Love story, Behind the story of भोली खुशी part-373

Behind the story of भोली खुशी part-373

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-373
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-373

 “क्या बोला तुमने...?” खुशी ने अपने हाथ बांध लिए थे |

“दीदी, मैं आपको नही बोल रही हूँ...|” सुनीता खुद डरते हुए “वो लाडो मेरे पास खड़ी परेशान कर रही है तो, उसे ही बोल रही थी |”

रुकुल की वापिस सांसे चलने लगी थी, खुशी जैसे ही रुकुल की तरफ घूमी |

“तू कुछ देर चैन से खड़ी नही रह सकती क्या...?” सुनीता ने फिर से किसी को डांट लगायी |

अब खुशी गर्दन टेढ़ी सुनीता को देखने लगी |

“दीदी, कल उसकी मंगनी है और इसे महेमानो के लिए कुछ कपड़े खरीदने है तो...|” सुनीता बोल ही रही थी |

“Shit, कल चंदु की सगाई भी है...|” खुशी को सच में याद नही रहा था |

“मुझे दिखा ना कौन है...?” कहते हुए दूसरे ही पल सुनीता की जगह लाडो का hologram सामने प्रकट हो गया |

मगर अगले ही पल उसकी भी सांसे रुक गयी, क्योंकि सामने खुशी खड़ी थी |

“Madam वो मैं तो...|” लाडो को तो words ही नही मिल रहे थे, वो क्या बोले |

दूसरे ही पल लाडो गायब होकर वापिस सुनीता प्रकट हो गयी |

“तुम जाकर उसकी shopping कराओ, हम बातें कर लेंगे...|” खुशी ने बोला |

“नही दीदी...!!!” सुनीता जोश में खुशी को देखती हुई “उसकी shopping हो जाएगी, family पहले है...|”

“मैं रुकुल से discuss कर लूंगी, तुम जाओ...|” खुशी रुकुल को देखने लगी |

“आप बुरा मान रही है दीदी, लाडो तो पागल है...|” सुनीता ने बोला |

“अगर तू अब नही गयी, तो मैं सच में बुरा मान जाउंगी...|” खुशी ने सुनीता को घूरा |

सुनीता अपनी help के लिए रुकुल को देखने लगी, जो उसे जाने का इशारा कर देती है | सुनीता अगले ही पल वहाँ से गायब हो गयी |

 

गाँव के एक room में सुनीता call cut कर सामने डरी-सहमी लाडो को देख रही |

“के बोल्ला तुजे (तुम्हें)...?” लाडो तेज धड़कते दिल के साथ “उनअ (उन्हें) (चंदु) को job ते तो ना लिकाड़ दिया...?”

“तन्ने दिमाग है के णा...?” सुनीता लाडो पर भड़कते हुए “जब मै रुकुण (रुकने) कु बोल री थी, तो रेल पे सवार होणा (होना) जरूरी स...?”

“मजे के पता था, तू जेठाणी की साथ meeting में स...|” लाडो बहाना बनाने लगी |

“तू न...!!!” सुनीता लाडो को मारने के लिए हाथ उठाती है, मगर उसे मार नही पायी |

लाडो ने चेहरा लटका लिया |

“खाल्ली (खाली) दिमाग की...|” कहते हुए सुनीता बाहर की तरफ चलती हुई “चल अब...!!!”

लाडो उसी उतरे चेहरे के साथ सुनीता के पीछे चल दी |

 

“बताइये दीदी, आप क्या suprise देना चाहती है उन्हें...?” रुकुल ने खुशी का ध्यान खींचा |

खुशी रुकुल की बात का जवाब ना देते हुए ध्यान से उसे देखने लगी |

“क्या हुआ दीदी...?” रुकुल का अब पूरा ध्यान खुशी पर आ गया |

“विराट मुझसे लाखों KM दूर है, तब भी मेरे अंदर उसे याद करते हुए मुझे अंदर से energy feel होती है...|” खुशी रुकुल की उदास आँखों में देखते हुए “रजत तो तुझे 4 कदम दूर है, फिर भी इतनी उदासी...?”

“ऐसी कोई बात नही दीदी, आप भी क्या-2 बोलती रहती है...?” रुकुल नकली मुस्कान के साथ बोल पड़ी |

“Doctor से मर्ज छिपा रही हो...?” खुशी ने आँखे बड़ी करते हुए रुकुल को देखा |

खुशी की आँखों में देखते हुए गर्दन झुकाती रुकुल की आँखे गीली हो गयी |

“क्या हुआ...?” खुशी ने प्यार से रुकुल से पूछा |

“वो...|” रुकुल बोलने लगी, मगर उसके अंदर के दुःख ने उसका ही गला पकड़ लिया |

“रजत जबरजस्ती physical होने की कोशिश कर रहा है...?” खुशी ने रुकुल की दुःख को देखते हुए सवाल किया |

टपकती आँखों के साथ रुकुल ने ना में गर्दन हिला दी |

“यहाँ आने की वजह तुम्हें बताकर डांट रहा है...?” खुशी ने फिर से पूछा |

रोती रुकुल ने फिर से ना में सर हिला दिया |

“क्या अपने काम से भाग जाने के लिए बोल रहा है...?” खुशी ने अगला सवाल किया |

इस बार भी रुकुल की तरफ से हाँ में जवाब नही आया |

“समझी...|” खुशी थोडा कड़क आवाज में “तुमने हर लकड़ी की तरह over love दिखा दिया, जिसकी वजह से उसके भाव चढ़ गये...|”

रुकुल झटके से खुशी को देखने लगी, जिसका मतलब था, खुशी का ये guess सही था |

“तुम्हें बोलने का भी कोई फायदा नही है, तुम इस दुनियाँ में अकेली पागल नही हो ना...|” खुशी प्रकाश होनेके बाद भी पीछे chair पर बैठती हुई “मैं तुमसे भी बड़ी पागल थी |”

“दीदी, मैं तो बस यही चाहती थी, रजत family में अपना रोल पूरी तरह से निभाये, मगर...|” रुकुल बोल ही रही थी |

“मगर उसे लगा, तुम कुछ ज्यादा ही उसके family, उसकी property के बारे में सोच रही हो...|” खुशी ने उसकी बात पूरी कर दी |

रुकुल ने टपकती आँखों के साथ हाँ में सर हिला दिया |

“एड़ी के नोक पर रहने वाले को जब तुझ जैसी respect देने वाली लड़की मिल जाती है, तो उसके भाव चढ़ ही जाते है...|” खुशी वापिस रुकुल के पास आते हुए “असल में गलती उसकी नही है, तेरी है...|”

“क्या मैं अपने husband से प्यार ना कुरु...?” रुकुल ने सवाल किया |

“मैं नही करती क्या...?” खुशी ने रुकुल की आँखों में देखा |

“तो मैं क्या करूं, जिससे रजत मुझसे गुस्सा ना रहे...?” रुकुल ने सवाल किया |

अब खुशी सोचने लगी, मानों किसी दूसरे विचार ने उसके दिमाग को जकड़ लिया |

“दीदी....?” रुकुल ने उसे जगाया |

“इलाज तो है मेरे पास, but...?” खुशी बोलते हुए रुक गयी |

“But क्या दीदी...?” रुकुल ने सोचते पूछा |

“हमें यहाँ एक deal करनी पड़ेगी...|” खुशी का business वाला दिमाग चल रहा था |

“कैसी deal दीदी...?” रुकुल सच में समझ नही पायी थी, खुशी के कहने का मतलब क्या था |

“In future कभी भी अगर ठाकुरों की सारी बहुओं में गुट बने, तो तुझे मेरी side रहना पड़ेगा...|” खुशी ने कुछ ज्यादा ही दूर की सोच ली थी |

“ये आप क्या बोल रही है दीदी, आप सबमें बड़ी है और मैं तो always आपकी ही side...|” रुकुल ने अपनी बात पूरी नही की थी |

“मैं अभी की बात नही रही हूँ रुकुल...|” खुशी रुकुल की आँखों में देखते हुए “तुमसे अलग भी family में तीन बहुएँ आएगी...|”

“दीदी, In future after marriage मुझे जब भी बच्चा होगा, मैं उसकी कसम खाती हूँ, कुछ भी हो जाये पूरी life आपकी ही side रहूंगी...|” रुकुल ने अब पत्थर की लकीर खीच दी थी |

जिसे सुनकर खुशी फिर से सोच में पड़ गयी |

“दीदी, आपको यकीन नही आ रहा हो तो मैं stamp paper पर लिखकर दे सकती हूँ...|” रुकुल बाहर की तरफ जाने लगी |

“नही रुकुल...|” अब खुशी के अंदर normal खुशी बोलती हुई “मैं स्वार्थीपन कर रही हूँ, मुझे ऐसा नही करना चाहिए, मैं...|”

“दीदी...|” रुकुल खुशी का हाथ पकड़ते हुए “आपको दिल की बात बोल रही हूँ, अगर आप उस घर की बड़ी बहु आ होती, तो अपनी जान से ज्यादा रजत से प्यार होने के बाद भी जब पूरी ठाकुर family ने मुझसे शादी की बात थी मैं सीधे मना कर देती |”

“क्यों...?” खुशी के लिए ये बात सच में चौकाने वाली थी |

“क्योंकि, मेरी कल्पनाओं की कल्पनाओं ने भी कभी नही सोचा था, मैं इतने अमीर खानदान की बहु बनूंगी...|” रुकुल खुशी को गर्व के साथ देखती हुई “अगर उस time मेरे दिमाग में ये बात ना आती, इस घर की बड़ी बहु भी तो मेरी जैसी family से है, तो शायद आज मैं आपकी देवरानी ना होती |”

खुशी अभी भी रुकुल को देख रही थी |

“इसलिए दीदी, आपके मेरे लिए बहुत कुछ है, मैं आपका साथ मरते दम तक नही छोड़ने वाली...|” रुकुल ने थोडा सा हल्के भावों के साथ बोला |

अब खुशी जोश भरी आखों के साथ रुकुल को देख रही थी |

 

दूसरी तरफ आज shop खुले 1 घंटे से ऊपर हो गया था, मगर कोई भी salesman नही आया था | राहुल सारी सफाई कर चुका था, सारे कपड़े जमा दिए थे, फिर भी कोई नही आया था | 5 मिनिट के बाद शर्मा उसके दोनों बेटे और सोनम भी आ गये थे |

“ये क्या है, अभी तक कोई लड़का नही आया क्या...?” सोनम ने अकेले राहुल को खड़ा देखकर शर्मा से सवाल किया |

शर्मा, उसके लडकों ने कोई जवाब नही दिया, तीनों चुपचाप अपनी सीट पर जाकर बैठ गये | सोनम समझ नही पा रही थी, आखिर मामला क्या है ?

“What happen...?” सोनम राहुल से “आज सबकी छुट्टी है क्या...?”

“नही...|” राहुल normal सोनम को देखते हुए “चड्डा के लडकों ने सबको धमकी दी है, कोई भी इस shop पर काम नही करेगा...|”

“What, you meen चड्डा uncle ने...|” सोनम समझने की कोशिश करने लगी |

राहुल ने कोई जवाब नही दिया | तभी चेहरे पर हल्की सी चोटों के साथ दो salesman shop के अंदर entry लेते है | हर किसी की नजर उन पर ही थी, चाहे वो राहुल हो या शर्मा के लडके |

“क्या हुआ...?” सोनम ने सवाल किया |

“कुछ नही हुआ, आज तो तुम्हारे restaurant का birthday है ना, तुम्हें तैयारी नही करनी क्या...?” शर्मा ने सोनम का ध्यान बदलने की कोशिश की |

“Dad, please आप बात को बदलिए मत, साफ-2 बताइये ना, चड्डा uncle ने सारे लडकों को धमकी दी है...|” जोश में सोनम ने बोल तो दिया |

मगर अगले ही पल सबकी नजर राहुल पर घूम गयी थी, जिसे कोई फर्क नही पड़ा था |

“ये बकवास है, तुम अपनी party पर ध्यान दो..|” शर्मा सोनम को वहाँ से भेजने के चक्कर में “तुम इसे भी ले जाओ...|”

राहुल के साथ जाने को लेकर सोनम बाकी सारी चीजे भूल राहुल को देखने लगी |

 

 

To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-373. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-373 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-373 Reviewed by Mr.Singh on November 16, 2020 Rating: 5

3 comments:

  1. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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    Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss

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