Behind the story of भोली खुशी part-328
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-328 |
New York में घर पर बिल्लों हाथ बांधे हाल में खड़ी थी और सामने किसी नादान बच्चे की तरह हाथ में बच्चो का tedy bear थामें तुषार खड़ा था | दोनों के कानो में दूर खड़ी शालनी, नंदनी और दूसरे बच्चो के हंसने की आवाज आ रही थी |
“तुम्हें पता भी है, तुम क्या करे रहे हो..?” बिल्लों ने धीरे से सवाल किया |
“वही जो तुम तीनों पूरा दिन करती हो...|” तुषार पीछे खड़ी उन दोनों को देखते हुए “Shopping....|”
“तुम इसे shopping कहते हो...?” पीछे रखी खिलौनो के पूरे box को देखते हुए बिल्लों ने हैरानी में पूछा |
तुषार को तो उनमे कोई गलती नही दिख रही थी, मगर बिल्लों बोल रही थी तो जरुर कुछ बात तो होगी ही |
“बुढ्ढे हो गये हो, तुम्हारे बच्चो के भी बच्चे होने जा रहे है और तुम ये पागलपन करने से बाज नही आते...?” बिल्लों भड़की थी |
“बच्चो के लिए ही तो कर रहा हूँ....|” तुषार उस tedy bear को प्यार से सहलाते हुए “बाद में किसी को time ना मिला तो....?”
“तुम ना...!!!” बिल्लों फिर से भडकने लगी |
“दीदी, भाईसाहब का मन है तो कर लेने दीजिये ना...|” नंदनी आगे आती हुई बोली |
“कोई गली पर चलने वाला आम आदमी नही है तुम्हारे ये भाईसाहब...|” बिल्लों नंदनी पर भड़कते हुए “जो खिलौने की दुकान में घुसे और किसी को पता भी ना चले...|” बिल्लों mobile की तरफ इशारा करते हुए “छिकने पर भी news बन जाती है, पिछले 2 घंटो में 36 call आ चुकी है मुझे, ये जाने के लिए खुशी pregnant है या नही...?”
नंदनी तुषार के बचाव में कुछ बोलती उससे पहले ही फिर से बिल्लों का mobile बज गया | बिल्लों तुषार को घूरने लगी तो तुषार ने चेहरा ही घुमा लिया |
“हाँ Mrs. चावला...?” बिल्लों नकली मुस्कान के साथ दूसरी तरफ से सुनने के बाद “अभी ऐसा कुछ नही है, भला आपसे कोई बात छिपी रह सकती है क्या...?”
बिल्लों mobile पर बातों में लग गयी और मौका पाकर बाकी सब उन खिलौनों को देखने लगे, जिनमें Ice, Sandy, ईशा, सौरव थे |
“आपकी choice बहुत अच्छी है dad...|” Sandy एक भालू का खिलौना उठाते हुए “सारे colors ही कितने अच्छे है |”
“और कितनी variety भी है...|” सौरव ने बोला |
“Mom, Di के लिए भी आपको बड़े पापा से shopping करानी चाहिए थी...|” ईशा ने बोला |
“अब करा लेंगे...|” शालनी ने मुस्कुराते हुए बोला |
तभी बिल्लों की call end हो गयी, मगर किसी का उस पर ध्यान नही था | बिल्लों उन सबकी तरफ घूमी तो उसका पारा सातवें आसमान पर था |
“क्या हो रहा है यहाँ...?” बिल्लों ने गुस्से में बोला |
सभी तुषार से अलग होकर खड़े हो गये | तुषार ने भी अपना खिलौना छिपा लिया था |
“पूरा घर ही पागलों से भरा हुआ है...|” अपने सर को पकड़े बिल्लों जाने लगी |
सबकी जान में जान आ गयी, सबकी नजरें फिर से खिलौनों पर गयी, मगर अगले ही पल बिल्लों के कदम रख गये | हर कोई फिर से जाम हो गया |
“तुमने उस शिकागों वाली meeting का क्या किया...?” बिल्लों ने तुषार को देखा |
“मुझे नही जाना वहाँ...|” तुषार ने थोड़ा bor वाले स्वभाव में बोला |
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-328 |
अब बिल्लों, तुषार को घूरे जा रही थी |
जबरजस्ती बिल्लों के द्वारा खींचकर तुषार को एक buisness party के लिए शिकागों आया था, जिसमें बलि का बकरा बनी थी Ice और Sandy | कुछ लडके दूध से गोरी दो खुबसुरत लडकियों को घूर रहे थे |
“This is not fair dad...|” मजबूरी में खड़े तुषार के साथ खड़ी Sandy सामने हंसकर कुछ लोगो से बाते करती बिल्लों को देखकर “आपके चक्कर में हमें भी इस boring जगह पर आना पड़ा, ऊपर से ये लड़के घूर रहे है |”
“तुम भी उन्हें घूर लो, मैं खुद ही ऐसी जगहों से उब चुका है, पता नही कब इस सब से छुटकारा मिलेगा...?” तुषार एक ठंडी सी साँस के साथ बोला |
“Dad, आपको राहुल को लेकर आना चाहिए था, बिना बात के हमें लेकर आ गये...|” Ice ने भी बोला |
अब तक बिल्लों उन तीनों की तरफ बढ़ गयी थी |
“अपनी माँ से बोलो ये बातें...|” तुषार ने कोई खास reaction नही दिया |
“What is this mom...?” अपनी Dress को ठीक करती हुई Ice बिल्लों से “मैं अपना काम छोड़कर यहाँ आयी हूँ, अगर इस boring party में लाना ही था तो उस राहुल को लेकर आना चाहिए था ना |” Ice मुहं बनाती हुई “वैसे भी office के नाम पर पूरा दिन सुनीता से बात करने में लगा रहता है |”
“वो तुम्हारी तरह बेमतलब के खिलौनों का collection इकट्ठा नही करती...|” बिल्लों तीनों को ताना देते हुए बोली |
“वो तो dad कर रहे थे ना, फिर हमें यहाँ...|” Sandy इतना ही बोल पायी थी, अगले ही पल उसकी नजरे और आवाज एक जगह ठहर गयी |
बिल्लों से लेकर तुषार ने Sandy को देखा, जो सामने देख रही थी | तुषार से पहले Ice और बिल्लों ने Sandy की आँखों की बैचेनी को पढ़ते हुए सामने देखा तो उनकी आँखे भी थोड़ी सी बड़ी हो गयी थी | सामने party में देव किसी presentation की तैयारी करता हुआ लोगो में brochure बाँट रहा था |
“क्या हुआ...?” तुषार ने देव को कभी देखा नही था तो वो उसे पहचान नही पाया था |
“Nothing dad...|” Sandy अपने आंसुओं को रोकने में पूरी ताकत लगाने के साथ वापिस normal होती हुई बिल्लों से “Mom आपको हमें यहाँ नही लाना चाहिए था...|”
“कैसे है ठाकुर साहब...?” तभी एक बूढा तुषार से आकर बातें करने लगा |
तुषार उस बूढ़े से business की बातें करने लगा |
“पहले तो सोच रही थी, तुम्हें यहाँ लाकर गलती की...|” बिल्लों वापिस देव को काम करता देखती हुई “मगर अब लगता है, ठीक ही हुआ है...|” बिल्लों झटके से Sandy की तरफ घूमते हुए “जाकर brochure लेकर आओ...|”
“Mom, this is not fair...|” Ice विरोध करती हुई “आपको पता है, देव Sandy को देखेगा तो अपनी कही बातें भूल जायेगा, आपको Sandy और देव की भावनाओ से खेलना नही चाहिए...|”
“अपना मुहं बंद रखो...|” बिल्लों Ice को घूरने के साथ डांटती हुई “तुम मेरे बच्चे हो, तुम्हें कैसे पालना है, मुझे सीखने की जरूरत नही है, जब तुम्हारे बच्चे होगे, जैसा चाहे उन्हें पाल लेना...|”
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Sandy की आँखे गीली थी, वो खुद भी नही चाहती थी, वो 1 साल से पहले देव के सामने ना जाये, मगर बिल्लों के सामने किसकी चल सकती थी | Sandy के पैर ना चाहते हुए भी देव की तरफ उठने लगे |
“Mom, Sandy नही जाएगी, अगर आप ज़िद करेंगी तो मैं dad को बोल दूंगी...|” Ice ने बिल्लों को warning दी |
“यही सुंदर और इस लडके की अर्थी सजानी है...?” बिल्लों Ice की आँखों में देखते हुए “लगता है अपने time को भूल गयी, तुम्हे तो एक तमाचा ही पड़ा था, ये तो...|”
Sandy देव को खोने की कल्पना भी नही कर सकती थी, इसलिए अगले ही पल देव की तरफ बढ़ गयी थी |
“Please come...|” अपने बगल में खड़े आदमी को brochure देते देव मुस्कुरा रहा था |
“Mom, Sandy अभी इतनी बड़ी नही हुई है, इतना दर्द सह सके, आपको...|” Ice फिर बोलने लगी |
“अपना मुहं बंद रखो...|” बिल्लों हाथ बाँधते हुए “अगर वो दर्द नही सह सकती तो मुझे भी कोई शौक नही है, अपनी बेटी एक नाकारा को देने का...|”
“One brochure please...|” अपने टपकते आंसुओ के साथ Sandy ने हाथ आगे बढ़ा दिया |
“Please come...|” देव ने एक नजर Sandy को देखा, मुस्कुराते हुए उसके हाथ में brochure दिया और वापिस घूमते हुए दूसरे आदमी के साथ busy हो गया |
“देव...|” लगभग रोती Sandy ने पुकारा था |
अगले ही पल मुस्कुराते हुए देव की आँखे भी टपकने लगी थी, उसने सारे brochures को मजबूती से अपने हाथो में दबा लिया, मगर Sandy की तरफ घुमा नही था |
“कैसे हो...?” Sandy ने अपना हाथ आगे बढ़ाना चाहा |
“तुम कैसी हो...?” देव बिना मुड़ गर्दन झुकाए हुए पूछा |
“तुम्हें कैसी लग रही हूँ...?” Sandy ने अपने रोने को control करते हुए सवाल किया |
“जब तुमने इस party में entry ली थी, तभी मैंने तुम्हें देख लिया था, तुम बहुत beautiful लग रही हो...|”
“क्या तुम मुझे देखकर बात भी नही करोगे...?” Sandy आगे बोलने लगी |
“अभी तक तुम्हारी mom की शर्त पूरी नही हुई है...|” देव खुद को द्रड करते हुए “इसलिए मुझे खुदको और तुम्हें अपने आपको काबू में रखना होगा...|” कहते हुए देव अपने रास्ते चला गया |
“लगता है किसी का दाव उल्टा पड़ गया...?” Sandy के पास आती Ice ने अपने साथ खड़ी बिल्लों को देखते हुए “कोई खुदको साबित करने पर अड़ा हुआ है...|”
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“अड़े होना और अड़े रहना, दोनों में बहुत फर्क होता है...|” कहते हुए बिल्लों ने देव को देखती Sandy के हाथ से brochure ले लिया |
“मैं 100% sure हूँ, देव खुदको साबित करके रहेगा...|” Ice पूरे जोश में थी |
“देखते है...|” बिल्लों तुषार की तरफ चलते हुए “मेरे पीछे आओ...|”
“कभी-2 तो लगता है, हम आपके सौतेले बच्चे है, जो आप हमारे साथ ऐसा करती है...|” Ice ने अपने मन की भडास निकाली |
“मेरे अंदर भी कभी-2 ऐसी feelings आती है...|” बिल्लों ने जैसे को तैसा वाला जवाब दिया |
तुषार अभी भी उस बूढ़े से बातें करने में busy था |
“पूरी जवानी घिस गयी आप दोनों की, मगर आपकी बातें खत्म नही हुई...|” बिल्लों हल्की सी मुस्कान के साथ तुषार और बूढ़े के पास आकर खड़ी हो गयी |
“Mrs. ठाकुर, ये बातें तो सांसो की तरह है, जब तक वे चलती रहेगी, ये भी चलती ही रहेगी...|” बुढा कहते हुए हंसने लगा |
“Please excuse us...|” बिल्लों ने बड़े आदर एक साथ बोला |
बूढ़े हाँ में गर्दन हिलाते हुए दूसरी तरफ चल दिया |
“अब किसी से मेरी बातें करना भी दुखने लगी है तुम्हें...?” तुषार ने बिल्लों को घूरा |
“मुझे एक diamond ring चाहिए, सुंदर के लिए...|” बिल्लों ने brochure तुषार के सीने पर दे मारा |
“Mom अब ये to much हो रहा है...|” Ice ने फिर से विरोध किया |
“तो फिर ले लो ना, जो तुम्हे पसंद हो, मुझे क्यों...?” तुषार बात को ना समझते हुए बोला ही था |
“यहाँ आने की जरूरत भी क्या थी, call पर भी तो बातें हो सकती थी...?” बिल्लों भड़की |
“मैंने भी तो तुम्हें यही समझा रही था, मगर तुम हो कि...|” तुषार फिर आधा बोला था |
बिल्लों का काली का रूप सामने आने के लिए तैयार था |
“Exhibition किस तरफ है...?” पूरी life की तरह फिर बिल्लों से हार मानते हुए तुषार ने पूछा |
बिल्लों देव की side चल दी तो तुषार को भी उसके पीछे जाना पड़ा | Sandy आगे बढ़ी तो Ice ने उसका हाथ पकड़ लिया |
“तू पागल हो गयी है क्या...?” Ice Sandy को हिलाती हुई “Mom जानबुझकर तेरा और देव का सामना करा रही है, ताकि तुम दोनों में से कोई सा टूट जाये और mom को तुम दोनों के रिश्ते को तोड़ने के लिए कोई बहाना मिल जाये |”
Ice की बात सुनकर Sandy सोचती हुई नजरों से उसे देखने लगी |
To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-328. So reader, Please comments and
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to….!!!

Superb🙈🙈
ReplyDeleteSuperb
ReplyDeleteOsm part 👌👌👌👌👌👌
ReplyDeleteosm 👌👌👌👌
ReplyDeleteExcellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss
Billo sandy or dev ka test la rhe hai,
ReplyDeleteSuperb thinking wow lya likha hai
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