Love story, Behind the story of भोली खुशी part-389

Behind the story of भोली खुशी part-389

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-389
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-389

 

गाड़ी में बैठा हुआ विराट मंदाकनी के बारे में हल्की मुस्कान के साथ सोचता इस बात से बेखबर था, उसके बगल में बैठी खुशी, उसकी मुस्कान से अंदाजा लगा रही थी, मंदाकनी और विराट का रिश्ता कैसा रहा होगा...| तभी गाड़ी को हल्का सा झटका लगा, जिससे विराट का ध्यान टूटा और उसने अपने बगल में बैठे bom को देखा | अगले ही पल उसकी सारी पुरानी यादें, सारा romance, सारी मुस्कान स्वाह हो गयी | खुशी की नजरों में उसे दिख गया था, अब उसके साथ क्या होने वाला है |

“वो...|” फिर भी विराट last try करते हुए “तुमने median तो रख ली थी ना...?”

“हाँ, मुझे तो रखनी ही थी, तुम तो अपनी पुरानी girlfriend से लिपटने में busy थे...|” खुशी के हमले चालू हो गये |

“वो मेरी कोई girlfriend नही है...|” विराट सीधा तर्क करते हुए “हम दोस्त है...|”

“मैंने तो तुम्हें कभी किसी दोस्त से इतने कसकर गले लगते नही देखा...?” आँखे छोटी कर खुशी विराट को घूरती हुई “ना ही तुम्हारे चेहरे पर कभी ये smile आयी है |”

“तुम अपना ये औरतों वाली शक करने वाली बीमारी को दूर रखा करो, मैं...|” विराट इतना ही बोल पाया था |

“अब बोलो...|” खुशी ने उसका हाथ अपने पेट पर रख लिया था |

“तुम्हारा दिमाग खराब हो गया...?” विराट की आँखों में गुस्सा तैहरने लगा था |

“कसम खाओ...!!” खुशी ने आँखे बंद कर ली थी |

“Girlfriend थी मेरी, मेरे psychial relation थे उसके साथ, but...|” विराट आवेश में बिना सोचे-समझे बोल बैठा |

“मुझे आगे कुछ नही सुनना...|” खुशी उसका हाथ छोड़ दूसरी तरफ घूम गयी |

“मेरी पूरी बात सुन लो...|” विराट थोड़ा कड़क आवाज में बोलने लगा |

“बोला ना, मुझे कुछ नही सुनना...|” खुशी भी कड़क आवाज में बोल बैठी |

“खुशी...|” विराट ने बात को सभालने की जगह थोड़ा गुस्से में बोलने की कोशिश की |

“Driver गाड़ी रोको...|” खुशी समझने को तैयार नही थी |

गाड़ी रुक गयी | खुशी नीचे उतर गयी |

“पागल हो गयी हो...?” विराट ने उसका हाथ पकड़ना चाहा |

“मुझे थोड़ा business related कुछ काम है, तुम्हें New York जाना है, तो जा सकते हो...|” खुशी ने विराट की तरफ देखा नही था |

खुशी के मुहं से ऐसी बात सुनकर विराट को और ज्यादा गुस्सा आ गया |

“चलो driver...|” विराट खुशी का हाथ झटक देता है |

गाड़ी आगे बढ़ गयी और खुशी विराट की जाती गाड़ी को देखती रही |

 

दूसरी तरफ राहुल भी TV पर चल रही news को देख रहा था |

“ये तुम्हारे dad ने किया है...?” पीछे से सोनम बोली |

“छोटे भाई ने...|” राहुल ने बिना पीछे घुमे बोला |

“सच में...?” सोनम हैरानी के साथ “Do you know, इतना पैसा कितना होता है...?”

“हाँ...|” राहुल Tv screen पर उभर रही गौरव की उभर रही तश्वीर को देखते हुए “पूरी Delhi को खरीद सकते है |”

“तू वहाँ खड़ा क्या कर रहा है, चाय नही पिलानी सबको...?” तभी पहला लड़का राहुल पर चिल्लाया |

राहुल ने उस तरफ देखने के साथ बाहर की तरफ इशारा किया, आज चाय वाला खुद ही सबके लिए चाय लेकर आया था |

“कोई दूसरा काम नही है क्या shop में...?” पहला लड़का दूसरी बात पर भड़कते हुए “जाकर सबकी मदद करो...|” लड़का सोनम पर भी भड़कते हुए “और तू क्या हर time इसके साथ चिपकी रहती है, नैन-मट्टका चल रहा है इसके साथ...?”

“Enough भाई...!!!” सोनम भड़क गया था |

“It’s ok...|” राहुल चलते हुए “इस time वो अपनी जगह पर सही है...|”

सोनम गुस्से से भरी हुई शर्मा को देखने लगी, जिसने अपने हिसाब की book को बंद कर लडके का रुख कर लिया था |

“कौन है वो...?” शर्मा ने सोनम की तरफ इशारा कर लडके का ध्यान खींचा |

“पिता जी वो...|” लकड़ा बहाने बनाने लगा |

“मैंने पूछा कौन है वो...?” शर्मा ने चिल्लाते हुए सबका ध्यान खींच लिया था |

“बहन है मेरी...|” लड़के की आवाज नीची होने लगी थी |

अगले ही पल शर्मा का तमाचा लडके के गाल पर पड़ चुका था |

“जब तुझे अपनी ही बहन की इज्जत का ख्याल नही है...|” शर्मा लडके को हिलाते हुए “दूसरे की बहु-बेटी के बारे में तेरे क्या ख्याल होंगे...?”

हर किसी का ध्यान तो उस तरफ ही था, मगर सब अपने काम में लगे होने का नाटक कर रहे थे |

“गलती हो गयी पिता जी...|” लड़का फिर झुकी गर्दन के साथ बोला |

“मुझे पता है, मेरी बेटी क्या है...|” शर्मा लडके का चेहरा उठाते हुए “उसके भाई होने का फर्ज नही निभा सकता तो उसके character पर बोलने की कोई जरूरत नही है...|”

लडके ने कुछ नही बोला | शर्मा उसे झटकता हुआ वापिस अपने हिसाब की books देखने लगा | सोनम पूरा तमाशा देखने के साथ फिर से राहुल को देखने लगी, जिसे मानों इन चीजों से फर्क ही ना पड़ रहा हो |

 

1 घंटे बाद खुशी, खाती चेतना के पास बैठी सोच रही थी |

“फिर उसने क्या बोला...?” चेतना ने उसका ध्यान थोड़ा |

“उसकी friend है...|” खुशी बिना हिले-डुले बोली |

“उसके बाद....?” चेतना खाती हुई खुशी को ही देख रही थी |

“मैंने उसे बच्चे की कसम दी, तब उसने सच बोला...|” खुशी की आवाज को आँखे नम हो गयी थी |

“क्या सच...?” चेतना ने आगे सवाल किया |

“विराट के psychical relation थे उसके साथ...|” खुशी ने गर्दन झुका ली |

“कब...?” चेतना ने बिना emotion में आये सवाल किया |

“क्या मतलब कब...?” खुशी थोड़ा गुस्से में “उसने starting से ही मुझे cheet किया है, जबसे मेरी life में आया है, चैन से रह नही सकती...|”

“तूने उससे पूछा, वो, जो भी उसका नाम है, वो उसे कबसे जानता है...?” चेतना ने फिर सवाल किया |

“मैं उसके लिए पूरी तरह loyal हूँ, उसे भी मेरे लिए loyal होना चाहिये...|” खुशी ने तर्क दिया |

“क्या उसकी ये girlfriend शादी के बाद की है...?” चेतना का पूरा गणित ही बदल गया |

“I don’t know, बहुत पुरानी friendship है...|” खुशी ने फिर से गर्दन झुकाते हुए बोला |

“मेरी माँ, क्यों अपनी हंसती-खेलती life को hell बनाने पर तुली है...?” चेतना उसके सामने हाथ जोड़ते हुए “मतलब गड़े मुर्दे उखाडकर तुझे क्या मिलेगा...?”

“वो cheter है...|” खुशी चेतना को देखकर “उसके शादी से पहले कितनी ही लडकियों के साथ relation रहे है...|”

“तू कौन सी दूध की धुली है...?” चेतना ने खुशी के कंधे पर हाथ मारा |

“तूने मुझे किसके साथ बेड पर देखा है...?” खुशी तिलमिलाती हुई “कितने लडकों के साथ मैंने relation बनाये है...?”

“Boyfriends तो थे ना...?” चेतना उसी tone में खुशी को जवाब देती हुई “Dates पर गयी थी ना, chance थे ना...?”

“मैंने कभी किसी को खुदको touch करने नही दिया...|” खुशी अपने character को लेकर पूरी तरफ strong थी |

“हो सकता था ना...?” चेतना अभी भी तर्क करते हुए “तब भी तू इसी तरह react करती...?”

खुशी इस कश्मकश में नही पड़ना चाहती थी, उसे बस इतना पता था, विराट ने उसे cheat किया है |

“वो तुझे 100 गुना advance दुनियाँ में पला बड़ा है, उसका culture तुझे अलग रहा है...|” चेतना विराट की side ले रही थी |

“तो तेरे कहने का मलतब है, विराट ठीक है...?” खुशी को गुस्सा आ गया |

“मैं इतना बोल रही हूँ, जिस culture में वो पला बड़ा है, वहाँ शादी से पहले बच्चे हो जाते है, उसके बाद भी शादी नही होती...|” चेतना खुशी के गुस्से पर थोड़ा समझदारी छिडकते हुए “और maximum शादियाँ खाली fashion के लिए की जाती है...|”

खुशी ने अभी भी चेतना को नही देखा था |

“अच्छा मुझे ये बात, तूने शादी के बाद उसे कभी किसी लड़की के साथ देखा है...?” चेतना खुशी के हाथ पर हाथ रखती हुई “किसी लड़की से phone पर, उसके office में, business meeting में, यहाँ तक की TV में भी कभी देखा है...?”

खुशी को याद नही था, उसने कभी विराट को किसी लकड़ी के साथ देखा हो |

“तू world की number 18 richest family की बड़ी बहु है...|” चेतना सोचती खुशी का ध्यान तोड़ते हुए “पूरे world में फैले business और इतना busy होने के बाद भी वो तेरे लिए हर जगह पहुंच जाता है, तुझे पूरा time देता है, इससे ज्यादा loyalty क्या हो सकती है...?”

खुशी सोचने की कोशिश कर रही थी |

“रही बात तेरी life में आने की तो...|” चेतना खाने की plate side रखते हुए “वो तेरी life में नही आया है, तू उसकी life में घुसी है, उसने तुझे जबरजस्ती शादी नही की है, तूने धोखे से उससे शादी की है |”

“तो क्या मैं गलत हूँ, उसके इतनी लडकियों के साथ relation रहे है, जिससे भी मिलो, हर दूसरी लड़की उसकी girlfriend निकलती है...|” खुशी अपनी मासूमियत के साथ “मुझे पर क्या बीतती है, कोई idea है तुझे...?”

“शादी होने के बाद कितनी रही है...?” चेतना ने आगे सवाल किया |

“पता नही...?” खुशी ने मुहं बनाते हुए बोला |

“पता नही, या एक भी नही...?” चेतना ने खुद ही जवाब ले लिया |

“पता नही...!!!” खुशी ने कड़क आवाज में बोला |

तभी खुशी का mobile बजने लगा | खुशी ने ध्यान नही दिया |

“Aunty की call है...|” चेतना ने खुशी के सामने पड़े mobile को देखते हुए call receive कर ली |

“खुशी...!!!” तभी राशि की गुस्से से भरी आवाज आयी |

“हाँ mom...?” चेतना को घूरती खुशी बोल पड़ी |

“तूने क्या बोला विराट को, वो वापिस जाने के लिए packing कर रहा है...?” राशि की आवाज चिल्लाने वाली थी |

सुनते ही खुशी को धक्का लगा, उसने विराट को गुस्से में शायद कुछ ज्यादा ही बोल दिया था |

“अब बोलेगी, क्या हुआ...?” राशि की आवाज ने उसका ध्यान थोड़ा |

“जाने दो, मुझे भी उसकी जरूरत नही है....|” इतना समझाने के बाद भी खुशी की कुछ समझ में नही आया |

चेतना ने अपने माथे में हाथ मार लिया |

“मगर हुआ क्या, तुझे कभी अक्ल आएगी भी या नही...?” राशि चिल्लायी थी |

खुशी ने गुस्से में call cut कर दी |

“मेरे पास तेरी problem का इलाज नही है, तू जा...|” चेतना ने खुशी के सामने हाथ जोड़ लिए |

 

गाड़ी में बैठी घर के लिए जाती खुशी अपने मन में फिर से दो भागो की लड़ाई के बीच खड़ी थी |

“तुझे सच में विराट से problem है...?” भोली खुशी, पत्थर खुशी से बोली |

“मुझे उसके charecter से problem है...|” पत्थर खुशी बोली |

“क्यों, उसने तेरे साथ ऐसा क्या कर दिया...?” भोली खुशी ने जोश के साथ बोला |

“क्या बात है, बन तो रही हो, जैसे खुदको कुछ पता ही ना हो...|” पत्थर खुशी उसे घूरते हुए “पता है वो कितनी लडकियों के साथ सोया है, मुझे नफरत होती है ये सब सोचकर भी...|”

सुनते ही खुशी की मुट्ठी गुस्से में तन गयी |

“मतलब चेतना ने इतना समझाया, उसका कोई फर्क नही पड़ा...?” भोली खुशी बोली |

फिर से सुनते ही खुशी normal way पर आ गयी |

“दूसरों को बातें सुनाना और खुद सहने में फर्क होता है...|” पत्थर खुशी उसे घूरते हुए “जब खुदका पति ये सब करता है, तब...|”

“पति...|” भोली खुशी, पत्थर खुशी के words को पकड़ते हुए “तुम्हारा पति कितना दूसरी लडकियों के साथ सोया है...?”

“List नही पता...|” पत्थर खुशी बोल ही रही थी |

“मैं विराट की बात नही कर रही...|” भोली खुशी आज समझदारी का परिचय देते हुए “तुम्हारे husband की बात कर रही हूँ...|”

“दोनों में फर्क क्या है...?” आज पत्थर खुशी, भोली खुशी बनी हुई थी |

“विराट मतलब, बच्पन से लेकर तुमसे शादी होने तक वाला विराट और...|” भोली खुशी बड़े ध्यान से पत्थर खुशी को देखते हुए “तुम्हारा husband मतबल...?”

“शादी होने के बाद वाला विराट...|” खुशी बोल पड़ी |

“आपने कुछ बोला madam...?” Driver ने सवाल किया |

“Nothing...|” खुशी बोली |

पत्थर खुशी चुप थी, मतलब उसे भी पता था, विराट ने शादी के बाद किसी दूसरी लड़की की तरफ आँख उठाकर भी नही देखा |

“नही ना...?” भोली खुशी अपने तर्क की जीत पर जोश में “मैं चेतना की बात से सहमत हूँ, तुम (खुद खुशी) इस पागल के सबसे बड़ी दुश्मन हो...|”

खुशी थोड़ा परेशानी में पत्थर खुशी को देखने लगी |

“अगर वो अभी भी पहले जैसा ही हो तो...?” पत्थर खुशी सवाल करते हुए “वो अभी भी लडकियों के साथ सोता हो...?”

“होने को तो कुछ भी हो सकता है ना...?” भोली खुशी अपने नाख़ून देखते हुए “क्या पता तुम्हारा विराट से दिल भर गया हो और तुम तर्को की help से किसी दूसरे को...|”

“मैंने तेरा खून पी जाउंगी, अगर इससे आगे एक भी words बोला तो...!!!!” पत्थर खुशी आगबबूला होकर भोली खुशी पर चिल्लायी थी |

खुशी ने माथे पर गुस्से से भरा पसीना था |

“इतना भड़क क्यों रही हो, तुमने सवाल किया और मैंने उसका जवाब दिया है..|” भोली खुशी बोली |

“तू विराट का इनता fever ले रही है, अगर वो इतना ही सच्चा है तो चला क्यों गया...?” पत्थर खुशी फिर से खुशी का गुस्सा भडकाती हुई बोली |

“मैंने माना वो बुरा है, तो तू कौन सा अच्छी है...?” भोली खुशी उल्टा जवाब देते हुए “तूने रोका क्यों नही उसे, तूने भी तो उसके जैसा ही react किया ना...?”

पत्थर खुशी का चेहरा फिर से दूसरी तरफ घूम गया था और खुशी फिर सोचती हुई परेशान हो गयी |

“पता है, विराट का इस time पास होना, इसके (खुशी) और बच्चे के लिए कितना जरूरी है...?” भोली कड़क आवाज में “आयी बड़ी सती सावित्री बनने...?”

तभी गाड़ी रुकी और खुशी का ध्यान टूट गया | खुशी सोचती हुई घर के अंदर चली गयी |

 

“पता नही खुदको क्या समझता है, एक बार फिर से बात करने की कोशिश भी नही की...|” मन में बडबडाती खुशी जली-भूनी अंदर आती हुई “देखना मैं भी बात नही करूंगी...|”

खुशी hall तक पहुंची थी, सामने सोफे पर सर पकड़े बैठी राशि को देख उसके कदम रुक गये | राशि नीची गर्दन मगर गुस्से में लाल आँखों के साथ उसे देख रही थी |

“विराट गये क्या...?” खुशी ने एक नासमझी वाला सवाल किया |

राशि किसी शेरनी की तरफ घुराहने के लिए जैसे ही उठने लगी |

“मेरी तबियत ठीक नही है, मुझे आराम करना है...|” खुशी राशि के बोलने से पहले ही अपने पेट पर हाथ रख room की तरफ बढ़ गयी |

राशि घूरती हुई उसे देखती रही | खुशी अपने रुधते गले और गीली होती आँखों के साथ room का दरवाजा खोल अंदर चली गयी | राशि अब दोनों हाथो से सर पकड़े बैठी थी |

 

किसी बच्चे की तरफ रूठी खुशी ने गुस्से में अपनी साड़ी उतारक जैसे ही बेड का रुख किया, विराट वही बैठा laptop पर काम कर रहा था | खुशी उसे देखकर हैरान और खुश दोनों थी, मगर उसने react नही किया |

“तुम तो चले गये थे ना...?” खुशी अपनी साड़ी उठाकर अलमारी खोल कपड़ों को देख मुस्कुरा रही थी |

विराट शेर की तरह घुर्हाता हुआ खाली उसे देखता ही रहा |

 

गाड़ी में बैठा हुआ विराट मंदाकनी के बारे में हल्की मुस्कान के साथ सोचता इस बात से बेखबर था, उसके बगल में बैठी खुशी, उसकी मुस्कान से अंदाजा लगा रही थी, मंदाकनी और विराट का रिश्ता कैसा रहा होगा...| तभी गाड़ी को हल्का सा झटका लगा, जिससे विराट का ध्यान टूटा और उसने अपने बगल में बैठे bom को देखा | अगले ही पल उसकी सारी पुरानी यादें, सारा romance, सारी मुस्कान स्वाह हो गयी | खुशी की नजरों में उसे दिख गया था, अब उसके साथ क्या होने वाला है |

“वो...|” फिर भी विराट last try करते हुए “तुमने median तो रख ली थी ना...?”

“हाँ, मुझे तो रखनी ही थी, तुम तो अपनी पुरानी girlfriend से लिपटने में busy थे...|” खुशी के हमले चालू हो गये |

“वो मेरी कोई girlfriend नही है...|” विराट सीधा तर्क करते हुए “हम दोस्त है...|”

“मैंने तो तुम्हें कभी किसी दोस्त से इतने कसकर गले लगते नही देखा...?” आँखे छोटी कर खुशी विराट को घूरती हुई “ना ही तुम्हारे चेहरे पर कभी ये smile आयी है |”

“तुम अपना ये औरतों वाली शक करने वाली बीमारी को दूर रखा करो, मैं...|” विराट इतना ही बोल पाया था |

“अब बोलो...|” खुशी ने उसका हाथ अपने पेट पर रख लिया था |

“तुम्हारा दिमाग खराब हो गया...?” विराट की आँखों में गुस्सा तैहरने लगा था |

“कसम खाओ...!!” खुशी ने आँखे बंद कर ली थी |

“Girlfriend थी मेरी, मेरे psychical relation थे उसके साथ, but...|” विराट आवेश में बिना सोचे-समझे बोल बैठा |

“मुझे आगे कुछ नही सुनना...|” खुशी उसका हाथ छोड़ दूसरी तरफ घूम गयी |

“मेरी पूरी बात सुन लो...|” विराट थोड़ा कड़क आवाज में बोलने लगा |

“बोला ना, मुझे कुछ नही सुनना...|” खुशी भी कड़क आवाज में बोल बैठी |

“खुशी...|” विराट ने बात को सभालने की जगह थोड़ा गुस्से में बोलने की कोशिश की |

“Driver गाड़ी रोको...|” खुशी समझने को तैयार नही थी |

गाड़ी रुक गयी | खुशी नीचे उतर गयी |

“पागल हो गयी हो...?” विराट ने उसका हाथ पकड़ना चाहा |

“मुझे थोड़ा business related कुछ काम है, तुम्हें New York जाना है, तो जा सकते हो...|” खुशी ने विराट की तरफ देखा नही था |

खुशी के मुहं से ऐसी बात सुनकर विराट को और ज्यादा गुस्सा आ गया |

“चलो driver...|” विराट खुशी का हाथ झटक देता है |

गाड़ी आगे बढ़ गयी और खुशी विराट की जाती गाड़ी को देखती रही |

 

दूसरी तरफ राहुल भी TV पर चल रही news को देख रहा था |

“ये तुम्हारे dad ने किया है...?” पीछे से सोनम बोली |

“छोटे भाई ने...|” राहुल ने बिना पीछे घुमे बोला |

“सच में...?” सोनम हैरानी के साथ “Do you know, इतना पैसा कितना होता है...?”

“हाँ...|” राहुल Tv screen पर उभर रही गौरव की उभर रही तश्वीर को देखते हुए “पूरी Delhi को खरीद सकते है |”

“तू वहाँ खड़ा क्या कर रहा है, चाय नही पिलानी सबको...?” तभी पहला लड़का राहुल पर चिल्लाया |

राहुल ने उस तरफ देखने के साथ बाहर की तरफ इशारा किया, आज चाय वाला खुद ही सबके लिए चाय लेकर आया था |

“कोई दूसरा काम नही है क्या shop में...?” पहला लड़का दूसरी बात पर भड़कते हुए “जाकर सबकी मदद करो...|” लड़का सोनम पर भी भड़कते हुए “और तू क्या हर time इसके साथ चिपकी रहती है, नैन-मट्टका चल रहा है इसके साथ...?”

“Enough भाई...!!!” सोनम भड़क गया था |

“It’s ok...|” राहुल चलते हुए “इस time वो अपनी जगह पर सही है...|”

सोनम गुस्से से भरी हुई शर्मा को देखने लगी, जिसने अपने हिसाब की book को बंद कर लडके का रुख कर लिया था |

“कौन है वो...?” शर्मा ने सोनम की तरफ इशारा कर लडके का ध्यान खींचा |

“पिता जी वो...|” लकड़ा बहाने बनाने लगा |

“मैंने पूछा कौन है वो...?” शर्मा ने चिल्लाते हुए सबका ध्यान खींच लिया था |

“बहन है मेरी...|” लड़के की आवाज नीची होने लगी थी |

अगले ही पल शर्मा का तमाचा लडके के गाल पर पड़ चुका था |

“जब तुझे अपनी ही बहन की इज्जत का ख्याल नही है...|” शर्मा लडके को हिलाते हुए “दूसरे की बहु-बेटी के बारे में तेरे क्या ख्याल होंगे...?”

हर किसी का ध्यान तो उस तरफ ही था, मगर सब अपने काम में लगे होने का नाटक कर रहे थे |

“गलती हो गयी पिता जी...|” लड़का फिर झुकी गर्दन के साथ बोला |

“मुझे पता है, मेरी बेटी क्या है...|” शर्मा लडके का चेहरा उठाते हुए “उसके भाई होने का फर्ज नही निभा सकता तो उसके character पर बोलने की कोई जरूरत नही है...|”

लडके ने कुछ नही बोला | शर्मा उसे झटकता हुआ वापिस अपने हिसाब की books देखने लगा | सोनम पूरा तमाशा देखने के साथ फिर से राहुल को देखने लगी, जिसे मानों इन चीजों से फर्क ही ना पड़ रहा हो |

 

1 घंटे बाद खुशी, खाती चेतना के पास बैठी सोच रही थी |

“फिर उसने क्या बोला...?” चेतना ने उसका ध्यान थोड़ा |

“उसकी friend है...|” खुशी बिना हिले-डुले बोली |

“उसके बाद....?” चेतना खाती हुई खुशी को ही देख रही थी |

“मैंने उसे बच्चे की कसम दी, तब उसने सच बोला...|” खुशी की आवाज को आँखे नम हो गयी थी |

“क्या सच...?” चेतना ने आगे सवाल किया |

“विराट के psychical relation थे उसके साथ...|” खुशी ने गर्दन झुका ली |

“कब...?” चेतना ने बिना emotion में आये सवाल किया |

“क्या मतलब कब...?” खुशी थोड़ा गुस्से में “उसने starting से ही मुझे cheat किया है, जबसे मेरी life में आया है, चैन से रह नही सकती...|”

“तूने उससे पूछा, वो, जो भी उसका नाम है, वो उसे कबसे जानता है...?” चेतना ने फिर सवाल किया |

“मैं उसके लिए पूरी तरह loyal हूँ, उसे भी मेरे लिए loyal होना चाहिये...|” खुशी ने तर्क दिया |

“क्या उसकी ये girlfriend शादी के बाद की है...?” चेतना का पूरा गणित ही बदल गया |

“I don’t know, बहुत पुरानी friendship है...|” खुशी ने फिर से गर्दन झुकाते हुए बोला |

“मेरी माँ, क्यों अपनी हंसती-खेलती life को hell बनाने पर तुली है...?” चेतना उसके सामने हाथ जोड़ते हुए “मतलब गड़े मुर्दे उखाडकर तुझे क्या मिलेगा...?”

“वो cheter है...|” खुशी चेतना को देखकर “उसके शादी से पहले कितनी ही लडकियों के साथ relation रहे है...|”

“तू कौन सी दूध की धुली है...?” चेतना ने खुशी के कंधे पर हाथ मारा |

“तूने मुझे किसके साथ बेड पर देखा है...?” खुशी तिलमिलाती हुई “कितने लडकों के साथ मैंने relation बनाये है...?”

“Boyfriends तो थे ना...?” चेतना उसी tone में खुशी को जवाब देती हुई “Dates पर गयी थी ना, chance थे ना...?”

“मैंने कभी किसी को खुदको touch करने नही दिया...|” खुशी अपने charecter को लेकर पूरी तरफ strong थी |

“हो सकता था ना...?” चेतना अभी भी तर्क करते हुए “तब भी तू इसी तरह react करती...?”

खुशी इस कश्मकश में नही पड़ना चाहती थी, उसे बस इतना पता था, विराट ने उसे cheat किया है |

“वो तुझे 100 गुना advance दुनियाँ में पला बड़ा है, उसका culture तुझे अलग रहा है...|” चेतना विराट की side ले रही थी |

“तो तेरे कहने का मलतब है, विराट ठीक है...?” खुशी को गुस्सा आ गया |

“मैं इतना बोल रही हूँ, जिस culture में वो पला बड़ा है, वहाँ शादी से पहले बच्चे हो जाते है, उसके बाद भी शादी नही होती...|” चेतना खुशी के गुस्से पर थोड़ा समझदारी छिडकते हुए “और maxium शादियाँ खाली fashion के लिए की जाती है...|”

खुशी ने अभी भी चेतना को नही देखा था |

“अच्छा मुझे ये बात, तूने शादी के बाद उसे कभी किसी लड़की के साथ देखा है...?” चेतना खुशी के हाथ पर हाथ रखती हुई “किसी लड़की से phone पर, उसके office में, business meeting में, यहाँ तक की TV में भी कभी देखा है...?”

खुशी को याद नही था, उसने कभी विराट को किसी लकड़ी के साथ देखा हो |

“तू world की number 18 richest family की बड़ी बहु है...|” चेतना सोचती खुशी का ध्यान तोड़ते हुए “पूरे world में फैले business और इतना busy होने के बाद भी वो तेरे लिए हर जगह पहुंच जाता है, तुझे पूरा time देता है, इससे ज्यादा loyalty क्या हो सकती है...?”

खुशी सोचने की कोशिश कर रही थी |

“रही बात तेरी life में आने की तो...|” चेतना खाने की plate side रखते हुए “वो तेरी life में नही आया है, तू उसकी life में घुसी है, उसने तुझे जबरजस्ती शादी नही की है, तूने धोखे से उससे शादी की है |”

“तो क्या मैं गलत हूँ, उसके इतनी लडकियों के साथ relation रहे है, जिससे भी मिलो, हर दूसरी लड़की उसकी girlfriend निकलती है...|” खुशी अपनी मासूमियत के साथ “मुझे पर क्या बीतती है, कोई idea है तुझे...?”

“शादी होने के बाद कितनी रही है...?” चेतना ने आगे सवाल किया |

“पता नही...?” खुशी ने मुहं बनाते हुए बोला |

“पता नही, या एक भी नही...?” चेतना ने खुद ही जवाब ले लिया |

“पता नही...!!!” खुशी ने कड़क आवाज में बोला |

तभी खुशी का mobile बजने लगा | खुशी ने ध्यान नही दिया |

“Aunty की call है...|” चेतना ने खुशी के सामने पड़े mobile को देखते हुए call receive कर ली |

“खुशी...!!!” तभी राशि की गुस्से से भरी आवाज आयी |

“हाँ mom...?” चेतना को घूरती खुशी बोल पड़ी |

“तूने क्या बोला विराट को, वो वापिस जाने के लिए packing कर रहा है...?” राशि की आवाज चिल्लाने वाली थी |

सुनते ही खुशी को धक्का लगा, उसने विराट को गुस्से में शायद कुछ ज्यादा ही बोल दिया था |

“अब बोलेगी, क्या हुआ...?” राशि की आवाज ने उसका ध्यान थोड़ा |

“जाने दो, मुझे भी उसकी जरूरत नही है....|” इतना समझाने के बाद भी खुशी की कुछ समझ में नही आया |

चेतना ने अपने माथे में हाथ मार लिया |

“मगर हुआ क्या, तुझे कभी अक्ल आएगी भी या नही...?” राशि चिल्लायी थी |

खुशी ने गुस्से में call cut कर दी |

“मेरे पास तेरी problem का इलाज नही है, तू जा...|” चेतना ने खुशी के सामने हाथ जोड़ लिए |

 

गाड़ी में बैठी घर के लिए जाती खुशी अपने मन में फिर से दो भागो की लड़ाई के बीच खड़ी थी |

“तुझे सच में विराट से problem है...?” भोली खुशी, पत्थर खुशी से बोली |

“मुझे उसके charecter से problem है...|” पत्थर खुशी बोली |

“क्यों, उसने तेरे साथ ऐसा क्या कर दिया...?” भोली खुशी ने जोश के साथ बोला |

“क्या बात है, बन तो रही हो, जैसे खुदको कुछ पता ही ना हो...|” पत्थर खुशी उसे घूरते हुए “पता है वो कितनी लडकियों के साथ सोया है, मुझे नफरत होती है ये सब सोचकर भी...|”

सुनते ही खुशी की मुट्ठी गुस्से में तन गयी |

“मतलब चेतना ने इतना समझाया, उसका कोई फर्क नही पड़ा...?” भोली खुशी बोली |

फिर से सुनते ही खुशी normal way पर आ गयी |

“दूसरों को बातें सुनाना और खुद सहने में फर्क होता है...|” पत्थर खुशी उसे घूरते हुए “जब खुदका पति ये सब करता है, तब...|”

“पति...|” भोली खुशी, पत्थर खुशी के words को पकड़ते हुए “तुम्हारा पति कितना दूसरी लडकियों के साथ सोया है...?”

“List नही पता...|” पत्थर खुशी बोल ही रही थी |

“मैं विराट की बात नही कर रही...|” भोली खुशी आज समझदारी का परिचय देते हुए “तुम्हारे husband की बात कर रही हूँ...|”

“दोनों में फर्क क्या है...?” आज पत्थर खुशी, भोली खुशी बनी हुई थी |

“विराट मतलब, बच्पन से लेकर तुमसे शादी होने तक वाला विराट और...|” भोली खुशी बड़े ध्यान से पत्थर खुशी को देखते हुए “तुम्हारा husband मतबल...?”

“शादी होने के बाद वाला विराट...|” खुशी बोल पड़ी |

“आपने कुछ बोला madam...?” Driver ने सवाल किया |

“Nothing...|” खुशी बोली |

पत्थर खुशी चुप थी, मतलब उसे भी पता था, विराट ने शादी के बाद किसी दूसरी लड़की की तरफ आँख उठाकर भी नही देखा |

“नही ना...?” भोली खुशी अपने तर्क की जीत पर जोश में “मैं चेतना की बात से सहमत हूँ, तुम (खुद खुशी) इस पागल के सबसे बड़ी दुश्मन हो...|”

खुशी थोड़ा परेशानी में पत्थर खुशी को देखने लगी |

“अगर वो अभी भी पहले जैसा ही हो तो...?” पत्थर खुशी सवाल करते हुए “वो अभी भी लडकियों के साथ सोता हो...?”

“होने को तो कुछ भी हो सकता है ना...?” भोली खुशी अपने नाख़ून देखते हुए “क्या पता तुम्हारा विराट से दिल भर गया हो और तुम तर्को की help से किसी दूसरे को...|”

“मैंने तेरा खून पी जाउंगी, अगर इससे आगे एक भी words बोला तो...!!!!” पत्थर खुशी आगबबूला होकर भोली खुशी पर चिल्लायी थी |

खुशी ने माथे पर गुस्से से भरा पसीना था |

“इतना भड़क क्यों रही हो, तुमने सवाल किया और मैंने उसका जवाब दिया है..|” भोली खुशी बोली |

“तू विराट का इनता fever ले रही है, अगर वो इतना ही सच्चा है तो चला क्यों गया...?” पत्थर खुशी फिर से खुशी का गुस्सा भडकाती हुई बोली |

“मैंने माना वो बुरा है, तो तू कौन सा अच्छी है...?” भोली खुशी उल्टा जवाब देते हुए “तूने रोका क्यों नही उसे, तूने भी तो उसके जैसा ही react किया ना...?”

पत्थर खुशी का चेहरा फिर से दूसरी तरफ घूम गया था और खुशी फिर सोचती हुई परेशान हो गयी |

“पता है, विराट का इस time पास होना, इसके (खुशी) और बच्चे के लिए कितना जरूरी है...?” भोली कड़क आवाज में “आयी बड़ी सती सावित्री बनने...?”

तभी गाड़ी रुकी और खुशी का ध्यान टूट गया | खुशी सोचती हुई घर के अंदर चली गयी |

 

“पता नही खुदको क्या समझता है, एक बार फिर से बात करने की कोशिश भी नही की...|” मन में बडबडाती खुशी जली-भूनी अंदर आती हुई “देखना मैं भी बात नही करूंगी...|”

खुशी hall तक पहुंची थी, सामने सोफे पर सर पकड़े बैठी राशि को देख उसके कदम रुक गये | राशि नीची गर्दन मगर गुस्से में लाल आँखों के साथ उसे देख रही थी |

“विराट गये क्या...?” खुशी ने एक नासमझी वाला सवाल किया |

राशि किसी शेरनी की तरफ घुराहने के लिए जैसे ही उठने लगी |

“मेरी तबियत ठीक नही है, मुझे आराम करना है...|” खुशी राशि के बोलने से पहले ही अपने पेट पर हाथ रख room की तरफ बढ़ गयी |

राशि घूरती हुई उसे देखती रही | खुशी अपने रुधते गले और गीली होती आँखों के साथ room का दरवाजा खोल अंदर चली गयी | राशि अब दोनों हाथो से सर पकड़े बैठी थी |

 

किसी बच्चे की तरफ रूठी खुशी ने गुस्से में अपनी साड़ी उतारक जैसे ही बेड का रुख किया, विराट वही बैठा laptop पर काम कर रहा था | खुशी उसे देखकर हैरान और खुश दोनों थी, मगर उसने react नही किया |

“तुम तो चले गये थे ना...?” खुशी अपनी साड़ी उठाकर अलमारी खोल कपड़ों को देख मुस्कुरा रही थी |

विराट शेर की तरह घुर्हाता हुआ खाली उसे देखता ही रहा |

 

To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-389. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-389 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-389 Reviewed by Mr.Singh on December 06, 2020 Rating: 5

1 comment:

  1. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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