Behind the story of भोली खुशी part-393
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-393 |
चंदु की सगाई के लिए लाडो with family, सुनीता, सूरजभान और बाकी गाँव के सारे लोग आये हुए थे | चंदु ने काफी अच्छे arrangement किये हुए थे, पूरा महौल्ला, सारे रिश्तेदार, ढेर सारे दोस्त, सब वहाँ आये हुए थे |
“इंतजाम तो ठीक ही किया से छोरे ने...|” एक गाँव से बुढा आदमी “करे के से यो छोरा...?”“सूरजभान के भांजे की बहु का सेकेट्री से...|” दूसरा आदमी सूरजभान की तरह देखते हुए जवाब देता है |
“के...?” आदमी समझा नही |
“अरे जूकर (जैसे) अधिकारी की साथ उसके कमर्चारी भी साथ आवे से, यो भी उसकी साथ घुम्मे से...|” दूसरे आदमी ने समझाया |
“तो के पैसे मिलते होंगे इसे...?” पहला आदमी थोड़ा हैरानी में “इस किशोर (लाडो का पिता) ने भी कहाँ रिश्ता जोड़ दिया |”
“जितने तू पूरी साल में कमावे से, उतनी तो इसकी एक दिन की तनख्वाह बैठे से चौधरी....|” सूरजभान ने बोला |
हर कोई अब सूरजभान को देखने लगा |
“छोड़ भी चौधरी, वो छोरा कू ना आया अभी तक...?” गाँव के दूसरे आदमी ने पूछा |
लाडो का पिता उनकी बात सुन, चंदु के घरवालों को देखने लगा | Room में चंदु किसी बच्चे की तरह रूठा हुआ बैठा था और उसके घरवालें, उसको मनाने में लगे हुए थे |
“क्या बचपना है ये...?” चंदु के पिता भड़कते हुए “वो तेरी कोई class की friend नही है, जो तूने बुलाया और वो दौड़ी चली आयी ?”
“वो बड़े लोग है चंदु...|” चंदु की मम्मी उसे समझती हुई “उसे हमारे जैसो के लिए time नही होता...|”
“मैंने कल ही उनसे बात की थी, वो आने ही वाली होगी...|” चंदु ने बोला |
“क्या हो रहा है चंदु...?” तभी सुनीता अंदर entry लेते हुए पूछती है |
अगले ही पल सुनीता को देख चंदु झटके से उठ गया | चंदु के बाकी घरवालें भी सुनीता को देख रहे थे |
“ये madam की देवरानी है...|” चंदु ने धीरे से अपनी family को बोला |
उसकी family भी अब सुनीता को थोड़ा सलीखे से देखने लगी |
“Madam वो...|” चंदु पूरे सलीखे के साथ “बस खुशी madam का wait है, वो आ जाये तो...|”
“क्या, दीदी आ रही है...?” सुनीता की आँखों में भी चमक आ गयी |
“हाँ, वो...|” चंदु आधे विश्वास भरे जवाब के साथ “उन्होंने कल बोलो तो था...|”
सुनीता, चंदु की उदासी, उसके परिवार की परेशानी और बाहर लोगो की बैचेनी के बारे में सोचकर खुद ही खुशी को call लगा देती है |
“दीदी...?” सुनीता ने call pick होने के साथ बोला |
सब एक आस भरी नजरों से सुनीता को देखने लगे | सुनीता ने अलगे पल mobile नीचे करके एक function on किया | अलगे ही पल गुस्से से भरी खुशी उसके सामने प्रकट हो गयी |
“Madam आप...|” चंदु बोल ही रहा था |
“दिमाग खराब है तुम्हारा...?” खुशी गुस्से में चंदु पर बरसते हुए “मेरे पास इतना time है क्या, जो मैं तुम्हारे mobile on होने का wait करुँ...?”
हर कोई एक-दूसरे को देखने लगा | अगले ही पल चुंद ने अपना mobile ढूंडते हुए check किया, उसका mobile ही switch off था | चंदु के पिता ने अपने सर में हाथ मार लिया |
“Sorry madam...|” चंदु बोल ही रहा था |
“तुम...|” खुशी बोल ही रही थी |
“चंदु...|” तभी विराट प्रकट होते हुए “हमारे पास थोड़ा time कम है, तो please अगर तुम...|”
“Sir...!!!” चंदु के साथ उसकी पूरी family की आँखे बड़ी हो गयी |
सुनीता ने आगे बढ़कर विराट और उसके बाद खुशी के पैर छू लिया |
“तुम यहाँ क्या कर रही हो...?” विराट ने सुनीता को घूरा |
“लाडो इसकी best friend है...|” खुशी ने जवाब दिया |
“सूरजभान चाचा भी आये हुए है...|” सुनीता गर्दन झुकाकर बोली |
“मामा जी आये है...?” विराट ने बाहर जाने की कोशिश की, मगर सुनीता का mobile यही पर था |
“मैं बाहर चलती हूँ...|” सुनीता बाहर की तरफ चलने लगी |
“Duffer...!!!” खुशी चंदु को डांटती हुई गायब हो गयी |
“गधा कही का...|” चंदु के पापा ने भी चंदु के सर पर मारा |
चंदु कुछ नही बोला |
बाहर जैसे ही सबको पता चला, विराट ठाकुर और खुशी ठाकुर आये है, हर किसी भी उन दोनों को देखने की होड़ लग गयी | बाहर खुशी और विराट सूरजभान के पैर छू रहे थे और सगाई का कार्यक्रम चालू हो गया था | सुनीता खुशी को लाडो से मिलाने ले गयी | विराट सूरजभान के साथ बाकी गाँववालो से भी बातें रहा था | आधे घंटे बाद ही ring ceremony चालू हो गयी | हर कोई उन दोनों के लिए तालियाँ बजा रहा था | चंदु अपनी सगाई से ज्यादा इस बात से खुश था, खुशी और उसके साथ विराट ठाकुर उसकी सगाई में आये थे | सगाई होने के साथ ही विराट ने खुशी के कान में कुछ बोला, जिसे चंदु देखकर समझ गया था, वो खुशी को चलने के लिए बोल रहा था |
“अब मुझे जाना है...|” खुशी चंदु से “तुम्हारा gift बाहर है...|”
चंदु कुछ बोलता, उससे पहले ही विराट की call आ गयी |
“हाँ...?” विराट किसी को भी disturb ना करने के इरादे से धीरे से बोला |
खुशी सुनीता से बात करने ही वाली थी |
“कब...?” अगले ही पल विराट की आवाज कड़क हो गयी |
सबके साथ खुशी भी उसे देखने लगी | विराट ने माथे पर अपनी ऊँगली रख ली थी |
“Hmmm...|” विराट call cut करने साथ सूरजभान को order देते हुए “अभी सुनीता के साथ गाँव निकलिए...|”
“क्या हुआ विराट...?” सूरजभान बोलने लगा |
“अभी...!!!” विराट कड़क आवाज में “Guards कहाँ है...?”
सुनीता ने अपने mobile पर एक जगह touch किया, अगले ही पल बाहर से कितने ही guards भागते हुए वहाँ आ गये |
“अगले 1 घंटे में ये दोनों गाँव में होने चाहिये...!!!” विराट order देते हुए बोला |
“Yes sir...|” Guards उन दोनों को घेरे में लेकर चलने लगे |
“दो guards चंदु की security में रुको...|” विराट ने सोचते हुए बोला |
“विराट, क्या हुआ...?” खुशी को भी थोड़ी बैचेनी होने लगी |
“मुझे अभी घर के लिए निकलना है, let’s go...|” कहते हुए विराट गायब हो गया |
“Packing कर लो, हम कल शाम निकल रहे है...!!!” खुशी भी चंदु को घूरते हुए गायब हो गयी |
“Yes madam...|” चंदु ने पूरे जोश के साथ बोला |
“के हुया...?” लाडो ने चंदु से पूछा |
“Mr. चंदु...?” तभी बाहर से एक अनजान आदमी बैग में हाथ डाले सामने खड़ा था |
“तुम कौन है...?” चंदु बोला |
तभी आदमी बैग से हाथ निकलाने लगा, अगले ही पल दोनों guards ने उस पर gun ताने लगी |
“गोली मत चलाना, मैं तो आपकी Inovo गाड़ी की delivery देने आया हूँ, आपकी गाड़ी बाहर खड़ी है...|” आदमी हाथ में गाड़ी की चाबी लहराता हुआ जमीन पर लेट गया |
“Inovo...!!!” हर किसी के दूसरे ही डर को side में कर चंदु उछल गया |
दूसरी तरफ विराट ने अपनी packing start कर दी थी |
“क्या हुआ विराट...?” तभी खुशी call cut कर सवाल करती है |
“राहुल पर हमला हुआ है, just...|” विराट ने बोला |
“What...?” खुशी यकीन ना कर पाने के साथ बोली |
अब तक विराट ने कोमल को call लगा दी थी | दूसरी तरफ कोमल एक लड़के के साथ hotel में बैठी हंस रही थी, तभी उसका mobile बजने लगा | कोमल call pick करने के लिए हाथ बढ़ाने लगी |
“Important है क्या...?” सामने बैठे लडके ने सवाल किया |
“मेरी जान से भी ज्यादा...|” कहते हुए कोमल call pick करते हुए “Sir...|”
“निकलो अभी...!!!” विराट सख्त order के साथ “Emergency है...|”
“Yes sir...|” कोमल call cut कर बिना किसी सवाल के खाने के बीच में से उठ गयी |
“Hey, ऐसा क्या हो गया, जो खाना भी finish नही कर सकती...?” लड़का थोड़ा हैरान था |
कोमल एक पल लड़के को देख बिना किसी जवाब के आगे बढ़ गयी | लड़का उसे जाता देखता रहा | विराट फिर से laptop को उठाने में busy हो गया |
“तुम जानते हो, किसने किया...?” खुशी ने विराट से अगला सवाल किया |
विराट ने खुशी को कुछ ऐसी नजरों से देखा, खुशी समझ गयी, विराट जानता है |
“तुम जानते हो...|” खुशी ने फिर से सवाल किया |
“जल्दी काम finish करो...|” विराट अपना बैग उठा खुशी के सर को चूमता है |
“विराट...|” खुशी जवाब जानना चाहती थी |
विराट ने उसके कान में कुछ बोला |
“और तुम ऐसे ही घर जा रहे हो...?” खुशी भड़कते हुए “मेरा mobile कहाँ है, मैं देखती हुई उन सालो को...|”
“क्या बोल रही हो...?” खुशी को mobile तक पहुंचने से पहले ही विराट ने खुशी को अपने पास खींच लिया |
“क्या...?” खुशी बिना किसी संकोच के “किसी लड़की के मुहं से कभी गाली नही सुनी क्या...?”
“तुम कुछ मत करो....|” विराट एक हल्की सी मुस्कान के साथ खुशी को चूमता हुआ “सब कुछ खुद ही हो जायेगा...|”
“मैं...|” खुशी बोल ही रही थी |
“Chill, सब under control है...|” विराट ने खुशी को शांत किया |
खुशी खुदको शांत कर विराट को देखने लगी, जो किसी चीज का wait कर रहा था |
“अब जाओ भी...|” खुशी ने उसे खड़े देख बोला |
“तुमने अभी तक permeation नही दी है...|” विराट अपनी कसम याद करते हुए बोला |
“रहने दो बड़ा पत्नीव्रत करने के लिए...|” खुशी विराट को बाहर की तरह धकेलते हुए “जाओ...|”
विराट खुशी को kiss कर चल दिया | जैसे ही विराट room से बाहर निकाला, खुशी का स्वभाव एकदम से बगल गया | खुशी ने mobile को उठाया और एक number मिला दिया |
“चाहे कोई बचे, ना बचे, I don’t care...|” खुशी order देती हुई “कल दोहपर तक मुझे news मिल जानी चाहिये...|”
दूसरी तरह से फिर किसी तरह का तर्क आया |
“मैं बोला ना, I don’t care...!!!!” इस बार खुशी लगभग हिलायी थी |
दूसरी तरफ रजत की company के बाहर अभी भी धरना चालू था, मगर ना तो उनके अंदर जोश था, ना ही अब वो आग बची थी, जिससे वो अपना हक लेने के लिए अड़े थे |
“अब तो मुझे भी लग रहा है, यहाँ बैनर लेकर बैठने से अच्छा है हम कहीं job ही ढूंड ले...|” एक लड़का बोला |
“रवि ने तो कल join भी कर लिया...|” दूसरा लड़का बोला |
“तूने पहले क्यों नही बताया...?” पहला लड़का भड़का |
“क्यों, तू उसकी job लगने नही देता क्या...?” दूसरा लड़का बोला |
“साला हम यहाँ हक की लड़ाई लड़ रहे है और वो job लेकर बैठ गया...?” पहला लड़का बोला ही था |
तभी हथियारबंद ढेर सारे लडकों की एक पूरी फौज वहाँ से company के अंदर की तरह गुजर गयी |
“अब ये क्या है...?” एक लड़की ने पूछा |
“Tight security...|” लड़का बोला |
“छोडो यार, यहाँ कुछ नही होने वाला...|” लड़का बैनर नीचे डाल अपने रास्ते चल दिया |
अगले ही पल उसके पीछे धीरे-2 maximum लोग निकल गये |
To be continue…I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-393. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-393
Reviewed by Mr.Singh
on
December 17, 2020
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