Love story, Behind the story of भोली खुशी part-398

Behind the story of भोली खुशी part-398

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-398
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-398

 

राहुल भी डरी सहमी खड़ी खुशी को देख रहा था |

“इस तो छोड़ दो...|” तुषार ने बिल्लों से बोला |

इस बार बिल्लों ने तुषार को words की जगह आँखों से समझा दिया | तुषार इससे ज्यादा खुशी या विराट का fever नही ले सकता था |

“क्या कर रही हो तुम वहां...?” बिल्लो बेड से उठते हुए खुशी के समाने आ गयी |

खुशी बिना जवाब दिए किसी पत्थर की मूर्ति जैसे खड़ी बिल्लों को देख रही थी |

“अब क्या जुबान भी नही रही तुम्हारे मुहं में...?” बिल्लों का लहजा गाँव वाला ही था |

“मम्मी जी, सो कर उठी हूँ...|” खुशी ने धीरे से बोला |

“Delhi में क्या कर रही हो...?” बिल्लों की आवाज कड़क थी |

“आज शाम की flight से आ जाऊँगी मम्मी जी...|” खुशी ने फिर धीरे से बोला |

खुशी के मुहं से ये words सुनकर विराट का खून पहले से दौगना दौड़ने लगा, जो उसके चेहरे पर दिख रहा था |

“इसके पल्लू से बंधने के अलावा भी किसी दूसरे काम के लिए खुश हो लिया कर...?” बिल्लों विराट को सुनाने के बाद खुशी से “इसके साथ क्यों नही आयी...?”

“मम्मी जी, कुछ meetings है मेरी, तो...|” खुशी अब बिल्लों के चेहरे को देखने लगी |

“तो क्या घर, अपनी security, हमारी tension, इन सबको कौन देखेगा...?” बिल्लों ने आगे सवाल किया |

“मम्मी जी वो...|” खुशी जवाब के लिए विराट को देखने लगी |

“Mom...|” विराट जैसे ही बोलने लगा |

“कभी मेरी side से भी कुछ बोल लिया कर बेटा...?” बिल्लों ने विराट की बोलती ही बंद कर दी |

विराट मुहं लटकाकर खड़ा हो गया |

“काम निपटाओ अपना, और जल्दी घर आओ...|” बिल्लों खुशी को घूरते हुए बोली |

“जी मम्मी जी...|” खुशी अपनी बाल ठीक करती हुई बोली |

“और ये क्या कपड़े पहन रखे है तुमने...?” बिल्लों खुशी की night dress को देखते हुए बोली |

“बस बहुत हो गया, तुम जाओ बहु...|” तुषार ने अब बिल्लों को रोक दिया |

खुशी विराट को घूरती हुई गायब हो गयी |

“तुम्हें क्या अलग से बोलना पड़ेगा...?” तुषार ने विराट और राहुल को घूरा |

दोनों अपने laptop के साथ चले गये | दरवाजा बंद कर जैसे ही बिल्लों तुषार की तरफ घूमी, उसके चेहरे पर मुस्कान थी |

“तुम्हें सच में शर्म नही आती, अपने बेटे-बहु को इस तरह तंग करने में...?” तुषार ने थोड़ा हैरानी जतायी |

“जानवर को पालतू बनाने के लिए सही मात्रा में प्यार और मार देते रहना चाहिए...|” बिल्लों वापिस बेड पर बैठते हुए “वरना उसके अंदर का जंगलीपन कब उभर आएगा, पता भी नही चलेगा...|”

तुषार अभी भी पूरी बात समझने के लिए बिल्लों को देख रहा था |

“विराट जब तक घरेलू परेशानियों से घिरा रहेगा, उसका गुस्सा उभरेगा नही...|” बिल्लों तुषार के हाथ पर हाथ रखते हुए “और खुशी जब तक घर की जिम्मेदारियों को सभलाती रहेगी, उसके अंदर भावनाएँ बची रहेगी...|”

“और तुम्हारे ये सब करने से उन दोनों के अदंर ये सब बना रहेगा...?” तुषार ने सवाल किया |

“बेशक...|” बिल्लों पूरे गर्व के साथ “खुदको ही देख लो, मैं अगर अब तक तुम्हारी नकेल कसकर ना रखती, कोई गोरी मैम तुम्हें लेकर उड़ चुकी होती...?”

“अच्छा...?” तुषार थोड़ा हैरानी जताते हुए “तुम्हें ऐसा लगता है...?”

“लगता है नही, ऐसा ही है...|” बिल्लों कड़क आवाज में “सो जाओ अब...|” बिल्लों बेड पर लेट गयी |

तुषार हल्की से मुस्कान के साथ बिल्लों का सर चूम लेता है |

“तुम्हारी इसी अदा ने तो अब तक इस मिट्टी में जान बचाकर रखी है...|” बिल्लों मुस्कुरा दी |

“और इन चारों का क्या...?” तुषार ने भी लेटते ही सवाल किया |

“वो सब तो बहाना है...|” बिल्लों ने तुषार के कंधे पर सर रख लिया |

तुषार ने आँखे बंद कर ली |

 

दूसरी तरफ अब विराट का hologram खुशी के room में खड़ा था, जो मुह फुलाए अपने बेड पर बैठ गयी |

“अब इसमें मेरी क्या लगती है...?” विराट सफाई देते हुए “Business की problem चल रही थी, मुझे लगा कोमल की call है तो...|”

“आँखे तो ठीक है ना, देख तो सकते थे...?” खुशी विराट को घूरते हुए “ताने नही सुनने को मिलते ना तुम्हें...?”

विराट का चेहरा साफ बता रहा था, वो कैसे बोले, खुशी के लिए उसे कितने ताने सुनने को मिलते है...?

“मेरा भी बात करने का मुड़ नही है...|” कहते हुए खुशी ने call cut कर दी |

खुशी खराब मुड़ के साथ उठी ही थी, तभी दरवाजा खुला और चेतना समाने खड़ी थी |

“अब तुझे क्या है...?” खुशी उसी खराब मुड़ के साथ चेतना पर भड़क गयी |

“क्या है से क्या मतलब...?” चेतना कोई खास react ना करते हुए “उड़ते-2 मेरे कानो में खबर आयी, तू आज evening में जा रही है तो...|” चेतना बेड पर गिरती हुई “सोचा तेरे साथ shopping कर ली जाये, फिर तो पता नही तू कब आएगी..?”

“मेरा मुड़ नही है...|” खुशी ने उसके offer को सिरे से नकार दिया |

“मुड़ बनने में कितना time लगता है...?” चेतना उठकर उसके पास आते हुए “वैसे तेरा मुड़ किस बात पर खराब है, विराट जल्दी में चला गया क्या...?”

“देख, मेरा मुड़ सच में खराब है, बिना बात तेरे ऊपर गुस्सा उतर जायेगा...|” खुशी चेतना को warn करती है |

तभी फिर से खुशी का mobile बज गया |

“ये ले, आ गया मुड़ ठीक करने वाले का phone...|” चेतना खुशी का mobile उठाने लगी |

इस बार खुशी के कोई reaction नही दिया |

“लगता है, कुछ ज्यादा गुस्सा है...?” चेतना खुशी की तरह से कोई भी प्रतिरोध ना देख mobile के पास पहुंच गयी |

खुशी गुस्से में bathroom की तरह बढ़ गयी |

“ये तो अर्जुन sir का है...|” चेतना ने बोला |

“उठा...|” खुशी bathroom के दरवाजे पर रुक गयी |

चेतना ने call pick की तो tension से भरा अर्जुन सामने प्रकट हो गया |

“क्या हुआ...?” खुशी का मुड़ अभी भी खराब था |

“PM को बात करनी है तुमसे...|” अर्जुन ने बोला |

“वो कर रहे है या नही...?” खुशी ने अपना सवाल किया |

“उनके पास तुम्हारे लिए एक deal है...|” अर्जुन ने आगे बोला |

“कितना...?” खुशी ने सीधा सवाल किया |

“10 thousand crores...|” अर्जुन ने बोला |

“Wow...|” चेतना ने अपना मुहं खोलते हुए खुशी को देखा |

“कोई issue नही बनेगा, कोई महेनत नही, कोई tension नही...|” अर्जुन ने खुशी को अच्छी तरह लालच दिया |

“क्या ये पैसा वो अपनी जेब से दे रहे है...?” खुशी ने सोचते हुए सवाल किया |

अर्जुन की तरह से कोई जवाब नही आया, मतलब पैसा जनता का था | खुशी जैसे ही reject करने लगी |

“पहले सोचो इस बारे में...|” अर्जुन उसके बोलने से पहले ही “तुम business चलाती हुई, धर्मशाला नही...|” अर्जुन कड़क आवाज में “जिसका तुम सपना देख रही हो, वो भी business है...|”

खुशी अब अर्जुन को देखते हुए सोच रही थी |

“मुझे नही पता खुशी, तुम क्या कर रही हो, but...|” चेतना अपना हाथ उठाते हुए “10 thousand crores कम नही होते...|”

“आधा घंटा दीजिये मुझे...|” खुशी ने बोला |

अर्जुन गायब हो गया और खुशी अभी भी सोच रही थी |

“तुम भी, please...|” खुशी ने चेतना को देखा |

“मैं aunty के पास wait कर रही हूँ...|” कहते हुए चेतना भी बाहर चली गयी |

 

दूसरी तरफ विराट थोड़ा गुस्से में laptop पर काम कर रहा था तभी उसके mobile पर किसी की call आयी |

“हाँ....?” Laptop को देखता विराट एक boring से expression के साथ call pick करते हुए सवाल करता है |

Dinner पर जाने वाली dress में, गले में चमकदार हार पहने, नशीली अदाओ के साथ नीधि सामने बेड पर बैठी थी...|

“क्या है...?” विराट का भी मुड़ खुशी के जैसा ही था |

“मैं तो सोच रही थी, मुझे ऐसे look में देखकर तुम लार टपकाओगे...|” नीधि थोड़ी हैरानी में “तुमने तो मेरी सारी planning पर ही पानी फिरा दिया ?”

“पहले से ही दिमाग गर्म है, काम की बात बोलो और जाओ...|” विराट ने नीधि पर ध्यान नही दिया |

नीधि की तरफ से कोई जवाब नही आया | विराट एक पल आँखे बंद कर नीधि को देखता है, जो ध्यान से उसे देख रही थी |

“What...?” विराट का गुस्सा थोडा कम हुआ |

“Last बार दिव्या से कब बात की थी...?” नीधि बोल पड़ी |

सुनते ही वापिस laptop की तरफ बढ़ रहे विराट के हाथ रुक गये |

“वो ठीक तो है ना...?” विराट दिव्या के बारे में सोचते हुए नीधि को देखने लगा |

“पता नही...|” नीधि एक पल की ख़ामोशी के बाद “3 साल से उससे बात नही की...|”

“कहाँ है वो...?” विराट वापिस laptop को देखने लगा |

“तुम्हारी girlfriend थी, तुम्हें पता होना चाहिए...|” नीधि ने सवाल विराट पर डाल दिया |

“मैंने भी 3 साल से उससे बात नही की...|” विराट ने भी नीधि जैसा ही जवाब दिया |

नीधि कुछ देर के लिय शांत बैठ गयी |

“क्या तुम उसके बारे में पूछने आयी थी...?” विराट की आवाज में गुस्से वाली बात नही रही थी |

“नही, काम तो official था, but...|” नीधि गर्दन झुकाते हुए “College के बाद तुम दोनों को as a copel imagine किया करती थी तो...|” नीधि पुरानी बातों को याद कर “कभी-2 वो बातें याद आ जाती है...|”

“मैं बहुत मुश्किल से उस सबसे उभर पाया हूँ नीधि...|” विराट फिर से नीधि को देखते हुए “मैं खुशी के साथ खुश हूँ, please उसके सामने दिव्या की बात...|”

“समझती हूँ, but तुम्हें as a friend उसका पता होना चाहिय...|” नीधि ने आगे बोला |

“तुम भी तो उसकी friend हो, तुम भी तो उसकी खबर ले सकती हो...?” विराट ने खुदको कड़क करते हुए बोला |

“तुम्हें की लगता है, मैं try नही किया होगा...?” नीधि थोड़ा आवेश में “तुमसे दूर रहने के चक्कर में वो पागल government के secret mission का हिस्सा बनती चली गयी, अब पता नही कहाँ है, जिंदा भी है या...?”

“नीधि please...!!!” विराट थोड़ा गुस्सा में “उसके बारे में बात मत करो...|”

“क्या हुआ, अभी भी उसके लिए चाहत दबाये फिरते हो क्या....?” नीधि भी गुस्से में थी |

“क्या तुम अपना offical काम करके जाओगी please...?” विराट दिव्या के बारे में बात नही करना चाहता था |

विराट नीधि को समझा नही सकता था, दिव्या उसके लिए क्या थी, और किन हालातों में उसने उसे छोड़ा था |

“अगर खुशी से प्यार करते हो तो डरते क्यों हो...?” नीधि बेधडक बोलते हुए “क्या इंसानियत के नाते किसी को याद नही किया जा सकता...?”

“खुशी को चाहता हूँ, इसलिए लिए बोल रहा हूँ...|” विराट कुछ सोचते हुए “दिव्या मेरे लिए क्या थी और अब क्या है, ये बात मुझ तक ही रहे तो अच्छा है...|”

“तुम इतने powerful हो, इतना तो पता लगा ही सकते हो, दिव्या जिंदा भी है या नही...?” नीधि ने आगे पूछा |

“मेरी बात ध्यान से सुनो नीधि...|” विराट आवेश के साथ बोल ही रहा था |

“ये दिव्या कौन है...?” तभी पीछे से खुशी के hologram की आवाज आयी |

जिसे सुनते ही नीधि और विराट, दोनों ही जम हो गये |

 

To be continue…

I hope you all like this story Love story, Behind the story of  भोली खुशी part-398. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-398 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-398 Reviewed by Mr.Singh on December 18, 2020 Rating: 5

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