Behind the story of भोली खुशी part-351
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-351
खुशी का plane Delhi Airport पर उतर रहा था, जिसके साथ ही special security के guards सबको side करते हुए Airport की एक line को खाली कराते जा रहे थे |
“इन VIPS का सही है यार, इनके लिए सारी चीजे अलग से की जाती है...|” Checking के लिए line में खड़ी एक लड़की ने बोला |
“VIP बनने के लिए किस्मत चाहिये...|” पीछे खड़ा लड़का बोला |
“या फिर महेनत...|” आगे खड़ा लड़का बोला |
“और किसी के पास दोनों ही ना हो तो...?” लड़की ने मुस्कुराते हुए बोला |
“तो फिर line में तो खड़ी ही हो...|” पीछे वाला लड़का बोला |
खुशी plane से नीचे उतरी तो उसके अंदर एक अलग ही उमंग और जोश था, उसके पैर मानों रुकने का नाम ही नही ले रहे थे | आँखों पर चश्मा, सूट-पेंट पहने, आँखों पर चश्मा लगाये खुशी उतरी तो security guards line से उसकी safty में खड़े थे |
“ये सब क्या है...?” खुशी ने उससे भी ज्यादा जोश से नीचे आ रहे चंदु से सवाल किया |
“आपकी सासू माँ ने किया है...|” चंदु ने जवाब दिया |
“मुझे क्या पूरी delhi में famous कराने का plan है उनका...?” खुशी ने चंदु को देखा |
अगले ही पल खुशी का mobile बजा |
“आप खुद ही क्यों नही पूछ लेती...?” चंदु ने mobile खुशी की तरफ कर दिया |
खुशी mobile पर बिल्लों की call देखते हुए खुद को normal कर call receive करती है तो अगले ही पल बिल्लों और उसके पीछे खड़ा विराट प्रकट हो गये | खुशी के नजर बिल्लों पर मारती हुई पीछे खड़े विराट को देखने लगी, जो उसके safe land होने को लेकर confirm हो रहा था |
“मम्मी जी, ये सब...?” खुशी वापिस बिल्लों को देखते हुए guards की तरफ इशारा करती है |
“तुम्हारी safty के लिय है...|” विराट ने पहले ही जवाब दे दिया |
बिल्लों गर्दन घुमाती हुई विराट को देखने लगी |
“मतलब आप यही बोलने वाली थी तो...|” विराट ने आवाज को थोड़ा नर्म कर लिया |
“मम्मी जी, मैं पहले की तरह normal बनकर Delhi में रहना चाहती हूँ, इस तरह तो...|” खुशी बोल ही रही थी |
“Time के साथ चीजे बदलती रहती है खुशी...|” बिल्लों खुशी की आँखों में देखते हुए “इसे तुम अपनी safty बोलो या हमारी मजबूरी, कुछ दिनों के लिए तुम्हें ऐसे रहना पड़ेगा...|”
“कुछ हुआ है क्या...?” बिल्लों को छोड़ खुशी ने विराट को देखा |
जिसकी आँखे कुछ छिपाने की कोशिश कर रही थी |
“कुछ नही हुआ, तुम बस अपना ख्याल रखना...|” बिल्लों खुशी का ध्यान खींचते हुए “Don’t worry, guards तुम्हारी privacy का पूरा ध्यान रखेंगे...|”
खुशी बिल्लों के जवाब से संतुष्ट नही थी, इसलिए उसकी नजर फिर से विराट पर चली गयी |
“तुम घर के लिए late हो रही हो...|” कहते हुए बिल्लों, विराट के साथ गायब हो गयी |
“Madam please...|” Guards ने खुशी का ध्यान थोड़ा |
खुशी आगे बढ़ गयी और चुंद, उसके पीछे 4 भूत चलते चले गये |
“कोई minister तो नही आ रहा...|” Line में खड़े लकड़ी के पीछे वाले लडके ने बोला |
“तुम ऐसा कैसे बोल सकते हो...?” लड़की ने security को देखते हुए सवाल किया |
“ये सब private security है, minister की security में police और camando होते है...|” लडके ने उसके doughts clear किये |
“कोई film star आ रहा होगा...?” लड़की ने अपने बाल ठीक किया |
“नही, वो भी नही है...|” अगले वाला लड़का “उसके लिए भी police लगती है |”
“तो फिर कौन है...?” लड़की ने सवाल ही किया था |
“Oh my god...|” तभी पीछे लडके के मुहं से निकल गया |
तभी सबका ध्यान खींचती हुई खुशी अपने बड़े चश्मे को ठीक करती तेजी से आगे बढ़ रही थी | एक सनसनी के जैसी हर किसी की नजर उस पर घूम गयी थी |
“ये तो खुशी ठाकुर है ना...?” लड़की ने खुशी की तरफ इशारा किया |
“वही है...|” अगले लड़के ने जवाब दिया |
“सच में, किस्मत हो तो इसके जैसी...|” अगले लडके ने बोला |
“सुना है, विराट ठाकुर ने इसे एक आयलैंड खरीदकर दिया है...?” लड़की ने आगे बढ़ती खुशी को देखते हुए बोला |
“अमीरों के लिए आयलैंड-वायलैंड कोई मायने नही रखते...|” पीछे लडके ने बोला |
Airport के आगे काली गाड़ियों की पूरी line आकर खड़ी हो गयी | खुशी चंदु को अगली गाड़ी की तरफ इशारा guard के साथ पिछली गाड़ी की तरफ बढ़ गयी, जिसमें पहले ही कोई आदमी बैठा था | खुशी के गाड़ी में बैठते ही काफिला आगे बढ़ गया |
Lone flight की वजह से खुशी थकी सी लग रही थी |
“क्या सब ready है...?” खुशी अपनी गर्दन को घुमाती हुई दो पल आँखे बंद करने के बाद बोला |
“सफर कैसा रहा तुम्हारा...?” बगल में सूट-बूट, टाई लगाये एक file के साथ थोड़ा आगे झुकते हुए अर्जुन ने पूछा |
“सच में आपके पास भी ऐसे पालतू सवाल है...?” खुशी file को खोलते हुए एक नजर अर्जुन को देखने लगी |
“पता है, इंसान और computer इन्ही पालतू सवालों की वजह से अलग है...|” अर्जुन ने बोला |
“क्या हम इन सवालों को ignor कर सकते है...?” खुशी को सच में सुनने में कोई interest नही था |
“इतना भी तेज मत दौड़ो खुशी, तुम्हारी speed ही तुम्हारी दुश्मन बन जाये...|” अर्जुन ने खुशी को एक warning दी |
“यहाँ बात मेरी speed की बात नही है...|” खुशी गुस्से में file को पटकते हुए “बात मेरे time की है...|” खुशी चिल्लाते हुए “आपको पता भी है, मैं कैसे वहाँ से निकलकर आयी हूँ, वो भी इन फालतू कामो के लिए...|” खुशी विराट का मायूस चेहरा और खुद के आंसू याद करते हुए “अगर ऐसे कामो के लिए भी मुझे ही आना पड़ेगा, तो जो पैसा मैं पानी की तरह बहा रही हूँ, उसका फायदा क्या है...?”
“पैसा अपनी जगह है खुशी और limits अपनी जगह...|” अर्जुन अपने माथे पर खुजलाते हुए “मेरी limits उतनी नही है, जो मैं इस matter को सभाल सकूं...|”
“क्या आपने उसकी कुंडली निकला ली...?” खुशी ने अर्जुन को घूरा |
“Work in progress...|” अर्जुन ने बोला |
“अब मुझे लग रहा है, आपका network बहुत slow है...|” खुशी एक नजर अर्जुन को देखते हुए “या फिर मैं ही आपको, आपकी limits से ज्यादा push कर रही हूँ...?”
“नही...|” अर्जुन हल्की सी मुस्कान के साथ “But तुम फरारी (विराट) और duster (अर्जुन) को एक ही नजर से देख रही हो...|” अर्जुन खुशी की आँखों में देखते हुए “अगर तुम्हें दो अलग lifestyel में जीना है, तो तुम्हें balance बनाना तो सीखना ही पड़ेगा...|”
“जितनी भी आपने details इकट्ठा की है, मुझे वो सब चाहिए...|” खुशी ने बोला |
अर्जुन उसे details बताता रहा और गाड़ी आगे बढ़ती गयी |
दूसरी तरफ राहुल सबको चाय देने के बाद केतली लौटा आया, luckly अभी भी मजदूर सामान ला रहे थे | राहुल उन्हें देख फिर से शर्मा के सामने खड़ा हो गया |
“अब क्या है...?” इस बाद शर्मा ने खुद हल्की सी मुस्कान के साथ पूछा |
“मैं भी सामना लेकर आऊ...?” राहुल ने फिर से सवाल किया |
शर्मा ने आते-जाते मजदूर को देखने के साथ राहुल को जाने का इशारा कर दिया | राहुल बिना एक भी पल गवाए उन मजदूर के पीछे चला गया | लडकों ने इस बार कोई सवाल नही किया |
“क्या बात है, तुम्हें कुछ बोला नही...?” शर्मा ने लडकों को ना देखते हुए भी उनसे सवाल किया |
“क्या फायदा पूछकर...?” लड़का सामने खड़ी औरत का bill काटते हुए “जवाब तो आपको देना नही है और कौन सा हमारे टोकने से ये ठ अंबानी बन जायेगा...?”
शर्मा हल्की सी हंसी के साथ अपने काम में लग गया |
राहुल मजदूर के साथ चलता उनकी बातों पर ध्यान ना देते हुए कुछ दूसरे ही ख्यालों में था |
“नाम क्या है तुम्हारा...?” तभी एक मजदूर ने सवाल किया |
“राहुल ठ...|” राहुल ने बोला |
नाम सुनकर सब हंसने लगे, मगर राहुल ने उन पर ध्यान नही दिया |
“ये कैसा नाम हुआ...?” एक मजदूर ने सवाल किया |
“ये मैंने खुद रखा है...|” राहुल शांत मगर सुनामी वाली आँखों के साथ बोला |
तभी मजदूरs के उसकी बात का जवाब ना देते हुए एक भीड़ की तरफ बढ़ने ने राहुल का भी ध्यान खींच लिया |
“क्या हुआ...?” राहुल को भी उनके पीछे जाना पड़ा |
“भंडारा चल रहा है, खाना खाकर चलते है...|” एक मजदूर ने बोला |
“क्या...?” राहुल ने ध्यान से देखा तो सामने पूरी और सब्जी का भंडारा चल रहा था |
“पर अभी तो lunch time नही हुआ है...?” राहुल ने उन्हें टोका |
“जब free में खाना मिल रहा है, तो उस time पैसे कौन देगा...?” दूसरा मजदूर बोला |
Free का नाम सुनते ही राहुल की आँखे भी बड़ी हो गयी | भीड़ के बीच मजदूर भी line में खड़े हो गये, मगर राहुल अलग खड़ा था |
“आ जा ना...|” कहते हुए एक मजदूर ने राहुल का हाथ खींच लिया |
राहुल भी अब एक ऐसी मैलो-कुचैलो की line में खड़ा था, जिसे शायद ही उसने कभी ध्यान से देखा भी होगा |
“ये चड्डा महीने में दो बार ही भंडारा करता है...|” राहुल के आगे खड़ा मजदूर “रोज भी तो कर सकते है, कम से कम एक time के खाने के पैसे तो बचेगे...?”
“उसकी दुकान की भीड़ तो तू सभालेगा क्या...?” पीछे खड़ा मजदूर “पूरे चांदनी चौक और चावडी बाजार में गुरुद्वारे के बाद चड्डा ही है, जो सबसे ज्यादा भंडारे करता है...|”
“इतना पुण्य करता है, तभी तो भगवान भी उसे छप्पर फाड़कर पैसा देता है...|” अगले मजदूर के आगे खड़ा आदमी बोला |
पूरी बात सुनने के साथ ही राहुल की आँखों का size दौगुना हो गया था | वो किसी बुत की तरह line में आगे बढ़ता जा रहा था | उसका number आया, उसने भी बाकियों की तरह हाथ फैलाया और 4 पुरी और सब्जी के साथ आगे बढ़ गया | उन्ही मजदूरों के बीच खड़ा राहुल उनकी बातों से बेखबर सामने हो रहे भंडारे, भीड़, market की लम्बाई, चड्डा की दुकान, लोगो का चड्डा से व्यवहार देख रहा था |
“ये भंडारा करने में कितना पैसा लगता है...?” राहुल ने सवाल किया |
सारे मजदूर राहुल को देखने लगे | राहुल अपनी पुरी खाने के साथ उन सबको normal तरीके से देख रहा था |
“क्या...?” राहुल बोहें ऊपर करने के साथ पूछता है |
“खाने को जेब में पैसे नही है, आया भंडारा करने वाला...|” सब उसकी मजाक लेने लगे |
“Seriously, बताओ तो...|” राहुल पर उनके मजाक का कोई असर नही हुआ |
“20 हजार, मेरे से मरा...|” तभी बगल वाला आदमी बोला |
अब राहुल के साथ एक problem ये थी, उसे Indian currency की सही value नही पता थी | राहुल फिर भी चुप खड़ा हुआ पुरी खाता हुआ उस भंडारे और चड्डा को देखता रहा |
To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-351. So reader, Please comments and
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-351
Reviewed by Mr.Singh
on
October 17, 2020
Rating:
Superb.... interesting with full minded story 👌👌
ReplyDeleteExcellent story as always and eagerly waiting to read the next update
ReplyDelete🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
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Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss
Nice
ReplyDeleteNice part Mr singh and really happy after a long time ...really miss u mr singh u nd this story😉😉😉
ReplyDeleteAb rahul kya krne wala hai
ReplyDelete👌👌👌
ReplyDeleteReally rahul kitna mashum h
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