Chapter 4 (शालो)
काली अँधेरी रात में राजकुमारी सब के साथ जंगल की सीमा पर खड़ी थी | जानवरों के रोने, चिल्लाने की आवाजो ने पूरे इलाके को घेर लिया था |
“क्या अभी चलना ठीक रहेगा राजकुमारी जी ?” सैनिक ने घनघोर अंधरे को देखते हुए पूछा |
“समय ना तो कभी अच्छा होता है न ही बुरा |” राजकुमारी पेड़ो, झाड़ियों और घनघोर अँधेरे को देख कदम आगे बढ़ा देती है |
सब उसके पीछे चल देते है | सैनिको ने खामोश पर खतरनाक जंगल को देख अपनी तलवारे निकाल ली थी |
“ये जंगल सच में खतरनाक है राजकुमारी |” एक सैनिक बोला |
क्या हमारी दूनियाँ पर आये खतरे से भी बड़ा है ?” रुकते हुए राजकुमारी ने सैनिक की आँखों में देखा |
“बचिये राजकुमारी !!” सैनिक ने राजकुमारी के कंधे पर तलवार चला दी |
एक मकड़ी राजकुमारी को काटने वाली थी | दूर पेड पर बंदर चिल्लाने लगे | शेर की दहाड़ ने सब को alert कर दिया |
“खायेगा क्या...?” युवराज पास पेड़ पर बैठे उल्लू को देखने लगा |
“हमें चलता रहना है युवराज...|” पास खड़े सैनिक ने कहा |
“आपको कैसे पता चला वो डेविल यहीं मिलेगा |”
पीछे चलते एक सैनिक ने चारो तरफ देखते पूछा |
“बताने वाले ने यहीं का पता बताया था....|” राजकुमारी आँखों में चमक और होठो पर मुस्कान लिए आगे बढती जा रही थी |
“मुझे ये मुर्ख इंसान इसीलिए पसंद नही है |” आगे आ रही झाडी को काटते युवराज “अता- पता कुछ नही होता और बकबक कितनी ही करा लो इन से |”
“आप भैया की सीख भूल गये युवराज |” राजकुमारी कंटीले पौधे से बचकर आगे बढती हुई “धरती की...|”
राजकुमारी इतना ही बोल पायी थी |
“धरती की उपरी परत को देख उसके अंदर की चीजो को पता नही लगाया जा सकता.....|” मानो पेड़ो सेकिसी लडकी की आवाज गूंजी हो |
सारे सैनिक राजकुमारी और युवराज को घेरकर खड़े हो गये |
“ये कौन था ....?” एक सैनिक बडबडाया |
“तुम्हारी मंजिल का पहला पड़ाव |” फिर से आवाज गूंजी |
“कोई बुरी शक्ति है...?”
एक सैनिक ने चारो तरफ देखा |
“बुरा.....|” राजकुमारी बोल ही रही थी |
Adventure-mysterious-superhero-today-best-hind-stories-2020
|
“बुरा सिर्फ हमारी सोच में होता है,
जैसे तलवार को कोई मारने के लिए प्रयोग में लाता है तो कोई बचाने में |” फिर से आवाज गूंजी |
“ये हमारे बोलने से पहले ही हमारी बाते कैसे जान लेती है...|” राजकुमारी हैरान थी |
“मैं देखता हूँ |”
युवराज सैनिको के घेरे से बाहर आ गया |
अचानक पेड़ से किसी जीव ने छंलाग लगा दी और युवराज हडबडाहट में पीछे की तरफ गिर गया | सभी देखकर चौंक गये सामने पुराने कपड़ो के साथ पारा (बस्ती की लडकी) जानवर की तरह खड़ी थी,
उसके हाथ की उँगलियों ने मिट्टी में पकड़ मजबुती से बनायी थी,
जिसका मतलब उसके नाखून बड़े थे,
सूघने के लिए नाक का ज्यादा फैलाव,
किसी भेड़िया जैसी लक्ष्य पर नजर लिए आँखों पर गिरे बालों के बावजूद सबकुछ साफ देख रही थी |
सैनिको ने उसे तलवार की नोक पर ले राजकुमारी को सबसे पीछे कर लिया | राजकुमारी सामने जानवर की तरफ खड़ी पारा को देख हैरानी थी, जिसे उन्होंने कुछ time पहले बस्ती में देखा था क्या ये वहीं है ?
सैनिको ने उसे तलवार की नोक पर ले राजकुमारी को सबसे पीछे कर लिया | राजकुमारी सामने जानवर की तरफ खड़ी पारा को देख हैरानी थी, जिसे उन्होंने कुछ time पहले बस्ती में देखा था क्या ये वहीं है ?
“पता है मुझे सबसे ज्यादा मजा किस में आता है ?” पारा जैसे ही उठी उसकी आँखे किसी जुगनू की तरह हरे रंग में जल बुझ रही थी |
“पहली और आखिरी चेतावनी दे रहे है दूर रहो हमसे....!!” सैनिक के कहते ही सभी सैनिको की तलवारे प्रकाश में चमकने लगी |
“उसे उकसाओ मत,
शांत रहो |” राजकुमारी ने सैनिको से कहा |
“चींटी के ढेर को कमजोर समझ उस पर पैर नही रखना चाहिए |” पारा राजकुमारी को देख उनकी तरफ कदम बढ़ती हुई “चींटी रहम नही करती |”
पारा पलक झपकने से भी तेज गायब हो गयी |
Adventure mysterious superhero today best hind stories 2020
|
सैनिक पड़ा युवराज हैरान रहा गये |
“कहाँ चली गयी ?”
सैनिक ने आगे का सारा जंगल देख लिया |
"तुम इन नासमझो को अपनी सुरक्षा के लिए लायी हो राजकुमारी ?” सबके पीछे से आवाज आयी |
की साँसों के साथ सब घुमें तो पैरो के नीचे से जमीन निकल गयी | पारा राजकुमारी के कंधो पर बैठी उसके सर को पकड़े हुई थी | सैनिक उसकी तरफ बढने लगे |
“रुको....!!!” राजुकुमारी ने आदेश दिया |
सब पीछे हट गये |
“क्या चाहिए तुम्हें ?” राजकुमारी उसके वजन की वजह से लडखडा रही थी |
“बड़े दिनों बाद किसी दूसरी दूनियाँ के इंसान की गंध ली है ?” पारा राजकुमारी के बदन को सूंघती हुई “ वरना यहाँ के जानवरों, इंसानों को खा – 2 कर पक गयी थी |”
“अगर खाना ही चाहती हो तो मुझे खा लो |” एक सैनिक आगे आते हुए “ राजकुमारी को छोड़ दो |”
“मुझे गुलामो को खाने की आदत नही है |” पारा राजकुमारी के बालो से खेलती हुई "वैसे भी मैंने कुछ ही दिनों पहले पेट भरकर खाया था |” पारा सैनिक को घूरती हुई “तुम्हारे जैसा ही कोई था |”
“शालो.....|” राजुकुमारी बोली |
“वो कमीना सौदागर....?” युवराज खड़ा होकर बोला |
“वो डेविल का पता लगाने यहाँ आया था |”
राजकुमारी से अब पारा का वजन सभाला नही जा रहा था,
वो किसी भी वक्त गिर सकती थी |
“हाँ...!!!” पारा हँसती हुई “पर वो मुझसे कुछ ओर भी जाना चाहता था |”
“मतलब तुम जानती हो डेविल कहाँ मिलेगा ?” राजकुमारी ऊपर देखने की कौशिश करने लगी |
“नही....., पर में उसे जानती हूँ जो तुम्हें उस तक पहुँचा सकता है |” पारा अपने लम्बे हो चुके नाखूनो से राजकुमारी के गोरे गालो को सहलाती हुई “बस मेरी तय कीमत मुझे दे दो |”
“वो तो जंगल के पार कोई साहिल है...|” युवराज ने पारा को घूरते हुए बोला |
“तुम्हें क्या लगता है,
जिसे हर दुनियाँ की राजा से लेकर चोर,
तांत्रिक से लेकर तपस्वी तक,
हर कोई ढूंड रहे हो उसका पता एक आम इंसान को पता होगा ?”
सबके साथ राजकुमारी भी सोच में पड़ गयी |
“अगर उस तक सही सलामत पहुंचना है तो मेरी कीमत अदा करो |” पारा ने अपने नाखून अब राजकुमारी के गाल में घुसाने शुरू कर दिए थे |
“कैसी कीमत ?” युवराज ने पूछा |
Adventure mysterious superhero today best hind stories 2020
|
वही जो शालो के साथ तय हुई थी |” पारा ने मुस्कुराते हुए युवराज को देखा |
अब राजकुमारी को पसीना आने लगा था,
शायद उसके चहरे पर कुछ भूल जाने की उलझन थी या वो कीमत पास ना होने का डर |
“वो क्या कीमत थी ?” युवराज ने पारा को देखा |
“राजकुमारी जानती है|” पारा किसी सनकी की तरह राजकुमारी के बालो की गंध लेती हुई “क्यों राजकुमारी ?”
राजकुमारी की आँखों की चिंता देख युवराज सभी सैनिक समझ गये थे राजकुमारी के पास वो कीमत नही थी |
“मेरे कानो ने आपकी हाँ नही सुनी राजकुमारी ?” पारा ने राजकुमारी की गर्दन को ऊपर खींचना शुरू किया |
“हमारे पास इस वक्त वो कीमत नही है |” राजकुमारी विरोध करने लगी |
“फिर तो मैं तुम्हें जानकारी कैसे दे सकती हूँ ....?” फिर से राजकुमारी की गर्दन खींचती हुई “साथ ही तुम्हें भी तो मरना पड़ेगा |”
“रुको !!”
युवराज सैनिको के कुछ करने से पहले ही “क्या उसके बदले में ये चल सकता है ?” युवराज ने हथेली सामने की और एक चमकदार काँच की गेंद प्रकट हो गयी |” युवराज गेंद सामने कर “ये पल भर में पर्वत को राख बना सकती है |”
“कीमत कम है |” पारा ने हंसते हुए राजकुमारी की गर्दन फिर से उठा दी |
“ये....?” अबकी बार युवराज के हाथ में एक किताब थी |”
“बच्चा समझा है मुझे...!!!?” पारा चिल्लायी |
“जादुई मन्त्रों की किताब है ये...?” युवराज ने कहा |
“इससे ज्यादा मंत्र तो मैं एक फूंक में निकाल देती हूँ |” पारा एक साँस अंदर खींच किताब को खा गयी |
पारा ने दबाव बढ़ा दिया और राजकुमारी चिल्लाने लगी थी |
“इससे ज्यादा कीमत नही होगी !!!” युवराज ने गुस्से में कहा |
इस बार पारा ने पकड़ ढीली कर दी,
उसकी आँखे युवराज की हथेली पर चमक रही पीले पानी की छोटी सी काँच की सीसी पर थी |
“इसकी भी कीमत भी उससे ज्यादा नही है |” युवराज के चहरे पर अफ़सोस के आने से पहले ही पारा “पर काम चल जायेगा |”
पारा राजकुमारी के कंधो से उतर उस सीसी को पकड़ लेती है | राजकुमारी अपने कंधे पकड़ नीचे बैठ गयी |
“अब उसका नाम बताओ जो डेविल के बारे में जानता है |” युवराज ने पारा से कहा |
To be continue…
I hope you all like this story. So
reader, Please comments and share this story with you friends and family and
add your valuable thoughts to….!!!
Adventure best hind story, डेविलांश (Devilansh) part-4
Reviewed by Mr.Singh
on
January 11, 2020
Rating:
No comments:
Please do not enter any spam link in the comment box.