Love story, Behind the story of भोली खुशी part-369

Behind the story of भोली खुशी part-369

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-369
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-369

 

दूसरी तरफ शाम के time शर्मा की shop में उसके लडकों के बीच बहस चल रही थी | शर्मा अपना हिसाब मिलाने में और राहुल salesman के निकलने के साथ कपड़ो को उठाने में busy था |

“Hey...|” हाथ में कुछ papers लिए सोनम उसके पास आकर खड़ी हो गयी |

“Hey...|” राहुल सोनम को देखने लगा |

“Balance sheets...|” सोनम ने मुस्कुराते हुए paper आगे कर दिए |

“Thanks...|” राहुल paper लेते हुए वापिस काम पर लग गया |

“If you don’t mine...?” सोनम नाक सी चढाते हुए “क्या हम dinner और चल सकते है...?”

“Sorry...|” राहुल पीछे की तरफ सोनम के दोनों झगड़ते भाई और हिसाब लगाते शर्मा को देखने के बाद paper की तरफ इशार करते हुए “मुझे बहुत काम है...|”

“इनको तो मैं सभाल लूंगी, but...|” सोनम राहुल के हाथ में paper देते हुए “But ये...|”

“बहुत ज्यादा important है...|” राहुल ने शांति के साथ बोला |

“It’s ok...|” सोनम ना चाहकर भी बोलते हुए “वैसे कल मेरे restaurant का birthday है, अगर तुम आओगे तो मुझे, I mean वहाँ के staff को अच्छा लगेगा...|”

“मुझे नही लगता, मेरा यहाँ से जाना ठीक रहेगा, फिर भी I’ll try to my best...|” राहुल कपड़ो को देखते हुए पीछे की तरफ चल दिया |

“क्या मैं तुम्हें अच्छी नही लगती...?” सोनम अपने दिल की बात बोलते हुए “यहाँ मेरे standerd तुम्हारे आस-पास भी नही है, इसलिए तुम मुझसे दूर भागते हो...?”

राहुल सुनकर कुछ पलों के लिए रुकता है और फिर अपने काम पर लग गया |

“या, कल मैंने तुम्हें गलत समझा, यहाँ तुमसे ठीक से बात नही की, क्या इसलिए तुम मुझे ignor करना चाहते हो...?” सोनम ने आगे सवाल किया |

“तुम्हें मेरी सचाई पता है...|” राहुल सोनम की तरफ घूमते हुए “मैं यहाँ कोई holiday मनाने या enjoyment के लिए नही आया हूँ...|” राहुल अपनी हालत के बारे में सोचते हुए “मेरे यहाँ एक दिन रुकने से मेरी family buisness में billions में loss उठा रही है, फिर भी मैं यहाँ हूँ.....|” राहुल सोनम की आँखों में देखते हुए “खुद ही सोचो, कितनी बहुत बड़ी वजह होगी, जो मुझे यहाँ रोके हुए है |”

“क्या वजह है, जो तुम यहाँ पर हो...?” सोनम ने आगे सवाल किया |

“उस problem के नाम के लिए मेरे पास word नही...|” राहुल सोचते हुए “बस इतना समझ लो, ये वजह मेरे जीने और मरने की वजह बन सकती है...|”

“सोनम, घर चलने का time हो गया...|” तभी पीछे से शर्मा की आवाज आयी |

“कल lunch time पर...|” सोनम फिर भी अपनी बात को बोलते हुए निकल गयी |

राहुल पर कोई फर्क नही पड़ा, वो अपने काम में लग गया |

 

शाम के time तुषार और कृष्णा तेजी से घर के अंदर entry ले रहे थे | बिल्लों, शालनी, विराट बातें कर रहे थे और Ice, ईशा उनकी बातें सुन रही थी |

“क्या हुआ उसे...?” तुषार ने अपना सूट सोफे पर डालते हुए बिल्लों से पूछा |

“गैस...|” बिल्लों ने थोड़ा मजाक लिया |

तुषार ने उसे घूरा, मगर बिल्लों पर कोई असर नही हुआ | तुषार ने विराट का रुख किया |

“उन्होंने किसी को कुछ बताया नही...|” विराट ने बोला |

“क्या...?” कृष्णा थोड़ी हैरानी में “इतनी देर हो गयी, उसने मुहं नही खोला...?”

शालनी ने अपने कंधे ऊपर कर दिए |

“क्या हुआ...?” तभी खुशी भी वहाँ प्रकट हो गयी |

सब उसकी तरफ घुमे तो खुशी ने सबके पैर छू लिए |

“अब तबियत कैसी है तुम्हारी...?” बिल्लों ने थोड़ा कड़क आवाज में खुशी से पूछा |

“ठीक है मम्मी जी...|” कहते हुए खुशी ने विराट को देखा, जो दूसरी ही नजरों से उसे देख रहा था |

“कहाँ पर है वो...?” तुषार ने फिर सबका ध्यान खींचा |

“अपने room में...|” शालनी ने पीछे की तरफ इशारा किया |

तुषार उस तरफ बढ़ गया | बाकी सब भी उसके पीछे जाने लगे, मगर विराट ने खुशी को रोक लिया |

“What...?” खुशी ने विराट को देखा |

“Nothing...|” कहते हुए विराट फिर से खुशी को देखने लगा |

“कितने भी डोरे डाल लो, मैं नही आने वाली...|” कहते हुए खुशी आगे जाने लगी |

“अगर मैं कुछ business के tips भी देना चाहूं तो भी...?” विराट ने खुशी ने सामने सबसे strong चारा डाला था |

खुशी के रुकते हुए कदम बता रहे थे, ये उसका favorite चारा था | खुशी विराट को देखने लगी |

“LA ने हमारे कुछ projects start होने वाले है, अगर तुम चाहो तो...?” विराट ने बोहें ऊपर की |

“किसी ने मुझे एक बहुत बड़ा lacture दिया था...|” खुशी हाथ बाँधते हुए “ये जो तुम कर रहे हो, ये काम कराने का सबसे simple तरीका है, अगर तुम्हारे अंदर काबलियत है तो...|”

“अब मुझसे help के लिए मत बोलना...|” खुशी बोली बाद में थी, विराट पहले ही room तरफ बढ़ गया था |

“तो तुमसे help के लिए बोल कौन रहा है...?” खुशी विराट को देखते हुए थोड़ा हैरान थी |

 

Room में नरेंद्र अपनी आँखों पर सर रखे हुए लेटा हुआ था और परेशान नंदनी उसके पास बैठी थी |

“ऐसा क्या हो गया, जिसे आप ऐसे दिल पे ले बैठे...?” नंदनी ने फिर उससे पूछने की कोशिश की |

नरेंद्र ने कोई जवाब नही दिया |

“मुझे तो बात ही सकते है ना...?” नंदनी ने जोर देते हुए सवाल किया |

“कौन सा इतना बड़ा loss तो गया तेरा, जो तेरे दिल ने काम करने से मना कर दिया...?” तभी तुषार ने पूरी फौज के साथ entry लेते हुए सवाल किया |

“भाईसाहब, आप कौन आये...?” कहते हुए नरेंद्र उठने लगा |

“तू नौटंकी करेगा तो आना तो पड़ेगा ही...|” कृष्णा पीछे से बोला |

अब तक विराट, खुशी, बिल्लों, नंदनी, दूसरे बच्चे भी आकर खड़े हो गये थे | नरेंद्र ने फिर से गर्दन झुका ली |

“क्या हुआ इसे...?” तुषार ने नंदनी से पूछा |

नंदनी के पास खुद कोई जवाब नही था, वो बाकियों को क्या जवाब देती | हर किसी ने फिर से नरेंद्र का रुख किया, जो अभी भी चुप था |

“अब क्या आरती उतरवाने के बाद बोलेगा...?” तुषार को अब गुस्सा आ रहा था |

“वो...|” नरेंद्र अपने सीने पर हाथ रखते हुए “गौरव...|”

“क्या हुआ उसे...?” बिल्लों ने सबसे पहले और कड़क आवाज में react किया |

“वो ठीक तो है ना...?” अब नंदनी का भी दिल जोरो से धड़कने लगा था |

“कोई हमारे बच्चे को हाथ लगाये, ऐसा हो नही सकता...|” कृष्णा ने अपनी अलग ही thyori निकाली |

“मैं बात करता हुआ उससे, आप tension मत लीजिये...|” विराट ने mobile निकाल लिया था |

“एक बार इसे भी बोलने दोगे..?” तुषार ने कड़क आवाज में बोला |

सब शांत हो गये | खुशी भी विराट से थोड़ा सटकर खड़ी हो गयी |

“वो...|” नरेंद्र फिर भारी मन से “फिर से सबकुछ छोड़कर जाना चाहता है |”

अगले ही पल सबको फिर से सांप सूंघ गया | हर कोई एक-दूसरे को देखने में busy था |

“उसी गंदगी में, ये घर, ये दौलत, हम सबको...|” नरेंद्र की आँखे नम होने लगी |

बात सच में बहुत serious थी | विराट शायद सोच रहा था, उसके इतनी महेनत करने के बाद भी पूरी family फिर से उसी जगह पर आकर खड़ी हो गयी, जहाँ 3 साल पहले थी | खुशी सोचते विराट को देख ही रही थी, कि अगले ही पल तुषार, कृष्णा, शालनी और बिल्लों की छूटती हंसी उसका ध्यान खींच लिया |

“Ok...|” Ice मामले को समझने की कोशिश कर रही थी |

“सब पागल हो गये है क्या...?” ईशा ने Ice से पूछा |

“I think...|” खुशी उन 4 को बुरी तरह हंसते देख थोड़ा confuse थी |

नंदनी भी मामले को समझने के लिए उन चारों को देख रही थी |

“Coffeen में इतनी भी जगह नही होती, जो ये बंगला, गाड़ी, घर आ सकें...|” तभी शालनी ने एक dilog मारा |

“अब ये बात कहाँ से आ गया...?” नरेंद्र ये बात सुनकर भड़क गया |

“क्यों, क्या धरती पर इंसानों ने रहना बंद कर दिया क्या...?” शालनी आगे बोलते हुए “या इंसानों ने अपने जीने के rules बदल डाले ?”

“भाभी आपसे झगड़ा हो जाना है मेरा...!!!” नरेंद्र ने गुस्से में शालनी को warn किया |

“अच्छा, अब तू इतना बड़ा हो गया, अपनी भाभी से झगड़ा करेगा...?” बिल्लों को गुस्सा आ गया |

“आप इनको क्यों नही बोलती...?” एक छोटे बच्चे की तरफ नरेंद्र “इस time ये बातें करने की है क्या...?”

“क्यों नही है...?” बिल्लों नरेंद्र को घूरते हुए बोली |

“आज एक बात तो clear हो गयी...|” तुषार अपनी हंसी रोकने की कोशिश में “इंसान के लिए कर्म फल के रुप में उसके सामने आते है |”

नरेंद्र थोड़ा गुस्से में तुषार से नजरें घुमा लेता है |

“तेरे नजरें घूमाने से बात अपने मायने नही खो देगी...?” तुषार नरेंद्र का चेहरा पकड़ अपनी तरफ घुमाते हुए “जब तुझे सब कुछ छोड़कर जाना था, तो सब ठीक है...?” तुषार उसका चेहरा झटकते हुए “अब तेरा बेटा सबकुछ छोड़कर जाना चाहता है, तो तेरा दिल क्यों बैठा जा रहा है...?”

नरेंद्र के पास जवाब नही था |

“अब पता चल रहा है, जब अपने खून से सींचने के बाद फसल खराब निकलने लगे तो कैसा लगता है...?” बिल्लों ने नरेंद्र से बोला |

खुशी समझ नही पा रही थी, इसलिए उसने विराट का रुख किया |

“बहुत long story है, बाद में सुनाऊंगा...|” विराट ने खुशी को शांत किया |

अगले ही पल नरेंद्र के आंसू टपकने लगे | विराट और नंदनी हिलने लगे तो तुषार के उठे हाथ ने दोनों को रोक दिया |

“ये उन कर्मो के आंसू है, जो इसने उस time पर किये है, जब हमें इसकी सबसे ज्यादा जररूत थी...|” तुषार ने नरेंद्र को घूरा |

दोनों कुछ देर के लिए पीछे हट गये |

“वो फिर से उसी नर्क में जाने की बात बोल रहा है, जहाँ से उसे बड़ी मुश्किल से निकाला था...|” नरेंद्र झुकी गर्दन के साथ “मैं चाहता हूँ, जिस तरह आपने मुझे उस गलती को करने से रोक था, उसी तरह मेरे बेटे को...|” नरेंद्र ने तुषार का हाथ पकड़ लिया |

“अभी तू इतना बड़ा नही हुआ है, जो इस घर और इसके घरवालों की जिम्मेदारी ले सके...|” तुषार उसे हिलाते हुए “अभी इस शरीर में जान है और ये कंधे इस घर का बोझ उठा सकते है...|” तुषार उठते हुए “पागल नही है हम, जो हमारे बच्चे संयास धारण कर ले और हम खैरात में बाटने के लिए बेहिसाब दौलत कमाते रहे....|”

हर कोई तुषार को देख रहा था |

“खाने पर आ जा...|” तुषार बाहर की तरफ चलते हुए “गौरव का क्या करना है, वो हम सोच लेंगे...|” तुषार वहाँ से निकल गया |

अब बाकी सब नरेंद्र को देख रहे थे |

 

To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-369. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-369 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-369 Reviewed by Mr.Singh on November 09, 2020 Rating: 5

5 comments:

  1. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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  2. Kindly add a line in the end that when will the next part uploaded.
    It will allow the readers to wait for a stipulated time.

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