The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-50

 

 

शनाया राठौड़
(The Superhero) Part-50
The-best-adventure-hind-story-part-50
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-50

“क्या इसकी सांसे चल रही है...?” अर्भा को सामने मुसीबत खड़ी दिख रही थी |

“हाँ जिंदा तो है...|” ओकोई आगे आते हुए किमोही की चलती सासों को check करता हुआ बोला |

“इसे जल्दी से होश में लाना होगा...|” अर्भा ने शबला को देखा |

“नही...|” शनाया थोडा गुस्से में “इसने मुझे touch किया है, इसे मैं मार डालूंगी...|” शबला के हाथ उठने से पहले ही शनाया आगे बढ़ने लगी |

“उसे बाद तुम इंसानी दुनियाँ को नही बचा पाओगी...|” अर्भा ने शनाया के सामने अपना डंडा कर दिया |

“तुम्हें शायद idea नही है, मैं कुछ भी कर सकती हूँ...|” शनाया गुस्से में अर्भा को घूरती है |

“जब शक्तियाँ आपस में टकराती है, तो दोनों तरफ से चलाने वालो को उतना नुकसान नही होता, जितना आस-पास की चीजो को होता है...|” लेला ने भी अर्भा का साथ दिया |

“एक बार इसे अपनी सफाई में बोलने का मौका तो मिलना चाहिए...|” टर्बो ने भी अपना पक्ष रखा |

शनाया कुछ बोलने लगी तो जूली ने उसके कंधे पर अपनी पूछ रख ली | शनाया उसे देखती हुई शांत हो गयी | शबला ने अपना डंडा आगे किया तो अगले ही पल शनाया को छोड़ सबकी body से थोड़ी-2 ऊर्जा निकल किमोही में जाने लगी | अगले कुछ ही पल में किमोही आंखे खोल खुदको को जमीन पर पड़ा देख झटके से उठाता हुआ शनाया को देखने लगा |

“आपको याद है, क्या हुआ था...?” अर्भा ने किमोही से सवाल लिया |

“इसने मेरी छड़ी को बिना किसी शक्ति के पकड़ लिया है...|” किहोमी ने अपनी छड़ी आगे कर दी |

“इसकी छड़ी क्या सूर्य तत्व से बनी है, जिसे कोई छू ही नही सकता...?” ओकोई ने The Bird से बोला |

The Bird ने उसे शांत रहने के लिए बोला | बाकी सब अभी भी किहोमी को देख रहे थे |

“आप सब समझ नही रहे है...|” किहोमी थोड़ा परेशानी में अपनी बात समझाने की कोशिश में “इसने मेरी छड़ी को पकड़ा है, जिसका मतलब है ये...|”

“क्या आप समझ रहे है आपने क्या किया है...?” शबला ने किहोमी को थोड़ा शांत करने की कोशिश की |

“ये शैतान है, मैं यही check कर रहा था...|” किहोमी ने बोला |

“एक लड़की के निजी अंगो को छूकर...?” अर्भा ने आँखे बड़ी करते हुए किहोमी से सवाल किया |

अब जाकर किमोही को आभास हुआ, उसने क्या किया है |

“मुझे गलत मत समझिएगा, मेरा वैसा कोई इरादा नही था...|” अर्भा के through शनाया से मांफी मांगते ही किमोही “मगर मेरे पिता के अलावा आज तक कोई मेरी छड़ी को उठा नही पाया है...|”

“संसार में आप और आपके पिता से भी शक्तिशाली जीव रहते है...|” शबला ने बोला |

“मगर ये...?” किहोमी या तो खुद नही समझ पा रहा था, या वो अपनी बात को समझा नही पा रहा था |

“अगर आपको यहाँ रहना है तो, आपको शनाया से माफ़ी मांगनी पड़ेगी...|” अर्भा ने बोला |

किहोमी अब शनाया को देखने लगा, जिसका हाथ अपने पेट पर चला गया था |

“हम सच में आपको समझा नही सकते, आपका इस छड़ी को छूने का मतलब क्या है...|” किहोमी शनाया के सामने खड़ा होता हुआ “फिर भी हमने अपनी सीमा को पार किया है, उसके लिए हमें क्षमा कर दीजिए...|”

अब हर कोई शनाया के जवाब का wait करते हुए उसे देखने लगा | शनाया ने लेला के कान में कुछ बोल |

“हमें नहाने जाना है...|” लेला ने सबसे बोला |

“नहाने...?” The Bird थोड़ा हैरानी में “इस time...?”

“तुम्हें कोई दिक्कत है...?” लेला ने The Bird को घूरा |

अगले ही पल शनाया के परेशान होते चेहरे को देखती हुई अर्भा ने अपना डंडा जमीन में मारा, जिससे हजारों किरणें फूटती हुई चारों दिशाओ में फैलने लगी |

“ये क्या है...?” ओकोई ने अपने पैर के नीचे से जाती किरणों को देखते हुए पूछा |

“ये पानी की खोज का जादू है...|” The Bird बोला ही था |

अगले ही पल सबके पूर्व दिशा में किरणों का झुण्ड किसी सूरज की रौशनी सा चमकने लगा |

“I think पानी उस तरफ है...|” किहोमी ने सबका ध्यान उस तरफ कर दिया |

“उस तरफ भी है...|” शबला ने दूसरी तरफ इशारा किया, जो कि काफी दूर था |

“इधर पास है...|” अर्भा उस तरफ चलती हुई “चलो...|”

“मैं लेला और जूली के साथ चली जाऊँगी...|” शनाया थोड़ा झुकती नजरों के साथ “तुम सब कल के लिए planning करते रहो...|”

अर्भा ने शबला को देखा |

“तुम अकेले लेला के साथ जाओ..|” जूली शनाया को देखते हुए “मुझे भी यहाँ रहकर planning को समझना है...|”

शनाया जूली को देखने लगी |

“टोना को बुलाओ...|” शबला अर्भा से “पहले जगह की जाँच करा लेते है...|”

“उसे बुलाने की जरूरत है, जो भी होगा हम निपट लेंगे...|” लेला ने बोला |

“जब खतरा ज्यादा है, तो नहाने जाने की जरूरत क्या है...?” ओकोई बोला |

“अपना मुहं बंद रखोगे...?” शबला ने उसे गुस्से में घूरा |

“जल्दी वापिस आना..|” अर्भा शनाया को बोलने के बाद लेला से “और अगर कोई मुसीबत आयी तो, खुद भिड़ने से पहले खबर कर देना...|”

“अगर आप कहने तो हम इनकी सुरक्षा में चले जाये...?” किहोमी खुदको साबित करने का एक मौका देखते हुए “आपको यकीन दिलाते है, इन्हें कुछ नही होगा...|”

किहोमी के बोलते ही फिर से शनाया के हाथ से चिंगारी निकलने लगी |

“नही, आप वहाँ नही जा सकते...|” अर्भा ने पहले ही बात को सभला लिया |

लेला शनाया के साथ वहाँ से चली गयी |

“ऐसा क्या हो गया, जो इस time नहाना पड़ रहा है...?” The Bird ने उन दोनों को जाते हुए सवाल किया |

“ये समझने के लिए तुम्हें लड़की बनना पड़ेगा...|” शबला ने कहते हुए वापिस नक्शे पर सबका ध्यान खींचा |

“क्या हम भी...?” किहोमी ने सबके कदम रोकने के कोशिश की |

अर्भा ने शबला को देखा और किहोमी को आने का इशारा कर दिया | किहोमी जोश के साथ उनके साथ चल दिया, मगर शबला और अर्भा ने उसे एक निश्चत दूरी बनाकर रखी |

 

तकरीबन 10 KM मैदान पार कर पथरीला मगर हरा-भरा एक हल्का ऊँचा पहाड़ी का क्षेत्र था |

“ये कोई छलावा तो नही है...?” शनाया ने हल्के से जंगल की सरहद पर रुकते हुए सवाल किया |

“अभी देख लेते है...|” कहते हुए लेला ने अपना हाथ सामने किया, जिसे काला धुआं निकलते हुए उस जंगल में जाने लगा और लेला की आँखों में मानों किसी computer की तरह reading चलती रही |

शनाया परेशानी के चलते अपनी शक्तियों को use नही कर रही थी |

“ये जंगल 5 KM तक सुरक्षित है...|” लेला अपना हाथ वापिस नीचे करते हुए “हमें तो 1 KM अंदर तक जाना है बस...|”

“5 KM के बाद क्या है...?” शनाया ने माथे पर लकीरे डालते हुए सवाल किया |

“दुश्मन की सेना...|” लेला ने बेफिक्री के साथ बोला |

“सच में...|” अपनी problem भूलकर शनाया जोश के साथ “क्या उनको देख सकते है...?”

“दिमाग खराब हो गया है तुम्हारा...?” लेला शनाया को पागल की तरह देखने लगी |

“चलो ना देखते है...|” शनाया ने लेला का हाथ पकड़ते हुए “कभी तो मेरा भी number आना चाहिए, बाकी सबको चौकाने का...?”

“इस हालत में...?” लेला ने शनाया की तरफ इशारा किया |

“ये सारी problem हम लडकियों के साथ ही क्यों होती है...?” लेला से पूछते हुए शनाया जंगल के अंदर चल दी |

“मैं भी अक्सर अपनी मम्मी से यही सवाल किया करती हूँ...|” लेला एक ठंडी साँस छोड़ते हुए “मुझे भी कोई जवाब नही मिलता |”

 

जंगल ज्यादा घना नही था, मगर चाँद की रौशनी और हथेली के बराबर बड़े जुगनुओं के टिमटिमाने ने उसकी खूबसरती को चार चाँद लगा दिए थे | शांत वातावरण, अद्रश्य झिंगो का शोर, घंस पर टपकती ठंडी ओंस, पेड़ों से निकलती हल्की गर्म हवा के बीच शनाया और लेला आगे बढ़ते जा रहे थे |

“ये सब कितना अच्छा है ना...?” लेला एक पेड को छुते हुए “एक दम शांत, मीठे संगीत के साथ, अँधेरे की चादर के अंदर सिमटी हुई खूबसरती...|”

"क्या बात है, तुम भी शायर बन गयी हो...?” शनाया ने लेला का ध्यान थोड़ दिया |

“ऐसा कुछ नही है, मेरा ऐसी जगह पर रहना का ही मन है...|” लेला ने बोला |

“मेरे पास तो है ऐसी जगह...|” शनाया बिना किसी खास भाव के साथ “मगर मेरा वहाँ रहने का मन करता...?”

“क्यों...?” लेला थोड़ी हैरानी जताते हुए पूछती है |

“पता नही, बच्पन से दम सा घुटता है वहाँ पर...|” शनाया ने शायद अपने यहाँ के जंगल के बारे में सोचते हुए बोला |

अगले ही पल झरने से गिरते पानी ने दोनों का ध्यान खींच लिया |

“हमारा यहाँ ज्यादा देर रहना थी है, जल्दी अपना काम खत्म करो...|” लेला ने झरने की तरफ इशारा किया |

दोनों कुछ पेड़ो को पार करते हुए झरने पर पहुंचे तो दोनों की हैरानी की सीमा नही थी |

“जो मैं देख रही हूँ, क्या तुम भी वही देख रही हो...?” शनाया ने अपने बगल में हैरान खड़ी लेला से पूछा |

“हाँ...|” लेला अपनी पलके भी ना झपकते हुए “मैंने बहुत ही कम ऐसा देखा है...|”

“सोने का झरना...|” शनाया अपने कपड़े उतारती हुई “मैंने कभी ऐसा नही देखा |”

पत्थरों की जगह सोने से बनी नदी, जिसमें सोने के पहाड़ से चमकदार पानी, मोतियों के दानो की तरह फुटता हुआ शांति से बहते पानी में बदल रहा था | अगले ही पल शनाया धीरे से पानी में अपना पहला पैर रखती है तो पानी खुद ही उसके पैर पर ऊपर की तरफ चढ़ने लगा |

“शनाया...|” लेला झटके से शनाया को ऊपर खींचने लगी |

“सब ठीक है...|” एक निश्चित दूरी तक पानी के ऊपर चढ़ने को रुकता देख शनाया ने लेला को रोकते हुए अपना दूसरा पैर भी अपनी के अंदर रख दिया |

दूसरे पैर पर भी पानी उतनी दूरी पर आकर रुक गया | शनाया पानी की ठंडक feel करने के साथ हाथ खोलते हुए अपनी में डुबकी लगा लेती है | शनाया जब पानी से ऊपर आयी, उसकी पूरी body चांदनी सी चमक रही थी |

“तुम अभी अंदर आ सकती हो...|” शनाया पानी में अपनी गर्दन साफ करती हुई लेला से बोली |

“अगर यहाँ खतरे की बात ना होती तो जरुर आती...|” लेला मुस्कुराती हुई “पहले तुम नहा लो, फिर मैं नहा लूंगी...|”

“छोड़ो ना...|” शनाया बेफिक्री के साथ “यहाँ कौन सा दुश्मन हमें मारने आ रहा है...?”

शनाया बोल भी नही पायी थी, अगले ही पल बंद आँखों के साथ क्लोरो पानी से बाहर गयी | नुकीले कान, सीधा सपाट चेहरा, लम्बे बालों के साथ क्लोरा ने टपकते पानी के साथ आँखे खोली तो उसकी आँखों का पीला प्रकाश शनाया और लेला देख रहे थे |

“एक अरोना...!!!!” कहते हुए लेला के हाथ से धुँआ निकलने लगा |

शनाया भी हैरानी में क्लोरा को देख रही, जब क्लोरो की आँखों से पूरा पानी साफ हुआ तो, उसके सामने शनाया पानी में और लेला हाथ से उगलती शक्तिओं के साथ दिखने लगी थी | उन दोनों को देखने के साथ क्लोरा ने अपने पीछे देखा, तो कोई उसकी safety में नही था, यहाँ तक की उसकी बहन भी आस-पास नही दिख रही थी |

To be continue…
I hope you all like this story. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-50 The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-50 Reviewed by Mr.Singh on November 15, 2020 Rating: 5

1 comment:

  1. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss
    आपको और आपके परिवार को दीपावली कि हार्दिक शुभकामनाएं

    ReplyDelete

Please do not enter any spam link in the comment box.

Disqus Shortname

designcart
Powered by Blogger.