Love story, Behind the story of भोली खुशी part-390

Behind the story of भोली खुशी part-390

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-390

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-390

 खुशी से झगड़े के बाद रूकती गाड़ी के साथ विराट गुस्से में घर के अंदर entry लेता है | राशि mobile पर किसी से बातें करने में लगी हुई थी, मगर विराट को तेजी से अंदर आते देख उसने call cut दी |
“सब ठीक हो है ना विराट...?” राशि किसी दूसरी चिंता में डूब गयी थी |“हाँ वो...|” अपने गुस्से को काबू में रखते हुए विराट दूसरी side देखते हुए “सब ठीक है, मुझे थोड़ा सा काम है, तो मुझे अभी USA के लिए निकलना है...|”
“क्या...?” राशि विराट की बातों को पचा ना पाने एक साथ “अभी, खुशी कहाँ है...?” राशि ने बाहर की तरह देखा |
“वो...!!!!” अपने ऊपर उठे सुर और दबाती मुठी को रोकते हुए विराट “उसे एक urgent meeting के लिय जाना पड़ गया, so वो बाद में आएगी, मुझे packing करनी है...|”
“विराट...|” राशि ने एक हक के साथ विराट को आवाज दी |
“सब ठीक है मम्मी जी...|” विराट रुककर राशि को देखते हुए “आप tension मत लीजिये...|”
“मुझे तुम्हारी नही, उस पागल की tension है, तुम्हारे बिना वो अपना क्या हाल करेगी, मुझे तो सचकर भी चक्कर आ रहे है...|” राशि अपना सर पकड़ लेती है |
“Don’t worry मम्मी जी...|” विराट अभी भी हावी गुस्से के साथ “वो सभाल लेगी |” कहते हुए विराट खुशी के room की तरफ बढ़ गया |
“ये पागल पता नही कब एक family को सभालना सीखेगी...|” राशि ने गुस्से में mobile उठाया और खुशी को call लगा दी |
खुशी call pick नही कर रही थी, जिससे राशि का पारा चढ़ रहा था |
“Phone उठाओ खुशी...|” राशि ने बोला ही था |
 तभी खुशी की call उठ गयी |
“तूने क्या बोला विराट को, वो वापिस जाने के लिए packing कर रहा है...?” राशि की आवाज चिल्लाने वाली थी |
सुनते ही खुशी को धक्का लगा, उसने विराट को गुस्से में शायद कुछ ज्यादा ही बोल दिया था |
“अब बोलेगी, क्या हुआ...?” राशि की आवाज ने उसका ध्यान थोड़ा |
“जाने दो, मुझे भी उसकी जरूरत नही है....|” इतना समझाने के बाद भी खुशी की कुछ समझ में नही आया |
“अब मैं क्या करूं...?” राशि अपना सर पकड़कर बैठ गयी |
 
“क्या समझती है खुदको, मैं उसके बिना नही रह सकता...?” विराट अपने कपड़े pack करते हुए “हर बार उसे ही गुस्सा आ सकता है...?”
विराट ने अपने laptop को बंद कर लिया था |
“मान लिया, शादी से पहले मेरे कुछ relation थे, मगर उसे ये नही दिखा, अब मैं किसे देखता हूँ...?” विराट खुद ही सवाल और खुद ही जवाब देने में लगा था |
सामान pack करते हुए विराट को गाड़ी में फिर से खुशी के साथ हुई बहस याद आ गयी |
“मैं भी देखता हूँ, कब तक गुस्सा रह लेगी...?” कहते हुए विराट ने बैग की चैन लगायी ही थी |
“क्या हो रहा है...?” तभी पीछे से बिल्लों की आवाज आयी |
बिल्लों की आवाज सुनते ही विराट ठंडा हो गया | उसके हाथ में इतनी भी जान नही रही थी, वो बैग को उठा तो सके |
“तू सामान pack करके कहाँ जा रहा है...?” अगले ही पल तुषार की आवाज सुनते ही विराट की रही-सही जान भी बाहर आ गयी |
विराट हिला नही |
“तू कर क्या रहा है...?” तुषार ने उसे फिर से टोका |
विराट अब उन दोनों की तरह घूम गया था | बिल्लों और तुषार के hologram होने के बाद भी चेहरे पर सवाल दिख रहे थे |
“बोलोगे...?” बिल्लों ने विराट का ध्यान खींचा |
“वो...|” विराट अपने बैग को देखते हुए “मेरी एक meeting है, तो मैं घर आ रहा है...|”
“खुशी कहां है...?” तुषार खुशी को देखने की ललक में “तुम doctor के पास गये थे, क्या बोला उन्होंने...?”
“वो एक meeting के लिए गयी है, मेरे साथ नही आयी...|” विराट की नजरें इधर-उधर हो रही थी |
“विराट....|” बिल्लों की आवाज में इतना ठहराव था, विराट का ज्यादा देर रुकना मुश्किल था |
“क्या हुआ...?” तुषार ने बिल्लों को देखा |
“ये खुशी से झगड़ा करके यहाँ से जा रहा है...|” बिल्लों सही बात को पकड़ गयी |
“What...?” तुषार बिल्लों की बात सुन, विराट के बैग, उसके व्यवहार को note करने लगा |
“ऐसा कुछ नही है mom...|” विराट सफाई देने लगा |
“चुप...!!!” बिल्लों विराट को चुप करते हुए “हमें सीखा रहा है...?”
“विराट, तुम्हारी mom ठीक बोल रही है क्या...?” तुषार ने अब कड़क आवाज में विराट को देखा |
विराट ने कोई जवाब नही दिया, मतलब वो अब झूठ नही बोल सकता है |
“इतना समझदार होने के बाद भी तू ऐसी नादानी करता है...?” तुषार ने थोड़ा हैरानी में पूछा |
“Dad वो...|” अब विराट कैसे बोले, उसके और खुशी के बीच किस बात को लेकर झगड़ा हुआ है |
“तेरी बातें नही समझती, तेरा कहना नही मानती, बहस करती है...?” बिल्लों ने विराट की भावनाओ को words दिए |
“वो मुझ पर शक करती है...|” विराट अपनी गर्दन झुकाते हुए बोला |
“इसमें नया क्या है, ये तो दुनियाँ की हर औरत करती है...|” तुषार तपाक से बोल गया |
बिल्लों तुषार को घूरने लगी |
“वो जर्बदस्ती की जद और उल्टे सीधे सवाल करके मुझे गुस्सा दिला देती है...|” विराट ने आगे बोला |
“ये भी हर औरत करती है...|” तुषार फिर बोला |
“तुम चुप रहोगे...?” बिल्लों तुषार पर भडकने लगी |
तुषार ने अपने होठों पर ऊँगली रख ली |
“विराट...|” बिल्लों एक पल की शांति के साथ विराट से “जब लडके और लड़की की शादी होती है, तब उनकी personality में change होकर वो husband-wife बनते है...|” बिल्लों विराट की तरफ चलते हुए “और जब बच्चे होते है, तो फिर से उनकी personality में change आते है, ऐसे time पर रिश्तें तोड़े नही जाते, उन्हें सभाला जाता है..|”
“Mom वो...|” विराट फिर से तर्क करने लगा |
“अगर life में सकुन चाहिए तो झुकना सीख विराट...|” तुषार भी आकर बिल्लों की जगह बोलते हुए “तैश में आकर रिश्ते एक पल में टूट जाते है, मगर उनको जोड़ने में पूरी life निकल जाती है |”
विराट तुषार को देखने लगा |
“अपने गुस्से और अहम की जगह, अपने सकुन, हमारे बारे में, खुशी के बारे में, खुशी की family के बारे...|” बिल्लों विराट के गाल को छूते हुए “अपने बच्चे के बारे में सोच...|” बिल्लों प्यार से विराट की आखों में देखते हुए “अगर तेरा गुस्सा और तेरा अहम, इन सबसे ऊपर है तो, बैग उठा और घर आ जा...|”
बिल्लों ने विराट के पैरों में बेड़ियाँ ही ऐसी डाली थी, वो चाहकर भी उन्हें तोड़ नही सकता था |
“Doctor ने क्या बोला...?” सोचते विराट को देख बिल्लों समझ गयी, विराट क्या फैसला लेगा |
“सब ठीक है...|” विराट ने सोचते हुए बोला |
बिल्लों, तुषार को देखती हुई चलने का इशारा करती है | दोनों विराट को देखते हुए गायब हो गये | यादों से बाहर आते हुए विराट अपने गुस्से को चादर को भीचने तक सीमित रखते हुए अभी भी खुशी को घूर रहा था |
“क्या...?” खुशी विराट के गुस्से से ना डरते हुए “घूर क्यों रहे है, मारोगे...?”
विराट इस time बेड़ियों में जकड़े शेर की तरह था, जो बस छटपटा सकता था, मगर कुछ करने की हालत में नही था |
“मैंने तो रुकने के लिए बोला ना...?” खुशी अंदर से डरी हुई थी, मगर फिर भी शेर की मुछ के बाल खीचने में उसे मजा आ रहा था |
विराट गुस्से को कम करने के लिए वापिस laptop को देखने लगे |
“कोई जरूरी meeting आ गयी होगी, जो रुक गये...?” अपने बाल सवारती खुशी विराट के रुकने की वजह जानने के लिए बेड पर बैठ गयी |
विराट ने कोई जवाब नही दिया |
“Mom तो बोल रही थी, बड़े जोश के साथ packing कर रहे थे...?” खुशी विराट को बुलवाना चाहती थी |
“मुझे कुछ important काम था...|” विराट ने जवाब दे दिया |
“क्या काम था...?” खुशी ने बोहें ऊपर और थोड़ा गर्दन झुकाकर सवाल किया |
विराट laptop को छोड़ खुशी को देखने लगा, तो खुशी वापिस अपने बालों को सवारने लगी | विराट फिर से laptop को देखने लगा |
“Sorry बोलने से तो क्या गये, अकड दिखायी जा रही है...|” खुशी बडबडायी |
“अभी बोलता हूँ sorry...|” विराट laptop को side में खुशी की तरफ बढ़ने लगा |
झटके से खुशी विराट से बचने के लिए जैसे ही उठी, एक दर्द भरी सिसकी के साथ हाथ पेट पर रख वो झुकी की झुकी रह गयी |
“खुशी....!!!!” विराट अगले ही पल लपककर खुशी को गोद में उठा लेता है |
खुशी अपना दर्द भूल विराट को देखने लगी |
“क्या हुआ, तुम ठीक तो हो ना...?” विराट उसे वापिस बेड पर लेटाते हुए “मैं अभी doctor को बुलाता हुआ...|”
विराट अपने mobile की तरफ लपकने लगा मगर खुशी ने उसका हाथ पकड़ लिया | विराट चेहरे पर उड़ रही हवाओं के साथ खुशी को देखने लगा, जो बड़ी शांति के साथ उसे देख रही थी |
“मैं ठीक हूँ...|” खुशी की आवाज में अब एक जिम्मेदारी थी |
“ज्यादा दर्द तो नही है...|” विराट सावधानी के खुशी के पेट को छूते हुए बोला |
खुशी थोड़ा उठकर विराट को गले से लगा लेती है | तब जाकर खुशी को feel हुआ, विराट काँप रहा था |
“तुम मेरी life हो खुशी...|” विराट खुशी को जकड़ता हुआ relax feel करते हुए बोला |
“और वो क्या थी (मंदाकनी)...?” खुशी इतनी आसानी से कहाँ मानने वाली थी |
“MBA के time पर इटली में मिला था मैं उससे...|” विराट अपनी जिम्मेदारी को समझ, गुस्सा side में रख, खुशी को फिर से सीधा लेटाते हुए “बहुत ज्यादा smart और जल्दी सीखने वाली लड़की थी वो...|”
“तुम उसकी खूबसूरती पर मर मिटे होंगे और फिर अपने पैसे की चमक से उसे पटाया होगा...?” खुशी ने आँखे छोटी करते हुए सवाल किया |
“उसने मुझे पटाया था...|” विराट खुशी का हाथ पकड़कर “मैं उस time लडकियों में ज्यादा interest नही लेता है, उसने काफी कुछ सिखाया लडकियों के बारे में मुझे...|” विराट का हाथ खुशी के पेट से होता हुआ ऊपर की तरफ जा रहा था |
“कितनी राते सोये हो उसके साथ...?” खुशी ने मुहं लटका और आँखे बड़ी कर थोड़ा गुस्से में बोला |
“क्या तुम्हारे लिए ये बाते सच में important है...?” विराट खुशी के हाथ को चूमते हुए “या फिर तुम्हारे लिए मेरी loyalty...?” विराट द्रडता के साथ खुशी के हाथ को पकड़े हुए “जिस दिन से तुम्हें दिल से पत्नी माना था, मैंने कभी किसी लड़की को आँख उठाकर नही देखा |”
“नीधि का क्या...?” खुशी विराट की मायाजाल वाली बातों में नही आना चाहती थी |
“अगर तुम्हें सच में मुझसे लड़ाई करनी है तो ठीक है...|” विराट खुशी के सर को चूमने के साथ उठते हुए “तुम्हें मुझे जो भी सजा देनी है, दे दो, मगर अपना ख्याल रखो...|” विराट उठते हुए “तुम्हें मेरे यहाँ रहने से problem है, मैं अभी जा रहा हूँ...|”
“अगर तुम्हें ये सब पता चले, मेरे शादी से पहले affair थे और वो आकर तुम्हें खुद ये सब बोले...?” खुशी normally हाथ बांधकर विराट से “तो तुम क्या करते...?”
विराट रुकता हुआ खुशी को देखने लगा |
“जिस तरह तुमने बोल दिया, उस time पर वो लड़की, इस time पर ये लड़की...|” खुशी बैठकर पीछे कमर लगाते हुए “मैं बोलने लगूँ, मैं इस लडके के साथ सोयी, उस लडके के साथ सोयी, कैसा feel करोगे...?” खुशी विराट की सोचती आँखों को देखते हुए “मैं भी तुम्हारी तरह बोल देती, शादी के बाद मैं तुमसे loyal हूँ, तब क्या आता तुम्हारे मन में...?”
खुशी के सवाल इतने strong थे, विराट से जवाब नही बन रहा था |
“मेरी जगह पर खड़े होकर देखो विराट...|” खुशी उठकर अपने बाल ठीक कर बांधती हुई “अपना सब कुछ एक ऐसे इंसान पर निछावर करने पर क्या feel होता है, जो पहले ही भरा हुआ हो...?”
विराट खाली खुशी को देख ही सकता था, उसके पास जवाब नही था | खुशी उसे देखते हुए bathroom की तरफ चली गयी |
To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-389. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-390 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-390 Reviewed by Mr.Singh on December 17, 2020 Rating: 5

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