Love story, Behind the story of भोली खुशी part-380

 

Behind the story of भोली खुशी part-380

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-380
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-380

विराट दिमाग में मचे तूफान के साथ सोफे पर उसके order का wait करती कोमल के सामने घूम रहा था |

“Sir...|” कोमल किसी बात पर विराट का ध्यान खीचना चाह रही थी |

“Not now...|” विराट का हाथ उसके माथे पर था |

“आपको मेरी बात सुननी चाहिए sir...|” कोमल ने फिर से बोला |

“ये time तुम्हारे घटिया promotion पर बात करने का नही है....|” विराट ध्यान एक जगह लगाने की कोशिश में “इतना बड़ा project कैसे handle किया जायेगा, ये सोचो...|”

“अभी आपको कुछ और सोचना चाहिए...|” कोमल ने अब ध्यान अपने laptop पर लगा लिया |

“Ok fine, बोलो क्या सोचना है...?” विराट कोमल पर तनकर खड़ा हो गया |

तभी पीछे से table पर plate पटकने की आवाज आयी |

“Shit...!!!” विराट बिना मुड़े बडबडा गया |

जब तक विराट उस तरफ पलटा, खुशी गुस्से में खाने की plate पटककर अपने room की तरफ चली गयी थी |

“पहले नही बता सकती थी...?” इस बार विराट की डांट में गुस्से की जगह परेशानी थी |

“मैं तो कबसे बोलने की कोशिश कर रही हूँ, आप ही सुनने को तैयार नही थे...|” कोमल laptop पर अपना काम कर रही थी |

“अपना सामान pack करो, हमें निकलना है...|” विराट के पास खाली खड़े होकर सोचने के कोई दूसरा रास्ता नही था |

 

“जब देखो, business-3...|” गुस्से में बडबडाती हुई खुशी विराट का सामान pack करती हुई “मेरी तो कोई चिंता ही नही है...|”

विराट दरवाजे पर हाथ बांधे खड़ा था |

“यहाँ आकर तो बड़े-2 promice करते है, ये करूंगा, वो करूंगा, तुमसे पूछे बिना कही नही जाऊंगा, तुम्हारी कसम, बच्चे की कसम...|” खुशी विराट के बैग में कपड़े पटकती हुई विराट को सुना रही थी |

“तो मैंने कब बोला, मैं तुमसे पूछे बिना जा रहा हूँ...?” विराट ने पीछे से खुशी को बाँहों में ले लिया |

“छोडो मुझे...|” खुशी विराट को पीछे धकेलते हुए “कौन सा मेरे कहने से रुकने वाले हो...?”

विराट के लिए फिर से धरम संकट आन पड़ा था, वो ना तो हाँ बोल सकता था, ना ही ना...|

“जाओ, मैं कौन सा रोकने वाली हूँ...?” खुशी विराट को side कर अलमारी से दूसरे कपड़े निकालने लगी |

“अगर तुम बोलोगी, तो नही जाऊंगा...|” विराट ने final बात बोल डाली |

“मत जाओ...|” खुशी भी कहाँ पीछे रहने वालो में से थी |

“तुम्हें तो पता है ना, 450 billion dollars...|” विराट अपनी नादानी में खुशी को समझाने लगा |

“तुम्हारे बिना तो कोई है नही वहाँ, उसे सभालने के लिए...|” खुशी विराट की बात पूरी होने से पहले ही “यहाँ पर मैं तो हूँ ही, खुदका और बच्चे का ख्याल रखने के लिए...|”

अब विराट के पास खुशी के सवाल का जवाब नही था |

“आये बड़े, care करने वाले...|” कहते हुए खुशी विराट को side कर बाहर कुछ समाना लेने चली गयी |

विराट फिर से अपना सर पकड़ लेता है |

 

तुषार ने call cut कर हैरान गौरव को देखने के साथ पीछे बैठे नरेंद्र को देखा, जिसे शालनी शांत करने की कोशिश कर रही थी |

“देख लिया...?” तुषार नरेंद्र से “इसलिए मैं तुझे tension ना लेने के लिए बोल रहा था |”

अब ही कोई मुस्कुराता हुआ गौरव को देख रहा था |

“मुझे अपने खून का पता है...|” तुषार नरेंद्र के सर पर खुजलाते हुए “देर से ही सही, वो रंग जरुर दिखता है |”

“भाईसाहब इसे तो ये भी नही पता, इसने किया है...?” नरेंद्र ने गौरव को घूरा |

“मैंने 450 billion कमाए है...|” होश में आते हुए गौरव ने बोला |

नरेंद्र फिर से गुस्से में तुषार को देखने लगा |

“अब ये नौटंकी छोड़...|” तुषार नरेंद्र के सर पर मारते हुए “जितनी दौलत कामने में तूने बाल सफेद कर लिया, उतनी उसने एक झटके में कमा दी...|”

अब बिल्लों गौरव के सामने खड़ी थी |

“ताई जी मैंने...|” गौरव सफाई देने लगा |

“तुझे always इस बात की शर्मन्दगी रहती थी ना, तेरे सब भाई तुझे आगे रहते है...?” बिल्लों गौरव के बाल ठीक करते “ले, अब तू उन सबसे आगे है, अब तो किसी बात का मलाल नही है...|”

गौरव खड़ा सुन रहा था |

“450 billion का पूरा business गौरव का...|” बिल्लों तुषार को देखते हुए “ये जैसे चाहेगा, इसे चलायेगा...|”

“भाभी, ये आप क्या बोल रही है, ये अभी...|” नंदनी गौरव को business देने का विरोध करने लगी |

“मैं तुझे बोलने के लिए बोला...?” बिल्लों ने उसे घूरा |

“Mom सही बोल रही है ताई जी, मुझे तो अभी ये भी नही पता, business की ABCD नही आती...|” गौरव भी बोल ही रहा था |

“ये काम करने से पहले पता है, इनती money कैसे कमायी जाएगी...?” बिल्लों ने गौरव की बात काटते हुए तुषार से “इस पूरे business का charge गौरव को मिलना चाहिए...|”

“जैसा तुम बोलो...|” तुषार हाथ उठाने के साथ “कृष्णा, गौरव का business set up करने में help करो...|”

“जी भाईसाहब...|” कृष्णा ने पूरे जोश के साथ बोला |

“सुई से लेकर, जहाज तक...|” तुषार कृष्णा को warn करते हुए “इसे जो भी समझना है, अपने सबसे best लोग लगाकर इसे सब कुछ समझाओ...|”

“जी भाईसाहब...|” कृष्णा ने फिर से बोला |

“मेरे शेर के बारे जब पूरे world में फैले, तो लोग दांतों तले उँगलियाँ दबा लेना चाहिए...|” तुषार गौरव के कंधे थफथफाते हुए “इनती छोटी उम्र वो एक अकेले साम्राज्य का मालिक है...|”

वहाँ खड़ा हर मुस्कुरा रहा था |

“ताऊजी, क्या इस time मैं कुछ मांग सकता हूँ...?” गौरव ने मौके का फायदा उठाने की कोशिश की |

“अपने दम पर इतना अमीर होने के बाद भी तुझे मांगने की जरूरत पड़ गयी, बोल क्या चाहिए...?” तुषार ने थोड़ी हैरानी जताई |

“वो...|” गौरव जैसे ही बोलने लगा |

“अगर तूने उस योगिता की लड़की के बारे में कुछ बोला तो...|” नंदनी गुस्से में “मुझसे बुरा कोई भी नही होगा...?”

“Mom, आप उसे गलत समझ रही है, वो बहुत अच्छी है...|” गौरव तुषार को छोड़ नंदनी को मनाने लगा |

“चाहे इस दुनियाँ की सारी लडकियाँ तेरे लिए मर जाये, मैं तब भी तेरी शादी उससे नही करूंगी...|” कहते हुए नंदनी अपने room की तरफ बढ़ गयी |

“Mom सुनिए तो...|” गौरव को उसके पीछे जाना पड़ा |

“तुम इतने भी बेवकूफ नही हो, जितने दिखते हो...?” बिल्लों ने तुषार से बोला |

“तारीफ कर रही हो या, ताना दे रही हो...?” तुषार ने माथे पर लकीरें मगर मुस्कुराते हुए सवाल किया |

“जो भी तुम समझो...|” कहते हुए बिल्लों Ice को देखती हुई “तू क्या हर time mobile से चिपकी रहती है, चल मेरे साथ....|”

Ice अपना मुहं बनाते हुए उसके पीछे चलने लगी | तभी विराट वहाँ प्रकट हो गया |

“Hello dad...|” विराट ने सबका ध्यान खींचा |

“हाँ विराट...?” तुषार ने विराट को देखा |

“सब ठीक है...?” विराट वहाँ गौरव को ना देखते हुए बोला |

“यहाँ सब ठीक है, तुम कहाँ तक पहुंचे...?” तुषार time देखते हुए “यहाँ बहुत काम handal करना है...|”

“Dad मैं सब packing ही कर रहा था, वो...|” विराट खुशी के पास रुकने का बहाना सोचने के चक्कर में था |

“तुम अभी तक निकले नही, यहाँ mobile बजने बंद नही हो रहे...?” तुषार थोड़ा सा गुस्से में था |

“Dad, मैं बोल रहा था, defence ministery से मेरी meeting पूरी नही है, थोड़ा खुशी की भी तबियत ठीक नही है...|” विराट इस time गौरव से भी ज्यादा डरा हुआ बोल रहा था |

“ये सारा काम छोड़कर उसके पल्लू से बंधकर बैठ जा...|” बिल्लों विराट को फिर से ताना मारते हुए “अब पहले तो कभी उसकी तबियत खराब नही हुई...|”

विराट बोलना तो चाह रहा था, मगर तानो के डर से बोल नही पा रहा था |

“पड़ा रह अपने ससुराल और बनवाता रह अपना मजाक...|” बिल्लों आगे बोली |

“मैं एक घंटे में निकल रहा हूँ...|” कहते हुए विराट गायब होने लगा |

“कोई जरूरत नही है...|” बिल्लों फिर विराट को ताना देते हुए “वरना उसके साथ-2 तू भी हमें ही गालियां देगा...|”

विराट चुपचाप गायब हो गया | हर कोई बिल्लों को देख रही थी, जो काफी खुश लग रही थी |

“Mom, जब आपको भाई का भाभी के रहना पसंद है तो उन्हें ताना क्यों मारती है...?” Ice ने सवाल किया |

“समझने के लिए तेरे अंदर इतना दिमाग नही है...|” बिल्लों ने उसे घूरा |

“आप कुछ सीखोगी, तभी तो कुछ सीखेगे...|” Ice बडबडायी |

“मैं नही चाहती वो पहले की तरह पत्थर बना हुआ खाली business चलाता रहे...|” बिल्लों Ice की बात सुनकर जवाब देती हुई “खुशी के पास रहेगा तो इंसान बना रहेगा...|”

“तो ये बात simple way में भी तो भाई को समझायी जा सकती है ना...?” Ice थोड़ा सोचने के बाद “ये drama करने की क्या जरूरत है...?”

“ये मर्द है ना, बंदर की तरह होते है...|” बिल्लों तुषार की तरफ इशारा करते हुए “जब तक इनकी पूछ में आग नही लगेगी, ये नाचने वाले नही है...?”

“मतलब...?” Ice अभी इतनी भी बड़ी नही हुई थी, कि ऐसी बातों के मतलब समझ सके |

“मतलब, अगर विराट को प्यार से खुशी के पास रहने को कहा जायेगा, तो वो एक दिन के लिए भी नही रहेगा...|” शालनी बिल्लों की जगह जवाब देती हुई “उल्टा यही बात उसे ताने या excitement में बोलेगे तो वो 100% करेगा...|”

“जैसे अभी dad ने गौरव को उल्लू बनाकर उसे business में खींच लिया...?” Ice बात के last तोड़ पर पहुंचने के साथ सबको देखते हुए “और वो duffer सोच रहा है, उसने कोई बड़ा तीर तोड़ लिया है |”

“मुझे इसमें अपनी माँ की छवि दिखायी देती है...|” तुषार ने Ice की तरफ इशारा करते हुए बिल्लों से “मेरी माँ भी इतनी ही समझदार थी |”

“तभी तो तुम तीनों जैसे नमूने पैदा किये थे...|” बिल्लों ने फिर से मजाक लिया |

“माँ जिंदा होती, तो तुम्हें बताती वो क्या थी...|” तुषार ने बिल्लों को बोला |

“अपना काम करो...|” बिल्लों उसे घूरती हुई अपने room की तरफ चली गयी |

 

दूसरी तरफ जब खुशी वापिस room में आयी तो विराट वहाँ पर नही था | अपने गुस्से के साथ खुशी बालकनी में आयी विराट झूले पर बैठा अपने laptop को देख रहा था |

“What...?” खुशी ने गुस्से में बोला |

“What, what...?” विराट ने खुशी को नही देखते हुए “मैं नही जा रहा |”

“अब ये नौटंकी मत दिखाओ, वहाँ पर बहुत काम है, जल्दी जाओ..|” खुशी ने अपना गुस्सा थोड़ा कम कर लिया था |

“बोल दिया ना, नही मतलब नही...|” विराट ने अभी भी नजरें ना उठाकर खुशी को बोला था |

“Ok, I’m sorry...|” खुशी खुदको normal करते हुए “मुझे ये सब नही बोलना चाहिए था, वहाँ से tension में होंगे...|”

“मैंने mom से बात कर ली है, मैं नही जा रहा...|” विराट ने इस बार खुशी को देखा |

“विराट...|” खुशी बोलने लगी |

“वो ठाकुर ही क्या, जो अपनी जुबान पर कायम ना रह सका...?” विराट ने खुशी को चुप करते हुए बोला |

खुशी अभी भी खड़ी देख रही थी |

“क्या तुम मेरे लिए फिर से वही चाय बना सकती हो...?” विराट ने खुशी का ध्यान तोड़ा |

“क्यों नही...?” हवा पर सवार खुशी से अपनी खुशी सभाली नही जा रही थी |

वो किसी तरह खुदको दौड़ने से रोकती हुई अंदर चली गयी |

“पागल....|” विराट बडबडाया ही थी |

खुशी फिर से आकर उसे kiss कर लेती है |

“चाय के लिए बोला था, kiss के लिए नही...|” विराट ने खुशी को देखा |

खुशी फिर से अंदर की तरफ दौड़ गयी |

 

To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-380. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-380 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-380 Reviewed by Mr.Singh on November 25, 2020 Rating: 5

1 comment:

  1. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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    Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss

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