Love story, Behind the story of भोली खुशी part-382

 

Behind the story of भोली खुशी part-382

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-380
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-382

राहुल शर्मा की shop के सामने पहुंचा तो सफाई वाले पहले ही line लगाकर उसका wait रहे थे, साथ ही guards ने भी राहुल को देखकर जल्दी से गेट खोल दिए थे | राहुल normal तरीके से सफाई वालो को अंदर जाने का इशारा कर side में देखता है तो, चाय वाला, दूसरे लडके और दो नये track सूट पहने आदमियों के साथ खड़े थे |

“नमस्ते sir..|” चाय वाला और दूसरा लड़का बोला |

राहुल हाँ में सर हिलाकर उनके पीछे खड़े दोनों आदमियों को देखने लगा |

“Sir, अवस्थी जी और भंडारी जी...|” चाय वाला बड़ी विन्रमता से “पूरा चांदनी चौक, चावडी, दरियागंज इनके नाम पर चलता है...|”

“और ये किस नाम पर चलते है...?” राहुल ने बोला |

“ऐ...!!” भंडारी थोडा तेश में आकर “तुझे पता भी है, तू किसके सामने खड़ा है...?”

“साहब आपको बोला था ना, हूल मत देना...?” राहुल के देखने के साथ ही चाय वाला भंडारी के सामने हाथ जोड़कर खड़ा हो गया |

“तुम शांत रहो...|” अवस्थी भंडारी को शांत रहने का इशारा करते हुए राहुल से “हम यहाँ तमाशा करने के लिए नही आये, हमारे यहाँ आकर तुमसे मिलने का एक ही मतलब है, इस चाय वाले ने कुछ ऐसी बातें बोली है, जो 1 करोड़ daily का कमाने वाले को भी नही पता होती...|”

“मतलब तुम इतना भी नही कमाते...?” राहुल ने बिना किसी खास reaction के बोला |

“तू खुदको समझता क्या है...?” भंडारी फिर से भड़कते हुए “हजारो करोड़ रूपये का turnover है हमारा, तू...|”

“मुझे तो रूपये की value ही नही पता...|” कहते हुए राहुल पीछे की तरफ देखते हुए “तुम दोनों को क्या करना है, ये तुम्हें समझा देगा...|” सफाई वालों को बाहर आते देख राहुल मुड़ने लगा |

“हम यहाँ कर क्या रहे है, ये मामूली सी दुकान में काम करने वाला लड़का हमें order दे रहा है...|” भंडारी का गुस्सा सातवें आसमान पर था |

“लगता है तुम उसके कहने का मतलब नही समझे...?” अवस्थी जाते राहुल को देखते हुए बोला |

“क्या मतलब था उसका, वो हम अकेले यहाँ बुलाकर हमारी बेइज्जती कराकर चला गया और तुम....?” भंडारी बोल ही रहा था |

“उसे रूपये की value नही पता है, इसका मतलब समझे...?” अवस्थी ने भंडारी को देखा |

भंडारी ने इस बार आँखों से अवस्थी को देखा |

“ये बाहर का बाज है...|” अवस्थी मुस्कुराते हुए “किसी बहुत बड़े घोसले का छोटा सा बाज...|”

अब बात भंडारी के दिमाग में आ गयी थी, वो भी अवस्थी को देखने लगा था |

 

दूसरी तरफ विराट dining table पर बैठे हुए breakfast कर रहा था |

“Good morning sir...|” कोमल अपनी coffee के साथ उसके सामने आकर बैठ गयी |

विराट उसे घूरने लगा |

“मैंने तो अपनी packing कर ली थी sir...|” कोमल विराट के बोलने से पहले ही जवाब देते हुए “Driver और paylet भी ready था, बस आप ही...|”

“तुमने list ready कर ली...?” विराट फिर भी कोमल को घूरते हुए “हवाई वाले project को कैसे handle करना है...?”

“लगता है sir, आप अपने ही business से पूरी तरह updated नही है...|” कोमल coffee में एक ship मारते हुए “वो project तो कल रात से ही start हो गया है...|”

विराट के माथे पर लकीरें पड़ने लगी |

“आपके अलावा भी MD (तुषार ठाकुर) के पास बहुत सारे लोग है, business को सभालने के लिए...|” कोमल ने विराट की सोचती आँखों में देखा |

“LA के projects का क्या हुआ...?” विराट ने बात को बदल दिया |

“हमारी आज शाम की वहाँ meeting थी, तो...|” कोमल विराट के यहाँ बैठने का इशारा करते हुए “Mr. जिंदल उसे handle कर रहे है...|”

विराट अब सोचते हुए पीछे अपनी chair पर लग गया |

“सिंगापूर, जापान, बीजिंग...|” विराट के आगे पूछने से पहले ही कोमल “सब जगह पर आपके option भेज दिए गये है |”

विराट ने अपनी coffee को उठा लिया था |

“Sir, मैं भी सोच रही हूँ, शादी कर लूँ...|” कोमल विराट को सोचता देखकर “अगर काम में ही सारी उम्र निकल गयी तो...|”

“तुम्हें एक real fact बताउं...?” विराट ने कोमल की आँखों में देखा |

“शादी life की सबसे बड़ी गलती होती है...|” कोमल विराट के बोलने से पहले ही “फिर भी इसे हर कोई करता है...|” कोमल विराट की तरफ इशारा करते हुए “जैसे कि आपने भी की...|”

“अगर में ये गलती है, शादी के बाद ही पता चलता है...|” विराट ने थोड़ा गुस्से में बोला ही था |

“Good morning...|” तभी पीछे से आँखे मसलते हुए खुशी अपनी T-shirt के साथ उस तरफ आ रही थी |

“आज की तुम्हारी छुट्टी, जाकर Calcutta घूम आओ...|” विराट ने कोमल को जाने का इशारा किया |

“Thanku sir....|” कोमल एक boring thanku के साथ “वैसे भी मम्मी कितने दिनों से लड़का देखने के लिए चिपट रही है |”

“उस बर्गर वाले का क्या हुआ...?” विराट ने पास आकर खड़ी होती खुशी का हाथ पकड़कर कोमल से पूछा |

“वो तो accident के बाद दिखा ही नही...|” कोमल अपने room की तरफ चलते हुए “सुना है, ये भी अच्छे बर्गर बनाता है, hotel चलाता है...|”

“ये क्या बोल रही थी...?” खुशी पूरी आँखे खोलने की कोशिश में विराट की गोद में बैठ गयी |

“Well, ये हमारा bedroom नही है...|” विराट इधर-उधर देखने के साथ “ना ही हमारा घर...|”

“मेरा तो है ना...?” खुशी विराट के गले लगकर फिर से आँखे बंद कर लेती है |

“तो क्या अपने mom-dad को ये दिखाना चाहती हो, शादी के बाद तुम कितनी बेशर्म हो गयी हो...?” विराट ने फिर खुशी से बोला |

“आआआ....!!!” खुशी कुछ सुनने के मुड़ में नही थी |

“Mom की call आयी थी...|” विराट अपने हाथ का cup side में रखते हुए “दो दिन पहले तुम्हें checkup के लिए जाना था, क्या तुम गयी...?”

सुनते ही खुशी अब विराट का चेहरा देख रही थी, जिस पर गुस्से की लकीरें थी |

“मेरी meeting थी, और तुम भी तो...|” खुशी बहाने बनाने लगी |

“मतलब तुम नही गयी...?” गुस्सा अब विराट की आवाज में छलकने लगा था |

“अगर ये कामो को ठीक से कर लेती तो, इसका ये हाल नही होता...|” तभी kitchen से राशि की आवाज आयी |

खुशी विराट की गोद से उठ गयी | राशि अपनी चाय के साथ वहाँ आती हुई खुशी को घूरने लगी |

“तूने मुझे अपनी report क्यों नही दिखायी...?” राशि ने वहां आते हुए सवाल किया |

“मेरी report वही छुट गयी थी तो...|” खुशी डांट से बचने के सारे जुगाड़ लगाती हुई बोली |

“तो...?” विराट बात को ना छोड़ते हुए “तुम यहाँ checkup कराने नही जाओगी...?”

“मैं आज जाने वाली थी...|” खुशी अपने बचाव के विराट की तरफ हाथ करते हुए “विराट के साथ...|”

सुनते ही विराट खुशी को घूरने लगा | राशि भी विराट को देख रही थी |

“तुम आज तो free हो ना...?” खुशी ने विराट को घूरा |

विराट का गुस्सा उसके वापिस उठा चुके coffee के cup पर पड़ रहे दबाव पर दिख रहा था, जिसे देखकर भी खुशी ने ignore कर दिया था |

 

“क्या मेरा वहाँ जाना जरूरी है...?” लहंगा-चोली में तैयार खड़ी Ice ने mobile से नजर हटा मुहं बनाते हुए सवाल किया |

“अगर नही होता, तो क्या तू इस तरह खड़ी रहती...?” थोड़ा खांसती हुई अलमारी से कुछ गहने निकालती बिल्लों बोली |

“Mom, आप और चाची चली जाओ ना...|” Ice एक ना माने वाली बात बोलते हुए “मुझे अकेले वहाँ अजीब सा लगेगा |”

“तेरे पापा तेरे साथ होंगे ना...?” बिल्लों ज्वेलरी का box निकलाते हुए “और अगर function मेरी ससुराल के relation में होता, तो मुझे तुझसे advice लेने की जरूरत नही पडती |”

“आप भी चलो ना mom...?” Ice ने पीछे से बिल्लों को जकड़ लिया |

“अगर मेरी तबियत खराब ना होती, तो मैं भी तेरे साथ चलती...|” बिल्लों दो कड़े और गले में पतला सा necklace डालती हुई बोली |

Ice अभी भी बिल्लों को देख रही थी |

“रिश्तों में हर चीज देखी जाती है...|” बिल्लों Ice के कपड़े ठीक करती हुई “पहनावा, बोलने का ढंग, बडो से बात करने के संस्कार...|” बिल्लों Ice के बालों की लटें ठीक करती हुई “वो राजस्थानी है तो, थोड़ा इन चीजो को ज्यादा देखेगे...|” बिल्लों अब Ice की आँखों में देखते हुए “अपने dad का नाम नीचा मत होने देना...|”

“आप मुझे डरा रही है mom...|” Ice ने मासूम सा चेहरा बनाया |

“तुझे ये सब तो face करना ही पड़ेगा, अब नही करेगी तो शादी के बाद तो करना ही पड़ेगा...|” बिल्लों प्यार से उसके चेहरे को छूते हुए “अच्छा है ना, थोड़ी बहुत ऊच-नीच होगी तो पहले ही सभल जाएगी...|”

“कभी खुद भी ऐसी किसी बात को माना है तुमने...?” दरवाजे पर खड़े तुषार ने बिल्लों से बोला |

“तुम्हारे कौन से रिश्तेदार के सामने तुम्हारी नाक काटी है मैंने...?” बिल्लों तुषार पर कड़क हो गयी |

“मेरी बेटी को जैसे रहना है वो वैसे ही रहेगी, इसे कुछ बोलने की जररूत नही है...|” तुषार से आगे बढ़ Ice का माथा चूम लिया |

“हाँ-2, एक को तो बनाकर रखा है ना जानवर, इसे भी कुछ सीखने मत दो...|” बिल्लों ने फिर खांसते हुए बोला |

“Mom...|” Ice फिर से बिल्लों के गले लग गयी |

“तू मेरी चिंता मत किया कर...|” बिल्लों उसे हिम्मत देती हुई “तेरे dad से पहले नही मरने वाली...|”

“मरकर भी मेरा साथ मत छोडियो...|” तुषार ने बोला |

“आपको अब late नही हो रहा क्या...?” Ice ने दोनों की बहस को रोकते हुए तुषार से बोला |

“मैं तो कबसे ready हूँ, ये ही तुम्हें नही छोड़ रही...|” तुषार ने Ice से बोला |

“आप चलो मेरे साथ...|” Ice तुषार का हाथ पकड़ ले जाने लगी |

“सुंदर का क्या हुआ, 1 हफ्ते से बात नही हुई मेरी उससे...?” बिल्लों ने फिर से तुषार को टोका |

“जिदंल पहुंचने वाला होंगा वहाँ...|” तुषार ने बोला |

“उसे बोलना, जाकर सबसे पहले मेरी बात कराये उससे...|” बिल्लों ने तुषार को waring दी |

“जी मेमसाहब...|” तुषार ने बोला |

“अब चलिए भी...|” Ice ने फिर तुषार को खींचा |

“चल तो रहे है...|” तुषार ने बोला |

 

दूसरी तरफ Russia में पसीने से भरे माथे के दोनों तरफ लगी तारों के साथ Sandy एक बहुत बड़े hall में सैकड़ो बच्चो के बीच बैठी एक computer class का हिस्सा बन किसी सनकी की तरह laptop पर लगी किसी खतरनाक coading को solve करने में लगी हुई थी |

“30 सेकेंड....|” एक आवाज आयी |

अगले ही पल हर बच्चे के हाथ मानों बिजली से भी तेज चलने लगे हो | दूसरे ही पल मिलिट्री के बूट जैसी आवाजे सबके कानो में पड़ी, तो हर कोई एक-दूसरे के तेज धड़कते दिलो की धड़कने सुन सकता था | सर पर helment, किसी local force जैसे कपड़े पहने कितने ही guards line से हर बच्चे के बगल में आकर खड़े हो गये |

“15 सेंकेंड...!!!” फिर से एक कड़क आवाज आयी |

कितने ही बच्चे तो रोने भी लगे थे, मगर उनके हाथ नही रुके थे | सारे guards के हाथों में डंडे निकल गये थे | Sandy के हाथ भी बहुत ही तेजी से laptop पर चल थे, मगर process थी कि रुकने का नाम ही नही ले रही थी |

“10,9,8,7,6...|” Count चालू हो गयी थी |

“Done-5...!!!” करके आवाज आयी |

मगर counting नही रुकी |

“1...!!!!” बोलने की देर थी |

अगले ही पल हर किसी के साथ Sandy के हाथ भी मानों जाम हो गये थे | अगले ही पल एक-2 करके hall से बच्चो के चिल्लाने की आवाजें आने लगी |

“Shit...|” Sandy भी बडबडायी थी |

अगले ही पल उसकी पूरी body में current दौड़ गया | एक electronic डंडा उसकी कमर से चिपका हुआ था और वो बुरी तरह तपड़ रही थी |

15 मिनिट के बाद चोटों से बेहाल मुहं से टपकती लार में मिले खून के साथ, चेहरे, हाथो पर जख्म वाली चोटों के साथ घसीटते हुए Sandy को एक जेल की तरह दिखने वाले room में ले जाकर पटक दिया गया, जहां पर गिरने के बाद भी Sandy को होश नही था |

 

To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-382. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-382 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-382 Reviewed by Mr.Singh on November 27, 2020 Rating: 5

2 comments:

  1. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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    Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss

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