बांड बोला |
पारा
उन्हें देखती ताई के चली गयी |
“तुम जानते हो डेविल को ?” राजकुमारी ने बांड की
आँखों में उठ रहे डर को पहचानते हुए पूछा |
“कभी देखा नही उसे पर सुना है बहुत बड़ा तांत्रिक है |” बांड उन सबको देखते हुए “जो भी उसके पास गया है मैने उसे आज तक जिंदा लौटकर आते नही देखा |”
“वो.....!!!” बांड को पागल मान युवराज बोलने लगा |
“तुम जानते हो वो कहाँ मिलेगा....?!” राजकुमारी ने बोलते हुए
युवराज की बात काट दी |
“मैं नही पर एक है मेरा दोस्त, जो शायद जानता हो वो कहाँ रहता है |” बांड सोचने के बाद “कल मिला सकता हूँ उससे, वैसे आप लोग है कौन, कभी देखा नही आस – पास ?”
“परदेशी है हमें आज ही उससे मिलना है |” सैनिक बांड की confuse आँखों को देखते हुए “क्या तुम अभी उस दोस्त
के पास चल सकते हो ?”
“अभी...!!!” तेज आवाज और डरते हुए बांड “भगवान भी आकर बोले जब ना जाऊं |” बांड कापते हुए “वो जंगल के उस पार रहता
है और आज की रात जंगल पार करना मतलब....!!!” बांड की आवाज बंद हो गयी |
“देखो हम तुम्हे....|” सैनिक बोलने लगा |
“ नाम क्या है तुम्हारे
दोस्त का....?” राजकुमारी ने पूछा |
“जी....!!!” बांड पागलो की तरह उसे देखने लगा |
“नाम पूछा है तुम्हारे दोस्त का.....!!!” युवराज अपने गुस्से को
रोकते हुए बोला |
“साहिल.....|” बांड ने धीरे से बोला |
“धन्यवाद....|” बोलकर राजकुमारी आगे बढ़ गयी |
“सुनिये मेरी बात मानिये...|” बांड उनका रास्ता रोकते हुए “आज रात रहने दीजिये, कल मैं खुद आपको उसके पास लेकर जाउँगा, आज रात जंगल पार मत
कीजिये, अगर
रुकने की परेशानी है तो हमारी बस्ती....|” बांड ने बात पूरी नही की
थी |
“जी धन्यवाद पर हमारा उससे मिलना जरूरी है |” राजकुमारी आगे बढ़ गयी |
“ये पक्का मरेंगे आज |” बांड बडबडाया |
To
be continue…
I
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Reviewed by Mr.Singh
on
December 31, 2019
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