Love story, Behind the story of भोली खुशी part-347

 

Behind the story of भोली खुशी part-347

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 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-347

 

Amrica का हवाई शहर का समुंद्री किनारा, जहाँ हजारों की तादात में मछली पकड़ने वाले जहाज खड़े थे | चारों तरफ ship पर, जमीन पर, आदमियों के हाथों में तडपती मछलियाँ दिख रही थी | लोगो के चिल्लाना और ships के horn उन्ही सबके बीच कोई फर्क नही था | इन सबके बीच दोपहर के time, रेत के ऊपर बिन सुखी घांस की छतरी के नीचे अपने पसीने पौछ्ता गौरव परेशानी में chair पर बैठा समाने table पर रखे laptop में नंदनी से video calling पर बात कर रहा था |

“Mom please...|” गौरव गर्मी से बेहाल हुआ “आप dad से बात कीजिये ना, वो जो बोलेगे मैं करूंगा, जहाँ बोले वहाँ चला जाऊंगा, office में उनसे पहले जाऊंगा और उनके बाद आऊंगा...|” गौरव नंदनी के सामने हाथ जोड़ते हुए “But इस जगह से मुझे निकलवा दो, ये गर्मी और मछली की बदबू से मेरा दम घुट रहा है |”

“मैं कुछ नही कर सकती...|” अपना काम करती नंदनी ने गौरव की request सिरे से नकार दी |

“Mom please...|” गौरव फिर से try करते हुए “अगर मैं यहाँ कुछ दिन रहा तो पक्का पागल हो जाऊंगा, आप जो बोले मैं करने के लिए ready हूँ...|”

“उस योगिता की बेटी से बात करना छोड़ देगा...?” नंदनी ने गौरव को घूरते हुए शर्त रखी |

“Mom...!!!” गौरव ने फिर परेशानी में बोला |

“तो मैं तेरी कोई help नही कर सकती...|” नंदनी उठकर जाने लगी |

“Mom, मैं फिर से भाग जाऊंगा...|” गौरव ने धमकी दी |

“भागकर तो दिखा, मैं भी देखती हूँ कितनी दूर भागता है...?” नंदनी ने गुस्से में गौरव को घूरा |

“कौन भागने की बात कर रहा है...?” तभी नरेंद्र की आवाज दोनों के कानो में पड़ी |

“आपका बेटा...|” नंदनी ने गौरव का कोई बचाव नही किया |

“क्या...?” नरेंद्र थोड़ा हैरानी में laptop के सामने आकर खड़ा हो गया |

“ऐसा कुछ नही है dad, मैं बोल रहा था, यहाँ बहुत गर्मी और बदबू है तो...|” गौरव थोड़ा धीमी आवाज में “क्या मैं office में आ जाऊ...?” गौरव ने खुदको डांट सुनने के लिए पहले ही ready कर लिया था |

“Office में क्या करोगा...?” नरेंद्र ने सवाल किया |

“कुछ भी dad, जो आप बोलो...?” गौरव ने पूरे जोश के साथ बोला |

“झाड़ू मारने का काम कर लोगे...?” नरेंद्र ने सवाल किया |

नरेंद्र के सवाल से नंदनी और गौरव दोनों हैरान थे | मगर गौरव फिर भी जोश में आकर मुहं खोलने लगा |

“अगर words बाहर निकाले तो अभी तुम्हें गोली मार दूंगा...!!!” नरेंद्र लगभग चिल्लाया था |

नंदनी भी नरेंद्र के इस स्वभाव से डर गयी थी |

“इतना time, इतना पैसा, तुम्हारे ऊपर क्या इसी लिए खर्च किया है...?” नरेंद्र ने गौरव को नसीहत दी थी |

गौरव की आँखे झुकने लगी |

“उसे थोड़ा time दो, वो समझ जायेगा...|” नंदनी कितना भी सख्त हो ले, मगर एक माँ थी, तो बोल पड़ी |

अगले ही पल नरेंद्र गुस्से में नंदनी की तरफ ही उठ गया |

“Dad...!!!” गौरव के मुहं से निकल गया |

“अगली बार तुम्हारी call तब आनी चाहिए, जब उस जगह पर तुम्हारा control हो...|” नरेंद्र गौरव को warn करते हुए “वरना आये ही ना...|” कहते हुए नरेंद्र ने laptop बंद कर दिया | गौरव अपना सर पकड़कर बैठ गया |

“Sir, फिर से फर्नाडिस fishing ने हमारे ships को टक्कर मारी और हमारे aria में मछली पकड़ी है...|” तभी एक worker वहाँ आते हुए बोला |

“तुम भी उनके ship में टक्कर मारो...|” गौरव ने गुस्से में बोला |

Worker समझ नही पाया |

“जाकर police station में शिकायत करो और ship के damage का case ठोको उन पर...|” पीछे से हाथ में दो cooldrink लिए लड़का आता हुआ worker से बोला |

“But sir, वो हमारे aria में मछली पकड़ रहे है, हम time से order पूरा नही कर पायेगे...|” Worker ने लडके को देखा |

“उनका normal time क्या है मछली पकड़ने का...?” लडके ने सोचते हुए बोला |

“10 AM....|” Worker ने याद करते हुए बोला |

“रेडिक को बोलो, कल से फर्नांडिस fishing का कोई भी ship 10 AM तक समुंद्र में ना पहुंच पाए...|” लडके ने worker की आँखों में देखा |

“समझ गया sir...|” Worker मुसकुराता हुआ चला गया |

लड़का जाते worker को देखने के बाद गुस्से में लाल गौरव को देख, उसके सामने cooldrink रखते हुए मुस्कुराने लगा |

“हुआ कुछ, mom को मक्खन लगाने से...?” लड़का बैठ गया |

“हाँ, उल्टा dad की डांट सुन ली...|” गौरव उखड़े मुड़ के साथ “Warning के साथ....|”

सुनते ही लड़का cooldrink में घूंट भरने के साथ हंसने लगा | गौरव पर कोई फर्क नही पड़ा |

“अब यही तुम्हारी किस्मत है गौरव...|” लड़का गौरव के कंधे पर हाथ मारते हुए “इसे चाहे रोकर मान लगो, या हंसकर |”

“तुझे पता है तरुण, मैं इस जगह नही रह सकता...|” गौरव परेशानी में “I meen look it here, चारों तरफ मरी हुई मछली और उनकी बदबू, कोई कैसे रह सकता है यहाँ पर...?”

“मैं नही रहता क्या...?” तरुण ने गौरव की आँखों में देखा |

“ये तेरा home town है, तुझे आदत है यहाँ की, मैं...|” गौरव सोच भी नही पा रहा था |

“अगर तूने यहाँ सब ठीक किये बिना जाने की सोची तो...|” तरुण गौरव की आँखों में देखते हुए “Uncle तुझे घर में घुसने नही देंगे...|”

“यहाँ सब ठीक तो है, मैं यहाँ क्या करूंगा...?” गौरव ने चारों तरफ इशारा करते हुए बोला |

“यहाँ कुछ भी ठीक नही है गौरव...|” तरुण थोड़ा गम्भीर होकर “हमारा 81 billion dollars का business होता है इस जगह से...|” तरुण सामने खड़े ships को देखते हुए “जो पिछले 5 साल से घटकर 45 billion पर आ गया है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो, इस साल हम 10 billion का और loss उठायेगे |”

“तुझे पता भी है तू, क्या बोल रहा है...?” गौरव हैरानी में तरुण को देखते हुए बोला |

“ये true है...|” तरुण ध्यान से गौरव को देखते हुए “पिछले 5 साल से हमारा business आधे से भी कम पर आ गया है, और हमारे सारे बड़े clints टूटते जा रहे है...|”

“पर कैसे...?” गौरव अब serious था |

“छोटी-2 companies का ना, Thakurs का इस तरफ ध्यान ना देना और ढेर सारी problems है...|” तरुण ने फिर से cooldrink में घुट ली |

गौरव अब इस बारे में सोच रहा था |

“हम आधे से ज्यादा हवाई को पातले है गौरव...|” तरुण एक लम्बी साँस के साथ “जो धीरे-2 बेरोजगार होते जा रहे है |”

गौरव के लिए ये सच में सबसे बड़ी चौनुती भरा काम था, राहुल को खाली खुदको साबित करना था, रजत को एक company को चलना था, but उसे, उसे तो 45 billions को वापिस 81 billions बनाना था |

“क्या सोच रहे हो..?” तरुण ने गौरव का ध्यान थोडा |

“सोच रहा हूँ, इतने अमीर घर में पैसा क्यों हुआ...?” गौरव ने अपने सर पर हाथ रख लिए थे |

 

दूसरी तरफ राहुल अभी भी शर्मा से मिलने का wait कर रहा था | मगर अब उसका दिमाग खाली एक side में नही चल रहा था, कहते है इंसान को ठोकर लगने पर अक्ल आती है, राहुल के साथ भी वो चीज घटने लगी थी | जहाँ राहुल को किसी भी काम को करने में झिझक और डर लगता था, अब उसे किसी काम को करने से डर नही था | उसके दिमाग में मानों business वाली नसें खुलने लगी थी | जहाँ से पहले खाली परेशानी और बहाने दिखते थे, अब उसे मौके दिख रहे थे, पैसा कैसे बनाना है वो दिख रहा था, लोगो से काम कैसे निकालना है, वो दिख रहा था |

“ऐ लडके...|” तभी सामने से guard ने राहुल को आवाज लगायी |

“हाँ...?” राहुल दूसरे ही पल बोल पड़ा |

“साहब बुला रहे है तुझे...|” Guard ने अंदर की तरफ इशारा किया |

राहुल अपने कपड़ों की सलवटे खोल आगे बढ़ गया | शायद उसकी फिर से एक नयी परीक्षा wait कर रही थी, मगर इस बार राहुल के चेहरे से लग रहा था, उसे कोई फर्क नही पड़ने वाला था, क्योंकि उसने असली business का पहला सबक सीख लिया था | राहुल ने अदंर entry ली तो सारे salesman, दूसरा staff उसे देख रहा था | राहुल एक नजर उन सबको देखकर शर्मा की तरफ घूमा तो शर्मा भी उसे घूर रहा था | राहुल चुपचाप उसके सामने खड़ा था |

“नाम क्या है तुम्हारा...?” शर्मा ने अपना चश्मा उठा लिया |

“राहुल ठ...|” आगे बढ़े लडके ने मजाक लिया |

“बस...|” शर्मा सबको कड़क आवाज में “नाम क्या है तुम्हारा...?”

“राहुल ठ...|” राहुल ने पूरी द्र्द्ता के साथ बोला |

एक बार हर कोई फिर से उसे देख रहा था | शर्मा ने बिना गर्दन घुमाये सब पर नजर मारी और फिर राहुल को देखा, राहुल पर मानों कोई फर्क नही पड़ रहा था |

“कहाँ से हो...?” राहुल ने बोला |

“हरियाणा border से...|” राहुल की ना तो आवाज नीची हुई ना गर्दन |

“यहाँ का पता किसने दिया...?” शर्मा ने सवाल किया |

“रामदयाल चाचा ने...|” राहुल शर्मा को देखते हुए “उन्होंने ही बोला था, आप उन्हें जानते है |”

“क्या काम कर सकते हो...?” शर्मा ने थोड़ा गुस्से में सवाल किया |

“क्या करा सकते है...?” राहुल के अंदर एक अलग ही शख्सियत जन्म ले रही थी |

“दुकान की साफ-सफाई करने का काम है, करोगे...?” एक लडके ने फिर से राहुल की मजाक ली |

“कर लूँगा...?” राहुल ने बोल दिया |

इस बार हर कोई अपना काम छोड़कर राहुल को देख रहा था | यहाँ तक की शर्मा ने अपना आँखों पर लगाया चश्मा भी उतार दिया था |

“कितने पैसे लोगे..?” शर्मा ने सोचते हुए सवाल किया |

“जिसमें 3 time का खाना मिल जाये...|” राहुल बोला |

“ये लड़का पागल है क्या...?” एक salesman बोला |

“500 रूपये में मिल जायेगा...|” शर्मा के सामने बैठे दूसरे लड़के ने बोल दिया |

“Done...|” राहुल को पता ही नही था, 500 रूपये होते कितने है |

अब सारे लड़के शर्मा की तरफ देखने लगे थे, जो इस कशमश में था, आखिर राहुल था कौन |

“झाड़ू उधर है...|” शर्मा बोल पड़ा |

राहुल ने बाहर के दरवाजे के पास रखी झाड़ू को उठाया और चालू हो गया |

“बाबूजी, ये लड़का या तो खुद पागल है, या हमें बना रहा है..|” तीसरा लडका शर्मा से बोला |

“Time पर छोड़ दो, ये क्या है...|” शर्मा वापिस अपना चश्मा लगाते हुए “अपने काम पर ध्यान दो...|”

 

To be continue…
I hope you all like this story  Love story, Behind the story of भोली खुशी part-347 . So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-347 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-347 Reviewed by Mr.Singh on October 11, 2020 Rating: 5

5 comments:

  1. Vaise tumko rajat, rahul, gaurav aur saurabh wali story season 3 se paani chaiye thi kyuki season 2 vhi tk thi jha pr khushi ko billo ne hakikat bta di thi virat ki usse dur rhne ki uske baad ki story season 3 hi liya jaaye not " behind the story of bholi khushi "

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  2. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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    Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss

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