Love story, Behind the story of भोली खुशी part-354

Behind the story of  भोली खुशी part-354

 
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Love story, Behind the story of  भोली खुशी part-354

 

शाम के time राहुल वापिस shop पर आया तो, पूरे market में मिठाई बाटी जा रही थी |

“क्या हुआ...?” Driver ने बाहर खड़े दरबान ने पूछा |

“कुछ नही, उस कोठी सेट की कोई लाटरी लग गयी है, उसी की मिठाई पूरे बाजार में खिला रहा है |” दरबान ने मिठाई खाते हुए बोला |

राहुल को सुनकर कोई हैरानी नही हुई | वो अंदर चला गया |

“इतनी बड़ी लाटरी लग गयी क्या, जो पूरी market को ही मिठाई खिला रहा है...?” Driver ने आगे सवाल किया |

“पता नही, मगर खुशी से पागल जरुर हो रहा था...|” दरबान ने जवाब दिया |

इस time पर अंदर customers की भीड़ थी और हर कोई बहुत busy चल रहा था |

“आ गया तू, जा सबके लिए चाय लेकर आ...|” राहुल ने entry के साथ ही पहले लडके ने 500 का नोट counter पर रख दिया |

राहुल पीछे बैठे शर्मा को देखने लगा, जिसने उस पर ध्यान ही नही दिया था | राहुल ने नोट उठाया और बाहर की तरफ चल दिया | शर्मा एक नजर राहुल पर मार वापिस काम में लग गया | राहुल उस नोट को हाथ में लिए चाय वाले की तरफ जा ही रहा था, तभी एक टपोरी type लड़का उससे टकरा गया |

“अँधा है क्या...?” लड़के ने राहुल को पीछे की तरफ धक्का दे दिया |

“Sorry...|” राहुल ने लडके को देखते हुए बोला |

“Sorry को अपने पिछवाड़े में दे ले...|” लड़का राहुल का गिरेवान पकड़ते हुए “अगली बार दिखा ना, टांगे तो हाथ में दे दूंगा...|” कहते हुए लडके ने राहुल को पीछे की तरफ धक्का दिया और आगे बढ़ गया |

“क्या जमाना आ गया है, घर में खाने को दाने नही है...|” थोड़ा आगे चाय वाला हंसता हुआ “और लड़के पेंट में से निकलने को तैयार रहते है...|”

राहुल जाते लडके को देखते चाय वाली की रेहड़ी पर खड़ा हो गया |

“कितनी चाय दूँ...?” आदमी ने राहुल से सवाल किया |

राहुल उस चाय वाले को देखता रहा | अगले 15 मिनिट के बाद राहुल बड़े वाले cup और चाय की केतली के साथ shop के counter पर खड़ा था | चाय का बड़ा cup देख salesman के चेहरे तो खिल गये मगर दोनों लड़के सुबह की राहुल की होशियारी का उल्टा देख शर्मा को देखने लगे, जिसने मुस्कुराते हुए उन्हें आगे देखने का इशारा किया | दोनों लडकों की आँखे फटी रह गयी, counter पर 400 रूपये रखे थे | राहुल सबको चाय देने लगा |

“ये कैसे हो गया...?” लड़का हैरानी में पैसे उठा लेता है |

शर्मा अपने चश्मे की डंडी मुहं में डाले जाते राहुल को देखता हुआ कुछ सोच रहा था |

 

दूसरी तरफ रजत अपने laptop के साथ घर के बाहर बैठा, सामने के घर को देख रहा था, जहाँ पर रुकुल घर के कामो में busy थी |

“रजत बेटा खाने में क्या लोगे...?” Mrs. गोखले ने हाथ में करछी पकड़े हुए सवाल किया |

“आप क्या बना रही है aunty...?” रजत ने पीछे की तरफ देखते हुए सवाल किया |

“भिंडी...|” Mrs. गोखले ने बड़े प्यार से बोला |

“तो बस वही खा लूँगा aunty...|” रजत ने मजबूरी में भी मुस्कुराते हुए बोला |

“मेरा अच्छा बेटा...|” कहते हुए Mrs. गोखले अंदर चली गयी |

रजत अपनी किस्मत के बारे में सोच ऊपर देखने लगा | तभी उसके कानो में रुकुल की खरास साफ करने आवाज पड़ी | रजत ने सामने देखा तो रुकुल घर के आंगन में चटाई बिछा रही थी |

“आज क्या महौल्ले को invite करने का plan है...?” रजत ने रुकुल को देखते हुए सवाल किया |

“नही, आज बाहर बैठकर खाने का plan है...|” रुकुल ने बोला |

“क्या बात है, कभी हमने भी तो invite करो खाने पर...?” रजत ने बोला |

“रुकुल ये सब तुम्हारे लिए ही तो कर रही है बेटा...|” तभी पीछे से रुकुल की मम्मी आते हुए “वरना अबसे पहले कभी बाहर बैठकर खाने का idea नही आया इसे...|”

“क्या मम्मी आप भी...|” रुकुल थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए बोली |

“अब जो सच है, वो सच है...|” मम्मी मुस्कुराते हुए “इसमें गुस्सा होने की कौन सी बात है...|”

“Bad luck aunty, अंदर aunty मेरे लिए खाना बना रही है...|” रजत ने उतरते चेहरे के साथ बोला |

जिसे सुनते ही रुकुल गुस्से में रजत को देखने लगी |

“क्या बात कर रहे हो बेटा...?” पीछे से सुभाष आते हुए “तुम्हारी वजह से ही तो आज रुकुल ने कितने सालों के बाद kitchen में पैर रखा है और तुम खाने से मना कर रहे हो...?”

“What...?” रजत हैरानी में “रुकुल ने खाना बनाया है...?”

“क्यों नही बना सकती है...?” रुकुल ने थोड़ा कड़क आवाज में पूछा |

“बेटा चपाती लोगे या चावल...?” हाथ में लगे आटे के साथ Mrs. गोखले फिर से रजत से पूछने आ गयी |

“आप अपने लिए क्या बना रही है aunty...?” रजत ने रुकुल को देखते हुए सवाल किया, जो उसे घूर रही थी |

“चपाती...|” Mrs. गोखले ने जवाब दिया |

“आप कुछ भी मत बनाइए aunty...|” रुकुल रजत के बोलने से पहले ही “आज आप सबका खाना हमारे घर पर है...|”

“पर रुकुल बेटी, मैंने तो सब्जी बना ली है...|” Mrs. गोखले ने बोला |

“तो क्या हुआ, हम सब मिलकर खा लेंगे...|” सुभाष ने उसकी परेशानी हल कर दी |

Mrs. गोखले तो मान गयी, मगर रुकुल अभी भी रजत को घूर रही थी |

 

After dinner घर के सामने और रुकुल अपने घर के सामने बैठी laptop पर काम कर रह थे | मगर रजत का ध्यान काम से ज्यादा रुकुल में था |

“तुम यहाँ बैठकर भी तो काम कर सकती हो...?” रजत ने रुकुल को अपने पास आने का जुगाड़ लगाया |

“क्यों, वहाँ बैठकर क्या काम ज्यादा हो जायेगा...?” रुकुल का ध्यान अपने काम पर था |

“खाने की बात को लेकर गुस्सा हो क्या...?” रजत ने laptop को नीचे कर दिया |

“मैं गुस्सा करने वाली होती कौन हूँ...?” रुकुल रजत पर ध्यान ना देते हुए “तुम तो अपनी मर्जी के मालिक हो ना...?”

“Come on यार...|” रजत अपनी chair से उठने लगा |

“चुपचाप बैठे रहो और अपना काम करो...|” रुकुल रजत को घूरती हुई “आज meeting में जो इतने बड़े बोल बोले है, उसके बारे में भी सोच लो...|”

“तुम हो ना, सोचने के लिए...|” रजत ने रुकुल को प्यार से देखा |

“पापा-मम्मी ने तुम्हें सही घर से निकाला है...|” रुकुल फिर गुस्से में “तुम हो भी इसी लायक...|”

“सुनो ना...|” रजत फिर भी बेशर्मो के तरफ “मेरे पास कुछ projects है, अगर तुम बोलो तो room में चलकर discuss करे...?”

“तुम ना...|” रुकुल भडकने ही वाली थी |

“Hey रुकुल...|” तभी एक लड़की रजत को देखती हुई आकर उसके पास बैठ गयी |

“आकांशा, तू कब आयी...?” रुकुल लकड़ी को देखकर हैरान थी |

रजत भी आकांशा को hi करता है | आकांशा उसे कोई respons नही देती |

“मुझे आये तो 1 हफ्ता हो गया, तू बता...?” आकांशा फिर एक नजर रजत पर मारते हुए “मैंने सुना है, madam की लाटरी लग गयी है, कोई अमीरजादा फांस लिया है ?”

“सही बोल रही है, फांस ही लिया है मुझे...|” रजत बडबडाया था |

आकांशा को रजत की खाली आवाज सुनी थी, बाते नही |

“क्या तू भी...?” रुकुल थोड़ा गुस्से में बोली |

“चल अब बोल भी दे, कैसे लग गया तेरा jackpot...?” आकांशा ने फिर रजत को देखा, जो गौर से उसकी बाते सुन रहा था |

“वो कोई अमीर-वमीर नही है...|” अब रुकुल रजत के कपड़े उतारते हुए “ऐसे ही लोगो के बीच नाम को धोये फिरते है...|”

सुनकर रजत को गुस्सा आया, मगर वो आकांशा के सामने कुछ बोलना नही चाहता था |

“क्या बोल रही है, मैंने तो सुना है अमीरी में नाम आता है उनका...|” आकांशा याद करने की कोशिश में “क्या नाम बोलते है, ठाकुर-2 करके...?”

“The Thakurs...|” रजत बोल पड़ा |

“हाँ, The Thakurs..|” आकाशा याद आने बाद फिर रजत को देख रुकुल से “ये कार्टून कौन है...?”

रजत अपनी T-shirt के color ठीक किया, क्योंकि रुकुल अब उसका introduction कराने वाली थी |

“कोई पागल है, गोखले uncle के यहाँ रहने आया है...|” रुकुल ने रजत का introduction कराना भी जरूरी नही समझा |

“और ये यहाँ बैठकर तुझ पर line मार रहा है...?” आकांशा ने बडबडाते हुए सवाल किया |

“ऐसा कुछ नही...|” रुकुल रजत को सुनाने के चक्कर में “ऐसे ही एक company में job करता है, इसके बस में नही है मेरे ऊपर line मारना...?”

“ऐसी बात तो नही है, गोरी चमड़ी का है, दिखने में तो कोई मोटी party लगती है...|” आकांशा फिर बडबडायी |

“तेरा टांका भिड़ा दूँ...?” रुकुल ने बोला |

“करा दे यार, ये पक्का कोई मालदार party है...|” आकांशा अपने बालों में हाथ मारती हुई बोलती है |

“ये तुमसे setting करने के मुड़ में है...|”रुकुल ने आकांशा की तरफ इशारा किया |

“Sorry, मैं पहले ही booked हूँ...|” रजत ने लम्बी सी सांसे लेते हुए बोला |

“Option लेने में क्या issue है, my be मैं उससे अच्छी निकलूं...?” आकांशा ने बोहें ऊपर करते हुए बोला |

“ऐसी बात है, तो मुझे कोई issue नही है, अपनी बगल वाली से पूछ लो...|” रजत ने रुकुल की तरफ हाथ कर दिया |

“इसमें रुकुल को क्या problem हो सकती है, क्यों रुकुल...?” आकांशा ने रुकुल की तरफ देखा |

रुकुल गुस्से से भरी किसी भी time फुट सकती थी |

“तुझे क्या हुआ, तेरा चेहरा क्यों लाल हो रहा है...?” आकांशा ने सोचते हुए सवाल किया |

“जिस पर तुम line मार रही हो, वो इसकी property है...|” रजत ने अपनी तरफ इशारा करते हुए “Mr. रजत ठाकुर...|” रजत अब रुकुल की तरफ इशारा करते हुए “Mrs. रजत रुकुल ठाकुर...|”

“मैं तुमसे बाद में मिलती हूँ...|” सुनते ही आकांशा रुकुल का खुदको घूरना समझती हुई वहाँ से उठ गयी |

“यही तुम्हारे लिए अच्छा रहेगा...|” रुकुल ने मजबूती से laptop को पकड़े हुआ था |

आकांशा अपने सर पर पैर रख वहाँ से दौड़ गयी | रजत जाती आकांशा को देखने के बाद फिर से रुकुल को देखने लगा, जो उसे घूरती हुई वापिस अपने काम में लग गयी थी |

“सुनो ना...|” रजत ने फिर बोला |

इस बार रुकुल गुस्से में उठी थी | रजत डरते हुए वापिस अपने काम में लग गया |

 

खुशी घर पर अपने room में राशि की गोद में सर रखकर लेती हुई थी | राशि उसके सर को सहला रही थी |

“लगता है काफी दिनों से सोई नही...?” राशि ने मुस्कुराते हुए बोला |

“जिम्मेदारियाँ सोने ही नही देती...|” खुशी राशि की गोद में सिमटती हुई “अब पता चलता है, आप नानी के घर जाने की इतनी ज़िद क्यों करती थी...?”

“क्यों...?” राशि ने अनजान बनते हुए सवाल किया |

“अपने घर आकर एक अलग ही सकुन मिलता है...|” खुशी एक लम्बी साँस लेते हुए राशि से लिपट गयी |

“क्या तुम वही खुशी हो, जो 3 साल पहले थी...?” राशि पुरानी यादों के बारे में सोचते हुए “नटखट सी, सबकी नाक में दम कर देने वाली, बिना सोचे-समझे पंगे मौल लेने वाली |”

“नही mom, मैं वो नही हूँ...|” खुशी अभी भी आँखे बंद किये हुए “उसे तो इस दुनियाँ ने मिलकर कबका मार दिया, अब तो मैं एक पत्थर और एक इंसान के बीच फंसी हुई औरत हूँ...|”

“तुझे वहाँ कोई problem है...?” राशि थोडा गम्भीरता के साथ “तेरी family, विराट, तुझे कुछ कहते है क्या...?”

“मुझे कोई कुछ नही बोलता mom...|” खुशी बिना आँखे खोले हुए “मुझे दुनियाँ का सबसे अच्छा और प्यार करने वाला husband मिला है, मेरी family दुनियाँ की सबसे best family है, मैं haven में जी रही हूँ mom...|”

“फिर तू ऐसा क्यों बोल रही है...?” राशि ने खुशी को सहारा दे बैठा दिया |

“क्योंकि यही सच है mom...|” खुशी राशि की आँखों में देखते हुए बोली |

“क्या विराट और उसकी family तुझे खुश है...?” राशि ने फिर से घुमाकर पहले वाला सवाल किया |

“ज्यादा सोचिये मत mom...|” खुशी राशि का चेहरा पकड़ते हुए “किसी को मुझे कोई problem नही है...|”

“और तुझे...?” राशि ने खुशी के अधूरे जवाब को पड़क लिया |

“विराट के office जाने का time हो गया है, मुझे उससे बात करनी है mom...|” खुशी एक पल सोचकर अपने mobile की तरफ हाथ बढ़ाने लगी |

मगर राशि ने खुशी का हाथ पकड़ लिया | खुशी ने राशि की तरफ देखा, तो राशि उसे घूर रही थी |

 

To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of  भोली खुशी part-354. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-354 Love story, Behind the story of  भोली खुशी part-354 Reviewed by Mr.Singh on October 21, 2020 Rating: 5

5 comments:

  1. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss

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  2. Hello sir Mai aap se ye puchna chahta hu ki aap ye story direct internet per likh rahe hai ya Puri story pahle hi likh li hai. Kyuki story ke srey part amazing hai. Aur har ek ya do din me next part post karnaa aur bhi amazing hai.
    Mai bhi story likta hu but do din me 10 minutes ka part hota hai.
    Fir bhi jitni bariki se app liktey hai utni bariki se nahi likh pata aur sabsey badi baat ye hai ek he story me all character is hero type sabki apni alag alag Kahani. Wonderful

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