Love story, Behind the story of भोली खुशी part-383

Behind the story of भोली खुशी part-383

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-383
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-383

 

New York में एक काफी शानदार और grand party चल रही थी, जिसकी hosting आज गुरुभान and family के हाथो में थी, जो सबका welcome कर रहे थे | शहर का शायद ही कोई ऐसी बड़ी शख्सियत होगी, जिसने वहाँ पर सिरकत ना की हो | अपने भाई के बगल में खड़ा सूरज सबसे hello और बातें तो कर रहा था, मगर उसके अंदर एक बैचेनी और बार-2 घड़ी देखने की बीमारी हो गयी थी |

“इस तरह बार-2 घड़ी देखने से वो जल्दी नही आ जाएगी...?” भाई ने सूरज को टोका |

“आप क्या बोल रहे है भाई, मैं तो...|” सूरज सफाई देने लगा |

“हमसे क्या छिपा रहे हो, हम भी कभी इस बीमारी का शिकार थे |” भाई ने थोडा आगे खड़े गुरुभान को देखते हुए सवाल बोला |

“मुझे उसके आने से नही, उसे इतने short notice पर यहाँ बुलाने को लेकर tension हो रही है...|” सूरज बैचेनी के साथ “उसे तो हमारे रीतिरिवाजो का कुछ पता ही नही, ऊपर से पूरी community को बुला लिया है, वो कैसे handle करेगी...?”

“मुसीबत कभी बोलकर नही आती...|” भाई ने बोला बोला ही था |

अगले ही पल गुरुभान उनके सामने खड़ा था |

“Dad वो...|” भाई सफाई देने लगा |

“हमें भी शादी से पहले अपनी बहु को किसी को दिखाने का शौक नही है....|” गुरुभान सूरज को घूरते हुए “मगर समाज है, तो थोड़ा कुछ निभाना पड़ता है....|”

“मैं समझता हूँ dad, मगर वो अलग culture से है तो...|” सूरज फिर से बोलने लगा |

“इतने बड़े खानदान से है, कुछ तो संस्कार दिए ही गये होगे उसको...?” गुरुभान ने बात खत्म कर दी |

तभी सूरज की नजर तुषार के साथ गाड़ी से उतरती Ice पर पड़ गयी |

“वो आ गये dad...|” सूरज ने बोला |

गुरुभान उस तरफ देखने लगा |

“मैं ठीक तो लग रही हूँ ना dad...?” अपने कपड़े ठीक करती Ice ने सामने से आते गुरुभान को देखते हुए सवाल किया |

“खुद को confidence रखो, तुम सबसे best हो...|” तुषार ने हाथ जोड़कर आते गुरुभान के सामने हाथ जोड़ लिए |

Ice ने सामने आते ही गुरुभान के पैर छु लिए |

“खुश रहो बेटा...|” कहते हुए गुरुभान ने Ice के सर पर हाथ रख दिया |

“बस इतना काफी है...|” पीछे से सूरज के साथ आते भाई ने सूरज से “अब ये सबको cover कर लेगी...|”

“आप भाभी जी को नही लेकर आये, ये आपकी अच्छी बात नही है...|” गुरुभान ने थोडा शिकायत की |

“औरतों का आपसे क्या छिपा है...?” तुषार मुस्कुराते हुए “बिना बात की tension लेगी और किसी भी time बीमार पड़ जाएगी...|”

अब तक सूरज ने भी आकर तुषार के पैर छू लिए थे |

“जीते रहो बेटा...|” तुषार सूरज की पीठ थफथफाते हुए “खूब तरक्की करो...|”

Ice आगे बढ़कर सूरज के भाई के पैर छूने लगी |

“अरे नही-2...|” भाई पहले ही Ice को रोकते हुए “इतना भी बड़ा नही हुआ हूँ....|”

“मेरे लिए तो आप बड़े ही है...|” Ice फिर से ज़िद करने लगी |

“Please, मत करो...|” भाई ने ऐसे ही उसके सर पर हाथ रख दिया |

“सुंदर को तो ले ही आते, आइये सबको बेसब्री से आपका ही इंतजार है...|” गुरुभान ने तुषार को चलने का इशारा किया |

Sandy के बारे में याद कर तुषार Ice को सूरज के साथ छोड़ आगे बढ़ गया |

“तुमने तो कमाल कर दिया, एक ही बार में dad को जीत लिया...|” सूरज ने धीरे से साथ चलती Ice से बोला |

“मुझे बड़ी tension हो रही है...|” Ice किसी तरह normal चल रही थी |

“मुझसे ज्यादा नही होगी...|” सूरज भी normal react करते हुए बोला |

“Please मुझे गाइड करते रहना, कहां पर क्या करना है...?” Ice बोलती हुई उसके साथ चलती रही |

तुषार गुरुभान के काफी रिश्तेदारों से मिलने के साथ बार-2 Sandy के बारे में सोच रहा था |

“Excuse me...|” तुषार गुरुभान से थोड़ा side होकर एक call मिलाता है |

 

दूसरी तरफ एक army के जैसी दिखने वाली गाड़ी में जिंदल दो लोगो के साथ एक बर्फीले इलाके से गुजर रहा था |

“हम Russia के normal इलाके में ही है ना...?” ऊँचे-2 बर्फ के पहाड़ों के बीच, हर 100 मीटर में बने checkpost को देखते हुए जिंदल ने अपने साथ बैठे आदमी से बोला |

“जी बिल्कुल, अभी बर्फबारी का मौसम है तो यहाँ लूटपाट का खतरा ज्यादा रहता है, इसलिए...|” आदमी बोल ही रहा था |

“सीधे से army की तैनाती कर दी...?” जिंदल को आदमी की बातों में सीधे तरीके से झूठ सुनायी दे रहा था |

“आप समझ नही रहे है...|” आदमी बोल ही रहा था |

तभी जिदंल का mobile बजने लगा |

“Excuse me...|” जिदंल ने mobile निकालने के साथ pick करते हुए “Yes sir...?”

“कहाँ तक पहुंचें जिंदल...?” तुषार ने सवाल किया |

“अभी रास्ते में हूँ, आधे घंटे में पहुंच जाऊंगा sir...|” जिंदल ने अगल-बगल बर्फ ही बर्फ देखते हुए सवाल किया |

“जिदंल, तुम्हारी अगली call मुझे सुंदर के साथ airport जाते time पर आनी चाहिए...|” तुषार ने order दिया |

“Yes sir...|” कहते हुए जिंदल ने call cut की और फिर से बाहर का नजारा देखने लगा |

 

“हम पहुंच गये sir...|” रूकती गाड़ी के साथ बाहर निकलते हुए आदमी ने जिंदल से बोला |

“शुक्र है पहुंच तो गये...|” कहते हुए जिंदल बाहर निकला तो उसका सर चकरा गया |

बर्फ से ढकी एक किलेनुमा high security से लैस building के सामने तीन गाड़ियाँ आकर रुकी, जिसमें दो security guards और एक जिदंल की थी |

“ये क्या है...?” जिंदल ने हैरानी में दूसरे आदमी से “मुझे किसी army के secret अड्डे पर नही जाना...|”

“ये कोई army का secret अड्डा नही है Mr. जिंदल...|” तभी सामने वाले गेट से एक Russian औरत बाहर आते हुए बोली |

“ये ब्लाद्रो कोरसिया है, यहाँ की incharge...|” आदमी ने जिंदल से बोला |

“Hello...|” औरत जिदंल से हाथ मिलाते हुए “हम world को कुछ खास देने वाली एक संस्था है...|”

“क्या Miss सुंदर ठाकुर यही पर है...?” जिंदल ने औरत के बातों में interest ना लेते हुए पूछा |

“जी यही है, और अच्छी भी है...|” औरत मुस्कुराते हुए “आप अंदर चलिए...|”

जिदल आस-पास की security को देख सर्दी में भी माथे से पसीना पौछ्ते हुए अंदर चल दिया | बिल्कुल किसी जेल की बनी building में ढेर सारे security के बीच जिंदल औरत के पीछे और आदमी के साथ चला जा रहा है | अगले ही पल जिदंल के कानो में कुछ लडके-लडकियों के चीखने के आवाज आने लगी, जिससे उसका दिल बैठ गया |

“Mr. जिदंल, हमारी history में कुछ ही ऐसे cases हुए है, जब हमारा कोई student अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़कर जा रहा है...|” औरत ने आगे चलते हुए सवाल किया |

“वैसे आप यहाँ सिखाती क्या है...?” जिंदल ने सवाल किया |

“ये बाते student या उसके माता-पिता को बतायी जाती है...|” औरत आगे बढ़ने के साथ पीछे चलते जिंदल को देखती हुई “आप उन दोनों में से एक भी नही है...|”

तभी गुजरते जिदंल की नजर बगल के room में पड़ गयी, जिसमें दो guards हाथ बंधे एक लडके को पीट रहे थे |

“आप यही रुकिए Mr. जिंदल, Miss सुंदर ठाकुर आती हुई होंगी...|” औरत एक hall में जाकर रुक गयी |

जिंदल ने हाँ में सर हिला दिया |

 

दूसरी तरफ चेहरे, हाथो, उँगलियों पर ढेर सारी चोटों के साथ किसी कैदी जैसे कपड़ो में Sandy एक बहुत छोटे से room में किसी सनकी की तरह laptop पर लगी हुई थी, उसके room की चारों दीवारें कितने ही codes से भरी, साथ ही पूरा room ढेर सारे papers से भरा पड़ा था | तभी दरवाजे पर knock हुई, जिससे Sandy एक दम से हडबडागयी |

“क्या है...?” अपना सर पकड़े Sandy चिल्लायी थी |

“Miss सुंदर ठाकुर, आपको कोई लेने आया है...|” दो guards के साथ दरवाजे के बाहर खड़ी औरत ने मुस्कुराहट के साथ “आप खुद बाहर आएगी, या हम कुछ help करे...?”

अगले 2 मिनट के बाद ढेर सारी चोटों के साथ Sandy दरवाजा खोलकर औरत के सामने खड़ी थी |

“हमारे college की history में कभी ऐसा नही हुआ Miss सुंदर ठाकुर, हमारी मर्जी के बिना कोई student इस college से बाहर निकला हो...|” औरत एक लम्बी साँस के साथ “मगर आपके पीछे लगने वाले नाम में इतना दम है, हम भी कुछ नही कर सकते...|”

“कौन है...?” Sandy ने बेरुखी के साथ पूछा |

“Mr. जिदंल आये है...|” औरत ने बाहर की तरफ इशारा किया |

Sandy सुनकर उस तरफ चल दी |

 

जिदंल के कानो में अभी भी लडके-लडकियों के चिल्लाने की आवाज आ रही थी, जिससे वो बैचने हो रहा था | उसके मन में अजीब-2 से ख्याल आ रहे थे, जिससे छुटकारा पाने के लिए वो टहल रहा था |

“Hello जिंदल uncle...|” तभी पीछे से Sandy की आवाज उसके कानो में पड़ी |

जिदंल जैसे ही घुमा, उसके पैर कांप गये | गीला चेहरा, आँख पर चोट का निशान, गालो पर नीले धब्बे, होठ पर cut का निशान लिए Sandy हाथ बांधे उसके सामने खड़ी थी | खुदको सभालते हुए अगले ही पल जिंदल ने किसी तरह कांपते हाथों के साथ mobile निकाल लिया था |

“शायद पहले हमें बात कर लेनी चाहिए uncle...?” किसी तरह अपनी बैचेनी को रोकते हुए सुंदर ने बोला |

“मेरे अंदर इतनी हिम्मत नही है बेटी, जो मैं तुम्हारे पापा को इन बातों को समझा सकूं....|” जिंदल ने तुषार को call लगा दी |

दूसरी तरफ तुषार गुरुभान और दूसरे लोगो से बात कर रहा था, तभी जिंदल की call आ गयी | तुषार call को cut कर फिर बातें करने लगा | जिदंल ने फिर से call लगायी |

“मेरी बात तो सुनियें uncle...|” Sandy ने आगे बढ़ जिंदल को रोकना चाहा |

“तुम मुझे कितने भी तर्क दे लेना बेटा...|” जिदंल फिर से mobile पर ring सुनते हुए “मैं तुम्हारे पापा और खासकर तुम्हारी मम्मी को नही समझा पाउँगा...|”

तुषार ने फिर से call cut कर दी |

“Sir...|” कुछ ही पलों के बाद तुषार को पीछे से आवाज आयी |

तुषार के साथ गुरुभान और बाकी guests भी पलटे, तो जिंदल का hologram खड़ा था | तुषार जिंदल को देखने लगा | दूर सूरज की भाभी और मम्मी से बात करती Ice भी उसे देख लेती है |

“मैं खुद dad से बात करूंगी uncle, but आप पहले मेरी बात सुन ले..|” Sandy ने जिंदल का हाथ पकड़ लिया |

“तुम्हें बोला था ना, जब airport पहुंच जाओ...|” Hologram के रूप में प्रकट होता तुषार इनता ही बोल पाया था |

Sandy उसकी तरफ घूम गयी | Party में खड़े तुषार के हाथ से drink का गिलास छुट गया | उसके पास खड़ा हर कोई तुषार को देखने लगा |

“मैं अभी आयी...|” तुषार को देख Ice भी उस तरह चल दी |

 

To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-383. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-383 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-383 Reviewed by Mr.Singh on November 28, 2020 Rating: 5

3 comments:

  1. Oh god ab kya hoga.

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  2. Excellent part
    Can't believe with sandy thakur
    Amazing sir hads off

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  3. Fish at thakur ab Russia main jakar bomb phodega sandy ko dekhkar.

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