Love story, Behind the story of भोली खुशी part-377

 

Behind the story of भोली खुशी part-377

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-375
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-377

Hello dears, ढेर सारे readers बोल रहे है, सबके link पर website नही खुल रही है | इसे ठीक करने के लिए मुझे अपनी website पर काम करना पड़ेगा, तब तक के लिए मैं story को website और प्रतिलिपि पर एक साथ डाल रहा है, ताकि सब इसे एक साथ पढ़ सके | जिसे यहाँ पढनी है वो यहाँ पड़े, वहाँ पढनी है, वहाँ पढ़े...|

राहुल की आवाज कान में पड़ते हुए सुनीता मानों जम गयी हो | उसके चेहरे पर हंसी तो रही, मगर उस हंसी में भाव नही थे | आँखे जो पिछला गम भूल चुकी थी, उनमें वापिस लौट आया था | लाडो हंसती हुई जैसे ही राहुल की तरफ पलटी, उसके चेहरे के हंसी दूर, आँखों आ size बड़ा हो गया था | राहुल ने लाडो को ज्यादा देखा नही था, जिसकी वजह से वो उस पहचान नही पाया था | लाडो एक नजर राहुल को देखने के साथ सुनीता को देख उठने लगी, मगर शर्मा को देखती सुनीता ने उसके घुटने पर हाथ रखते हुए उसे उठने नही दिया |

“बेटी चाय लो...|” शर्मा ने सुनीता और लाडो का ध्यान तोड़ा |

लाडो फिर से एक नजर राहुल पर मारने एक साथ वापिस सुनीता को एक order लेने के लिए देखने लगी | किसी पत्थर जैसी बैठी सुनीता ने हाँ में गर्दन हिला दी |

“ठंकु...|” लाडो ने अपनी टूटी-फूटी english में बोला |

“सुनीता बेटी, तेरे हाथ कब पीले हो रहे है...?” शर्मा ने सुनीता को देखते हुए पूछा |

शर्मा के मुहं से सुनीता का नाम सुनते ही यहाँ आने से लेकर अब तक, first time था, जब राहुल के हाथ-पांव कांपे थे | जिस सुनीता को खुद पर भरोसा करने के लिए बोलने वाला राहुल ये सोच रहा था, वो उसे इस हालत में देखेगी तो क्या सोचेगी, इतना अमीर इंसान होने के बाद भी क्या यही जगह मिली उसे सिखने के लिए |

“तू खड़ा क्या है, चाय ले और अपने काम पर लग...|” शर्मा ने राहुल का ध्यान थोड़ दिया |

“हाँ...|” लाख चाहकर भी अपने हाथ को काँपने से ना रोक पाते हुए राहुल ने चाय का cup सुनीता की तरफ बढ़ा दिया |

तभी शर्मा पीछे से कपड़ो का ढेर गिराते हुए लडके को डांटते लगा | जैसे ही राहुल का काँपता हुआ हाथ सुनीता के सामने आया, सुनीता ने चाय के कप की जगह राहुल का हाथ इतनी मजबूती के साथ पकड़ लिया, जिससे वो कांपे ही ना | लाडो, राहुल और शर्मा को देखती सुनीता, कुछ पलों के लिए मानों जाम हो गये हो |

“वो पत्नी ही क्या, जो अपने पति के बुरे वक्त में उस पर भरोसा ना रखे...|” सुनीता पूरी द्रडता खुली आँखों के साथ “आप अपनी इस लड़ाई में मुझे अपने साथ ही खड़े पायेगे...|”

राहुल का हाथ कांपना बंद हो गया | सुनीता ने चाय लेते हुए राहुल का हाथ छोड़ दिया, राहुल अपनी अंदर वापिस आती हिम्मत के साथ सुनीता को देखता हुआ अपने पैर पीछे खींच लेता है | लाडो सुनीता का जवाब सुन मुस्कुराने लगी और शर्मा वापिस उन दोनों को देखने लगा मगर दूर कुछ paper check करती सोनम ने ये नजारा देख लिया था | राहुल मुडता हुआ जैसे ही दूसरे लडके को चाय देने लगा, सोनम उसके सामने आकर खड़ी हो गयी | राहुल question भरी नजरों से सोनम को देखने लगा, जो उसे ना देखते हुए शर्मा से बात कर रही सुनीता को देख रही थी |

“What...?” सोनम ने राहुल का ध्यान खींचा |

“What, what...?” राहुल ने थोडा अजीब नजरों के साथ पूछा |

“कौन है ये, जिसने राहुल ठाकुर का हाथ पकड़ रखा था, और राहुल ठाकुर चुप खड़ा देख रहा था...?” सोनम ने एक इर्षालु प्रेमिका की तरह सवाल किया |

“तुम खुद क्यों नही देख लेती...?” कहते हुए राहुल side हो गया |

सोचते हुए जैसे ही सोनम ने अपना कदम सुनीता की तरफ बढ़ाया, धड़ाम से बाहर का gate खुला और morning में जिसे राहुल ने चंचल को छेड़ने के लिए police से पिटवाया था, वो लड़का अपने दो-तीन साथियों के साथ entry लेता है | हर कोई उसे ही देखने लगा, चाहे वो सुनीता हो या सोनम |

“ऐ...!!!” बड़ा लड़का गुस्से में चिल्लाते हुए “कौन हो तुम, ऐसे कैसे अंदर आ गये...?”

लड़का बात ना सुनते हुए पूरी shop में नजरें दौड़ाकर राहुल पर नजरें रोक लेता है |

“बाहर निकलो...!!!” दूसरा लड़का बोला ही था |

लडकें ने आगे बढ़ राहुल का कार्लर पकड़ लिया |

“सुनीता...!!!!” लाडो ने सुनीता के कंधे पर हाथ रखा |

“सब्र रख....|” सुनीता शांत खड़े राहुल को देखती हुई बोली |

जो लडके को ना देख उसके हाथ को देख रहा था |

“बड़ा शौक चढ़ा है ना hero बनने का...|” लड़का राहुल को बाहर की तरफ खींचते हुए “चल पूरी market के सामने तेरी हीरोगिरी निकालता हूँ...|”

“ऐ...!!!” सोनम भी चिल्लाने लगी |

“Police को बुलाओ..!!!” शर्मा चिल्लाया |

लड़का number dail करने लगा | लाडो अभी भी सुनीता को देख हैरान थी, जो शांत बैठी थी |

 

लड़का राहुल को बाहर road पर बीच में लाकर खड़ा कर देता है | अगले ही पल कितनी ही guns load हो गयी, जिनकी आवाज किसी ने नही सुनी | Snipers ने अपनी guns को load कर निशाना बना लिया था, सब security hade के इशारे का wait था, जो कपड़े से ढके हाथ में gun लिया इकट्ठा होती भीड़ में खड़ा हो गया था |

“देखो market वालो...|” लड़का चिल्लाते हुए “कैसे आज-कल के लौंडे हीरोगिरी दिखाते है...|” लड़का खींचकर राहुल को तमाचा जड़ते हुए “और कैसे उनकी हीरोगिरी निकाली जाती है |”

जैसे ही राहुल को तमाचा पड़ा, बाहर आ चुकी सुनीता का हाथ तन गया, मगर खुदको काबू करते हुए उसने आँखे बंद कर ली | चड्डा और उसकी shop के सारे लडके तमाशा देखने के लिए बाहर आ गये थे | राहुल चुपचाप तमाचा सह गया |

“अब दिखा ना अपनी हिरोगिरी...?” लड़का राहुल को पीछे धक्का देते हुए उसकी पुरानी सी shirt फाड़ देता है |

राहुल ने कुछ नही बोला | शर्मा, उसके बेटे, सोनम और खुदको को मजबुरियो में जकड़ी खड़ी सुनीता के अलावा बाकी सब वहां मजे लेने के लिए खड़े थे |

“क्या हुआ, सबुह तो बड़े-2 dialog मार रहा था...?” लड़का राहुल के बाल पकड़ हिलाते हुए “लड़की के सामने तो बड़ी हिम्मत थी तेरे अंदर, अब क्या हुआ...?”

राहुल को दर्द हो रहा था, मगर उसने उफ़ तक नही की थी |

“सुनीता...!!” लाडो लगभग रोती हुई सुनीता को हिला रही थी |

जिसने सच में खुदको जंजीरों में जकडकर खड़ा किया हुआ था |

“मुझे बोल रहा था, अगर लड़की को छुआ तो तेरे हाथ के इतने टुकड़े करूंगा, doctor भी नही गिन पायेगा...|” लड़के ने फिर से राहुल को तमाचा जड़ते हुए “अब कर ना...?”

राहुल को पड़ने वाला तमाचा, सुनीता को गर्म सरिया से body को दागने जैसे दर्द दे रहा था, पर पता नही उसके अदंर इतना धैर्य क्यों था |

“सुनीता, यो राहुल जी कू मार देगा...|” लाडो रो रही थी |

“भरोसा रख...|” अपने आंसुओं को टपकने से पहले ही पोछती सुनीता “शेरो के खानदान से है, कुत्ता नही होगा...|"

“Sir, order दीजिए....|” Sniper ने लडके के सर को निशाना बना लिया था |

“मेरे 3 count पर fayer करना...|” Head ने बोला |

“Sir...!!!” Gun पर पकड़ मजबूत करते हुए sniper ने ऊँगली trigger पर रख ली थी |

“ये है आजकल के हीरो...|” राहुल को एक तमाशे की तरह घुमाते हुए लड़का “ना तो बदन में दम...|”

“One...|” Head बोला |

“ना आवाज में दम...|” लड़का फिर बोला |

“Two...|” Head ने बोला |

Sniper ने एक साँस छोड़ दी थी |

“पता नही मर्द है भी या नही...?” लड़का हंसने लगा |

“Thr....|” Head इतना ही बोल पाया था |

एक लकड़ी का मोटा डंडा लड़के के सर पर टूट गया | वहाँ मौजदू हर किसी की आँखे बड़ी हो गयी | राहुल का हाथ छोड़ लड़का लडखडाकर गिर गया | सबकी नजर नीचे पड़े लडके पर ना होकर पीछे खड़े दूसरे लडके पर गयी, जो body में उससे भी ज्यादा, हट्टा-कट्टा और डोले-सोले वाला था, उसके साथ 4 लड़के और थे | सबकी नजर अब राहुल पर घूम गयी थी, जो लडके को या मारने वाले को ना देख राहुल अपना हाथ झटक, बाल ठीक करता हुआ गाल को हिलाने लगा, जो शायद सुन्न हो गया था | सबकी आँखे बड़ी हो गयी थी, क्योंकि एक पागल भी इस time ये समझ सकता था, यहाँ घट क्या रहा था | सोनम हो या लाडो, mobile नीचे करते शर्मा के लडके हो या अपनी सांसे सभालता चड्डा, इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी राहुल को इतना शांत देखकर समझ गये थे, वो कोई आम इंसान नही था | अब जैसे ही नीचे पड़े लडके के साथी आगे आये, खड़े हुए लड़के के पीछे खड़े लडकों ने इतनी जोर से उन पर डंडे बरसाये, जिसको जहाँ भी पड़ा, खून के साथ ऊपर उठ रहा था |

“तू कितना बड़ा मर्द है, ये नही बताएग सबको...?” उठने की कोशिश में लडके की कमर पर फिर से खीचकर डंडा मारते हुए लड़का बोला |

जमीन से लगते लडके को डंडा इतनी जोर से पड़ा था, खून उसके मुहं से फुव्वारे की तरह बाहर आया था | राहुल अपनी shirt को पकड़े हुए दूसरो की तरह तमाशबीन बनकर चुप खड़ा हो गया | उसके आस-पास के आदमियों ने उसे दूरी बना ली थी |

“दूसरे से पैसे उधार ले वापिस ना करना, phone करे तो phone ना उठाना...|” लडके ने फिर से पड़े हुए लडके को लात जड़ दी |

लड़का road पर दूर तक फिसला | उसके साथी भी कुछ देर बाद उसके साथ ही पड़े थे और डंडे लगातार उन पर पड़ते जा रहे थे |

“इन हाथो से बड़ी मर्दानगी दिखा रहा था ना...?” लड़का तडपते लड़के के हाथों को पैरों से दबाते हुए “जुआ खेलने के लिए तो ये उठ जाते है, पैसे वापिस करने के लिए तो नही उठते |” कहते हुए लडके ने 6 से 7 डंडे के वार उसके हाथो पर किये, और हर बार हड्डी टूटने की आवाज बसके कानो में पड़ रही थी |

उसके साथ पड़े दोस्तों का भी हाल कुछ ऐसा हो गया था, चेहरे पर बह खून से उनकी शक्ल पहचान में नही आ रही थी | नीचे पड़ा तडप रहा लड़का मदद के लिए राहुल को देख रहा था, जो बिना किसी reaction के बाकियों के जैसे खड़ा था |

“भाई, मोंटी और उसके दोस्त...|” खड़े हुए एक लडके ने चड्डा की shop के बाहर खड़े उसके लकड़ो की तरफ इशारा किया |

जैसे ही लड़के की गर्दन उस तरफ घूमी, सारे लडके चिल्लाते हुए इधर-उधर दौड़ने लगे | लड़का और उसके साथी उनकी तरफ लपक गये | चड्डा किसी पत्थर की तरह खड़ा रहा, डंडे लिए लड़के उसके पास से गुजर गये |

“क्या लगा रखा है यहाँ...?” तभी police की आवाज सबके कानो में पड़ी |

भीड़ पीछे हटने लगी | राहुल बिल्कुल शांत खड़ा लडके को देख रहा था, जो उसे देखता हुआ साँस भी ले रहा था, तो मुहं से खून ही बाहर आ रहा था |

“हटो पीछे...!!!” Police ने राहुल को भी पीछे हटाते हुए अपना घेरा बना लिया था |

राहुल ने अब चड्डा को देखा, जो अपनी life के सबसे खौफनाक मंजर से गुजरता हुआ राहुल की शांत मगर सुनामी वाली आँखों को देखता काँप रहा था | राहुल की पीछे खड़ा hade कुछ सोचता हुआ मुस्कुरा रहा था | लाल गाल लिए भीड़ के लगभग खत्म होने के साथ राहुल शर्मा की shop के अंदर जाता हुआ सुनीता को देखने लगा, जो अपने आंसू पौछ्ते हुए उसे देख रही थी, मगर ये खुशी के आंसू थे |

“अंदर चलो...|” शर्मा ने खुद को normal कर एक नजर खड़े हुए चड्डा पर मारी और बाकी सबको बोला |

शर्मा के सारे salesman, उसके लड़के, सोनम  और खुद शर्मा भी अंदर की तरफ चल दिया |

“चले...?” सुनीता ने लाडो से बोला |

“मैं समान उठाकर लाई...|” लाडो भी अपने आंसू पौछ हाँ में सर हिला देती है |

 

To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-377. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-377 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-377 Reviewed by Mr.Singh on November 20, 2020 Rating: 5

2 comments:

  1. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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    Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss

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