भोली खुशी (Chapter-2)
दूसरी तरफ खुशी आईने के सामने खड़ीं खुद को निहार
रही थी और चेतना उसके लिए चुनरी select कर रही थी |
“What you think, I'm looking sexy...?” खुशी ने बालो को बिखराते हुए नशीली आँखों के साथ पूछा |
“College के तमाशे
भूल गयी, कितने
झगड़े करवा चुकी थी वहाँ पर...?” चेतना बोली |
“पुरानी बाते छोड़, now tell me ? क्या दूल्हा मेरे एक look पे हर बात मानने के लिए तैयार हो जायेगा ?” खुशी ने गर्दन टेढ़ी करते हुए पूछा |
“अगर मैं लड़का होती तो..., शायद हाँ...|” एक पल सोचने के बाद चेतना
ने जवाब दिया |
“क्या वो मुझे divorce भी दे सकता है ...?” खुशी अभी भी आईने को देख
रही थी |
“First time से पहले
तो शायद ना....|” चेतना मुस्कुराने के बाद “पहले शादी तो कर, divorce की बाद में सोच लेना |”
“What you think...., शादी क्यों की जाती है ?” खुशी चेतना की तरफ घुमती
हुई “वो सब
तो शादी के बिना भी होता है, और बच्चे, I don’t think so, उसमे भी शादी रोल निभाती है |”
कुछ देर तक खुशी इसी बात के लिए मंथन करती रही |
“Come on, try this....|” चेतना ने एक गहरे लाल रंग के चुनरी खुशी की तरफ बढ़ा दी |
“Hello guys....|” खुशी bed से कैमरा उठा खुद पर सेट करती हुई “What you think, शादी करना जरूरी है. I mean साडी life एक ऐसे रिश्ते में बंधना जो सिवाए घुटन के तुम्हें कुछ ना दे ?” Problems भरी आँखों को लिए सर से
चेतना की डाली चुनरी हटाती हुई “I
don’t think so....|”
“मेरी माँ पहन ले, वरना तूफान पूरे घर को हिला देगा |” चेतना ने कैमरा नीचे करना चाहा |
“And one more thing, what about love...?” बाद में याद आये एक idea की तरफ react करती खुशी “क्या ये possible है, शादी के बाद प्यार नाम का
बिच्छू काटेगा ही नही...?”
“अरे प्यार करके शादी कर लेना मेरी माँ, पर...|” चेतना उसके लिए परेशान हो
रही थी |
“बारात निकल चुकी है, दुल्हन को तैयार करने करने की किसी को फिक्र है भी या नही...?” अंजली की आवाज गूंजी |
“मरवाकर रहेगी तू खुशी....|” चेतना जल्दी – 2 शादी का जोड़ा लेकर खुशी के सामने खड़ी होती हुई “Please खुशी मान जा |”
“वैसे प्यार के बारे में तेरे क्या ख्याल है ?” कैमरा खुशी ने चेतना की तरफ घुमा दिया था |
“मुझे इस वक्त इतना ख्याल है, अंजली आंटी की डांट से
कैसे बचा जाए ?” चेतना ने कैमरा खुशी के
हाथ से छीन वापिस बेड पर पटक दिया |
खुशी अभी भी उसे किसी शंकी की तरफ देख रही थी |
“चल अब तैयार हो जा...|” चेतना ने उस पर कपड़े फेंक दिए |
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प्यार को भगवान समझने वाले couple की कहानी
“Yes sir, it’s conform....|” तेज किसी से मोबाईल पर बात करते हुए “We want just tonight....|” तेज बात को सुनने के बाद “Thanks sir...|” तेज call cut करने के बाद “चलो ये काम तो पूरा हुआ, अब ये परम कहाँ मर गया ?”
“Yes sir, it’s conform....|” तेज किसी से मोबाईल पर बात करते हुए “We want just tonight....|” तेज बात को सुनने के बाद “Thanks sir...|” तेज call cut करने के बाद “चलो ये काम तो पूरा हुआ, अब ये परम कहाँ मर गया ?”
अब तेज पकड़ में आ गया अंजली बजाज के |
“Shit यार...|” तेज खिसकने लगा |
“अरे सुनो...|” अंजली नाम भूल जाने के बाद तेज को इशारे से बुलाती है |”
पर तेज मौका देखते ही वहाँ से खिसक गया |
“पायल....|” शगुन की थाली ले जाटी पायल को देख अंजली ने आवाज लगा दी |
“जी मम्मी जी...|” पायल खुद उस तरफ बढ़ गयी |
“ये साड़ी तो...|” लाल रंग की रेशमी साडी जी देख अंजली इशारे के साथ “ये तो वही है ना जो
पिछले हफ्ते showroom में देखती थी, उस डिजाईनर की ?” अंजली हैरानी में पायल को
देख रही थी |
“आपने मुझे इस साड़ी की detail लेने के लिए रोका है ?” पायल ने बचते हुए सवाल बदल लिया |
“अरे हाँ, वो आलोक के पास जो सोने के सेट लाये थे, वो तेरे पास ही है ना...?” अंजली ने पूछा |
“जी मम्मी जी मैने...|” पायल ने बात पूरी भी नही की थी |
“तूने मुझे बताया क्यों नही....?” अंजली ने सवाल पूछ डाला |
“इसमें पूछना क्या था मैंने पहले ही आपके कमरे में पहुँचा दिए थे |” पायल बोली |
“पता है मैं कबसे परेशान हो रही हूँ...? कहीं चोरी – वोरी तो नही हो गये, वो आज – कल...|” अंजली बोल ही नही पायी थी |
“मम्मी जी मैं जाऊं, पंडित जी को थाली देकर आनी है ?” पायल ने बात काट दी |
पायल अपने गुस्से को दबा अंजली के आगे से निकल गयी |
“अरे इस साड़ी के बारे में तो बताती जा |” अंजली ने उसे रोकना चाहा |
हर कोई शादी की तैयारी में busy था | महेमान भी बरातियों के
स्वागत के लिए तैयार हो रहे थे | परम, तेज कैमरे और मोबाईल के
साथ busy थे | राजीव और आलोक महमानों के स्वागत के लिए दरवाजे पर ही खड़े थे | आज आधा London इस शादी में जमा था | बारात के आने का शोर बंगले के अंदर सबके कामो में पड़ने लगा था, उधर खुशी में दूसरी सनक
पैदा हो गयी थी | सामने vodka के पैग ट्रे में सजे रखे
थे और खुशी उन्हें खाली करने की मानो कसम लेकर बैठी हो |
“खुशी पागल हो गयी है क्या ?” लहँगे चोली में पैग गटकती खुशी को देख चेतना बोली |
“जो मैं करने जा रही हूँ, वो पागलपन से कम थोडा ही है |” खुशी चेतना को देखती हुई “तुझे इतनी ही problem हो रही है तो तू ही शादी
कर ले.....|”
“बारात दरवाजे पर पहुँच गयी है , कुछ तो समझ...|” चेतना ने बाहर की आवाज पर ध्यान दिया |
“My foot.....|” पैर पटकती खुशी को शायद चढने लगी थी |
“खुशी चेतना, तुम तैयार हुई या नही...?” दरवाजे को खटखटाती पायल ने पूछा |
“इसकी तो.....!!” खुशी आगे बढ़ कुछ कहने लगी |
“Just few minuets भाभी, अभी आये....|” चेतना ने उसे पकड़ लिया |
“जल्दी करो, बारात दरवाजे पर आ चुकी थी |” पायल की आवाज आयी |
“जी भाभी....|” डोलती खुशी को सभालती चेतना बोली |
चेनता ने खुशी को बेड पर बैठाया और तैयार करने लगी | बारात ने घर में entry कर ली थी और दुल्हे को
मण्डप में ले जाया जा रहा था | चेतना दूसरी तरफ लडकियों
के साथ घुंघट लिए दुल्हन बनी खुशी को लेकर नीचे आ रही थी | दुल्हे के साथी उसका सहेरा ठीक कर हाथ में वरमाला दे रहे थे | राजीव अपने सबंधी के गले मिल हँसी – मजाक कर रहा था | खुशी को दुल्हे के सामने
खड़ा किया गया पर खुशी vodka के नशे में झुमने लगी | चेतना ने उसे पकड़ लिया |
“वरमाला डालो बेटी...|” पण्डित ने दुल्हे को बोला |
दुल्हे ने खुशी को वरमाला डाल दी |
“बेटी....|” पण्डित ने बोला |
खुशी चुप खड़ी रही | सब खुशी को देखने लगे | चेतना ने खुशी को चमटी काटी और खुशी में करंट दौड़ गया | खुशी ने दुल्हे को वरमाला डाल दी | चारो तरफ से तालियों और फूलो की वर्षा होने लगी | पण्डित के इशारे के साथ दोनों को मण्डप में बैठाया गया | तेज, परम,सूट – बूट में सजे – धजे सामने खड़े थे | चेतना की आँखे उन से कुछ
पूछ रही थी और दोनों ने सब कुछ इशारे में चेतना को बता दिया | पण्डित ने मंत्र पढने शुरू लिए और चेतना घड़ी देखने में busy हो गयी |
“दुल्हन का भाई तलिक के लिए आगे आये |” पण्डित ने नजरे उठा सामने देखा |
“अरे चेतना बेटी, जरा अपने आलोक भैया को बुलाकर लाना |” अंजली ने चेतना से कहा |
“आंटी वो....|” चेतना खुशी को छोड़ने के लिए तैयार नही थी |
“मैं बैठती हूँ इसके पास, you just go....|” अंजली ने चेतना को उठा
दिया |
चेतना को मजबूरी में उठकर जाना पड़ा | तेज, परम भी उसके पीछे खिसक लिए |
“तुम वही रहो, मैं अभी आ रही हूँ |” चेतना आगे बढ़ गयी |
“क्या हुआ...?” तेज ने हॉल में चेतना को रोक लिया |
“आलोक भैया को को बुलाने, पता नही कहाँ मर गये |” चेतना बोली |
“हम भी चलते है |” तेज आगे बढ़ गया |
“Stupid, खुशी अकेली
है वहाँ ?” चेतना बोली |
“वो सभाल लेगी सब कुछ, you don't worry...|” परम भी आगे बढ़ गया |
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“You all right ना...|” चेतना उसकी चुनरी ठीक
करती बोली |
“मुझे क्या हो सकता है |” 2 मिनट बाद खुशी ने मुहँ
खोला |
चेतना की जान में जान गयी |
“आहुति के लिए हाथ आगे करो बेटी....|” पण्डित के हाथ में
सामग्री थी |
खुशी अभी भी शांत बैठी थी |
“डोली बेटा...|” राजीव पीछे खड़ा हुआ बोला |
“जी पापा जी...!!!” दरवाजे पर गुलाबी गाउन, हाथ में गुलदस्ता और अपने अंग्रेज दुल्हे के हाथो में हाथ लिए खड़ी बोली |
अंजली देखते ही बेहोश हो गयी | सारे महेमान उठ गये | राजीव का हाथ अपने दिल पर
चला गया | दूल्हा आहुति के लिए
सामग्री हाथ में लिए खड़ा हो गया |
“चल खिसक यहां से...|” खुशी की चुनरी उतार चेतना उसे खीचकर ले गयी |
दूल्हा हैरानी में मुस्कुराती खुशी को देखता रहा गया | तेज और परम पहले ही begs के साथ तैयार खड़े थे |
“Happy wedding life डोली Di...|” खुशी एक पल उसके पास रुक
गयी |
“Thank you so much खुशी,
you are the best....|” डोली ने उसके चहरे को हिलाया |
“I know डोली Di....|” खुशी बाहर की तरफ खींचती
हुई बोली |
“Just go...|” डोली
ने इशारा किया |
“ये सब क्या है डोली....?” राजीव चिल्लाया |
“Nothing dad....|” डोली
ऊँगली आगे करते हुए “मैने साइमन से शादी कर ली है |”
“और ये जो यहाँ हो रहा है, वो...?” दुल्हे का पिता बोला |
“तुमने यहाँ अपनी जगह किसी दूसरी लडकी को बैठा दिया, मजाक चल रहा है ?” दूल्हे की मम्मी बोली |
“मजाक तो मेरे साथ हो रहा था, जो एक लल्लू से मेरी शादी
की जा रही थी |” डोली बेधडक बोलती हुई “इसलिए मैने चेतना की friend से help माँगी, ताकि आपको शक ना हो और मैं साइमन से शादी कर लूँ...|”
सब बेवकुफो की तरह डोली को देख रहे थे |
“और on time, मैंने आकर शादी रोक ली |” डोली एक जीत भरी मुस्कान के साथ पीछे खड़े दूल्हे से “Sorry लल्लू |”
To be continue…I hope you all like this story. So reader,
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Heart touching best hindi love story, भोली खुशी भाग-2
Reviewed by Mr.Singh
on
December 30, 2019
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