Behind the story of भोली खुशी part-370
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-370 |
तरुण हाथ बांधे खड़ा था और गौरव झुकी हुई गर्दन के साथ अपना समान pack कर रहा था |
“सही में तेरा दिमाग खराब हो गया है गौरव...|” तरुण कड़क आवाज में “तू दुनियाँ का पहला इंसान है, जो सफाई से गंदगी की तरफ जाना चाहता है |”
“तुम नही समझोगे तरुण...|” गौरव उदास नजरों से तरुण को देखते हुए बोला |
“क्या नही समझूंगा...?” तरुण कड़क आवाज में “और इसमें समझने वाली बात कौन सी है, इतना rich kid होने के बाद भी तुझे एक criminal की life जीनी है...?” तरुण ना समझते हुए हाथ हिलाते हुए “तुझे बड़ा पागल इस world में कौन होगा...?”
गौरव एक नजर फिर से तरुण को देखते हुए अपने कपड़े pack करने लगा |
“गौरव answer me...|” तरुण ने गौरव का हाथ पकड़ लिया था |
“ये जो rich kid का medal मेरे साथ चिपका है ना, यही सबसे बड़ी problem है...|” गौरव तरुण को देखते हुए “दम घोटकर रखा है इसने मेरा, अपनी मर्जी से ना तो खा सकते है, ना ही साँस ले सकते है...|” गौरव आवेशों के साथ तरुण की आँखों में देखते हुए “You know what Tarun, आज तक इस rich kid के medal ने मुझे मेरी ही नजरों में उठने नही दिया, एक software genius होने के बाद भी मैं...|” गौरव अपने अंदर के गुस्से को किसी तरह रोकते हुए “मैं कुछ नही हूँ |”
“गौरव, software के genius इस पूरी दुनियाँ में भरे पड़े है, but इतने बड़े साम्राज्य को चलाने में हिस्सेदारी देना सबको नसीब नही होता...|” तरुण ने भी बाकी सब जैसी बात गौरव के सामने रख दी |
“अगर मुझे इतना बड़ा साम्राज्य चलाने में हिस्सेदारी निभानी ही ना हो तो...?” गौरव तरुण को देखते हुए “अगर मैं अपना एक छोटा सा software बनाकर ही खुश रहना चाहता हूँ तो...?”
“तो तुझे बदनसीब इंसान दुनियाँ में कोई नही होगा...|” तरुण गौरव को पीछे की तरफ धक्का देते हुए “जिसकी सोच ही छोटी हो, जिसे गंदगी में रहना अच्छा लगता हो, उसका कुछ नही किया जा सकता...|” तरुण खुद गौरव के बैग की चैन लगाते हुए “जा सड़ उसी गंदगी में...|”
गौरव अभी भी बैग को देख रहा था |
दूसरी तरफ अपनी ही धुन में खोया राहुल हर रोज की तरह गुरुद्वारे में साफ-सफाई में लगा हुआ फर्श को साफ कर रहा था | दूर बुढा गुरुद्वारे के एक कार्यकर्ता से बाते करता हुआ राहुल की तरफ इशारा कर रहा था | आदमी-औरते अपने जूते रखते हुए वहां आ रहे थे और अपने माथे के साथ अपने घमंड को भी गुरुद्वारे की चौखट में रखते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे | राहुल सफाई करता हुआ बूढ़े के ही पास आ चुका था | तभी एक family (आदमी, औरत, दो लकड़ी, एक लड़का) आकर बूढ़े और आदमी से बाते करने लगे | शर्मा की shop के लिए जा रहा था, तभी कुछ लडकों ने उसका रास्ता रोक लिया | आदमी बूढ़े का अपनी family से introducation करा रहा था | औरत और आदमी बूढ़े से बात रहे थे और दोनों मुहं में कुछ चबाती लडकियाँ और लड़का राहुल को देख रहे थे, जो बड़े ध्यान से फर्श को साफ रहा थे |
“अरे ऐसे कैसे खड़े हो, दारजी के पैर छुओ और अपना नाम बताओ...|” औरत ने तीनों बच्चो से बोला |
अब लडकियों के लिए मुसीबत बढ़ गयी, शायद उनके मुहं में चुइग्म थी, जिसे वो ना तो निगल सकती थी ना ही बाहर फेंक सकती थी | औरत ने भी जैसे ही उन दोनों को देखा, गुस्से से उसका भी पारा चढ़ गया, मगर वो सबके सामने गुस्सा नही कर सकती थी |
“वैसे इस हिस्से को फिर से बनाया गया है ना...?” तभी आदमी ने बूढ़े और दूसरे आदमी का ध्यान खीचा |
जैसे ही उनकी नजरें घूमी, लडकियों ने अपने मुहं से चुइग्म निकाल राहुल के सामने डाल दी | जिसे देख राहुल के हाथ रुक गये | राहुल बिना किसी सवाल के चुइग्म को उठा थोड़ा दूर रहे dustbin में डालकर आया और फिर से सफाई में लग गया | कार्यकर्ता आदमी को थोड़ा आगे ले जाकर जगह के बारे में समझाने लगा | तभी औरत ने 500 का नोट निकलाकर राहुल की तरफ बढ़ा दिया | राहुल ने 500 के नोट को देखते हुए औरत को देखो |
“अरे पकड़ ना...!!!” आदमी और दूसरो की नजरों से बचने के चक्कर में औरत ने नोट को हिलाते हुए बोला |
“मुझे नही चाहिए...|” कहते हुए राहुल वापिस सफाई करने लगा |
“ज्यादा धर्मात्मा बनने की जररूत नही है...|” पहली लड़की थोड़ा कड़क आवाज में “तुमने हमारा काम किया, ये उसका पैसे है...|”
“मैंने तो गुरुद्वारे का काम किया है, आपको पैसे देने ही है तो अंदर दे दीजियेगा...|” कहते हुए राहुल आगे खिसक गया |
“ओ hello...|” लड़का थोडा गुस्से में “जितना बोला जा रहा है, उतना ही करो, समझे...|” लड़का बोला ही था |
तभी आदमी बूढ़े और दूसरे आदमी के साथ वहाँ आ गया |
“क्या हुआ...?” बूढ़े आदमी ने सवाल किया |
“कुछ नही दारजी, ये लड़का सही से सफाई नही कर रहा था तो...|” औरत ने लडके का गुस्सा और बात, दोनों को सभालने की कोशिश की |
अब तक राहुल वहां से जा चुका था |
“ये गुरु का दरबार है कुलजीते...|” बुढा हल्की से मुस्कान के साथ “यहाँ जैसा दिल लेकर आओगी गुरु वैसा ही फल देंगे, घमंड दिखाओगी तो गुरु मुहं फिरा लेंगे, झूठ बोलोगी तो गुरु पहचान लेंगे, किसी को सताओगी तो गुरु तुझे शांति कैसे देंगे |”
“मैं समझी नही दारजी..|” औरत समझ नही पायी थी |
“तेरी सारी पूंजी कितनी होगी दिलजीते...?” बुढा मुस्कुराता हुआ बोला |
“ज्यादा नही है, गुरु की कृपा है दारजी...|” आदमी हाथ जोड़कर खड़ा हो गया |
“1000 करोड़ के आस-पास है...|” लडके ने थोड़ा घमंड में बोला |
“अपना मुहं बंद रख...!!!” आदमी ने लडके का घमंड समझ, उसे डांट दिया |
“पुत्तर...!!!!” बुढ़ा थोड़ा झुककर लडके की आँखों में देखते हुए “गुरु साहब फरमाते है,
‘घमंड ना करि तख्त-ताज, घमंड ना करि बादशाही |
घमंड का करि ज्ञान दा, घमंड ना करि खुदाई ||’
हर कोई बूढ़े को ध्यान से सुन रहा था |
“पुत्तर, जिस नू तुम सब 500 रुपया दी धौस दे रा सी, उसदा परिवार 1 अरब डालर दा नुकसान हर रोज चक रे सी, उस नू इदर छड़ के...|” बुढा बोला |
सुनते ही आदमी को धस्का आ गया और लड़की की आँखे कुछ ज्यादा ही बड़ी हो गयी थी |
“नानक नीयत देख के झोली भरते है...|” बूढ़े लडके के सर पर हाथ रख आगे बढ़ते हुए आगे बढ़ गया |
बाकी सब 1 अरब डालर को सुनकर ही अपनी पलके झपकना भूल गये थे |
गुरुद्वारे से निकल राहुल अपनी ही धुन में तेजी से शर्मा की shop की तरफ बढ़ता जा रहा था | तभी road के बीच में आज अकेली सामने खड़ी चंचल ने उसका रास्ता रोक लिया | राहुल ने एक नजर हाथ बांधे खड़ी चंचल पर, दूसरी नजर अपने चारों तरफ दौड़ायी, मानों कोठी सेठ के कही छिपे होने का शक हो |
“पापा नही आये...|” चंचल ने राहुल की गर्दन को आराम देने के लिए बोला |
राहुल चंचल को ignore करते हुए side से आगे बढ़ने लगा |
“Wait...|” चंचल हिली नही था |
मगर राहुल भी रुकने के मुड़ में नही था | वो जल्दी से जल्दी शर्मा की shop पर पहुंचना चाहता था |
“Please stop...|” चंचल उसके पीछे से दौड़ते हुए आयी |
“क्या चाहिए...?” राहुल अपने किसी गणित में लगा हुआ बोला |
“एक sorry...|” चंचल भी उसके साथ चलने लगी |
“दिया, please go...|” राहुल ने चंचल पर ज्यादा ध्यान नही दिया |
“Hey...!!!” थोड़ा गुस्से में चंचल राहुल का हाथ पकड़ उसे रोक लेती है |
राहुल चंचल को ना देख उसके हाथ को देखने लगा |
“Sorry...!!!” चंचल अपना हाथ पीछे खींचती हुई “तुम मेरी बात सुन ही नही रहे हो...|”
“जल्दी बोलो, क्या बात सुननी है तुम्हारी...?” राहुल सच में late हो रहा था |
“कही बैठकर बातें करे...?” चंचल ने इधर-उधर restaurant देखा |
“Please, मेरे पास time नही है...|” इस बार राहुल ने चंचल के सामने हाथ जोड़ लिए थे |
“मैंने कल तुम्हें कोई लोफर समझकर जो भी बोला, उसके लिए तुम्हें sorry बोलना था...|” चंचल अपनी बात पूरी करते हुए “मुझे लगा, मुझे impress करने के लिए तुमने वो सब...|”
“मैं कोई गली छाप लड़का नही हूँ, ना मेरे पास इतना time है, लडकियों को impress करता फिरूँ...|” राहुल बात को जल्दी खत्म करने की कोशिश में “So, just chill, and do your work...|” कहते हुए राहुल फिर से चलने लगा |
“वैसे इतने ज्यादा handsome भी नही हो तुम, जो इतना भाव खा रहे हो...?” चंचल ने फिर से बोला |
राहुल चंचल की बातों को कानो के ऊपर से उतारते हुए अपने रास्ते चल दिया | मगर अगले ही पल फिर से उसके माथे पर परेशानी वाली लकीरें थी | चंचल उसके साथ-2 दौड़ रही थी |
“तुम्हारे असली नाम क्या है...?” चंचल ने सवाल किया |
राहुल आते-जाते लोगो से बचता हुआ बिना जवाब के आगे बढ़ता जा रहा था |
“पता है, पापा ने तुम्हारी photo पूजा घर में रखी हुई है...|” चंचल हंसती हुई “वो तुम्हें पासर पत्थर बोलते है...|”
राहुल चांदनी चौक को पार करने ही वाला था तभी चंचल फिर से उसका रास्ता रोककर खड़ी हो गयी |
“और उन्होंने मुझे blem किया, मैंने पासर पत्थर को गवां दिया...|” चंचल राहुल की तरफ कदम बढ़ाते हुए “First time देखा है मैंने, मेरे dad को किसी के लिए इतना पागल होते हुए |”
“तू शर्मा की दूकान पर काम करता है ना...?” राहुल के चंचल को जवाब देने से पहले ही आगे से आकर खड़े होते 4 हट्टे-कट्टे लडकों में से ने राहुल का ध्यान खीचा |
राहुल और चंचल उन चारों को देखने लगे |
“जवाब क्यों नही देता...?” दूसरा लड़का अकड के साथ “तू ही है, जो उसकी दुकान की सफाई और सबको चाय पिलाता है...?”
“हाँ...|” राहुल ने बिना किसी झिझक के बोला |
“आज से तू उस दुकान पर दिखना नही चाहिए...!!!” तीसरे लडके ने राहुल का कार्लर पकड़ लिया था |
अब राहुल की आँखों में वैसा ही गुस्सा था, जैसा कल चंचल को डांटते time उसकी आँखों में था |
“वरना, अभी जिन टांगो पर खड़ा है, वो तो रहेगी, पर उसके ऊपर का धड...!!!” तीसरे लड़के राहुल को पीछे की तरफ धक्का देते हुए “जा किसी दूसरी दुकान पर काम देख ले...|”
“Hey you..!!!” चंचल गुस्से में लडकों को डांटती हुई “तुम्हें तमीज नही है, किससे कैसे बातें करते है...?”
“ओ हिरोइन...|” चौथा लड़का जैसे ही चंचल को touch करने लगा |
पता नही कैसे, राहुल का हाथ खुद ही ऊपर उठ लड़का का हाथ पकड़ लेता है | चारों लडके, चंचल, राहुल को देख रहे थे, जो उन्हें ना देखकर अपने हाथ को देख रहा था | जो राहुल अपनी होने वाली पत्नी को मारने वाले लडके का क्या करना है, ये पूछने भी विराट के पास गया था, उसने बिना किसी रिश्ते के, बगल में खड़ी चंचल के साथ होने वाली बत्तमीजी से पहले ही लडके का हाथ पकड़ लिया था |
To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-370. So reader, Please comments and
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to….!!!

Ab hui sahi training nice part
ReplyDeleteVery good story
ReplyDeletePerfect part
ReplyDeleteExcellent story as always and eagerly waiting to read the next update
ReplyDelete🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
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Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss
Beautiful story
ReplyDeleteBest part.
ReplyDelete👌👌👌👌
ReplyDeleteThis story is amazing😍😍😍
ReplyDeleteThis story is amazing😍😍😍
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