Love story, Behind the story of भोली खुशी part-341

Behind the story of भोली खुशी part-341

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 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-340

 

Mumbai में रजत का room, रुकुल, उसकी मम्मी और Mrs. गोखले set कर रही थी और रजत mobile पर कुछ settings से खेल रहा था | रुकुल घर को set करने में पूरी कोशिश कर रही थी, रजत को कुछ भी uncomfortable feel ना हो | रजत mobile side कर जैसे ही सामने देखा, वो हैरान रह गया |

“Wow...|” रजत पूरे room की साजो सजावट देखते हुए “इतना beautiful तो मेरा अपना room भी नही है...|”

“सब रुकुल बेटी ने किया है...|” Mrs. गोखले ने गर्दन झुकाए शर्माती रुकुल को देख बोला |

“Thanku...|” रजत ने रुकुल को देखा |

“अब तुम खाने-पीने और खर्चे की चिंता मत करना...|” रुकुल की मम्मी बोलते हुए “तुम्हारा खाना घर से आ जायेगा...|”

“क्यों, ये किसी दूसरे का घर है क्या...?” Mrs. गोखले भड़कती हुई “ये यही खायेगा और खर्चे को कौन किराया मांग रहा है इससे...?”

“मैं अपना खाना खुद ही बना लूँगा, आप दोनों tension मत लीजिये...|” रजत mobile सामने करते हुए “करने को तो मैं कुछ बटनों से पूरी दुनियाँ को मुट्ठी में कर लूँ, but जिस काम एक लिए मुझे भेजा गया है, वो important है...|”

“तो क्या खाना बनाना सीखने के लिए भेजा गया है...?” Mrs. गोखले फिर कड़क आवाज में “तुम खाना हमारे साथ खाओगे और पक्का है...|” कहते हुए Mrs. गोखले बाहर निकल गयी |

“मेरी बात तो सुनो...|” रुकुल की मम्मी भी उसके पीछे चली गयी |

“पानी जा जग तो रह ही गया...|” रुकुल पानी के लिए जग ना देखकर “मैं अभी लेकर आयी |”

“रह तो भी कुछ गया है...|” रजत ने जाती रुकुल का हाथ पकड़, उसे बाँहों में ले लिया |

“क्या कर रहे हो...?” रुकुल थोड़ा घबराहट में दरवाजे को देखती हुई “मम्मी आ जाएगी...|”

“तो क्या...?” रजत रुकुल को अपनी तरफ घुमाते हुए “उनको पता तो है, तुम मेरी हो...|”

“अभी हुई तो नही ना...|” रुकुल रजत की बाहों से अलग होते हुए “अपनी limit मत भूलो...|”

“तुम्हें भी बताना पड़ेगा क्या, limits का मतलब ही उन्हें तोडना होता है...|” रजत फिर से रुकुल को बाँहों में लेते हुए “और तुम्हें तो पता है, मेरे नाम के आगे limits का कोई मतलब नही है...|”

नाम की बात सुनते ही रुकुल के दिमाग में कोई दूसरी बात चलने लगी थी, जिसके वजह से रजत की बाँहों में उसकी activity शांत हो गयी थी |

“क्या हुआ...?” रजत ने रुकुल को छोड़ दिया |

“मुझे कुछ ठीक नही लग रहा...|” रुकुल ने रजत की आखों में देखा |

“क्या...?” रजत ने पूछा |

“कही तुम सबको घर से निकालने के पीछे खुशी दीदी की कोई दूसरी वजह तो नही है...?” रुकुल ने रजत की आँखों में देखा |

“क्या बोल रही हो...?” रजत समझा नही था |

“कही वो पूरा business ही takeover तो नही करना चाहती...?” रुकुल एक normal औरत की तरह सोच रही थी |

“अगर ऐसा है तो...|” रजत एक लम्बी साँस लेते हुए “मैं सबसे ज्यादा thankfull रहूँगा भाभी का...|” रजत रुकुल को छोड़ते हुए “मुझे सच में वो business नही चाहिए...|”

रुकुल आँखों में “क्यों” रूपी सवाल के साथ खड़ी रही |

“मैं एक tension free life जीना चाहता हूँ, तुम्हारे साथ..|” रजत रुकुल के चेहरे को एक हाथ में लेकर “एक छोटी सी दुनियाँ, तुम्हारे जैसा छोटा सा घर, तुम, मैं, हमारे बच्चे...|” रजत हल्की सी मासूमियत के साथ रुकुल को देखते हुए “जिसमें मैं daily office के लिए जाऊ, तुम मेरा tiffin बनाओ, बच्चो का शोर, office की जल्दी और...|”

“और क्या..?” रुकुल भी उसी सपने में कही खो गयी गयी |

“वो तुम्हारा जल्दी वाला kiss...?” रजत रुकुल के पास आने लगा |

तभी खटपट हुई और दोनों अलग हो गये |

“मैंने Mrs. गोखले को बहुत समझाया, मगर वो मानी ही नही...|” रुकुल की मम्मी वापिस आती हुई “अब तुम्हें यही खाना पड़ेगा...|”

“कोई बात नही aunty जी...|” रजत मुस्कुरा दिया |

“मम्मी चले, रात का खाना बनाना है...?” रुकुल ने बोला |

“हाँ...|” मम्मी रजत से “आज का खाना तुम हमारे यहाँ खा सकते हो...|”

रजत मुस्कुरा दिया, मम्मी पलटी तो रजत ने रुकुल का हाथ पकड़ लिया | मगर रुकुल उसे घूरते हुए हाथ छुडा चली गयी |

“कहाँ फस गया यार...|” उनके निकलते ही रजत अपना सर पकड़ लेता है |

 

दूसरी तरफ शाम हो चुकी थी और राहुल शर्मा की shop के सामने ही खड़ा रहा | उसने एक से दो बार अंदर जाने का try भी किया, मगर दरबान ने जाने नही दिया | शाम से रात तक के time में भीड़ दुकान और road पर बढ़ी, कम हो गयी, मगर राहुल वही खड़ा रहा | रात के 10 बजे गये, दुकान खाली और सारे salesman अपने घर जाने लगे, राहुल शर्मा के निकलने का wait कर रहा था |

“अबे, तू अभी तक यही खड़ा है...?” अंदर शर्मा का पता बताने वाले salesman ने राहुल को समाने खड़े देख उसके पास आते हुए पूछता है |

“हाँ, वो मुझे शर्मा जी से मिलना है...|” राहुल ने normal तरीके से बोला |

“कहाँ से है...?” लडके ने राहुल को ध्यान से देखा |

“हरियाणा से...|” राहुल अपना homework करके आया था |

“मगर तेरी बोली तो हरियाणवी नही लगती...?” लडके को शक हुआ |

“हरियाणा के border से हूँ, घर वालो से लड़ाई हो गयी तो train में बैठकर यहाँ आ गया...|” राहुल ने लडके पर ज्यादा ध्यान नही दिया |

“तुझे यहाँ नौकरी नही मिलेगी, एक काम कर कल मिल मुझसे...|” लड़का राहुल के कंधे पर हाथ रखते हुए “बगल वाली दुकान में एक जगह खाली है, तुझे वहाँ रखवा दूंगा...|”

“मुझे इसी shop पर रहना है...|” राहुल अपने target पर clear था |

“CBI से तो नही है तू...?” लडके ने फिर राहुल पर शक किया |

राहुल को तो शायद CBI का मतलब नही था | मगर राहुल के expression देख, लड़का उसका जवाब समझ गया था |

“देख ले, पैसे अच्छे मिल जायेगे, आगे तेरी मर्जी...|” कहते हुए लड़का वहाँ से निकल गया |

राहुल जाते लडके को देख वहाँ से निकल गया | आधे घंटे बाद शर्मा सारे हिसाब-किताब के बाद बाहर निकला तो राहुल फिरसे उसे सामने आकर खड़ा हो गया | एक पल के लिए शर्मा उससे डर गया |

“क्या है...?” खुदको सभलाते शर्मा ने राहुल को डांट दिया |

“Sir, मैंने आपसे job के लिए पूछा था...|” राहुल ने शर्मा को याद दिलाया |

“दिमाग खराब है क्या...?” शर्मा राहुल को झाड़ते हुए “कोई नौकरी नही है...|” शर्मा guards से “हटाओ इसे...|”

“अगली बार नजदीक आया तो, सीधा डंडा लगेगा...|” Guard ने राहुल को पकड़कर फिर से दूर कर दिया |

“मुझे आपकी shop पर job चाहिए sir...|” राहुल guard की बात ना सुन गाड़ी में बैठते शर्मा को देखता हुआ बोला |

शर्मा ने फिर भी राहुल पर ध्यान नही दिया और गाड़ी आगे बढ़ गयी | एक अच्छी खासी भीड़ वाली shop पर राहुल अब अकेला, भूखा-प्यासा खड़ा था और उसकी नजरों से बच खड़े थे उसके security में guards | अब राहुल का हाथ अपने पेट पर गया, शायद पूरे दिन से भूखा होने की बात उसका पेट उसे बता रहा था | खाने की तलाश में राहुल ने अपने चारों तरफ देखा, तो restaurant खुले तो थे | राहुल एक restaurant के सामने जाकर खड़ा हो गया, जहाँ पर खाना रखा था | First time राहुल के मुहं पर खाने को देखकर पानी आया होगा, उसके कदम खुद ही restaurant की तरफ बढ़ गये, मगर दूसरे ही पल उसका हाथ उसकी जेब पर गया, जो खाली थी | Life में first time उसके साथ कुछ ऐसा हुआ था, जिसने राहुल के सामने एक अलग ही दुनियाँ को लाकर खड़ा कर दिया था | भूख क्या होती है, ये ना जाने वाला राहुल, तेज भूख होने के बाद भी आज खाने के सामने खड़ा होकर भी उसे खा नही सकता था |

“क्या है...?” Restaurant के सामने खड़े एक थोड़ा गंदे कपड़े पहने खड़े लडके को देख restaurant के मालिक ने राहुल को झाड़ दिया |

“Nothing...|” राहुल वहाँ से आगे बढ़ गया |

पेट के मचाते शोर, खाली जेब और मंजिल की जानकारी ना होने के साथ राहुल की आँखे छलक गयी | गहराती रात के साथ उसके पैरों ने भी जवाब दे दिया था | फुटपाथ पर लेटे भिखारियों को देखता राहुल एक खाली जगह पर जाकर बैठा गया | आँखे गीली, पेट खाली और सर पर छत ना होने के साथ राहुल कब उसी जगह लेट गया, उसे खुद पता नही चला | किसी ना किसी बहाने से उसके चारों तरफ घूमते guards ने ये confirm कर लिया, वो ठीक है या नही...|

दूसरी तरफ New york में सभी morning के खाने के लिए table पर जुट गये थे | खुशी ने सारे नौकरों की रिमांड ले रखी थी | Office जाने के लिए सभी ready होकर table पर आ चुके थे, जिनमे आज Ice भी शामिल थी | बिल्लों की आँखे हल्की लाल और सर में दर्द था, शायद वो रातभर सोई नही थी | तुषार भी अपनी table पर बैठ गया था |

“आज वो शिकागों के project को लेकर सेनिटर से meeting है ना...?” तुषार time देख mobile पर number लगाते हुए पूछता है |

“जी भाईसाहब...|” कृष्णा तुषार को देखते हुए “May be वो project आ final हो जाये...|”

“विराट वो meeting attend कर लेना...|” तुषार ने call लगा दी थी |

“जी dad...|” विराट ने कहते हुए अपना breakfast plate में डाल दिया था |

दूसरी तरफ राहुल से 50 मीटर दूर खड़े, राहुल को ही देखते security guard का mobile बजने लगा |

“Sir...?” Guard ने call pick करते हुए बोला |

“क्या states है...?” तुषार अपने breakfast का पहला निवाला चम्मच से उठाते हुए पूछता है |

“Everything is all right sir...|” Guard नजरें राहुल पर ही रखते हुए पूरे दिन की report तुषार को दे देता है |

बिल्लों तुषार के पास ही बैठी थी, इसलिए उसे भी mobile की आवाज clear सुनाई दे रही थी |

“Good...|” कहते हुए तुषार call cut करने लगा |

“Sir...|” Guard ने तुषार का हाथ रोक दिया |

“हाँ...?” मुहं तक जाती तुषार की चम्मच रुक गयी |

“Sir, राहुल बाबा ने सुबह से कुछ नही खाया है...|” Guard थोड़ा नर्म आवाज में “वो ऐसे ही भूखे फुटपाथ पर लेटे हुए है, अगर आप बोले तो मैं उन्हें...|”

अगले ही पल तुषार ने चम्मच नीचे रख दी | उसके सीने में बैचेनी बढ़ गयी थी, यही हाल बिल्लों का था, उसके कानो में भी mobile की आवाज पड़ गयी थी |

“नही...|” Table पर रखी अपनी मुट्ठी को दबाते तुषार “उसे उसके हाल पर छोड़ दो |”

“Yes sir...|” कहते हुए Guard ने call cut कर दी |

“आपको कुछ और दूँ पापा...?” खुशी तुषार के पास आ गयी |

“नही, मन नही है...|” कहते हुए तुषार उठकर बाहर की तरफ चला गया |

सब उसे देखने के साथ बिल्लों को देखने लगे, जो अपने आंसू रोक नही पा रही थी | अगले ही पल वो भी उठकर अपने room की तरफ बढ़ गयी | खुशी मामला ना समझने के साथ विराट को देखने लगी, जिसने भी अपने plate को आगे कर दिया था |

“अगर अब कोई table से बिना खाए उठा तो मुझसे बुरा कोई नही होगा...|” खुशी ने कड़क आवाज में बोला |

विराट फिर भी उठ गया था |

“विराट...!!!” खुशी ने गुस्से में बोला था |

मगर जैसे ही विराट ने उसे गुस्से में देखा, खुशी ने अपने कदम पीछे खीच लिए | विराट अपने सूट के साथ बाहर निकल गया |

“क्या हुआ है...?” खुशी ने जवाब के लिए बाकी सबको देखा |

सब एक-दूसरे को देखने लगे, जिसमे से शायद ही किसी को कुछ पता था | खुशी सोचती रही |

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-341 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-341 Reviewed by Mr.Singh on October 04, 2020 Rating: 5

7 comments:

  1. Imotional part ..... very hard time for Rahul ...but ye sab sikhna bhi jaruri h ... waiting next part

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  2. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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    Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss

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