शनाया राठौड़
(The Superhero) Part-45
 |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-45 |
शनाया लडकियों से छुटकारा पा CM की तरफ बढ़ने लगी | सिद्धार्थ अपना काम देखता हुआ एक नजर शनाया पर मारता है |
Security ने शनाया को आगे जाने से रोक दिया तो सूर्यप्रताप खुद उठकर उसे लेने गया |
“क्या किस्मत है शनाया की...|” गौरव camera में
recording करते हुए कोमल से “CM से मिलने का
chance मिल रहा है |”
“तुझे चाहिए उसकी किस्मत...?” कोमल ने गौरव को घूरा |
“अगर उसकी
powers मिले तो ठीक है...|” गौरव ने सोचने के बाद बोला |
सूर्यप्रताप CM से शनाया का परिचय करा रहा था, शनाया ने CM के पैर छूने चाहे तो CM खुद ही हाथ जोड़ता हुआ उठ गया |
“अब CM क्या बोल रहा होगा...?” गौरव ने फिर कोमल का सर खाया |
“यही कि, शनाया जी हम पर भी अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना...|” कोमल ने मजाक में बोला |
दोनों हंसने लगे | उधर CM, सूर्यप्रताप और शनाया में बाते चल रही थी |
“आप वो पिछले साल नहर वाला
project बोल रहे थे, उसका क्या हुआ...?” शनाया ने CM से पूछा |
“तुम तो जानती ही हो शनाया बेटी, central
से funds
निकलवाने में कितना पसीना बहाना पड़ता है, हमने
application दी हुई है, जैसे ही...|”
CM बोल ही रहा था |
“किसानो के लिए नहर हो या सड़के, उनके लिए आप के पास funds
नही होते...?” शनाया CM को घूरती हुई “जब अपने
resorts, willa, ship खरीदने के बात आती है, तो funds
आ जाते है...?”
“शनाया...!!!”
सूर्यप्रताप ने शनाया के कंधे पर हाथ रखा |
“तुम गलत समझ रही हो शनाया बेटी....|”
CM बात को मजाक में लेते हुए “ऐसी बातें तो लोगो में उड़ती ही रहती है, भला...|”
“अगर अगले महीने तक नहर का काम शुरू नही हुआ तो एक और बात लोगो के बीच उठेगी...|” अगले ही पल शनाया की आँखों के लाल रौशनी निकलने लगी |
CM की सांसे रुक गयी |
“CM नही रहे...|” शनाया ने मुट्ठी बंद की तो CM की सांसे रुक गयी |
“शनाया...!!!”
सूर्यप्रताप ने शनाया को हिलाया |
शनाया ने मुट्ठी खोली तो CM को साँस आने लगे |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-45 |
“मत भूलो, सोनगढ़ ही तुम्हारी जीत और हार का फैसला करता है...|” शनाया फिर भी CM को घूरते हुए “अगर सोनगढ़ में तुम्हें CM की कुर्सी पर बैठाने की हिम्मत है तो...|”
“अगले महीने से नहर का काम शुरू हो जायेगा...|” सबको दिखाने के CM ने शनाया के सर पर हाथ रखा |
“यही सबके लिए सही रहेगा...|” कहते हुए शनाया वापिस चल दी |
औरत अभी भी जाती शनाया को देख रही थी |
“इसकी तरफ से मैं मांफी मांगता हूँ...|” सूर्यप्रताप CM से बोल शनाया के साथ नीचे तक चल दिया |
CM वापिस एक लम्बी साँस भरते हुए chair
पर बैठ गया |
“तुमने इसे जल्दी छोड़ दिया...|” सूर्यप्रताप धीमी आवाज में “जब से CM बना है, आज शक्ल दिखायी है इसने...|”
“जितने भी
project रुके है, एक list बनाकर आज ही
aprove करा लीजिये...|” शनाया वापिस CM को घूरते हुए “ताकि फिर से इसका wait ना करना पड़े...|” शनाया वापिस अपनी जगह चली गयी |
दूसरी तरफ चिन के क्लोरा से मिल जाने की वजह से पूरे महल में कोहराम मच गया था | सेना किले की सुरक्षा मजबूत करने में लग गयी थी और दरबार में बहस का दौर चालू था |
“अब हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नही बचा...|” एक नीला मंत्री चिल्लाते हुए “चिन ने सारे राज अरोना की सेना के सामने खोल दिए है |”
“गुप्तचरों की खबर है, अरोना सेना कुछ ही घंटो में मृत जंगल पास कर लेगी...|” पीला मंत्री बोला |
“हमारे पास विकल्प सीमित ही बचे है...|” लाल रंग का महामंत्री उठकर राजा के सामने खड़े होते हुए “या तो हम इस समय, अरोना की सेना के जंगल पार करने से पहले ही उस पर हमला कर दे, या फिर किराये के सैनिको को बुलाकर अरोना की सेना का सफाया करा दे, या फिर तीसरा विकल्प संधि का बचता है...|”
“सभा किस पक्ष में है...?” राजा ने कड़क आवाज में सवाल किया |
“युद्ध-3....!!!”
पूरी सभा में यही आवाज आ रही थी |
“आपका क्या कहना है महामंत्री...?” राजा ने सोचते महामंत्री को देखा |
“मैं भी युद्ध के ही पक्ष में हूँ महाराज, परन्तु...|” कहते हुए महामंत्री रुक गया |
“परन्तु क्या महामंत्री...?” राजा ने सवाल किया |
“मैं चाहता हूँ, हमारे सैनिको इस युद्ध में ना के बराबर मारे जाये...|” महामंत्री राजा को देखते हुए “साथ ही हम आसानी से अरोना की सेना को हरा सके...?”
“अपने पक्ष को स्पष्ट करे महामंत्री...|” राजा ने बोला |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-45 |
“भाड़े के सैनिक...|” महामंत्री द्रडता के साथ “अगर वो अरोना की सेना को खत्म भी ना करे पाए तो...|” महामंत्री एक पल रुकने के साथ “इतना कमजोर तो कर ही देंगे कि हम उन पर आसानी से विजय पा ले...?”
सब एक-दूसरे से इस बात पर विचार-विमर्श करने लगे | तभी एक सैनिक दरबार के बीच में आकर खड़ा हो गया | राजा सैनिक को देखने लगा |
“गुप्तचर संदेश लाया है महाराज...|” सैनिक गर्दन झुकाते हुए “अरोना की सेना मृत जंगल की सीमा पर पहुंचने वाली है...|”
महामंत्री ने राजा को देखा | राजा ने हाँ में सर हिला दिया |
चिन जंगल के सरहद से कुछ दूरी पहले ही रुककर एक विशाल और बेजान से दिख रहे मैदान को देख रहा था | क्लोरा, उपसेनापति और कमांडर के साथ उसके पीछे आकर रुक गयी |
“इससे आगे जाना अभी के लिए खतरे से खाली नही है...|” चिन ने बोला |
क्लोरा ने उपसेनापति को देखा, जिसने हाँ में सर हिला दिया था | क्लोरा ने तिरछी नजरों से कमांडर को देखा, जिसके पीछे ऊपर कमांडर आकर रुक गये थे |
“सेना को धीमा करो...|” कमांडर ने order
दिया |
तभी कितने ही बिगुल एक साथ बजें और अरोना की सेना मानों हवा से वहाँ प्रकट होना चालू हो गयी हो |
“सूरज को छिपने में अभी 1 घंटा बाकी है...|” अरोना सूरज को देखती हुई “हम महल में आक्रमण कर सकते है, तुम हमें वहाँ तक लेकर चलो...|”
“मेरा काम आपको सही सलाह और आपकी उन खतरों से सुरक्षा करना है, जिनका आपको अंदाजा भी नही है....|”
चिन क्लोरा की तरफ घूमते हुए “इस मैदान को रात में पार करना बहुत ही मुश्किल है...|”
“कितना मुश्किल...?” क्लोरा ने सवाल किया |
“इनता कि, मौत और इस मैदान को पार करने में से एक को चुनना हो तो, मौत चुन लेनी चाहिए...|” चिन ने बोला बाद में था |
कुछ जीवों के चिल्लाने की आवाज आने लगी, जो मैदान की तरफ से आ रही थी |
“इसके सुझाव में दम है...|” उपसेनापति धीरे से क्लोरा के कान में “हमने जंगल को पार कर लिया है वो भी सेना के ना के बराबर नुकसान के साथ |” उपसेनापति क्लोरा का ध्यान सैनिको की तरफ करते हुए “ऊपर से हमारी सेना भी थक गयी है..|”
अलगे ही पल क्लोरा का हाथ उसके पेट पर चला गया, शायद उसके पेट में दर्द हो गया था |
“वैसे भी यहाँ से आगे महल से पहले आपको ना तो खाना मिलेगा, ना ही पानी...|” चिन ने क्लोरा को देखा |
“और जंगल के खतरे का क्या...?” कमांडर ने चिन को घूरा |
“जितने भी जंगल के खतरे है, वो बहुत पीछे रहे गये है, आप यहाँ सुरक्षित है...|” चिन ने कमाडंर को देखा |
अब तक क्लोरा की बहन भी उसके पास आ गयी थी | क्लोरा के चेहरे पर उभरी परेशानी से वो समझ गयी थी, उसे क्या हुआ है |
“आज रात हम यही विश्राम करेगे...|” क्लोरा ने आदेश दिया |
“तम्बू लगाओ...|” उपसेनापति ने कमांडर को देखा |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-45 |
“शायद आप कुछ भूल रहे है...?”
चिन ने मानों सबके पैर रोके हो | क्लोरा चुटकी बजाकर अपनी बहन एक साथ दूसरी तरफ चली गयी | दो सैनिक वही बड़ा सा box चिन के सामने रख देते है | चिन ने उस box को खोला तो उसकी आँखे हैरानी में बड़ी हो गयी | Box
के अंदर मखमली राजा का लिबास और ताज चमक रहा था, जिसमें से नीली रौशनी निकल गयी थी |
दूसरी तरफ
College में आज के खेल खत्म हो चुके थे और शनाया
workers के साथ सामना को समेटने के लगी हुई थी | तभी
principal गजेंद्र के साथ बातें करता हुआ उस side से गुजरा |
“ये सिद्धार्थ कहाँ है...?” अकेली शनाया को काम करते देख principal
ने गजेंद्र से पूछा |
“किसी काम से इधर-उधर ही होगा
sir...|” गजेंद्र ने
principal से बोला |
“गजेंद्र जी, मुझे आपके भांजे पर जरा सा भी यकीन नही है...|”
Principal ने तोड़ा कड़क आवाज में बोला |
“आप सिद्धार्थ पर कुछ ज्यादा ही शक कर रह है sir, वो समझते-2 समझ जायेगा...|” गजेद्र ने खुद ही बिना विश्वास के बोल दिया |
“अगर उसने कुछ ऐसा कर दिया, जो हम सबके के बस से बाहर हुआ तो...|”
Principal गजेंद्र को घूरते हुए “आपको पता है, आपका क्या होगा...?”
अब गजेंद्र के चेहरे पर चिंता तो दिख रही थी, मगर वो कुछ कर नही सकता था | तभी
history के professor
principal के पास आकर खड़े हो गये |
“Sir...|” Professor ने बोला |
“Mr. मूर्ति...|”
Principal ने गजेद्र ने साथ शनाया का भी ध्यान उस तरफ खींच लिया |
शनाया भी गौरव की बात याद कर उस तरफ बढ़ गयी |
“आप तो यहाँ से रिटायर होने के लिए बोल रहे थे, फिर इस तरफ
transfer...?” Principal ने सवाल किया |
“Sir, क्या सोनगढ़ से कोई गलती हो गयी, जो आप इस तरह जा रह थे...?” शनाया ने भी आकर पूछा |
“कैसी बात कर रही हो शनाया, सोनगढ़ में आकर मुझे पता चला है, पैसे से ऊपर इंसानियत होती है...?”
Professor थोड़ा हैरानी में “मैं तो चाहता हूँ, मेरी आखिरी साँस भी यही निकले...|”
“तो फिर जा क्यों रहे है
sir...?” शनाया की आवाज थोड़ी नर्म पड़ने लगी थी |
“मेरा बेटा पिछले 10 साल से मुझे अपने पास रहने के लिए मना रहा है...|”
Professor हल्की सी मुस्कान के साथ “अब तो उसकी माँ भी ज़िद करने लगी है...|”
Professor शनाया को देखते हुए “5 साल की job बची है, तो सोचा उसका भी मन रह जायेगा और job भी पूरी हो जाएगी...|”
शनाया की आँखे छलकने लगी थी |
“अरे पागल, मैं हमेशा के लिए थोडा ही जा रहा हूँ, 5 साल की तो बात है....|”
Professor ने शनाया के सर पर हाथ रखा |
“आशा करते है Mr. मूर्ति, आपका आगे का सफर happy
रहे...|” Principal
ने मूर्ति से हाथ लिया |
Professor गजेंद्र से हाथ मिला शनाया को आशीर्वाद देते हुए जाने लगा |
“Mr. मूर्ति...|” Principal
ने पीछे से आवाज लगायी |
“Don’t worry
sir...|” Professor principal को देखते हुए “Mr. कृष्ण
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-45 |
मूर्ति अपने पूरे खानदान की कसम खाकर बोलता है, मर जायेगा, मगर सोनगढ़ का राज उसके या उसकी wife के गले से बाहर नही निकलेगा...|”
“अपना ख्याल रखियेगा
sir...|” शनाया ने बोला |
Professor मुस्कुराते ही चला गया |
“Mr. मूर्ति की जगह कौन आ रहा है sir...?”
शनाया ने Principal
की तरफ देखा |
“अभी तो कोई
report नही आयी है...|”
Principal ने बोला |
शनाया सोचती रही |
दूसरी तरफ अपने लाल महामंत्री और दूसरे मंत्रियों के साथ राजा एक पीले रंग की तश्तरी के सामने खड़ा था, जो 9 घेरों से मिलकर बनी थी और हर घेरे पर 9 ही निशान बने थे |
“आपने अच्छी तरह सोच लिया है ना महाराज...?” तभी तश्तरी के पीछे से एक काले रंग का बड़ा सा नाग निकलर राजा के सामने आकर खड़ा हो गया |
“सोचने का समय निकल गया है अघोरी...|” राजा तश्तरी को देखते हुए “अब तो युद्ध आर-पार का होगा...|”
“आपके इस फैसले में विचार करने के लिए थोड़ा सा समय शेष है महाराज...|” अपनी छोटी मगर काली आँखों से राजा को देखते हुए अघोरी सूरज के ढलने की तरफ इशारा करते हुए “आप चाहे तो मैं अपने भाईयों के साथ आपके और इस दुनियाँ के लिए युद्ध में जाने के लिए तैयार हूँ, बस आप एक बार...|” अपनी दुमही जीभ निकलाकर अघोरी राजा का फैसला बदलने के चक्कर में बोला |
“हमें तुम्हारी जरूरत पड़ेगी अघोरी, मगर बाद में...|” महामंत्री तश्तरी की तरफ इशारा करते हुए “पहले तुम उनको बुलाओ...|”
“जैसी आपकी इच्छा महामंत्री...|” अघोरी फिर राजा को देखते हुए “इसके नियम तो आपको पता ही होंगे महारजा...|’ अघोरी फिर से अपनी जीभ निकालते हुए “आप एक बार ही योद्धाओ को बुला सकते है, साथ ही योद्धा किस्मत चुनती है, उसको मानना ना मानना आपके हाथ में है |” अघोरी राजा के चारों तरफ घूमते हुए “और उनकी फीस बहुत ज्यादा होती है...?”
“वो काम तो कर देगे ना...?” राजा ने सवाल किया |
“उनका काम आपकी सोच से भी बहेतर होता है...|” अघोरी फिर से राजा एक सामने आते हुए “तो अगर अब आप सहमत हो तो क्या मैं...?” अघोरी ने राजा से आज्ञा मांगी |
राजा के हाँ में सर हिलाने के साथ ही अघोरी ने अपनी पूछ तश्तरी पर मारी | अलगे ही पल तश्तरी की गूंज चारों तरफ फैल गयी, जिसे चिन के साथ पेट दर्द में अपने तम्बू में आराम करती क्लोरा, उपसेनापति, कमांडर ने भी सुना था |
“अरे नही....|” चिन के हाथ से मखमली कपड़े गिर गये |
“वो क्या है...?” क्लोरा ने चिन को उस आवाज की तरफ ध्यान देते हुए पूछा |
कमांडर ने चिन के जवाब ना देने से उसे ले जाकर क्लोरा के सामने खड़ा कर दिया |
“उन्होंने भाड़े के योद्धाओं को बुलाया है...|” चिन ने सोचते हुए बोला |
The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-45 |
क्लोरा ना समझ पाने की वजह से उपसेनापति को देखा |
“उन्होंने कांत्सो (अरोना दुनियाँ में तश्तरी का नाम) का प्रयोग किया है...|” उपसेनापति ने बोला |
सुनते ही क्लोरा झटके से उठ गयी |
“ये विकल्प उन्होंने सबसे बाद का रखा था, मगर अब...|” चिन बोल ही रहा था |
“इसके लिए हमारी नीती क्या है...?” क्लोरा ने उपसेनापति को देखा |
जो चुप था,जिसका मतलब उन्होंने इसके लिए कोई तैयारी नही की थी | दूसरी तरफ तश्तरी अभी भी घूम ही रही थी |
To be
continue…
I hope you
all like this story The best Adventure hind story, शनाया राठौड़ भाग-45. So reader, Please comments and share this story with you
friends and family and add your valuable thoughts to….!!!
excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
ReplyDelete🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
Always 💜💜💜💜 U Boss
Great part
ReplyDeleteexicellent story sir,aagla bhagg lgta hai devil ki yaad taza kr dega
ReplyDeleteBest part
ReplyDelete