![]() |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-46 |
दुनियाँ के भाग्य और उन जीवो के जीवन को बचाने वाली तश्तरी घूम रही थी |
“महाराज, अपना निजी अनुभव बता रहा हूँ, किसी की किस्मत बहुत ज्यादा ही अच्छी हो, तभी उसे इस पुथ्वी के बहेतरीन योद्धा मिलते है, वरना..|” अघोरी बोल ही रहा था |
“तुम्हे ना तो खुद निराश होना चाहिए, ना ही दूसरों को निराश करना चाहिए...|” महामंत्री अघोरी की आखों में देखते हुए “अगर हमारी किस्मत में जीवन लिखा है, तो हमें जीवित रहने से कोई नही रोक सकता |”
“तुम सबकी किस्मत और तुम्हारा जीवन तो मैंने कबका लिख दिया है...|” अघोरी मन में सोच हसंता हुआ “तुम्हे का लगता है, ये भाड़े के योद्धा तुम्हें बचा पायेगे, मैंने अपने जादू इसे ऐसे बना दिया है, पृथ्वी के सबसे घटिया योद्धाओं पर ही जाकर ये रुकेगी....|” अपनी मन में जोर-2 से हंसता हुआ अघोरी उन सबको देख रहा था |
अगले ही पल सबकी नजर तश्तरी पर रुक गयी, क्योंकि वो रुकने वाली थी |
“जितना चाहे इसे ध्यान से देख लो, इसे रुकना तो वही है, जहाँ मैंने इसे स्थिर किया है |” अघोरी अपनी जीभ बाहर निकाल जोर-2 से हंस रहा था |
तभी कट की आवाज ने उसका भी ध्यान खींच लिया |
“ये कैसे हो गया...?” अगले ही पल अघोरी की आँखे फट गयी |
“देखा अघोरी, लगता है हम सबका जीवन अभी शेष है...|” महामंत्री ने तश्तरी को देखा |
तश्तरी पर 9 चिन्हं उभरते हुए एक ही line में आ गये थे |
“बुलाओ इन्हें....|” राजा ने बोला |
“मैं बोल रहा था महाराज, एक बार हमारे बारे में फिर से विचार कर लेते...|” अघोरी बात को घुमाने की कोशिश में “मेरी पूरी सेना...|”
अगले ही पल महामंत्री ने तश्तरी पर अपना डंडा मार दिया और प्रकाश की एक line 9 चिन्हों पर खींच गयी | अपने घर पर बैठी किसी से mobile पर बाते करती हंस रही थी | तभी उसका laptop waning देने लगा |
“Wait for a second...|” कहते हुए मलथा उठी |
उसका laptop error जैसी warning दिखा रहा था |
![]() |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-46 |
“I call you later...|” Call cut कर मालथा घर के अंदर तेजी से चलती है |
मालथा ने दरवाजा खोला तो वो उसी बड़ी scientist lab में खड़ी थी, जिसमें 6 - 7 computers, screens, कुछ chemicals और hall के बीच एक पारदर्शी 6 fit लंबा कांच खड़ा था ,जिससे कितने ही सारे तार जुड़े हुए थे | मालथा ने check किया, कांच के बीचों बीच एक दुधियाँ प्रकाश घूम रहा था, जिससे शनाया दूसरी दुनियाँ में जाती है |
“चलो, कुछ काम किया जाये...|” मालथा दरवाजे से अंदर आते ही बगल की दीवार में लगे एक red button को दबा देती है |
रास्ते में गजेंद्र से बाते करती शनाया अगले ही पल झटका ले गयी |
“क्या हुआ शनाया...?” गजेंद्र ने पूछा |
“मुझे जाना होगा...|” कहते हुए शनाया तेजी उड़ गयी |
“अब कौन मुसीबत में आ गया...?” गजेंद्र बडबडाता हुआ आगे बढ़ा तो सामने सिद्धार्थ खड़ा था |
शायद सिद्धार्थ शनाया को इस तरह देखने का आदी नही हुआ था, इसलिए आँखे फाडे खड़ा था |
“तुम कहाँ थे पूरा दिन से...?” गजेंद्र उस पर भड़क गया |
“वो मैं तो...|” सिद्धार्थ बोल नही पा रहा था |
गजेंद्र उस पर भड़क गया था |
घर पर कोमल राधा को किसी बात के लिए मनाने में लगी हुई थी |
“मम्मी please ना, सबके पास बड़ा mobile है, और मेरे पास छोटा भी नही है...|” कोमल ने अपने room में काम करती राधा के कंधे पर सर रखा |
“जरूरत क्या है तुझे mobile की...?” राधा बेड sheet ठीक करती हुई बोली |
“मम्मी net पर बहुत सारे notes ढूंढने पड़ते है, group study के लिए friends से बाते करनी पडती है, professors के message आते है...|” कोमल सारे अच्छे बहाने एक साथ बताते हुए “और कही emergency में call करनी पड़े तो...?”
“Net पर notes नही, बेतुके videos देखने है, उसे group study नही, group cheat बोलते है, message professors के नही, लडकों के आते है...|” राधा कोमल को घूरती हुई “और जब तक शनाया पास है, emergency तुमसे भागेगी, ना कि तुम्हारे पास आएगी...|”
“But मम्मी, सबके पास mobile है, सिवाए मेरे...|” कोमल ने रोनी सी सुरत बनायी |
![]() |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-46 |
“शनाया के पास भी नही है...|” राधा ने तर्क दिया |
जैसे ही कोमल अगला तर्क देने लगी, शनाया हवा बनकर प्रकट हुई और कोमल को अपने साथ ले गयी |
“अच्छा हुआ मुसीबत टली....|” राधा फिर से कपड़े लगाने लगी |
“आज मौसम बड़ा बेईमान है, बड़ा बेईमान है...|” किशन दरवाजे पर खड़ा गुनगुना रहा था |
“अब तुम्हें क्या हुआ...?” राधा ने उसे घूरा |
“आने वाला कोई तूफान है, कोई तूफान है, आज मौसम...|” किशन आकर बेड पर गिर पड़ा |
“अगर चुपचाप बाहर नही गये तो पक्का तूफान आ जायेगा...|” राधा गुस्से में थी |
“सुनो तो...|” किशन ने उसका हाथ पड़ना चाहा |
राधा gun की तरफ देखने लगी | अगले ही पल किशन room से बाहर था | दूसरी तरफ गौरव अपने mobile पर लगा game खेल रहा था और उसके पापा उसे lecture दे रहे थे |
“खा-2 के इनता मोटा हो गया है, कितनी बार बोला है, थोड़ा जिम जाया कर, फट जायेगा किसी दिन...?” पापा की आवाज कड़क थी |
“जिम जाने से दौगुना मोटा हो जाऊंगा...|” गौरव ने तर्क दिया |
“इस मोटापे के साथ life में क्या कर लेगा...?” पापा अपने सर पर हाथ मारते हुए “कोई तुझे लड़की भी नही देगा...|”
“तो आप मुझे लड़की वाले को दे देना...|” गौरव ने रास्ता बताया |
जैसे ही पापा गौरव पर भडकने लगे, शनाया आयी और उसे लेकर गायब हो गयी | पापा पैर पीटते रह गये |
मालथा ने पूरी तैयारी कर ली थी, power full थी, सारे system on थे, blackholl ready था, बस शनाया के आने की देरी थी | अगले ही पल शनाया, कोमल, गौरव और शनाया के बालो में झूलती जूली प्रकट हो गये |
“2 मिनिट रुक नही सकती थी, मैं मम्मी को mobile के लिए बस मनाने ही वाली थी...|” कोमल ने शनाया को झाडा |
![]() |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-46 |
“वो तो तू पिछले 1 साल से मना रही है...|” शनाया अपनी body को मोड़ने-तोड़ने लगी |
“अगर तू मेरा साथ दे तो मम्मी एक दिन में मान जाये...|” कोमल शनाया को घूरती हुई “पर तेरे पास है ना वो एक से बढ़कर एक गैजेट, नायब चीजें, तुझे क्या जरूरत है...?”
“ये ले, मेरा mobile ले ले...|” गौरव कोमल को अपन mobile देते हुए “वैसे भी मैं नया mobile लेने वाला हूँ...|”
“अपना खटारा अपने पास रख...|” कोमल ने उसे घूरा |
“हो गया तुम सबका...?” मालथा कड़क आवाज में “काम पर ध्यान दे...?”
“और life में रखा ही क्या है...?” कोमल बडबडाकर अपने system पर चलती हुई “बस काम कराए जाओ, कोई देना कुछ नही...|”
“सुन रह है मुझे...|” मालथा ने कोमल को घूरा |
कोमल ने मालथा पर ध्यान ही नही दिया | गौरव भी अपने system पर पहुंच गया था |
“तुम सब कुछ ले लिया ना...?” शनाया ने मुट्ठी में बन जूली से पूछा |
जूली ने हाँ में सर हिला दिया |
“तुम
ready हो...?” मालथा ने शनाया के हाथ में उसका चश्मा दिया |
“ऐसी जगह जाने के लिए तो मैं always ready रहती हूँ...|” शनाया का जोश देखते ही
बनता था |
“मैं हमेशा तुमसे एक ही बात बोलती हूँ...|” मालथा शनाया को देखते हुए “उस दुनियाँ में किसी पर भी भरोसा मत करना...|”
“मुझे पता है....|” शनाया ने उसकी बात को कान पर से उतार दिया |
“सारे system online है...|” कोमल बोली |
“घटना संख्या 124471, हर्मोन दुनियाँ की लड़ाई, पूरी details recording पर डाल दी है...|” गौरव बोला |
“Lounch के लिए तैयार...|” मालथा ने अपने computer पर देखते हुए enter मार दिया था |
अगले ही पल आईने से तेज हवा का दबाव बाहर आने लगा | मालथा जैसे ही शनाया को जाने के लिए बोलने लगी, उसे पहले ही शनाया अंदर कूद चुकी थी |
“किसी दिन चोट खाएगी, तभी इसकी कुछ समझ में आएगा...|” मालथा बडबडायी |
“हम आपके लिए इतना काम करते है...|” कोमल मालथा की तरफ घूमते हुए “आप कम से कम मम्मी को बोलकर एक mobile तो दिला ही सकती है ना...?”
![]() |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-46 |
“ताकि तुम लडके पटा सको...?” मालथा अपने computer को देखते हुए बोली |
“सबको ऐसा क्यों लगता है, मैं लडकों के पीछे पड़ी हूँ...?” कोमल ने थोड़ा गुस्से, थोड़ा हैरानी में पूछा |
“क्योंकि भगवान ने आँखे और कान सबको दिए है...|” मालथा कोमल को घूरती हुई “अब चुपचाप काम पर ध्यान दो...|”
अपने उसी विशेष प्रकार की धातु, जो दिखने में लोहे की तरह (पर तरल रूप में, जो दवाब के साथ अपना आकर बदल रहा था) के जूते, चमड़े की ढ़ीली से पेंट, ऊपर body पर एक पतली steel का बाजु cut बनियान, हाथों में बिना उँगलियों के दस्ताने पहने, शनाया प्रकट हुई | हर बार की तरह उसकी और दूसरो की safty, उसकी आंखों पर वही चश्मा fit होकर (जो ऐसा लग रहा था मानो उसे जबरदस्ती शनाया की आंखें खुली रखने के लिए बनाया गया हो) उसके चेहरे की शोभा बढ़ा रहा था, बाल पीछे चोटी के रूप में बंधे हुए थे और उसकी body किसी camando सी दिख रही थी | शनाया के दोनों ही खाली थे, मगर उसकी उँगलियाँ चल रही थी | जूली भी सीना ताने उसके साथ एक वीरान से मैदान में खड़ी थी | रात का time, दूर तक फैली मौत वाली ख़ामोशी, चाँद आसमान में पूरी तरफ जगमगा रहा था, शनाया ने चारों तरफ देखा, उसे अपने और जूली के अलावा कोई दूसरा नही दिखा |
“क्या बकवास जगह है...?” जूली ने शनाया का dilog मारा...|
“ये हर्मोन दुनियाँ वाले ऐसे मैदानों में रहते है क्या...?” शनाया ने जूली के सर पर हाथ रख लिया था |
“मुझे भी ऐसा ही लगता है...|” तभी पीछे से अपनी डंडे को धरती में मारते हुए टर्बो की आवाज आयी |
“टर्बो...!!!!” शनाया पलटती हुई टर्बो के गले लग गयी |
“कैसी हो शनाया...?” टर्बो ने मशीनी हंसी के साथ शनाया की पीठ थफथफाई |
“तुम कैसे हो...?” शनाया टर्बो के पेट पर मारते हुए “इस बार तो बिल्कुल ही नये दिख रहे हो...|”
“मेरे साथ तो नया पुराना चलता ही रहता है, तुम बताओ, क्या चल रहा है...?” टर्बो ने पूछा |
“कुछ भी तो नही...|” शनाया वापिस सीधी होती हुई “हमेशा की तरफ boring life, घर से college, college से घर...|” शनाया टर्बो को थोडा आगे चमकी light की तरफ चलने का इशारा करते हुए “पक गयी हूँ इन सबसे...|”
![]() |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-46 |
“Lucky हो शनाया, कम से कम इंसानों के बीच तो रहती हो, साफ-सुधरे माहौल में...|” टर्बो एक थकान भरी साँस के साथ “मेरी तो पूरी life ही मशीनी कबाड़ के बीच निकल गयी |”
“ऐसा नही बोलते, वो तुम्हारा घर है टर्बो...|” जूली टर्बो के साथ चलती हुई बोली |
“हर घर का मतलब वो वाला घर नही होता जूली, जिसमें तुम रहती हो...|” टर्बो जूली के सर पर हाथ फिराते हुए “कुछ घर रहने लायक नही होते |”
“छोडो इन बातों को...|” शनाया जूली की तरफ हाथ फैलाते हुए “देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लायी हूँ...?”
पल के हजारवे हिस्से में शनाया के हाथ पर मशीन के तेल की कैन रखी थी |
“क्या बात है...!!!?” टर्बो जोश के साथ “चलने में बड़ी आवाज होती थी |”
“अब नही होगी...|” शनाया टर्बो को खुश देख खुद खुश होने लगी |
“ये ले, मैंने तेरे लिए भी कुछ बनाया है...|” टर्बो अपने बगल के खाली box से एक पूरा packet शनाया के चश्मे और मुहं की मशीन, निकलाकर उसके हाथ में रख दी |
“तुम सच में best हो टर्बो...!!!” शनाया ने टर्बो को फिर से गले लगा लिया |
“हाँ-2, बस टर्बो ही है, जो तुम्हारे लिए best है...|” तभी सामने से अपनी शेरनी जैसे रंगत लिए अर्भा सामने आ गयी |
“तुम्हें कोई कैसे भूल सकता है....?” शनाया उसे गले लगने लगी |
मगर जूली ने अपनी पूछ बीच में कर दी | शनाया और अर्भा एक साथ जूली को घूर रहे थे |
“कुछ चीजो से दोस्ती दूर-2 ही अच्छी है...|” जूली ने अर्भा को घूरा |
“तुझे पता है जूली, किसी दिन मैं तुझे किस तरह मारूंगी...?” अर्भा ने प्यार से बोला |
“मत भूलना, मेरी पचाने की क्षमता बहुत ज्यादा है...|” जूली ने पलट वार किया |
“बस करने से अच्छा है वहाँ चला जाये...?” शनाया सबका इशारा दूर कितने ही हिल रही आकृतियों पर ले जाती हुई “लगता है इस बाद मेरी बिक्री काफी होने वाली है...|”
“शायद...|” अर्भा उस तरफ चलती हुई “मेरे conditioner के packets लायी हो ना....?”
“महंगाई बढ़ गयी है...|” जूली ने बोला |
“Set up जूली...!!!” शनाया ने जूली को डांटा |
To be continue…
I hope you all like this story. So
reader, Please comments and share this story with you friends and family and
add your valuable thoughts to….!!!

Wow sir
ReplyDelete.
excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
ReplyDelete🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
Always 💜💜💜💜 U Boss
Wow
ReplyDelete