Behind the story of भोली खुशी part-349
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-349 |
रुकुल ने रजत को थोड़ी से बात समझायी तो रजत थोड़ा नर्म पड़ गया |
“जिसको लगता है, वो अपनी इस सोच को बदल सकते है, वो बैठ सकते है...|” रजत ने आँखे बंद कर खुदको समझाते हुए बोला |
आधे से ज्यादा लोग वापिस बैठ गये, मगर अभी भी कुछ लोग बाहर की तरफ जा रहे थे |
“मैंने अपने dad के पास ज्यादा नही रहा...|” रजत उन जाते लोगो को देखते हुए “But जितना भी रहता हूँ, वो always यही बोलते है, अगर तुम्हें success चाहिए तो अपने और दूसरे के लिए ईमानदार बनो...|” रजत अब सामने देखते हुए “खाली पैसे के लिए काम करोगे तो एक दिन लात मारकर निकाल दिए जाओगे, मगर problem face करना सीखोगे तो एक दिन पैसा तुम्हारे लिए काम करेगा...|”
पूरा staff तो दूर रुकुल को भी रजत से ऐसी बात सुनने की उम्मीद नही थी |
“मैं आपसे झूठ नही बोलूँगा...|” रजत दिल पर हाथ रखते हुए “Company को कैसे चलना है, मुझे नही आता, but...|” रजत सामने की तरफ हाथ करते हुए “आपको आता है, आप अपने fields के master है, क्या ऐसा हो सकता है, आप सब मेरी help करे इस company को चलाने में और मैं आपको help करूं कामयाबी दिलाने में...?”
सब अभी भी खामोश एक-दसूरे को देख रहे थे |
“अभी भी पैसा, salary दिमाग में घूम रही है तो रास्ता उधर है...|” रजत बाहर की तरफ इशारा करते हुए “अगर problems से लड़कर success कैसे लेते है, खुदको और मुझे सीखना है, तो लड़ने के लिए तैयार हो जाइये |”
हर कोई अभी भी खामोश एक-दूसरे को देख रहा था | अब रुकुल ने कमान सभाली |
“अपना personal experience बता रही हूँ, कोई भी इंसान उस आदमी को कभी नही भूलता जो बुरे time में उसके काम आता है...|” रुकुल पूरे hall पर नजर मारते हुए “I think मुझे आगे बोलने की जरूरत नही है |”
अब रजत और रुकुल सबके respond का wait कर रहे थे | सबसे पहले रुकुल की लड़की friend उठी | जिसे देख रुकुल और रजत में भी थोड़ी हिम्मत आ गयी |
“मैं company पर court case करने जा रही हूँ, जिसे आना हो आ सकता है...|” एक तिरस्कार भरी नजरों से रुकुल और रजत को देख लड़की बाहर की तरफ चलती हुई “तुम तो अरबों के मालिक हो, तुम्हारी एक company बंद हो जाएगी तो तुम्हारा क्या बिगड़ेगा, हमारी एक महीने की loan की installment नही जाएगी तो bank हमें जीने नही देखा |”
“सही बोल रही हो...|” रुकुल मुस्कुराते हुए जाती लड़की को देखकर “मगर आधा सही, अरबों के मालिक का बुरे time में जो साथ देता है, वो करोडपति भी बन जाता है...|”
“जिसे आना है बाहर आ जाओ...|” कहते हुए लड़की वहां से निकल गयी |
अगले 15 मिनट में पूरे hall में बैठे तकरीबन 150 लोगो में से कुल 27 लोग ही बचे थे |
“तो क्या हम मान ले, आप हमारे साथ problems से लड़ने के लिए ready है...?” रुकुल ने सामने देखा |
“हमारे पास कुछ ideas है, अगर आप सुनने में interested हो तो...|” एक लड़की ने उठते हुए बोला |
“Why not...|” रुकुल ने मुस्कुराते हुए बोला |
रजत के अदंर फिर से कश्मकश चल रही थी |
Next morning खुशी अपनी साड़ी सभाले हुए drama के हाल में चली जा रही | चंदु उसके पीछे चलता हुआ call पर शायद लाडो को समझाने की कोशिश कर रहा था, जिससे खुशी अपनी सोच में disturb हो रही थी |
“मैं बाद में बात करता हूँ...|” चंदु call cut कर खुशी के पास आ गया |
खुशी एक पल उसे घूरने के बाद चलती रही |
“Madam, मुझे आधे दिन की छुट्टी चाहिए...|” चंदु खुशी को देखते हुए “दोस्तों ने ढेर सारी चीजें मंगायी है तो थोड़ी shopping...|”
“लगता है तुम्हारे पर (पंख) भी काटने पड़ेगे...|” खुशी उसे घूरती हुई “कुछ ज्यादा ही उड़ रहे हो...?”
“ऐसी बात नही है madam, वो क्या है ना इलाके में आजकल थोड़ा सा रौब बन गया है तो...|” चंदु खुशी को समझाने के चक्कर में “अगर इस time ये रौब बना रहा तो आगे चलकर MLA, MP बन जायेगे...|”
चंदु की बात सुनते ही खुशी के पैर रुक गये और गर्दन उसकी ही तरफ घूम गयी |
“आप पूरी बात नही समझ रही है madam, इसमें सबसे ज्यादा फायदा आपका ही है...|” चंदु हाथ जोड़ते हुए “Delhi में आपका और The Thakurs का काफी investment रहता है, अगर वही पर आपका अपना कोई आदमी हो तो...|” चंदु अपनी तरफ हाथ करते हुए “आपके काम कितने जल्दी पूरे हो सकते है...?”
“उड़ने से पहले पंखो को मजूबत किया जाता है...|” खुशी उसे घूरते हुए “ख्यालों के पुल पर नदी पार नही होती |”
“पुल को असलियत बनाने की कोशिश तो कर रहा हूँ, मगर आप...|” चंदु ने गर्दन घुमाते हुए बोला |
“कोशिश करो, ये काम जल्दी finish जो जाये...|” कहते हुए खुशी आगे बढ़ गयी |
“Yes madam...|” कहते हुए चंदु हवा की तरह उसके सामने ने गायब हो गया |
“नौटंकी कही का...|” खुशी बडबडाती हुई आगे बढ़ी ही थी |
“Hey...!!!” तभी बगल से दो coffee के साथ राज उसके पास आकर खड़ा हो गया |
“कहाँ से प्रकट हुए हो...?” खुशी थोड़ा हैरान थी |
“बस तुम्हारे आस-पास ही हूँ, बस तुमने मुझ पर ध्यान देना बंद कर दिया है तो...|” राज ने बोहें ऊपर कर खुशी पर को एक हल्का सा ताना मारा |
“मेरा तुम पर ज्यादा ध्यान देना तुम्हारी सेहत के लिए सही नही है...|” खुशी राज के साथ आगे चलती हुई बोली |
“वैसे आजकल मैं अपनी सेहत पर ही ध्यान दे रहा हूँ...|” राज ने बात को मजाक में बोला |
“काम पर ज्यादा ध्यान दोगे तो सबके लिए सही रहेगा...|” खुशी ने बात को serious होकर बोला |
“क्या कुछ देर के लिए अपना ये पत्थर वाला part side में रख सकती हो...?” राज उसे coffee offer करते हुए “तुमसे मजाक करने में भी डर लगने लगा है |”
“अभी उसका time नही आया है |” खुशी राज को बोलने के साथ सामने देखने लगी |
जहाँ अपने shopping के फितूर में चंदु ने 5 मिनिट में ही सारे staff को वहाँ इकट्ठा कर दिया था | खुशी time देखती है तो अगले ही पल प्रेम भी वहां प्रकट हो गया था |
“Good morning sir...|” वहां मौजूद लडके-लडकियाँ प्रेम से बोले |
प्रेम सबकी तरफ hay बोलते हुए खुशी को देखने लगा |
“क्या सब यही पर है..?” खुशी ने अंजली को देखते हुए पूछा |
“5 बंदे missing है...|” चंदु ने पहले ही जवाब दे दिया |
खुशी अंजली को देखने लगी, जो खुद थोड़ा घबरायी हुई थी | तभी श्याम के group से लकड़ा, देहरादून के group से 2 लकड़ी और कल्कि के group से चांदनी, नकुल पीछे से हंसते हुए आ रहे थे |
“ये कबमें बाहर चला गया...?” श्याम ने कपिल को घूरा |
“मुझे क्या पता...?” कपिल ने परेशानी में खुद अपने कंधे ऊपर उठा दिए |
खुशी बिना किसी भाव के साथ पत्थर की तरह खड़ी थी, मगर उस पर कोई भी ध्यान ना दे हंसते हुए जाकर अपने group में खड़े हो गया |
“क्या progress report है...?” खुशी ने प्रेम को देखा |
प्रेम ने श्याम को इशारा किया, जिसने एक file अंजली को थमा दी |
“हमारी टक्कर में तीन teams है, जिनसे कड़ी टक्कर मिल सकती है...|” अंजली ने file खोलते हुए बोला |
“इसका solution क्या है...?” खुशी ने सवाल किया |
“Story के हिसाब से character पर ज्यादा महेनत करनी and public support...|” प्रेम ने एक पल सोचने के बाद बोला |
“और हो क्या रहा है...?” खुशी ने श्याम के साथ कल्कि को देखा |
“हम काम कर रहे है...|” कल्कि ने जवाब दिया |
“27 दिन बाकी है, आपके काम का level क्या है...?” खुशी वापिस प्रेम को देखते हुए “कितना percent...?”
“20%...|” श्याम ने अपना चश्मा उतार लिया |
अब खुशी शांत होकर सबको देखने लगी, मानों समझने की कोशिश कर रही हो, उसे कैसा react करना है...? प्रेम भी श्याम के जवाब पर सोच रहा था |
“लगता है मेरी बात आपको अच्छी तरह समझ में नही आयी थी...|” खुशी थोड़ा side में चलती हुई “Let me clear...|” खुशी ने अपना हाथ उठाया और उसके security guards उसके पास आकर खड़े हो गये |
कोई भी कुछ समझा नही था |
“मुझे दिखाओ, तुम्हारा निशाना कैसा है...?” खुशी ने पीछे से आये पांचो की तरफ इशारा करते हुए बोला |
पल नही गुजरा होगा, security guards ने ना किसी का चिल्लाना सुना, ना किसी की बात, पांचो दीवार के सामने खड़े कर दिए थे | कल्कि, श्याम, अभय सब चिल्ला रहे थे, मगर खुशी पर कोई फर्क नही पड़ा | अब उन पांचो पर guns तनी हुई थी, जिसे देख पांचो की चीख निकल रही थी |
“खुशी...|” प्रेम ने भी खुशी को समझाने की कोशिश की |
“Fayer....!!!” खुशी बोली |
अगले ही पल पांचो पर guards की guns खाली हो गयी | पूरे हाल में चीख और guns की आवाज के अलावा कुछ नही सुन रहा था | धुएं निकलती guns के साथ guards अगले order के लिए खुशी को देखने लगे | खुशी ने वापिस हाथ हिलाया और अभी भी समाने जिंदा खड़े पांचो को वापिस उनके group में लाकर खड़ा कर दिया, जिसमे से सारे सदमें से नीचे गिर गये |
“ये क्या पागलपन है खुशी...?” कल्कि चिल्लाती हुई “इनकी जान जा सकती थी |”
“अगर मैं ये championship नही जीती तो आप सबकी जान जाएगी...|” खुशी ने बिना किसी भाव के साथ बोला |
“हमें
नही करना कोई drama-srama...|” दूसरे group के बच्चे रोते हुए “ना ही तुम्हारा 1
करोड़ रुपया चाहिए...|”
लड़के के बोलने के साथ श्याम के group को छोड़ बाकी सबने ने अपने check खुशी की तरफ
फेक दिए |
“आप अभी भी नही समझे...?” खुशी ने एक ठंडी साँस ली |
अगले ही पल फिर से हाल में guns और चीखें एक साथ गूंजी थी | इस बार राज, अंजली, प्रेम चंदु और श्याम के group को छोड़ सभी सदमें में सामने फर्श पर पड़े थे और उनके पीछे थी हजारों गोलियां झेल चुकी दीवार, जो छलनी-2 हो गयी थी |
“आप सबको क्या लगा है, मैं यहाँ 1 करोड़ की खैरात बाट रही हूँ...?” खुशी अपने हाथ बाँधते हुए “जो लिए, उडाये, काम हो ना हो, आपको क्या...?”
“Listen खुशी...|” कल्कि किसी तरह खुदको सभाल खड़ी होती हुई बोलना चाहती थी |
“अगर इनमे से किसी ने भागने की कोशिश की या काम के अलावा कोई दूसरा काम किया...|” खुशी guards को सख्त order देते हुए “बिना मेरे order के गोली मार देना...|”
Guards ने हाँ में सर हिला दिया | खुशी चंदु को इशारा कर वापिस चल दी | कल्कि सब प्रेम को देखने लगी, जो बहुत ही गहरी सोच में था | जैसे ही वो बोलने लगी, प्रेम भी गायब हो गया था |
To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-349 . So reader, Please comments and
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-349
Reviewed by Mr.Singh
on
October 14, 2020
Rating:
is story k sare character k pass emotiona ,dil hi nhi jaise kyn dikha rhe h koi baat ya kam is story me bina damki diye ,chilaye ya mare ho hi nhi skta h kya
ReplyDeleteExcellent story as always and eagerly waiting to read the next update
ReplyDelete🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
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Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss
Very nyc story but part was too small.
ReplyDeleteKhushi to such mai khtrnak bn gye hai ,prem bhi kh nhe kr pa rha
ReplyDeleteVery nice story
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteSuperb story but one scene take at least three part. Readers need to wait three to four days for it. Are you going to make record of largest number of parts published for story.
ReplyDeleteNice part but small part
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