Behind the story of भोली खुशी part-392
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-392 |
दूसरी तरफ खुशी bathroom से बाहर आयी तो विराट room में नही था | खुशी ने विराट का बैग check किया, वो room में ही था | खुशी towel से अपने चेहरे को पौछ्ने के साथ बालकनी में जाकर देखती है, वहाँ पर भी विराट का अता-पता नही था | अब खुशी को थोड़ी घबराहट होने लगी थी | Towel side में डाल खुशी बाहर आयी तो विराट हाल में भी नही था |“सुनिए काका...|” खुशी नौकर को पास बुलाती है |
“हाँ बिटियाँ...?” नौकरों पास आते हुए सवाल करता है |
“आपने विराट को देखा काका...?” खुशी अंदर से कुछ बैचेन हो रही थी |
“कुछ देर पहले मालकिन के साथ बाहर जाते देखा तो था, उसके बाद का पता नही...|” नौकर ने जवाब दिया |
खुशी सोचती हुई राशि के room में गयी, तो राशि भी room में नही थी | खुशी room में जाकर अपना mobile उठाने के साथ विराट को call लगाती है, अगले ही पल विराट का mobile वही room में बज गया |
“विराट का mobile भी यही है, वो गया कहाँ...?” सोचते हुए खुशी ने राशि को call लगायी |
दूसरी तरफ विराट राशि के साथ mall में shopping करने आया था |
“वैसे विराट ठाकुर के पास इतना time कैसे हो गया, जो वो अपनी सास के साथ mall में घुमने आ गया...?” राशि ट्राली के साथ विराट को देखती हुई सवाल करती है |
“बचपन में mom के साथ अक्सर shopping करने जाता है...|” विराट products को देखते हुए “एक अलग सी excitement रहती थी, फिर बड़ा हो गया, तो...|”
“सब bor लगने लगा...|” राशि ने जवाब पूरा किया |
“नही....|” विराट राशि को देखते हुए “फिर time ही नही मिला...|” विराट हल्की सी मुस्कान के साथ “Mom अक्सर मुझे stories सुनाती थी, कैसे उन्होंने अपनी पढ़ाई complete की, job के लिए hard work किया...|” विराट सोचते हुए राशि को देखने लगा |
“मुझे क्या सुनना चाहते हो...?” राशि के विराट से सवाल किया |
“मैं खुशी को खुश कैसे रखूं...?” विराट ने राशि से सवाल किया |
“इसका जवाब बहुत simple भी है और बहुत टेढ़ा भी...|” राशि एक chips का packet ट्राली में डालती हुई “वो बचपन से always दुनियाँ को परियों की कहानियों सा देखती थी, आज भी ना चाहते हुए उसके मन में वही चीजें घुमती रहती है...|”
“ये तो आप भी जानती है, ये reality नही हो सकती...|” विराट ने राशि को देखा |
“हर इंसान के लिए उसकी reality अलग है बेटा...|” राशि मुस्कुराती हुई “उसके लिए आज भी कुछ present reality वही है...|”
“मैं हर तरह से उसे खुश करने की कोशिश करता हूँ, but...|” विराट फिर से अपने सवाल पर आ गया |
“Life में कभी भी, कोई भी पूरी तरह खुश नही रह सकता...|” राशि विराट को समझती हुई “खुशी भी नही रह सकती, हाँ अगर तुम उसे थोडा ज्यादा खुश रखना चाहते हो तो, उसकी परियों वाली story की life का part बन जाओ...|”
“और उसकी ये परियों की story वाली life क्या है...?” विराट ने फिर पूछा |
तभी राशि का mobile बजने लगा |
“खुशी का होगा...|” विराट ने guess किया |
अगले ही पल राशि ने call pick की तो खुशी का hologram सामने प्रकट हो गया |
“तुम यहाँ क्या कर रहे हो...?” खुशी ने विराट को घूरा |
“Shopping, क्यों नही करनी चाहिए...?” विराट ने जवाब दिया |
“कभी मुझे तो करायी नही...|” खुशी ने चेहरा बनाते हुए सवाल किया |
“तुमने बोला क्या कभी...?” विराट ने एक सोर्स बोतल उठाकर ट्राली में डाल ली |
खुशी फिर से विराट को घूरने लगी | तभी कुछ औरते आकर राशि से बातें करने लगी |
“ये तो आपका दामाद है ना...?” एक औरत ने पूछा |
राशि विराट का introduction सबसे कराती है, but खुशी को बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा था, विराट उसे छोड़कर राशि के साथ shopping पर आया था | खुशी अभी भी बैचेनी में विराट को देख रही थी, मगर विराट जैसे ही खुशी को देखता, खुशी normal होने का नाटक करती रही |
“Mrs. चावला, आपकी बेटी की भी तो शादी fix हो गयी है ना...?” राशि ने एक औरत से पूछा |
“Next month है, सगाई और शादी एक साथ...|” Mrs. चावला ने बोला |
“सगाई...?” खुशी सोचते हुए याद करती हुई “आज तो चंदु की भी सगाई है ना...?”
विराट खुशी को देखने लगा, जो मानों सदमें में चुप खड़ी थी |
दूसरी तरफ दोनों लडकें राहुल पर gun ताने खड़े थे | बाकी सबकी तो सांसे ही रुक गयी | सोनम, उसके भाई, बाकी सारे salesman, पीछे खड़ा शर्मा, बस बुत की तरह खड़े ही थे |
“तुम जानते हो मैं कौन है...?” राहुल ने बिना डरे पूछा |
“मारने के लिए जानने की जरूरत नही है...|” पहले लडके ने gun को load कर लिया |
“तुम्हें जान लेना चाहिए...|” राहुल पहले लडके को देखते हुए “मेरे खून की एक बूंद भी पूरी Delhi को डूबा सकती है...|”
दूसरा लड़का जैसे ही gun का trigger दबाने लगा, एक साथ दो fayer हुए और दो गोली दोनों लडकों के सर के पार हो गयी | सोनम, उसके भाई, बाकी सबने साथ नीचे गिरते लडकों को देखते हुए पीछे की तरफ देखा तो शर्मा के हाथ में gun थी, जिससे धुँआ निकल रहा था |
“देखा...!!!” शर्मा जोश में gun को झटका देते हुए “आज भी पंडित सुई की नोक पर निशाना लगा सकता है...|”
“Dad...?” आँखे फाड़े सोनम शर्मा को देख रही थी |
अगले ही पल बाहर से गोलियों की बरसात होने होने लगी | पूरी road पर भगदड़ मच गयी थी |
“सालों, पंडित से पंगा...?” शर्मा किसी profactional shooter की तरह बाहर fayer करते हुए चिल्ला रहा था |
दूसरे ही पल बाहर खड़े लड़के गोलियां लगते हुए गिरने लगे | शर्मा ने gun नीचे कर ली | दूसरे ही पल भीड़ की भीड़ राहुल को security guards ने आकर घेर लिया | सोनम, उसके भाई, खाली खड़े देखते रहे |
“घर चलने का time हो गया बाबा...|” तभी security guard वहाँ आते हुए राहुल से बोला |
“आप सबके साथ time बिताना मेरे लिए बहुत important था...|” राहुल हल्की सी मुस्कान के साथ हाँ में सर हिलाते हुए सोनम को देखने लगा |
सोनम या बाकी कोई बोलने की हालत में नही था, क्योंकि बाहर अभी भी बराबर गोलियां चल रही थी | राहुल ने कदम आगे बढ़ा दिए और राहुल शर्मा को देखते हुए बाहर निकल गया | बाहर राहुल की सोच भी ज्यादा लोग उसे मारने आये थे | पूरी road पर लाशों के ढेर लगते जा रहे थे | Sniper चुन-चुनकर राहुल के घेरे पर fayer कर रहे लोगो को मार रहे थे | Shop के अंदर शर्मा अभी भी gun लिए खड़े था |
“पिताजी...?” पहले लड़के ने डरते हुए सवाल किया ही था |
अगले ही पल फिर से शर्मा की gun चल गयी और चड्डा की shop में घुसने की कोशिश करता एक आदमी वही ढेर हो गया |
“पक्का ये हमारे पिताजी है ना...?” दूसरे लकड़े ने डरते हुए सवाल किया |
“नही...|” तभी पीछे से hologram के रूप में बिल्लों के साथ प्रकट होता तुषार “अभी ये पंडित है, killer पंडित...|”
हर कोई सामने खड़े मुस्कुराते तुषार और बिल्लों को देख रहा था |
“Oh my god...|” सोनम तुषार और विराट को पहचान गयी |
“मैंने तुम दोनों जैसे कमीने भी नही देख...|” फिर से अपनी ही shop में घुसने की कोशिश करते एक आदमी को ढेर करता शर्मा “मतलब अपना काम निकलवाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हो...?”
“ये बात तो आज भी उतनी ही सच है पंडित...|” पीछे पड़े आदमी को देखती बिल्लों “तेरे दोनों शौक आज भी उतने ही जवान है, जितने उस time पे थी...|” बिल्लों मुस्कुराते हुए “Gun चलाना और पंखडी के लिए तेरी चाहत...|”
“नाम मत लो उसका...|” शर्मा थोडा गुस्से में “बच्चे खड़े है मेरे...|”
अब जाकर तुषार और बिल्लों सोनम, शर्मा के दोनों बेटों पर नजरें डाली थी |
“Hello बच्चो, हम तुम्हारे पिताजी के बहुत पुराने दोस्त है...|” तुषार ने बोला |
“पुराने नही, कमीने दोस्त...!!!” शर्मा एक नजर बाहर अभी भी चलती गोलियों के बची जाकर दो-तीन fayer करके आते हुए बोला |
“अब बस भी कर...|” तुषार ने कमीने दोस्त की तरफ react करते हुए “कब तक ताना देगा...?”
“उस फूल जैसे बच्चे को यहाँ भेजने का idea किसका था...?” शर्मा ने उन दोनों के सामने आते हुए बोला |
तुषार शर्मा को देखने के साथ बिल्लों को देखने लगा |
“तेरे अंदर माँ का दिल है या नही...?” शर्मा बिल्लों को hologram होने के बाद भी उसके सर में मारते हुए “पता भी है, कैसे उस बच्चे ने यहाँ दिन काटे है...?”
शर्मा अपनी shop के बाहर लगे camera से पूरी रात राहुल को देखता रहता था |
“उसे इस दुनियाँ के लायक बनाना था...|” बिल्लों गीली होती आँखों के साथ “और तुझसे जल्दी उस कौन...?”
“अरे पागल, ऐसे ही भेज देती, इस तरह भूखा-प्यासा रहने के लिए छोड़ दिया...?” शर्मा gun से अपने सर पर मारते हुए “वो...|” शर्मा की आवाज भी नर्म होने लगी |
“Thanku पंडित...|” बिल्लों रोती हुई शर्मा के पैर पड़ने लगी |
“बस कर, पाप में मत डाल...|” शर्मा उसे रोकते हुए “वो तुझसे भी ज्यादा गहराई लिए हुए है...|” शर्मा तुषार की तरह इशारा करते हुए “पूरी दुनियाँ को खुदमे समा लेगा, और दुनियाँ को पता भी नही चलेगा...|”
“Thanku यार, मेरे बेटे को सभाले रखने के लिए...|” अपनी नम आँखों के साथ तुषार शर्मा के गले लग गया |
“यार भी बोलता है और Thanks भी बोलता है...?” शर्मा ने भी अपनी आँखे साफ कर ली |
“ये thanks बेटे के लिए नही है...|” तुषार शर्मा से अलग होते हुए “रामदयाल का नाम सुनकर भी मेरे बेटे के दांत ना तोड़ने के लिए है...|”
“अब खींच में, चल जा...|” शर्मा ने उन दोनों को जाने का इशारा किया |
“अपना ख्याल रखना...|” बिल्लों शर्मा से “और इनका भी...|” बिल्लों ने सोनम और बाकी सबकी तरफ इशारा किया |
शर्मा हाँ में सर हिला देता है | दोनों के गायब होने के साथ शर्मा ने बाहर की तरह ध्यान दिया, जहाँ पर गोलियां चलनी बंद हो गयी थी | अब शर्मा ने सामने खड़े अपने बच्चे और salesman's को देखा |
“क्या...?” शर्मा सबको जगाते हुए कड़क आवाज में पूछता है |
हर कोई हडबडाता हुआ जाग गया |
“Police आ गयी है, घर जाओ, आज की छुट्टी...|” शर्मा ने सारे salesman's से बोला |
अगले ही पल वहाँ सिर्फ सोनम और उसके दोनों भाई ही थे |
“Dad, mom जिस खतरनाक पंडित uncle की story सुनाती थी, वो आप ही हो...?” सोनम ने डरते हुए सवाल किया |
“तुझे क्या लगता है...?” अब शर्मा पूरे fome में था |
“मतलब आपने ही मम्मी के uncle को...?” पहला लड़का पसीना-2 हो रहा था |
“Delhi का इनामी गुंडा था वो, उसके सर में गोली उतारने के बार मिले पैसे से ही ये दुकान डाली थी...|” शर्मा ने अपनी gun दराज में रख ली थी |
“मतलब मेरे हाथ gun को देखकर जो खुजली होती है, वो...|” दूसरा लड़का बोलने लगा |
“खून का असर है...|” शर्मा उन तीनों को घूरते हुए “अगर तुम तीनों में से किसी के भी मुहं से तुम्हारी माँ के सामने गलती से भी निकल गया, मैंने फिर से gun को हाथ लगाया है तो...?”
“Dad, तुषार और प्रियंका ठाकुर आपके दोस्त है...?” सोनम ने सवाल ही बदल दिया |
“College friend है, जिगरी वाले...|” शर्मा ने सोचते हुए बोला |
“पिता जी, ये पंखडी और रामदायल कौन है...?” पहले लड़के ने पूछ लिया |
अलगे ही पल शर्मा की आँखों में खून उतर गया | शर्मा ने फिर से gun निकाली और आगे बढ़ अपने ही बेटे की कनपटी पर रख दी |
“पिताजी...|” लड़का काँपने लगा |
“Dad...|” सोनम ने शर्मा का हाथ पकड़ लिया |
“फिर से इन दोनों का नाम कभी मेरे सामने मत लेना...|” शर्मा पूरी तरफ गुस्से में “वरना मैं भूल जाऊंगा, तुम मेरा ही खून है...|”
“जी पिता जी...|” लड़का कांप रहा था |
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-392
Reviewed by Mr.Singh
on
December 17, 2020
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