Behind the story of भोली खुशी part-363
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-363 |
खुशी ने पीछे की तरफ देखा देव और Sandy की बाते चल रही थी, अब सवाल ये था, विराट प्रकट कहाँ से हुआ ?
“Security head के mobile से...|” विराट ने खुशी के मन में चल रहे doughty को clear कर दिया |
“तुम अभी तक सोये नही क्या...?” खुशी ने दूसरा ही सवाल किया |
विराट खुशी को घूरने लगा |
“अब नौटंकी मत दिखाओ...|” खुशी हाथ बाँधते हुए विराट को घूरने लगी |
“मेरा मन नही लग रहा...|” विराट ने हल्की सी गर्दन झुकाने के बाद फिर से सामने देखा |
खुशी हल्की सी मुस्कान के साथ टेढ़ी गर्दन के साथ विराट को देख रही थी |
“What...?” विराट उसी तरह कड़क आवाज में “इतना भी प्यार मत करो कि मुझे मरा भी ना जाये...?”
“Book पढने का असर आ रहा तुम पर...|” विराट मुस्कुरा दिया |
“जो चाहे बोल लो...|” खुशी अपने चेहरे पर संतुष्टि के साथ “तुमसे दूर जाने से ही मेरी मरने जैसी हालत हो जाती है...|”
“अच्छा...|” विराट खुशी को देखते हुए “अब क्या हो रहा है...?”
“Important काम था...|” खुशी ने अपनी मजबूरी दिखायी |
“मुझसे भी ज्यादा important थी...?” विराट ने बोला |
“क्या यही सवाल मैं भी पूछती हूँ, जब तुम पूरे world में घूमते हो...?” खुशी पलटवार के साथ विराट के सवाल को घुमा गयी |
“मैं तो...|” विराट बोल ही रहा था |
“मर्द हूँ, कही भी घूम सकता हूँ...?” खुशी ने विराट के बात काट दी |
“Set up...!!!” विराट को अब सच वाला गुस्सा आ गया था |
खुशी पर कोई फर्क नही पड़ा, विराट को घूरने के साथ ही वो drink bar की तरफ चल दी |
“तुम्हें मना किया है ना...?” विराट ने खुशी को रोकना चाहा |
मगर खुशी सुनने वाली कहाँ थी | विराट उससे घूरता रहा और खुशी ने चेतना के हाथ से drink लिया और पी गयी |
“क्या कर रही है...?” चेतना समझ नही पायी थी |
मगर खुशी के सामने देखने की वजह से चेतना ने उस तरफ देखा तो विराट को देखकर चौक गयी |
“खुशी, don’t...|” चेतना खुशी को दूसरा drink उठने से रोकती हुई “तू problem में फंस जाएगी...|”
“वो मेरी problem है ना, तू क्यों tension ले रही है...?” खुशी ने चेतना का हाथ हटा दिया |
“खुशी, अपनी pregnancy के बारे में सोच...|” चेतना थोड़ा गम्भीरता के साथ खुशी को समझाने की कोशिश करती है |
“तूने ही बोला था ना, अभी तो starting है, कोई फर्क नही पड़ता है...|” खुशी एक तरह से विराट को चिढाते हुए अगला drink मुहं में डाल लेती है |
अब चेतना विराट को देखने लगी, जिसका मतलब था, वो खुशी को समझा नही पायी थी | विराट चुप खड़ा हुआ खुशी की हरकतों को देख रहा था |
दूसरी तरफ सौरव टीना के घर पर hall के सोफे पर पड़ा अपने tablet में कुछ देखता हुआ सलाद खा रहा था | उमंग भी उसके पास बैठी हुई अपनी books में सर खफा रही थी |
“क्या तुम कोई ऐसा software नही बना सकते, जिससे पढने से छुटकारा मिल जाये...?” उमंग ने सौरव से बोला |
“मैं काफी time से ऐसा कुछ सोच तो रहा था...|” सौरव सोचते हुए “But अब लगता है, ऐसा कुछ करना पड़ेगा...?”
“मैं तुम्हारे लिए और सलाद लेकर आऊ...?” उमंग ने उमंग के साथ बोला |
“नही, तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो...!!” सौरव ने कड़क आवाज में बोला |
“अच्छा मैं एक सवाल पुछू...?” उमंग ने थोड़ा घबराहट में अपनी books को पकड़ लिया था |
“मेरी कोई girlfriend नही है, ना ही मुझे रखने का शौक है...|” सौरव ने उमंग के पूछने से पहले जवाब दे दिया |
उमंग ने अपनी गर्दन झुकाते हुए मुस्कान को छिपा लिया | सौरव अभी भी tablet में उलझा हुआ था |
“तुम्हें कैसे पता चला, मैं यही पूछने वाली हूँ...?” उमंग ने फिर से normal होते हुए सवाल किया |
“मेरी 4 बहने और 4 ही भाई है...|” सौरव उमंग को देखते हुए “मैंने बचपन से यही सारी नौटंकी देखी है वहाँ पर, अभी भी चलती है...|”
“तुमने मुझसे नही पूछा, मेरा कोई bodyfriend है या नही...?” उमंग ने सवाल को आगे बढ़ाया |
“मैं क्यों पुछू...?” सौरव ने तपाक से जवाब दिया |
जिसे सुनकर उमंग का चेहरा उतर गया |
“वैसे कोई है क्या...?” सौरव ने दूसरे ही पल पूछा |
“ओये लैला-मजनू...!!” टीना कड़क आवाज में पीछे से “दूध के दांत टूट जाने दो पहले, आये बड़े आशिकी करने वाले |”
“भाभी मैं तो...|” उमंग सफाई देने लगी |
“सफाई मत दे, चुपचाप पढ़ाई पर ध्यान दे...|” अपने पेट पर हाथ रखे टीना “और तू क्या यहाँ पर छुटियाँ मनाने आये है...?”
“मैंने कब बोला, मैं यहाँ छुट्टीयाँ मनाने आया हूँ...?” सौरव भी गुस्से में था |
“जबसे तू यहाँ आया है, एक दिन भी office गया है...?” टीना ने सवाल किया |
“मैं यही बैठकर अपना office चला रहा हूँ...|” सौरव ने tablet की तरफ इशारा किया |
“ये काम करने के लिए तेरे पास लाखों लोग है, तुझे...|” टीना इतना ही बोल पायी थी, अगले ही पल उसके चेहरे पर दर्द के भाव उभर गये |
“Di आप ठीक हो...?” सौरव उठ गया था |
अगले ही पल टीना के मुहं से दर्द की आह निकल गयी |
“Mom...!!!” उमंग की आवाज पूरे घर में गूंज गयी |
दूसरी तरफ रजत आज रुकुल के घर पर बैठा अपना laptop चला रहा था और रुकुल का भाई उसके पास बैठा था |
“जीजू, क्या मैं आपसे कुछ मांग सकता हूँ...?” भाई ने थोड़ा हिचक के साथ पूछा |
“इस time मेरे पास कुछ 5571 रूपये बचे है, उसमें पूरा month निकालना है...|” रजत अपने laptop को देखते हुए “तो अभी मैं कुछ देने की हालत में नही हूँ...|”
“आप तो इतने अमीर है, उसके बाद भी इतनी कंजूसी...?” भाई ने थोड़ी हैरानी जतायी |
“अमीर होने का मलतब ये नही होता, जितना चाहे पैसा उडाये...|” रजत उसे घूरते हुए “अमीरी मतलब जिम्मेदारी...|”
“तो क्या आप जिम्मेदार नही है...?” भाई ने सवाल किया |
“अगर मैं जिम्मेदार होता, तो तू अब तक मामा बन जाता...|” रजत ने उसके सर पर मारा |
“मुझे आपसे पैसे नही चाहिए...|” भाई ने अपने बाल ठीक किये |
“मैं तुझे इस time कुछ भी देने की हालत में नही हूँ...|” रजत फिर से एक नजर भाई पर मारने के साथ बोला |
“क्या आधे घंटे के लिए मेरे school आ सकते है...?” भाई ने बोला |
“क्या...?” रजत सोचने के साथ “मैं कौन सा कोई hollywood का कोई superstar हूँ, जो तेरे school जाकर छा जाऊंगा...|”
“Hollywood नही, bollywood...|” भाई ने बोला |
“What ever...|” रजत ने बात को रफा-दफा किया |
“आप आओ तो सही...|” भाई ने फिर से request की |
“Time नही है मेरे पास...|” रजत फिर से laptop को देखने लगा |
“Please, मेरी इज्जत की बात है...|” भाई ने रजत के सामने हाथ जोड़ो |
“इज्जत बनाने के लिए पहले कुछ बन तो सही...|” रजत ने फिर उसके सर पर मारा |
तभी अपनी मम्मी के साथ बुझा चेहरा लिए market से सब्जियाँ लेकर आयी थी | रजत और रुकुल का भाई उस तरफ देखने लगे |
“सच में सब्जियों पर तो आग लगी हुई है...|” अपना पसीना पौछ्ते हुए मम्मी ने बोला |
रुकुल की तरफ से कोई reaction नही आया |
“रजत बेटा तुम चाय लोगे क्या...?” रुकुल की मम्मी ने रजत से पूछा |
“आप बैठिये मम्मी जी, मैं बनाता हूँ आपके लिए...|” रजत अपना laptop side में रखने लगा |
“अरे नही बेटा, तुम इस घर के जमाई हो, तुमसे काम कराके पाप थोड़ा ही लगाना है...?” रुकुल की मम्मी अंदर जाने लगी |
“आप रहने दो मम्मी, मैं बना लाती हूँ...|” अपनी तरफ देख रहे रजत को देखने के साथ रुकुल kitchen की तरफ बढ़ गयी |
“दीदी, मेरी बात सुनो ना...|” भाई भी उसके पीछे चल दिया |
“आप यहाँ बैठिये मम्मी...|” रजत ने रुकुल की मम्मी को अपने पास बैठने का इशारा किया |
“सच में इस बार गर्मी बहुत ज्यादा है...|” मम्मी रजत के पास बैठ गयी |
“I think so...|” रजत वापिस अपने काम में लग गया |
“तुम्हारा रुकुल के साथ कोई झगड़ा हुआ है क्या...?” मम्मी ने फिर से रजत का ध्यान खींचा |
“उसने आपसे बोला है क्या...?” रजत की आवाज में हल्का सा गुस्सा था |
“कुछ चीजो को समझने के लिए शब्दों की जररूत नही होती...|” मम्मी रजत को देखते हुए “चेहरा ही काफी है...|”
“आपकी बेटी ने मुझे लायक समझना छोड़, मेरी proprity के हिस्से की फ़िक्र करनी चालू कर दी है...|” रजत laptop की screen को देखते हुए बोला |
रुकुल की मम्मी को सुनते ही कल रुकुल से बोली अपनी बाते याद आ गयी |
“बस मैं उसकी नजरों में लायक बनने की कोशिश कर रहा हूँ...|” रजत ने सारी बातें रुकुल की मम्मी को बता दी |
“बेटा, रुकुल तुम्हें दुखी नही देखना चाहती, इसलिए तुम्हारे लिए जरूरत से ज्यादा फ़िक्र करती है...|” रुकुल की मम्मी रजत के चेहरे को देखते हुए “हर औरत में अपने पति के लिए होता है, पर वो...|”
“ये बातें मैं भी समझता हूँ मम्मी, but...|” रजत अपनी problem समझाते हुए “फ़िक्र को life से ऊपर तो नही रखना चाहिए ना...?”
“उसे थोड़ा time दो, वो समझ जाएगी...|” मम्मी ने रजत को प्यार से समझाया |
“Time देने के लिए ही तो ये सब बोला है...|” रजत रुकुल की मम्मी का हाथ पकड़ते हुए “And please मम्मी जी, next time इस बारे में कोई बात मत कीजियेगा...|”
“मैं समझ गयी बेटा...|” मम्मी कहते हुए उठ अंदर चली गयी |
तभी रुकुल रजत के लिए चाय लेकर आ गयी | रजत laptop पर लगा हुआ था | रुकुल चाय सामने table पर रखकर खड़ी हो गयी |
“Thanku...|” रजत ने बोला |
“मुकुंद (रुकुल का भाई) के school को कुछ funds की problems है, वो बोल रहा है, अगर तुम उसके school चले जाते तो...|” रुकुल ने दूसरी तरफ देखते हुए बोला |
“मैं कोई movie star नही हूँ, जो...|” रजत बोल ही रहा था |
“School वहाँ चैरिटी fund के लिए एक program कर रहा है, जिसमें mumbai के कुछ business man आने वाले है...|” रुकुल रजत की बात पूरी होने वाले से पहले “अगर तुम वहाँ चले जाते हो तो fund थोड़ा ज्यादा आ जायेगा...|”
“कब है...?” रजत ने फिर सोचने के बाद बोला |
“10 दिन बाद...|” रुकुल अभी भी दूसरी तरफ देख रही थी |
“देखते है...|” रजत ने बोला |
रुकुल गर्दन झुकाए हुए वापिस चल दी | रजत का हाथ उसे रोकने के लिए उठा, मगर रोक नही पाया |
Next morning सूरज उगने के लिए मचल रहा था और पक्षी भी उसका उत्साह बढ़ाने के लिए पूरे जोश के साथ चहचाह रहे थे | खुशी भी अपने बेड पर लेती मीठी नींद ले रही थी, विराट के साथ रहने की वजह से उसे भी विराट की आदत हो चुकी थी, इसलिए उसका हाथ बेड पर आगे बढ़ता हुआ विराट को खोजने लगा | मगर विराट को ना पाकर उसकी नींद खुलने लगी | 2 मिनिट के बाद खुशी ने आंखे खोली तो हाथ बांधे विराट उसके सामने खड़ा था |
“Good morning...|” खुशी ने मुस्कुराते हुए विराट से बोला |
मगर विराट ने कोई जवाब नही दिया | खुशी ने विराट की तरफ से कोई जवाब ना आता देख जैसे ही अपनी पूरी आँखे खोली, उसकी आँखे कुछ ज्यादा ही बड़ी खुल गयी | पूरी ठाकुर family hologram के रूप में उसके room में जमा थी |
To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-363. So reader, Please comments and
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-363
Reviewed by Mr.Singh
on
November 02, 2020
Rating:

Grt, nice part MATLAB amazing hai
ReplyDeleteExcellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss
All parts ate fabulous
ReplyDeleteWaiting for the next part
ReplyDeleteKhushi ki jm kr class lgege ab
ReplyDelete👌👌👌👌👌
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