आस्था जवाब दे आगे बढ़ गयी | Security guards ने media को पीछे ही रोक लिया | Office के अंदर entry करते ही आस्था ने अपने आदर जमा सारी घबराहट को निकाल दिया | मधु अभी भी उसके साथ चल रही थी | तभी ध्रुव सामने हाथ में एक tablet के साथ चला आ रहा था |
ध्रुव : Madam, एक problem हो गयी...|
ध्रुव ने tablet मधु की तरफ करना चाहा | आस्था चुपचाप आगे बढ़े लगी |
मधु : अभी time नही है, बाद में देखते है |
ध्रुव : जानवी की time missing है...|
सुनते ही मधु, जानवी और आस्था के कदम रुक गये | जानवी बड़ी-2 आँखों के साथ ध्रुव को देख रही थी |
ध्रुव : Mission में वो घाटी के पास से होकर गुजरे और वही से missing हो गये |
मधु : But वो घाटी के पास क्या लेने गये...?
ध्रुव : I don’t know, but अगर उन्हें अगले 24 घंटे में नही खोजा गया तो, हमने mission पर दूसरी team को भेजना पड़ेगा |
आस्था : क्या कुछ ऐसा है, जिसे मुझे सुनना चाहिए...?
मधु : No madam, आप अपने office में जाकर बैठिये, आपको इससे से बड़ी problem face करनी है |
आस्था अपने office की तरफ बढ़ गयी |
जानवी : मैं अभी उनकी खोज में जाउंगी...|
जानवी के कदम उठने लगे |
मधु : नही, तुम्हें madam के साथ रहना है...|
जानवी : आपकी madam से ज्यादा मेरी team को मेरी जरूरत है, मैं...|
मधु : ये मेरा order है, समझ गयी |
जानवी अब गुस्से में मधु को घूर रही थी |
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मधु : अगर तुम ज्यादा ज़िद करोगी तो मैं तुम्हें तुम्हारे पापा के पास भेज दूंगी |
जानवी : आपकी तानाशाही से तो उनके पास जाना ही ठीक है...|
जानवी बडबडाती आस्था के पीछे जाने लगी |
मधु : तो क्या तुम जा रही हो...?
जानवी : मैंने ऐसा तो नही बोला...|
जानवी गुस्से में चिल्लाने के साथ आगे बढ़ती चली गयी | मधु ने ध्रुव का रुख किया |
मधु : पिशाच team को भेजो...|
ध्रुव : Madam, वो तब तक काम नही करेगे जब तक कंचना को रिहा नही किया जायेगा |
मधु : Manda कहाँ पर है...?
मधु की आवाज कड़क हो गयी थी |
ध्रुव : Madam के room में...|
मधु भी उस side चल दी |
आस्थ अकेली ही अपने office की तरफ बढ़ी जा रही थी |
आस्था : ये घाटी क्या है सारंग...?
सारंग : एक घाटी है, आत्माओ और इंसानी दुनियाँ के बीच, जिसमे शैतानों का बसेरा है |
सारंग उसके अंदर से बोला |
आस्था : मतलब तुम्हारा...?
सारंग : मैं दैत्य हूँ, शैतान नही |
आस्था : शैतान क्या होता है...?
सारंग : वो भगवान या उसकी बनायी किसी चीज को नही मानते |
आस्था : उनको भी तो भगवान ने बनाया है |
सारंग : वो ये नही मानते..?
आस्था : क्या वो जगह खतरनाक है...?
सारंग : हाँ...|
आस्था : क्या हम वहाँ...?
सारंग : जाने की सोचना भी मत, वहाँ शैतान ऐसे भरे होते है जैसे यहाँ की lock train में इंसान |
आस्था : क्या तुम उनसे लड़ नही सकते...?
सारंग : मुझे कोई ऐसी वजह नही दिखती, जो मैं उनसे पंगा लूँ...?
आस्था : जानवी की team मुसीबत में है...|
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आस्था अपने cabin वाली line में आ चुकी थी, जगह कोई नही होता है | अगले ही पल सारंग आस्था से अलग होकर उसके सामने खड़ा था |
सारंग : पहले अपनी मुसीबतों से तो छुटकारा पा लो, बाकी सब चीजें बाद में देखना |
आस्था : मगर...|
सारंग : वैसे भी उनके वहाँ होने का शक है, जब तक दूसरी team ये पता नही लगाती, वो कहाँ है, वहाँ जाना भी बेवकूफी है |
तभी किसी के आने की खट-पट हुई तो सारंग आस्था एक अंदर समा चुका था | आस्था ने पीछे देखा तो जानवी आ रही थी | आस्था अपने cabin की तरफ बढ़ गयी | आस्था ने cabin के अंदर entry ली तो, Manda को सामने बैठा देख एक पल के लिए उसके पैर रुक गये | आस्था को देख Manda उठ गयी |
आस्था : लगता है आपको जवाब कुछ जल्दी ही मिल गये |
आस्था अपनी chair पर जाकर बैठी गयी |
Manda : मैं resign देना चाहती हूँ madam...|
आस्था : किस लिए...?
Manda : मेरी वजह से एक गद्दार लड़की हमारे शस्त्रकुल के राज जान पायी |
जानवी : Madam, मुझे अपनी team को खोजने के लिए जाने की permission चाहिए |
अब तक जानवी भी बिना permission के अंदर entry ले गयी | आस्था और Manda जानवी को देख रही थी |
आस्था : तुम्हें इनता तो sense होना चाहिए ना, बिना permission के किसी के रूप में entry नही लेते, जबकि वो तुम्हारे director का room हो...|
जानवी : मेरी team की जान खतरे में है, आप...|
आस्था : You are suspend...|
आस्था के बोलने के साथ ही मधु ने दरवाजे पर knock की थी | आस्था के मुहं से words सुनने के साथ ही वो ठगी से रह गयी | Manda भी हैरान थी |
जानवी : आप समझ नही रही है, मेरी...|
आस्था : अगर तुम नही चाहती, मैं तुम्हे fired करूं तो...|
आस्था ने बाहर की तरफ इशारा किया | जानवी अभी भी गुस्से में थी, इसलिए जैसे ही बोलने को हुई |
मधु : M1...!!!
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जानवी अपने गुस्से एक साथ पीछे हटती चली गयी और मधु के बगल से निकल गयी | आस्था अभी भी सोचती हुई दरवाजे को देख रही थी |
मधु : जानवी की तरफ से मैं sorry बोलती हूँ Madam, वो अभी भी बच्ची है तो...|
आस्था : आप कुछ बोल रही थी Manda...?
Manda : कंचना मेरी वजह से यहाँ entry ले पायी madam, मैं उस गलती के लिए जिम्मेदार हूँ |
आस्था : आप अकेली नही है Manda, जिससे गलती होती है...|
आस्था ने कुर्सी पर लगते हुए मधु की तरफ देखा तो उसकी आँखे लाल थी | मधु ने मुहं बनाते हुए Manda की तरफ रुख किया |
Manda : कंचना का यहाँ से निकाले जाने का फैसला सही है, साथ ही मैं भी...|
Manda बोल ही रही थी |
आस्था : मुझे नही लगता, आपको यहाँ से अभी जाना चाहिए...|
Manda : But madam...|
मधु : आपके resign से भी ज्यादा यहाँ ढेर सारे important काम है, अपनी team को जाकर सभालिये...|
Manda : अब उन्होंने क्या कर दिया...?
Manda गुस्से में उठ गयी |
मधु : Alfa team missing है और अगले 24 घंटे में अगर उनका पता नही चला तो...|
Manda : Order दीजिये...|
मधु : वो घाटी के पास missing हुए है, अपनी team को उन्हें खोजने के लिए बोलिए |
Manda : Yes madam...|
कहते हुए Manda बहार की तरफ निकल गयी |
आस्था : ये Alfa team किस mission पर लगी हुई है, जो उनका 24 घंटे में मिलना इतना जरूरी है...?
मधु : ये बताने के लिए अभी time नही है, क्योंकि...|
आस्था : Feel कर सकता हूँ...|
आँखे बंद किये आस्था एक अदंर से सारंग बोला था |
मधु : तुमने जानवी को suspend क्यों किया...?
मधु के अंदर भी एक normal औरत वाले कुछ गुण थे, जो उभर रहे थे |
सारंग : बच्ची है वो अभी, ऊपर से एक ब्रह्मदेवता है, अगर वो उस घाटी के पास भी गयी तो...|
मधु : तो क्या...?
मधु के माथे पर लकीरे पड़ने लगी थी | आस्था उठकर बाहर खिड़की को देखने लगी |
मधु : सारंग...?
सारंग : शैतान सारे नियम तोड़ देंगे, उसे पाने के लिए...|
मधु : कुछ ऐसा है सारंग, जो मुझे पता होना चाहिए, मगर मुझे पता नही है...|
सारंग : अभी के लिए बस इनता जान लो, परमपिता ने अपने किसी भी मानस वंशज (जिसे ब्रह्माजी ने अपने अंश से बनाया हो) का कुछ जगह जाने से वर्जित किया है, ये उन्हीं जगहों में से एक है...|
मधु : मगर मैं तो कभी ऐसा कुछ नही पढ़ा |
सारंग : क्योंकि तुमने खाली वो ग्रन्थ पढ़े है, जो इंसानियत सिखाते है, मैंने इंसानियत मिटाने वाले भी पढ़े है |
मधु : मैं इस बात का ख्याल रखूंगी, जानवी ऐसा कोई पागलपन ना करे...|
सारंग : जो वो किये बिना मानेगी नही...|
सारंग ने मधु को देखा | मधु दरवाजे की तरफ बढ़ती हुई रुक गयी |
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मधु : कंचना का क्या करना है...?
सारंग : दुश्मन से बचने की सबसे बहतरीन रणनीति क्या होती है मधु...?
मधु : दुश्मन को नजरों के सामने रखना, मगर कंचना का indirectly line रूद्र से मिल रहा है, तो उसे यहाँ रखना...|
सारंग : निकला दो उसे यहाँ से...|
मधु पहली बार सारंग को समझ नही पायी थी, इस बार उसके दिमाग में कुछ खतनाक ही चल रहा था | तभी दरवाजे से कितने ही सूट-बूट वाले officer type आदमियों ने अदंर entry ली |
मधु : Who the hell are you, इस तरह बिना किसी permission के director के room में कैसे आ सकते हो...?
मधु की आवाज इनती कड़क थी, आदमियों को थोड़ी सी घबराहट हो गयी | तभी तालियाँ बजाते हुए एक आदमी (55) सूट-बूट के साथ अंदर entry लेता है | अपनी normal होती आँखों के साथ आस्था वापिस अपनी chair पर बैठ गयी |
मधु : राकेश माथुर...!!!
राकेश : कैसी हो मधु...?
मधु : वैसी ही, जैसा तुमसे हर बार मिलती हूँ, मगर इस बार तुम बदले-2 लग रहे हो...|
राकेश : कुछ ज्यादा ही handsome लग रहा हूँ क्या...?
मधु : Mainers खोते जा रहे हो, एक director के room में इस तरह घुसना...?
राकेश : Director, कहां है director...?
राकेश आस्था को ना देखने के घटिया सी acting करता है | आस्था राकेश पर ध्यान ना देते हुए आँखे बंद किये कुछ अगल ही planning में लगी हुई थी | मधु भी अब आस्था को देखने लगी |
राकेश : हाँ, एक गद्दार की गद्दार पत्नी तो दिख रही है, जिसने शर्म की वजह से आँखे बंद की हुई है |
आस्था : मेरी आँखे इसलिए बंद है, कहीं मेरा important time तुम जैसे घटिया आदमी के टुकड़े करने में खराब ना हो जाये...|
राकेश : तुम तो अपने कद से कुछ ज्यादा ही बोल रही हो...?
आस्था अब उठकर राकेश के सामने जाकर खड़ी हो, उसकी बेशर्म आखों में देख रही थी |
आस्था : लगता है, तुम्हारी आँखे और अक्ल, दोनों को चश्मे की जरूरत है, जिसे ये भी नही दिख रहा, एक मामूली सा officer, director से कद की बात कर रहा है |
राकेश : अब यही मामूली सा officer, इस director को जेल की पीछे भेजगा...|
आस्था : सच में तुम्हें चश्में की जरूरत है...|
आस्था वापिस अपनी सीट की तरफ बढ़ गयी |
राकेश : तुम गलत side जा रही हो, तुम्हें दरवाजे से बाहर की तरफ जाना है...|
आस्था की आखे जलने लगी थी, आस्था का चेहरा मधु की तरफ था, जिसकी वजह से उसे ही आस्था की लाल आँखे दिख रही थी |
मधु : राकेश, तुम सच में ज्यादा बोल रहे हो...|
राकेश : ये मैं नही बोल रहा, ये latter बोल रहा है, जिसमें लिखा है...|
आस्था : जब तक रवि शर्मा case में सारे तथ्य सामने नही आ जाते, तब तक आस्था शर्मा Director of Research and analysis department of India को भी enquiry से गुजरना होगा...|
राकेश और उसके साथ आये सारे लोग हैरानी में latter और आस्था को देखने लगे |
आस्था : इसमें ये कहाँ लिखा है Mr. राकेश माथुर, तुम्हें ये अधिकार है, तुम मुझे यहाँ से निकाल सकते हो...?
आस्था जाकर वापिस अपनी सीट पर बैठ गयी |
राकेश : जब तक ये inquiry पूरी नही हो जाती...|
आस्था : मुझे खाली ये बताओ, इसमें कहाँ लिखा है, तुम मुझे इस cabin से निकाल सकते हो...?
आस्था चिल्लायी थी | राकेश उस latter को ध्यान से पढने लगा |
आस्था : तुम्हारा काम inquiry करना है, इसिलए वही तक सीमित रहो, जगह और time set कर लो, मैं आ जाउंगी...|
राकेश : तुम्हें तो मैं ऐसा लटकाऊगा आस्था शर्मा, तुम...|
आस्था : अपना मुहं बंद रखो, वो बाहर निकलो...|
आस्था ने बाहर की तरफ इशारा किया |
राकेश : कल morning में 11 बजे, office में पहुंच जाना...|
आस्था : तुम्हारे order मानने के लिए तुम्हारी जूनियर नही हूँ मैं, ऐसे ही किसी latter पर लिखकर भेजना...|
राकेश : मुझे हमेशा से लगता था, मेरा दोस्त कोई normal मौत नही मरा होगा, अब तुम्हें देखकर यकीन हो गया |
आस्था : इन्हीं हाथो से चीर डाला था मैंने उसे, अगर तुम नही चाहते मैं तुम्हारा भी वही हाल करूं तो...|
आस्था ने table को खुरचना चालू कर दिया था |
राकेश : तुम्हें देखकर समझ में नही रहा, चीज क्या हो तुम...?
आस्था : मैं आस्था...!!!!

Wow
ReplyDeleteBut part thora jaldi post kijiyega
excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
ReplyDelete🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
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Always 💜💜💜💜 U Boss
Very interesting part....
ReplyDeleteBut aage k parts v bholi khushi k parts Jaise hi thodi jalldi jalldi post kijiye.... please
Very nice 👌
ReplyDeletePlease next part soon 🔜