Behind the story of भोली खुशी part-138
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-138 |
रात के 3 बजे, अँधेरे कमरे में काफी देर तक mobile बजाता रहा, तभी नींद में खिसकते एक हाथ ने call receive करते हुए mobile को speaker पर डाल दिया |
“Hey...!!!!”
करवट
लेते
राहुल
ने
आधी
नींद में
बोला
|
“तुम
क्या
कर
रहे
हो...?”
सुनीता
ने
थोड़ा
हैरानी
में
सवाल
किया
|
“यहाँ पर रात हो रही है, तुम्हें क्या लगता है, मैं क्या कर रहा होंगा...?” राहुल ने करवट लेते हुए तकिये को बाँहों में लेकर “तुम क्या कर रही हो...?”
“ऐ
छोरी,
तन्ने
(तूने) अपने
कपड़े-लत्ते
तो
ठीक
ते
रख
लिए
ना...?”
तभी
पीछे
से
रोहताश
की
मम्मी
की
आवाज
आयी
|
“रख
लिए
चाची...|”
सुनीता
ने
बोला
|
“कहाँ
जा
रही
हो
घूमने,
वो
भी
मेरे
बिना...?”
राहुल
के
होठो
पर
मुस्कान
थी
|
“New
York...|” सुनीता एक
ताना
मारते
हुए
“तम्हें
तो
याद
नही
होगा...?”
“What...?”
अगले
ही
पल
राहुल
झटके
से
उठते
हुए
room
की
light
on करने के
साथ
mobile
कान
से
लगाते
हुए
“तुम
New York आ रही
हो...?”
“हाँ, रोहताश भैया के साथ...|” सुनीता थोड़े गुस्से में “Airport पर आ जाना...|”
“मैं
अभी
airport
पर
आ
रहा
हूँ...|”
राहुल
bad
से
उठ
गया
था
|
“पागल,
मैं
अभी
गाँव
से
भी
नही
निकली
हूँ
और
तुम...|”
सुनीता
की
आवाज
में
हंसी
थी
|
“तुम्हें
बता
नही
सकता,
मैं
तुमसे
मिलने
के
लिए
कितना
तडपाता
हूँ,
दिल
कर
रहा
है,
अभी
वहाँ
पर
आ
जाऊ...|”
राहुल
की
आवाज
में
जोश
था
|
“बस-2,
time पर पहुंच
जाना...|”
कहते
हुए
सुनीता
ने
call
cut कर दी
|
===========
दरवाजे के खटखटाने ने बिल्लों और तुषार की नींद तोड़ दी |
“वैसे
ही
नींद
नही
आती....|”
तुषार
करवट
लेते
हुए
“आया
जाए
तो
कोई
सोंने
नही
देता...|”
“अगर
इस
सेहत
का
ख्याल
रखा
होता
तो,
नींद
के
साथ
बहुत
कुछ
आता
|”
बिल्लों
अपने
बाल
बांधती
हुई
उठ
गयी
|
“तुम तो ख्याल रख healthy हो ना...?” तुषार ने पलटवार किया |
बिल्लों
तुषार
को
घूरती
दरवाना
खोल
देती
है
|
सामने
आँखों
से
गायब
नींद
के
साथ
राहुल
खड़ा
मानों
बड़ी
बेसब्री
दरवाजा
खुलने
का
wait
कर
रहा
था
|
बिल्लों,
आँखों
में
हल्की
सी
नींद
के
साथ
उसे
देखने
लगी
|
“कौन
है...?”
तुषार
ने
फिर
करवट
लेते
हुए
पूछा
|
“Dad मैं...|” राहुल ने थोड़ा झुककर, बिल्लों के बोलने से पहले ही बोल दिया |
राहुल,
फिर
से
चुप
होता
हुआ
बिल्लों
को
देखने
लगा
|
बिल्लों
अभी
भी,
राहुल
के
बोलने
का
wait
कर
रही
थी
|
“अब
बोलोगे,
क्यों
दरवाजा
खटखटाया
है...?”
बिल्लों
ने
राहुल
को
घूरा
|
“ये
कभी
मुझे,
इस
खडूस
से
जितने
नही
देगा...|”
तुषार
ने
तकिया
उठाकर
अपने
चेहरे
पर
रख
लिया
|
“सुन
रहा
है
मुझे...|”
बिल्लों
ने
थोड़ा
कड़क
आवाज
में
बोलने
के
बाद
फिर
से
राहुल
को
देखा
|
राहुल,
बिल्लों
के
reaction
का
wait
कर
रहा
था
|
“क्या वो आ चुकी है...?” बिल्लों ने अपने चढ़ते पारे के साथ पूछा |
“नही,
वो
गाँव
से
चल
दी
है,
मेरी
अभी
बात
हुई
है...|”
राहुल
अपने
ऊपर
आने
वाली
मुसीबत
से
अनजान
था
|
“तो
रात
के
3 बजे, हमे
अब
क्या
करना
चाहिए...?”
राहुल
को
थप्पड़
मारने
के
लिए
मचल
रहे
हाथों
को
रोकती
बिल्लों
ने
खुद
को
रोकते
हुए
पूछा
|
“वो....|” राहुल ने पास आगे के लिए जवाब नही था |
“अगर
तुम
मेरे
हाथों
से
पीटना
नही
चाहते...!!!!”
बिल्लों,
राहुल
को
आँखे दिखाती
हुई
“चुपचाप
अपने
room
में
चले
जाओ....|”
राहुल
को
2 सेकेंड नही
लेगे
होंगे,
वहाँ
से
गायब
होने
में
|
बिल्लों
गुस्से
में
वापिस
दरवाजा
बंद
करते
हुए
bad
पर
आकर
बैठे
गयी
|
“ये
ना...|”
बिल्लों
बोल
ही
रही
थी
|
“हाँ-2,
जानता
हूँ,
मेरी
ही
copy
है...|”
तुषार
ने
बिल्लों
की
बात
पूरी
होने
से
पहले
ही
बोल
दिया
|
![]() |
Love story, Behind the story of भोली खुशी-138 |
बिल्लों का दूसरा मौका भी निकल गया, गुस्सा उतारने का | ,चेहरे पर रखे तकिये के साथ तुषार ने बिल्लों का हाथ पकड़ लिया | बिल्लों ने गुस्से में उसका हाथ भी झटक दिया |
“तुम्हें
जान्नु
फूलवाला
याद...?”
तुषार
ने
चेहरे
पर
तकिये
के
साथ
ही
बोल
|
“मेरा
सुनने
का
मुड़
नही
है...|”
बिल्लों
तुषार
की
बात
पर
ध्यान
ना
देते
हुए,
अपने
बात
ठीक
कर
लेट
गयी
|
“वही,
जिसके
गुलाब
के
फूलों
की
गठरी
गाँव
के
रस्तों
पर
बिखर
गयी
थी,
जब
तुम
2 साल के
बाद
गाँव आयी
थी...|”
तुषार
ने
आगे
बोला
|
“10 stranded की
बात
है...|”
बिल्लों
दूसरी
करवट
लेटती
हुई
“जब
तक
वो
मरा,
सब
उसे
बिखरू
फूलवाला
बुलाते
रहे
|”
बिल्लों
का
गुस्सा
शांत
हो
गया
|
“पता है उसकी फूलों की गठरी की कीमत क्या थी...?” तुषार ने आगे सवाल किया |
“मुझे
जानकर
क्या
करना
है....?”
बिल्लों
फिर
भड़की
|
“162 रूपये...|”
तुषार
तकिया
side
में
कर
दूसरी
तरफ
करवट
लेते
हुए
“हाँ,
तुम्हें
क्या
फर्क
पड़ता
है,
माँ
ने
तो
पीटते-2
मेरी
कमर
लाल
कर
दी
थी
ना,
घर से
पैसे
चोरी
करने
पर...|”
“क्या...?”
बिल्लों
थोड़ा
सोचने
के
बाद
बेड
पर
बैठती
हुई
“तुमने
क्यों
पैसे
दिए
उसे...?”
“सो,
जाओ...|”
तुषार
ने
जवाब
नही
दिया
|
“तुषार....?” बिल्लों ने तुषार का कंधा पकड़ उसे सीधा कर दिया |
“क्या
कर
रही
हो...?”
तुषार
ने
थोड़ा
गुस्से
में
बोला
|
“तुमने
उसे
पैसे
क्यों
दिए
थे...?”
बिल्लों
ने
तुषार
को
घूरा
|
![]() |
Love story, Behind the story of भोली खुशी-138 |
तुषार
अपना
एक
हाथ
सर
के
नीचे
रख
होठो
पर
हल्की
मुस्कान
के
साथ
बिल्लों
को
देखता
रहा
|
अगले
ही
पल
बिल्लों
की
आँखे
बड़ी
हो
गयी
|
“तुमने...|” बिल्लों ने हैरानी में अपने मुहं पर हाथ रख लिया था |
“2 साल के
बाद
तुम्हारा
चेहरा
देखना
था...|”
तुषार
मुस्कुराते
हुए
“इतना
तो
कर
ही
सकता
था
तुम्हारे
लिए
|”
बिल्लों
की
आँखे
गीली
होने
लगी
|
तुषार
ने
बिल्लों
को
अपनी
तरफ
खींचते
हुए,
सीने
से
लगा
लिया
|
“तुम
पागल
हो
पूरे...|”
बिल्लों
उसे
जकड़ती
हुई
बोली
|
“तेरे
लिए
कुछ
भी,
मेरी
जाटनी...|”
तुषार
बिल्लों
के
सर
पर
हाथ
फिराते
हुए
बोला
|
“तो
ये
बात
अब
क्यों
बात
रहे
हो....?”
बिल्लों
ने
आँखे
बंद
किये
हुए
पूछा
|
“तेरे
बच्चों में
उस
पागलपन
के
थोड़े
से
गुण
तो
हो
ही
सकते
है
ना
|”
तुषार
ने
मुस्कुराते
हुए
जवाब
दिया
|
बिल्लों
मुस्कुराती
हुई
तुषार
को
मारती
है
|
==============
सुबह
की
पहली
किरण
ने
पहाड़ी
से
नीचे
अपने
कदम
उतारे,
तो
पक्षियों
ने
अपने
–
2 स्वरों में
सुबह
होने
का
बिगुल
बजा
दिया
|
जानवरों
के
स्वर,
गावों
में
चूल्हों
को
जलाने
का
संकेत
दे,
किरण
ने
शहर
की
तरफ
रुख
किया
|
दूधियाओं
के
बजते
डब्बे,
office में जाने
वाले
लोगो
के
alarm
का
बजना,
और
news
paper वाले लडकों
की
साइकिल
की
आवाज
के
साथ
सुबह
हो
चुकी
थी
|
किसी
उल्लू
की
तरह
स्फाट
और
बिना
थकी
आँखों
के
साथ
टीना
अपने
computer
के
सामने
बैठी
लगातार
काम
कर
रही
थी
|
दरवाजे
के
दूसरी
तरफ
लडकियों
की
चहल–पहल
का
शोर
अब
उसके
कानो
में
पड़ने
लगा
था
|
देखते
ही
देखते
कब
9 बजे उसे
पता
ही
नही
चला
|
तभी
एक
alarm
के
बजने
ने
उसके
हाथ
रोक
दिए
|
टीना
झट
से
उठी
और
bathroom
में
जाने
लगी
तो
खुशी
के
खाली
बेड
को
देख
उसके
मन
में
फिर
से
दर्द
उठ
गया
|
खुद
को
द्रड
कर
टीना
bathroom में
चली
गयी
|
आधे
घंटे
बाद
टीना
college
जाने
के
लिए
तैयार
थी
|
Computer off कर बिखरे
सामान
को
समेट
बैग
में
कुछ
चीजे
चेक
कर
टीना
ने
बाहर
जाने
के
लिए
दरवाजा
खोला
तो
सामने
खुशी
दीवार
से
लगी
खड़ी
उसका
wait
कर
रही
थी
|
“ये कभी नही सुधरने वाली...|” मन में बडबडाती टीना ने उस पर एक नजर मारी और normally room का दरवाजा lock करने लगी |
“I
don’t think so, डीन का
इस
room
में
आना,
कोई
ज्यादा
mater
करता
है...|”
Door lock कर चलती
टीना
के
साथ
चलती
खुशी
“बात
कुछ
ओर
है
टीना,
tell me...|” खुशी ने
टीना
का
हाथ
पकड़
लिया
था
|
“इस
पागल
को
कैसे
समझाऊ...?”
मन
में
बडबडाने
के
बाद
टीना
खुशी
को
देखती
हुई
“शायद
तुमने
compliant
को
अच्छी
तरह
नही
पढ़ा
या
मैंने
लिखने
में
कोई
कमी
छोड़
दी
|”
टीना
की
आँखों
में
अभी
भी
बनावटी
गुस्सा
झलक
रहा
था
|
“ऐसा
मैंने
क्या
कर
दिया,
जो
तुमने
एक
ही
झटके
में
मुझे
अपनी
life
से
बाहर
निकाल
दिया
?”
खुशी
की
आँखों
में
कुछ
नरमी
थी
|
“Life
का
मतलब
सिर्फ
तुम
तक
ही
सीमित
नही
है
खुशी....!!!”
खुशी
को
दीवार
से
सटा
गुस्से
में
भड़कती
टीना
“हर
इंसान
की
life
अलग
होती
है
और
उसकी
problems
भी
अलग
होती
है
|”
खुशी बिना डर पर सदमे के साथ सुन रही थी |
“तुमसे
जुड़े,
किसी
दूसरे
की
life
में
बिना
सोचे
समझे interfere
कर
अपने
हाथ
झाड़
लेना
आसान
होता
है
पर
उससे
दूसरो
पर
क्या
effect
पड़ता
है
ये
कब
सोचोगी...?”
टीना
ने
खुशी
को
lesson
देना
चालू
कर
दिया
था
|
खुशी
के
पास
सवाल
काफी
थे
पर
टीना
के
गुस्से
को
देख
उसकी
आँखों
में
सिर्फ
क्या
का
सवाल
उभर
रहा
था
|
“College
में
बिना
सोचे-समझे,
तुमने
जो
हंगामा
किया,
तुमने
एक
पल
के
लिए
भी
सोचा,
उसका
तुम
पर,
मुझ
पर
क्या
effect
पड़ेगा
?”
टीना
अपने
उठे
हाथों
को
खुशी
की
बगल
वाली
दीवार
पर
मारते
हुए
“Tigers हमारे
साथ
क्या
करेंगे,
पूरा
college
क्या
सोचेगा...?”
एक
पल
के
आवेश
को
काबू
ना
पाने
की
वजह
से
टीना
खुशी
का
गला
पकड़ते
हुए
“डीन
का
क्या
reaction
होगा
?”
“टीना please leave me...|” खुशी ने टीना का हाथ पकड़ लिया |
“डीन
मेरे
against
inquiry बिठाने वाला
है...|”
टीना
खुशी
के
गले
पर
दबाव
बढ़ती
हुई
“अगर
उससे
मेरे
project
को
कुछ
नुकसान
हुआ
तो...!!!!!”
एक warning
के
साथ
टीना
खुशी
का
गला
छोड़
अपने
रास्ते
चली
गयी
|
टीना
ने
एक
solid
बहाना
देते
हुए
खुशी
को
सोचने
के
लिए
मजबूर
कर
दिया
था
|
खुशी
अपने
गले
को
पकड़े
जाती
टीना
को
देखी
रही
|
अगले
ही
पल
चेतना
उसके
पास
खड़ी
थी
|
“तूने
सुना
क्या
हुआ...?”
खुशी
की
हालत
को
ना
देखती
हुई
घबराई
चेतना
ने
खुश
को
झंझोर
दिया
|
खुशी
ने
उस
पर
मानों
ध्यान
ही
ना
दिया
हो
|
चेतना
अभी
भी
खुशी
के
reaction
का
wait
कर
रही
थी
|
“खुशी...!!!”
चेतना
खुशी
का
focus
अपनी
तरफ
करते
हुए
“तू
सुन
रही
है,
Speedy ने तुषार
से
झगड़ा
कर
उसे hospitalize
कर
दिया
है
जिसकी
वजह
से
डीन
ने
Speedy
को
college
से suspend
कर
दिया
है
|”
चेनता
खुशी
के
झटके
वाले
reaction
का
wait
कर
रही
थी,
जो
बस
आने
ही
वाला
था
|
“What....?” खुशी के मानों जमीन और आसमान हिल गये है |
![]() |
Love story, Behind the story of भोली खुशी-138 |
खुशी
के
चारों
तरफ
का
माहौल
इस
तरह
बदल
रहा
था
मानों
ठंडी
हवा
की
जगह
गर्म
हवा
ले
रही
हो
और
खुशी
इस
change
को
समझ
ना
पा
रही
हो
|
विराट
का
नाम
आते
ही
खुशी
की
सांसे
मानों
बंद
होने
को
थी,
उसका
हाथ
अपने
सीने
पर
चला
गया
था,
मानों
आने
दिल
को
सीने
से
बाहर
आने
के
लिए
रोक
रही
हो
| रात
विराट
के
दर्द
होने
की
बात
को
याद
करती
खुशी
अगले
ही
पल
लडखडा
गयी
|
“तू
ठीक
है....?”
चेतना
उसे
सभालती
हुई
“हमे
Speedy
से
बात
करनी
चाहिए...|”
============
“मेरी बात तो सुन...|” चेतना, hostel से निकलती खुशी के पीछे चलती हुई “हमे Speedy को समझाना होगा, अगर वो विराट से मांफी मागं ले तो...|”
गुस्से
से
भरी
खुशी
ने
सुनते
ही,
रुकते
हुए
चेतना
को
घूरा
|
“What....?”
चेतना
समझ
नही
पा
रही
थी,
आखिर
खुशी
को
गुस्सा
किस
बात
पर
था
|
खुशी
विराट
के
लिए
चिंता
और
Speedy
के
लिए
अपना
गुस्सा
छिपाती
हुई
फिर
से
आगे
बढ़ने
लगी
|
“हम
जा
कहाँ
रहे
है...?”
चेतना
ने
फिर
से
सवाल
किया
|
“तुषार
को
देखने...|”
खुशी
के
पैर
मानों
खुद
ही
उस
आगे
की
तरफ
धकेल
रहे
थे
|
“तू
पागल
है,
उसने
तुझे
सबके
सामने
बेइज्जत
किया
|”
चेतना
अपने
कदम
रोकते
हुए
“तू
उसे
देखने
जा
रही
है,
दूसरी
तरफ
Speedy
ने
तेरे
लिए
अपनी
life
को
बर्बाद
कर
दिया
और
तू...?”
“मुझे
इस
college
में
कोई
don
नही
बनना
है...|”
अपनी
भावनाओं
को
समेटती
हुई
खुशी
“मैं
नही
चाहती,
मेरे
और
किसी
ओर
के
बीच
misunderstanding
बने...|”
![]() |
Love story, Behind the story of भोली खुशी-138 |
“तू सच में पागल हो गयी है खुशी...|” Road के side में आगे निकल चुकी खुशी को पीछे खड़ी चेतना ने बोला ही था |
तभी
एक
गाड़ी,
speed से उसके
पास
से
निकली
|
“खुशी....!!!!”
गाड़ी
की
टेढ़ी-मेढ़ी
speed
को
देख
चेतना
चिल्लायी
|
जब
तक
खुशी
reaction
के
लिए
मुड़ी,
गाड़ी
उसके
काफी
करीब
आ
चुकी
थी
|
खुशी
डर
की
वजह
से
थोड़ा
पीछे
झुकी,
तो lucky
वो
road
से
नीचे
उतरती,
कंधे
के
सहारे
बगल
की
दीवार
से
जाकर
लगी
|
“मम्मी...|”
तेजी
से
जाती
गाड़ी
को
देखती
खुशी
ने
दर्द
की
वजह
से
अपना
कंधा
पकड़
लिया
|
“खुशी....!!!” चेतना दौडकर उसके पास आती हुई “तू ठीक तो है ना...?”
“हाँ,
तू
चल...|”
खुशी
अपनी
चोट
की
परवाह
ना
करते
हुए
फिर
से
आगे
बढ़ने
लगी
|
“तेरा
दिमाग
सच
में
खराब
हो
गया
है...?”
चेतना
गुस्से
में
खुशी
को
डांटती
हुई
“तू
अभी
मेरी-2
बची
है,
तुझे
चोट
लगी
है,
फिर
भी
तुझे
उस
तुषार
को
देखने
की
पड़ी
है
?”
अब
खुशी,
चेतना
को
क्या
बताये,
विराट
उसका
दिल
है,
जिसे
चोट
लगी
है,
उसके
सामने
ये
body
की
चोटों
का
कोई
मोल
नही
है
|
“दवाई
लेने
तो
जाना
पड़ेगा
ना...?”
खुशी
अपना
कंधा
पकड़े
हुए
“दोनों
काम
हो
जायेगे
|”
चेतना
की
तो
कुछ
समझ
में
ही
आ
रहा
था
|
दूसरी
तरफ
लड़का
फिर
से
भवानी
के
सामने
गुस्से
से
भरे
चेहरे
के
साथ,
मगर
झुकी
गर्दन
के
साथ
खड़ा
था
|
To be continue…
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Reviewed by Mr.Singh
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January 28, 2020
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Nice part
ReplyDeleteBhut acha part tha
ReplyDeleteWowww
ReplyDeleteशानदार👍👌👌
ReplyDeleteNice again
ReplyDeleteअच्छा part. Really Khushi ka drd or last dialogue uski maturity dikhata h. Waiting for next part
ReplyDeleteMatlab khushi ko marne ka liye wo car aye the jisse khushi tkraye
ReplyDeleteMatlab khushi ko marne ka liye wo car aye the jisse khushi tkraye
ReplyDeleteVery nice..
ReplyDeleteअति उत्तम 👍👌
ReplyDeleteNice part...but bahut chhota part dala
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteGood story
ReplyDeleteWow.... Nice part
ReplyDeleteSuperb
ReplyDeleteInteresting part
ReplyDeleteNice part
ReplyDeleteExcellent as always
ReplyDeleteexellent as always waiti g for nxt part
ReplyDeleteNice story
ReplyDeleteKhushi ab phle se smjhdar hone lgi h but virat Khushi ko dekh k SB kuch bhool jata h wo bdda achha lgta h muje
ReplyDelete👌👌👌👌👌
ReplyDeleteBest long story
ReplyDeleteSuperbbbbbb
ReplyDeleteSuperbbbbbb
ReplyDeleteSuperbbbbbb
ReplyDeleteSuperbbbbbb
ReplyDeleteNice part
ReplyDeleteWaiting for next part sir
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