शनाया राठौड़
(The Superhero) Part-2
“जैसा कि मैं बता रही थी |” शनाया मन में बोल ही रही थी |
“ऐ शनाया बेटी, जरा इसको bus में छोड़ तो आ...|” औरत ने शनाया को
टोक दिया |
“हाँ aunty, मेरा तो जन्म ही आप लोगो
के सेवा के लिए हुआ है...|”
शनाया ने मानो हवा में घुलते हुए बच्चे को उठाया और सड़क पर आग
लगाने जितनी speed
से साथ bus की तरफ दौड़ गयी |
2 ही सेकेंड में बच्चा bus में अपनी सीट पर बैठा था |
“Thanks
शनाया दीदी...|” बच्चा उसे bye करता है |
“इस cute
smile के लिए सब माफ़ |” एक प्यारा सा face बना शनाया सभी बच्चो को bye करती गायब हो गयी |
4 सेकेंड बाद शनाया अपने track पर झोला टांगे आगे बढ़ रही थी |
“जैसा कि मैं आपको रही थी, जिस तरह हवा,
Oxygen और सूरज की किसी को कद्र नही होती...|” अगली building से नीचे गिरते एक TV को हाथ बढ़ा रोकती शनाया "वैसे ही मेरी भी यहाँ कोई कद्र
नही है |”
शनाया TV side फुटपाथ में रख आगे बढ़
गयी |
सामने के ईंटो से भरा ट्रक बंद खड़ा था और आदमी शांति से बैठकर
सुबह की चाय पी रहे थे |
“ये देखो, यहाँ लोगो को अपनी परेशानी
की फ़िक्र नही है...|”
शनाया मन में चिल्ला रही थी |
“अरे जल्दी – 2 चाय खत्म करो, शनाया बिटियाँ आ गयी...!!!” ट्रक का ड्राइवर चिल्लाया |
सब गिरते – पड़ते ट्रक में बैठ गये
|
“बैटरी बनाकर रखा है सबने मुझे, जिसका मन किया आवाज लगायी और काम पूरा हो गया...|” मन में चिल्लाती शनाया पीछे से ट्रक को एक लात मारती है और ट्रक
हवा में कहीं खो गया |
“शनाया बेटी, जरा इस फ्रिज को
ऊपर पहुँचा दोगी...?”
एक building
के बगल में खड़े gentle man ने शनाया को टोका |
शनाया ने 10 floor की building को देखा, अगले ही पल एक छलांग में
फ्रिज में अपनी जगह और शनाया अपनी जगह, यानी किराना store पर खड़ी थी |
"मैं इस इलाके के बारे में थोड़ा guide कर देती हूँ, जैसा कि आपको मेरे
नाम से पता चल गया होगा,राठौड़...., जो की ज्यादातर
राजस्थान में पाए जाते है तो....|" शनाया सामने धुल उड़ाते
बूढी सफाई कर्मचारी को देख धुल से परेशान हो एक फूंक में पूरी सड़क की धुल साफ कर देती
है |
"जुग - 2 जियो शनाया बेटी...|" बूढी औरत शनाया आशीर्वाद देते हुए चल दी |
"हाँ तो जसे कि ,मैं बता रही थी, तो ये राजस्थान का सोनगढ़ जिला है, जिसके अंदर 84 गावं, कस्बे और शहर आते है |" शनाया सामने किराने की दूकान को देखने के बाद मन में "ये ऐसा इलाका है जहां
पर बारिश पॉइंट .5% भी नहीं होती , तीन तरफ से पहाड़ीयों
से घिरे होने के बावजूद,
यहां पर Gravity force और earth का angle
कुछ इस हिसाब से पड़ता है, दोनों के दबाव में यहां पर बादल आने से पहले ही दूसरी दिशा में मुड जाते हैं, जिसकी वजह से यहां पर बारिश .5 % भी नहीं होती |" शनाया सामने दुकान पर भीड़ लगा देख "उसके बाद भी आप देख सकते हैं यहां पर काफी
हरियाली है |"
शनाया अपने चारो तरफ सब कुछ काफी हरा भरा देखकर बोली |
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|
शनाया किराने की दुकान पर पहुंची तो वहां पहले से ही भीड़ जमा
थी |
लोग सुबह का सामान लेने के लिए line में खड़े थे |
"ये देखो यहाँ किसी को कद्र ही नहीं है सुपर हीरो की |" शनाया एक औरत के पीछे खड़ी हुई "यहां से बाहर देखो,लोग पागल हुए फिरते हैं सुपर हीरो के पीछे,एक मैं हूँ, जिसे bread के लिए भी line में लगना पड़ता है |"
"कैसी हो शनाया...?" शनाया के आगे लगी एक औरत ने घूमते हुए पूछा |
शनाया हाँ में गर्दन हिला मुस्कुरा दी |
"तूने सुना, मयंक ने रचना से अभी तक
बात नही की है,
उसके घरवाले भी दो बार आ चुके है |" औरत ने चुगली शुरू कर दी है |
"ये भी बड़ा दिलचस्प किस्सा है सोनगढ़ का, सबके दिमाग में रचा बसा..., कभी फुर्सत में सुनाउंगी...|" शनाया वापिस औरत पर ध्यान
देने लगी |
"पता है, रचना ने तो तीन बार अपनी
जान देने की भी कोशिश की है, पर मयंक है कि पिघलता
ही नही है...|"
औरत ने आगे बोला |
शनाया ने एक नजर सामने देखा, शायद अब वो बोर हो रही थी |
"काश मैं भी कहीं ऐसी जगह पर होती,जहाँ लोग मेरे लिए पागल होते...|" शनाया अब औरत की बात पर ध्यान ना देते हुए उतरते मुहँ से सामने
देखने लगी |
तभी किराना स्टोर के मालिक जो बूढ़ा (65 साल) के करीब था उसकी नजर शनाया पर पड़ गयी | आदमी ने अपने नौकर को इशारा किया, नौकर दो ब्रेड का पैकेट और अंडे ले जाकर शनाया के झोले में डाल
दिये |
"पूरे सोनंगढ़ में खाली यह बंदा ऐसा है, जिसने कभी शनाया The super hero से help
नही ली है |" शनाया अपना झोला वापिस कंधे पर डालती हुई "वरना तो मैं मंदिर का घंटा बन गयी
हूँ...|"
सामने खराब जीप के साथ खड़े एक आदमी को देख शनाया "जो भी
आता है बजाकर चला जाता है |"
=============
शनाया घर वापिस आ गई तो अभी भी उबासी लिए चाय का इंतजार कर रहे
थे |
शनाया kitchen में bread रख अपनी मम्मी को घूरते हुए सामने table जाकर भी सामने बैठ
गयी |
“तुम्हारे college में sports कब है कोमल ?” भगवान ने झपकी
लेती कोमल को जगा दिया |
“Next
month है दादा जी...|” कोमल को बोलते
हुए उबासी ली |
“राधा तुम कल रात late आयी थी,
क्या हुआ...?” भगवान ने सर पकड़े
बैठी राधा की तरफ देखा |
अब तक पार्वती ने चाय table पर रख दी थी |
“पापा जी रुपड गावं के पास कुछ लोगो की लाशे मिली है |” राधा चाय का कप उठा श्यामलाल को देखती हुई “शक है किसी जंगली जानवर ने मारा है |”
“वो इलाका तो पहाड़ी जंगल से लगता हुआ है ना...?” नुकल ने राधा को देखा |
“हाँ,
कुछ गावं वालो का कहना है, जानवर काफी बड़े और भयानक थे |” अब राधा की नजर शनाया
पर थी,
जो अपनी चाय को उठा चुकी थी |
“मुझे आज फिर वहाँ छानबीन करने जाना है |” राधा पीछे कुर्सी से लग गयी |
“सभलकर जाना भाभी, सुना है वो इलाका
काफी खतरनाक है,
भूत – प्रेत रहते है वहाँ...|” पार्वती ने अपनी चाय की चुस्की लेते हुए बोला |
अगले ही पल शनाया के हाथ रुक गये |
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|
“तुझे अपनी चोच खोलनी जरूरी है...?” देवी ने पार्वती के पर मारा |
सबकी नजर अब शनाया पर थी, जो अपनी चाय से निकल रही भांप को नाक से खींच रही थी |
“शनाया तू मलथा के पास कब गयी थी...?” भगवान ने अपने सामने बैठी शनाया का ध्यान तोडा |
“पिछले महीने की 9th date को...|”
कोमल ने शनाया के बोलने से पहले ही बोल दिया |
शनाया अगले सवाल के लिए भगवान को देखने लगी |
“तुम्हें आज college नही जाना...?”
घड़ी में time देख राधा ने पूछा |
शनाया जल्दी से चाय खत्म कर उठकर जाने लगी |
“शनाया....|” राधा ने शनाया को पुकारा
|
शनाया ने मुड़कर उसकी तरफ देखा तो राधा हाथ बांधे उसके सामने
खड़ी थी |
शनाया ने 'क्या' सवाल के साथ राधा को देखा |
शनाया ने सवाल के साथ कोमल को देखा |
“हाँ मम्मी हम college ही जा रहे है |”
कोमल उठकर सामने आ गयी थी |
“मैं अच्छी तरह जाती हूँ शनाया, ये घटना पहले ही तेरे कानो में पड़ चुकी है |” राधा भोला सा चेहरा बनाती शनाया को देखते हुए "अगर तूने
इस काम में अपनी टांग अडाई...|” राधा शनाया की आँखों में
देखते हुए "मैं तेरी टांगे काट दूँगी |”
शनाया ने कोई reaction नही दिया और राधा उसे घूरती हुई अपने room की तरफ चल दी |
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“किस मामले में टांग अड़ाने की बात हो रही है...?” पार्वती थोडा भड़कते हुए "शनाया, भाभी क्या बोल थी...?” गुस्से में आगे
बढती पार्वती table
से टकरा गयी |
“कुछ नही है...|” भगवान ने परेशानी
में उठकर पार्वती को पकड़ना चाहा |
“भगवान, क्या सोचकर इनको आँखे
नही दी...?”
अफ़सोस में गर्दन झुकाकर शनाया आगे बढ़ थोडा घबराती पार्वती को
पकड़ लेती है |
“फिर भाभी ने इसे ऐसा क्यों बोला...?” पार्वती ने कांपते होठो के साथ शनाया का चेहरा पकड़ उसका कान
खिंच लिया |
“अरे ये उसको call करके disturb
करती है ना, तो उसके लिए बोल
रही थी |”
श्यामलाल ने शनाया का कान उससे छुड़ा लिया |
“मुझे पसंद नही है, भाभी तुझे डांटे...|” पार्वती थोडा गुस्से में शनाया को डांटती है |
“क्यों क्या इतना भी हक नही बनता इस पर मेरा...?” अपने कपड़ो के साथ नहाने के लिए जाती राधा ने बोला |
“वो बात नही है भाभी...|” श्यामलाल से छुट
पार्वती आवाज की तरफ देखने लगी |
“तो फिर क्या बात है...?” राधा आगे आ गयी
|
“आप पूरा दिन लोगो के झगड़ो में परेशान रहती है, इतना काम करती है...|" पार्वती बोल ही रही थी |
"तो क्या...?" राधा थोड़े गुस्से के साथ "अपने बच्चो के साथ भी ना खेलूं...?" राधा ने पार्वती को लगभग डांटा था |
पार्वती अभी थोडा डर की वजह से चुप हो गयी |
"तुम दोनों को college के लिए तैयार नही होना...?" राधा ने कोमल और शनाया
को घूरा |
दोनों अपने कमरे की तरफ बढ़ गयी | अगले ही पल शनाया का भोला चेहरा किसी शातिर खिलाडी के रूप में
बदल गया,
उसकी आँखों में लाल रंग का प्रकाश उठ रहा था अगले ही पल वो पिछली
कुछ यादो में गोता खा गयी |
शनाया के दुकान से वापिस घर की तरफ मुड़ने के साथ ही एक बाइक
उसके सामने से गुजर गयी |
जिस पर एक couple बैठा था |
"पता नही मेरी ही किस्मत कहाँ घांस चरने गयी है |" शनाया एक ठडी से आहं के साथ आगे बढ़ गयी |
"Hey
शनाया....|" तभी शनाया के पीछे से
आवाज आयी |
एक खाल की दुकान, पसीने से नहाये
हुए,
बड़ी सी T- shirt पहने धरती को भूकम्प का
झटका देते हुए उसकी तरफ बढ़ रहा था |
"ये मेरे पास तक पहुँचे, उससे पहले इसकी
history
बता दूँ, इसका नाम गौरव है, मेरे ही college और मेरे ही पडोस में रहा
था, बचपन से ही crime reporter बनने का कीड़ा है इसको,
पूरे राजस्थान में क्या घट रहा है, क्या नही घट रहा है, कौन किसके साथ
कैसी deal
करता है, ये सब इसे पता है |" शनाया मुंह बनाती हुई "अब ये सोचकर अपना खून मत जलाइये
ये मेरे साथ क्या करता है ?"
"मैं कल से तुम्हें ढूंढ रहा हूँ, तुम हो कहा...?" गौरव लम्बी - 2 सांसे शनाया के मुहँ पर छोड़ रहा था |
"ये मेरा खबरी है और इसका network google से भी पक्का है |" शनाया उससे दूर हट गयी |
"पता है कल रुपड गावं में पंगा हो गया....|" गौरव थोडा पीछे हट बोला |
शनाया ने सवाल भरी नजरो के साथ गौरव को देखा |
"कुछ जंगली जानवरों ने गावँ वालो को मार दिया....|" गौरव ने शनाया की आँखों में देखा |
"अब जानवरों के इलाके में जायेगे तो मरेगे ही...|" शनाया गर्दन हिला आगे बढ़ गयी |
"अरे सुन ना...|" गौरव उसके आगे आकर खड़ा होते हुए "उन जानवरों का size normal से ज्यादा था और...|" इधर –
उधर देखने के बाद गौरव अपने जेब से mobile निकलता "मुझे ये मिला...|"
अगले ही पल शनाया की आँखे बड़ी हो गयी, गौरव के mobile में एक clip थी,
जिसमे कुछ भेड़िया (जो इंसानों से भी बड़े और लाल आँखों के साथ
थे) चिल्ला रहे लोगो पर हमला कर रहे थे | शनाया एक पल सोचने
के बाद गौरव को देखने लगी |
"एक लड़का थोडा दूर झाड़ी में बैठा हल्का हो रहा था, उसने ही shoot किया है...|" गौरव मुस्कुराने के बाद "तो क्या plan है...?"
अगले ही पल शनाया की उँगलियाँ चटकने लगी |
"Yes....!!!"
गौरव पूरे जोश के साथ बोला |
शनाया ने गोल ऊँगली घुमायी और हवा में धुल उसकी ऊँगली के चारो
घुमने लगी |
"Don't
worry पूरा plan, location, place, सब ready
है...|" गौरव उसके साथ चलता हुआ
बोला |
शनाया मुस्कुराती हुई आगे बढ़ गयी |
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शनाया यादो से वापिस आती अपनी book set कर रही थी |
“क्या पंगा हो गया रुपड में....?” कमोल अपने कपड़ो के साथ उसके room में entry
लेती है |
शनाया एक हल्की सी नजर और गहरी मुस्कान के साथ कोमल के बगल से
निकल bathroom
की तरफ जाने लगी |
“सच में कुछ पंगा हुआ है...|” कोमल भी ख़ुशी के मारे उछल पड़ी |
“तुम्हे तैयार नही होना क्या...?” बाहर से फिर राधा की आवाज गूंजी |
“क्या हम जा रहे है...?” कमोल ने राधा की
आवाज को ignore
कर आगे पूछा |
“Oh....yes....!!!”
कोमल का भी reaction same था |
==========
Police
की dress
में तैयार खड़ी राधा बार – 2 घड़ी को देख जा रही थी |
"College
ही जाना है तुम दोनों को, शादी में नही जा रही...|” राधा चिल्लायी |
“क्यों अपना खून जाल रही हो...?” तैयार होकर बाहर आता श्यामलाल बोला |
“मुझे late हो रहा है और दोनों महारानी
बाहर नही निकली अभी तक...|”
राधा ने श्यामलाल को घूरा |
“तुम जाओ, मैं छोड़ दूँगा उन्हें
college....|”
श्यामलाल ने राधा से कहा |
राधा श्यामलाल को शक भरी नजरो से देखने लगी |
“तुम्हें भरोसा नही मुझ पर...?” श्यामलाल ने हैरानी में पूछा |
“उन दोनों नालायको पर नही...|” राधा ने गुस्से में बोला |
“तुम चाहकर भी कुछ नही कर सकती...|” श्यामलाल की आवाज में मजाक था |
“तो चिंता करनी छोड़ दूँ...?” राधा श्यामलाल को देखते हुए "मरने भेज दूँ, खतरनाक जगहों पर ?”
श्यामलाल राधा की आँखों में परेशानी देख उसका हाथ पकड़ लेता है
|
“इस सीने का दूध पिलाया है इन दोनों को...|” अपनी गीली होती आँखों को रोकती राधा "दिल डरता है उनके
इस पागलपन से |”
“तुम कब तक तलवार से सब्जी काट सकती हो....?” श्यामलाल ने राधा को समझाने की कोशिश की |
“जब तक मुझसे होगा...|” राधा चिल्लाती
हुई "तुम बाहर आ रही हो, या मैं अंदर आऊँ ?”
राधा चिल्लायी बाद में थी दोनों बाहर पहले आ चुकी थी |
कोमल और शनाया ने same color का top
और जीस पहना था |
“क्या बात है, same – 2...|” श्यामलाल दोनों को देख मुस्कुराते हुए "कोई खास वजह...?”
“चकमा देने में आसानी होती है |” राधा ने असली बात बोल दी |
दोनों के मुहँ उतर गये | राधा बाहर की तरफ
बढ़ गयी |
“Good
luck...|” श्यामलाल ने आगे बढ़ चुकी दोनों को बोला |
दोनों ने reaction नही दिया |
==========
जैसे ही दोनों बाहर आयी, अगले ही पल उनके
मुहँ लटक गये थे |
राधा गाड़ी में बैठी और एक लड़की सादी dress में उसके पास खड़ी थी |
“इसे कुछ काम नही होता क्या...?” कोमल ने शनाया को देखा, जो सामने खड़ी लड़की
को घूर रही थी |
“जल्दी बैठो...!!!” राधा ने दोनों
को घूरा |
भारी मन के साथ दोनों गाड़ी की तरफ बढ़ गयी |
“गौरव....!!!” बगल में देख राधा
फिर से चिल्लायी |
अपने बैग को सभाल, गिरता पड़ता गौरव
गाड़ी के पास पहुंचा तो उसका जोश भी लड़की को देख ठंडा हो गया |
गौरव ने एक नजर लड़की पर मार, शनाया और कोमल को देखा तो दोनों की गर्दन झुक गयी | राधा के अगली बार चिल्लाने से पहले ही गौरव गाड़ी में बैठ चुका
गया |
लड़की भी उन तीनो की देखती गाड़ी में बैठ गयी |
To be continue…I hope you all like this story. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-2
Reviewed by Mr.Singh
on
December 31, 2019
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