Behind the story of भोली खुशी part-356

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-356

आज के लिए sorry dears, थोड़ा थका हुआ हूँ तो ज्यादा लिख नही पाया |
खुशी जवाब के लिए अभी भी विराट को देख रही थी |
“अपने mobile पर news on करो...|” विराट ने खुशी से बोला |
खुशी ने विराट के बोलने के अनुसार New York news on की और विराट को देखने लगी | विराट ने खुशी को mobile देखने का इशारा किया |
“पिछले 3 हफ्तों से जारी हंगामे के बीच अभी भी रंगभेद वाली इस जंग का कोई हल निकलता नही दिख रहा है...|” एक news reporter studio में बैठी, पीछे चल रही screen के साथ बोलती हुई “आपकी जानकरी के लिए बता दे, The Thakurs के The four नाम से महशूर आयलैंड में से एक को खरीदने के बाद, Mr. रिचर्ड डिसूजा ने उस जगह एक hotel बनाने की कोशिश की, जिनका आरोप है, उनके रंग को लेकर बाकी तीन आयलैंड के मालिको ने वहाँ दंगे कराए और उन्हें business set up करने नही दिया |” पीछे चल रही पूरी report के साथ reporter “जैसी ही उनकी तरफ ये ब्यान आया, USA से लेकर अफ्रीका की कितनी ही countries में बहस तेज हो गयी, US सदन में भी यही मामला छाया रहा, कितनी ही जगह छोटे-मोटे दंगे भी देखे गये |”
विराट शांत बैठा, मगर खुशी आँखे फाड़े, बिना पलके झपकाए mobile को देख रही थी |
“दूसरी तरफ बाकी तीनों आयलैंड के मालिको ने अपना पक्ष रखा, जिस पर उन्हें support भी मिल रहा है और उनकी आलोचना भी जमकर की जा रही है...|” Reporter सामने table पर खड़े paper को बदलती हुई “इस बारे में जब चौथे आयलैंड के मालिक Mr. विराट ठाकुर से पूछा गया तो उन्होंने अपना पूरा support Mr. रिचर्ड के साथ दिखाया |”
इससे आगे ना सुनकर खुशी हाथो से अपना मुहं पकडक बैठ गयी | उसे विराट और रिचर्ड की बाते (रंगभेद वाला card, अफ्रीका के ministers से बाते, विराट की नेताओ से बाते) याद आ गयी |
“तुम ठीक हो...?” विराट ने खुशी का ध्यान तोड़ा |
“कैसे...|” खुशी पूरी बात को पचा भी ना पाते हुए “I meen तुम सोच कैसे लेते हो ये सारी बातें ?”
विराट के होठो पर words नही थे, मगर उसकी आँखों में अनुभव साफ दिख रहा था |
“कबसे planning कर रहे थे इसकी...?” खुशी मानों विराट से कोई जादुई छड़ी की उम्मीद कर रही हो |
“मेरे पास अभी आधा घंटा free time है...|” विराट एक पल सोचने के साथ खुशी को देखते हुए “तुम बताओ, क्या इस planning के बारे में बताऊ या तुम्हारे साथ time बिताऊ...?”
“अभी पूरी life पड़ी है planning जाने के लिए...|” खुशी विराट के बगल में लेटती हुई “मेरे लिए तुम्हारा time important है...|”
विराट खुशी को देखने लगा |
“क्या हुआ...?” खुशी के चेहरे पर मुस्कान थी |
“मैंने अपनी life में first time ऐसी लड़की देखी है, जो अपने झूठ को इतनी सफाई से छिपा लेती है...|” विराट ने मुस्कुराते हुए बोला |
“विराट ठाकुर, तुम कितने ही बड़े महारथी क्यों ना सही...|” खुशी विराट की आँखों में देखते हुए “But तुम कभी नही समझ पाओगे, एक औरत के दिल में क्या है...?” खुशी विराट के पास से उठने लगी |
“Sorry...|” विराट पीछे बोला |
खुशी रूकती हुई विराट को देखने लगा |
“कभी-2 over हो जाता है, उसके लिए...|” विराट ने अपने कान पकड़ लिए |
खुशी फिर से विराट के बगल में आकर लेट गयी | विराट भी उसके चेहरे को देखता हुआ उसके माथे को चूम लेता है |
“तुमने इससे मेरी security tight करने वजह नही बतायी ...?” खुशी ने फिर विराट को देखा |
“अगर तुम सांडो के झुण्ड को छेड़ोगी तो क्या वो तुम पर हमला नही करेगे...?” विराट खुशी को समझाते हुए “जो बात तुम्हें और मुझे समझ में आती है वही बात उन्हें भी समझ में आती है, so वो मेरा week point ढूढ़कर मुझे पर pressure ना बना पाए, इसलिए मैं पहले ही precaution लेकर चल रहा हूँ...|”
खुशी अब कातिल अदाओ के साथ विराट को देख रही थी |
“ऐसे मत देखो, मैं अभी उड़कर यहाँ आ जाऊंगा...|” विराट ने एक लम्बी साँस छोड़ते हुए बोला |
खुशी ने सुनते ही अगले अपने top को उतारना चालू कर दिया |
“Please खुशी...|” विराट ने प्यार से खुशी को समझाया |
खुशी विराट की बाँहों में आँखे बंद करके लेट गयी |
Next morning राहुल बहुत ही शांति के साथ अपनी चोटों के साथ बिना shirt के ही कपड़ा मार रहा था | बूढ़े ने उसके सामने नयी shirt और पेंट कर दी | राहुल उस shirt और पेंट को देख बूढ़े को देखने लगा |
“क्या अपने काम पर फटी हुई shirt के साथ जायेगा...?” बूढ़े ने राहुल के हाथ पकड़ दोनों पकड़े उसके हाथ में रख दिए |
राहुल कपड़ो को देखने के बाद अपनी जेब से वही 500 का नोट निकलाकर बूढ़े के हाथ में रख देता है | बुढा उस नोट को देखने लगा |
“बिना कीमत के मैं इसे नही लूँगा...|” राहुल के words में कड़कपन था |
“तो मैंने कब बोला, मैं तुम्हें इसे free में दे रहा हूँ...?” बुढा मुस्कुराते हुए “अपने महीने के पैसो में से कटवा लेना, तब तक के लिए इसे उधार समझो...|” बुढा राहुल के बोलने से पहले ही “अब जल्दी तैयार हो जा, काम पर late नही जाना चाहिए...|”
राहुल फिर कुछ सोचता हुआ नहाने चला गया | 30 मिनट बाद राहुल वापिस आया तो नये कपड़ो में चेहरे पर चोटों के नीले निशानों के साथ राहुल गुरुद्वारे की पेड़ियों को साफ करते बूढ़े के सामने खड़ा था |
“कपड़े तो एक दम fit आये है तुझे...|” बुढा राहुल की चोटों को देखते हुए “मगर इस चेहरे का क्या करेगा...?”
“जैसा है, यही है...|” राहुल ने normal words में बोला |
“कोई पूछेगा तो क्या बोलगा...?” बूढ़े ने राहुल के reaction जानने चाहे |
“Time हो गया है...|” राहुल बिना जवाब दिए बूढ़े के पैर छूते हुए चला गया |
“वायेगुरू जी दा खालसा, वायेगुरू दी फतेह...|” बुढा हाथ जोड़ने के साथ आँखे बंद कर लेता है |
राहुल ने अपने चेहरे को छुआ तो चोटों पर दर्द था | राहुल दर्द को सहता हुआ अपने रास्ते बढ़ा चला जा रहा था, तो रास्ते में कोठी सेठ खड़ा था, जो राहुल को देखता हुआ सीधा हो गया था | राहुल ने उसे देखने के साथ road पर देखा तो उसकी गाड़ी और driver खड़े थे | जैसे ही राहुल उसके पास आया, कोठी सेठ ने उसे नमस्ते किया |
“कितना कमाया...?” राहुल चलता रहा |
“72 million...|” कोठी सेठ एक नौकर की तरफ उसके साथ चलने लगा |
सुनते ही राहुल रुकते हुए कोठी सेठ को देखने लगा |
“मुझे रहा नही तो मैं 10 मिनिट पहले सी share बचे दिए...|” कोठी सेठ ने धीरे से बोला |
“तो अब यहाँ क्या लेने आये हो...?” राहुल फिर चलता हुआ “जो तुम्हें चाहिए था, वो मिल गया ना...?”
“वो मैं बोल रहा था...|” कोठी सेठ बोलने की कोशिश करने लगा |
“मैंने बोला था ना, तुम अपनी औकद से ज्यादा नही कमा पाओगे...|” राहुल बिना मुड़ चलता हुआ “लालच...|”
“मैं अपनी औकद बढ़ाने आया हूँ...|” कोठी सेठ ने रुकते हुए बोला |
जिसे सुन राहुल भी रुक गया |
“आपने सच बोला, मैं इतने पैसे के लायक नही हूँ...|” कोठी सेठ उसके पास आते हुए “और मैं नही चाहता, मैं ये पैसा ऐसे ही इधर-उधर उड़ा दूँ...|”
“मुझसे क्या चाहते हो...?” राहुल ने फिर सवाल किया |
“720 millions को सभालना चाहता हूँ...|” कोठी सेठ ने हाथ जोड़ लिए |
“बर्बाद भी हो सकते हो...|” राहुल ने बोला |
“मेरे पिता एक किसान थे...|” कोठी सेठ हल्की सी मुस्कान के साथ “वो मुझे खेती करना सिखाकर गये है, अपने परिवार का पेट पालने के लिए |”
“मुझे market में भंडारा करना है...|” राहुल ने सोचते हुए बोला |
“आप बोलिए तो सही, कितना बड़ा करना है, कोठी सेठ...!!!” कोठी सेठ जोश में आ गया |
मगर राहुल का शांत चेहरा देख वो भी शांत हो गया |
“जी...|” कोठी सेठ फिर से किसी आज्ञाकारी नौकर की तरह बोला |
To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-356. So reader, Please comments and
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-356
Reviewed by Mr.Singh
on
October 23, 2020
Rating:

Gajab rahul krne kya wala hai
ReplyDeleteExcellent story as always and eagerly waiting to read the next update
ReplyDelete🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
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🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss
Bro waiting for shanaya
ReplyDeleteRahul to virat se bhi jyada mind use krne laga hai
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