Behind the story of भोली खुशी part-394
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-394 |
“मेरा आप पर उतना ही trust है, जितना कि रुकल पर...|” Company के अंदर बैठा रजत, सामने बैठे रुकुल के cousin, उसके friends को देखते हुए बोला |
बगल में खड़ी रुकुल रजत की बात सुन अपने cousin को देख रही थी
“Same here...|” Cousin रुकुल की तरह इशारे करते हुए “मैं always इसके लिए कुछ करना चाहता था...|” Cousin मुस्कुराते हुए “तुम्हें idea भी नही है, यहाँ वापिस आकर मैं कितना खुश हूँ...?”
“आप सबके पास क्या plans है, discuss कर ले...?” रजत मुस्कुरा दिया |
जैसे ही cousin कुछ बोलने लगा, हथियारबंद आदमी की फौज ने आकर उसे घेर लिया | रजत, रुकुल, बाकी सब कुछ समझते, उससे पहले हर किसी की guns उनके हाथ में थी |
“Ok...|” रजत पूरा नजारा देखने के साथ “मुझे इतनी security की जरूरत नही है...|”
तभी सामने एक आदमी के mobile से light निकली और थोड़ा घबराया कृष्णा, शालनी, तुषार और बिल्लों सामने खड़े थे |
“सब ठीक है ना dad...?” रजत की नजर सबसे पहले कृष्णा पर ही गयी, रजत को देखने के लिए बैचेन था |
“तुझे अभी वापिस आना पड़ेगा...|” शालनी ने थोड़ा अफ़सोस के साथ बोला |
रजत, रुकुल एक-दसूरे को देखते हुए फिर से सामने देखने लगे |
“राहुल पर कुछ अनजान लोगो ने हमला किया था...|” तुषार रजत की शंका दूर करते हुए “विराट, राहुल, सौरव भी घर के लिए निकल चुके है...|”
रजत अभी भी कुछ बोल नही रहा था |
“तुम्हारा जो भी है, हम बाद में देख लेगे...|” कृष्णा रजत को चलने का इशारा करते हुए “अभी के लिए तुम...|”
“Excuse me, हमें कुछ बातें करनी है...|” रजत ने सामने बैठे सभी को देखते हुए बोला |
अगले ही पल हर कोई उठकर वहाँ से जाने लगा, रुकुल भी अपने पैर हिलाने लगी |
“तुम्हें नही बोला मैंने...|” रजत की आवाज में हल्का सा कड़कपन था |
रुकुल अपने cousin को देखते हुए वही रुक गयी | तुषार के इशारे के साथ सारे security guards भी बाहर चले गये |
“क्या राहुल ने अपना task पूरा कर लिया...?” रजत ने पहला सवाल किया |
“ये बाते अभी discuss करने का time नही है, तुम्हारी जान को खतरा है...|” बिल्लों ने कड़क आवाज में बोला |
“क्या राहुल ने अपना task पूरा कर लिया...?” रजत ने फिर से वही सवाल किया |
“रजत, मेरी बात सुनो...|” शालनी रजत को समझाने लगी |
“क्या राहुल ने अपना task पूरा कर लिया...?” रतज वही सवाल दोहराता रहा |
“हाँ...|” कृष्णा ने सोचते हुए बोला |
सुनते ही रजत ने मानों एक फैसला ले लिया, जिसे वहाँ खड़ा हर कोई समझने में जरा सा भी time नही लगाने वाला था |
“ये पागलपन का time नही है रजत...|” तुषार ने सबसे पहले सवाल किया |
“मैं यहाँ safe हूँ, आप tension मत लीजिये...|” रजत वापिस chair पर बैठ गया |
“तुम्हारी जान पर बनी है, और तुम्हें हीरोगिरी सूझ रही है...?” कृष्णा ने बोला |
“तुम अपनी मर्जी से चल रहे हो या...?” बिल्लों थोड़ा गुस्से में बोली |
“यहाँ से बिना अपना काम पूरा किये जाना भी मेरे लिए मौत के जैसा है...|” रजत अपने सामने laptop को देखते हुए “मैं दूसरी बार chance नही लेना चाहता...|”
“रजत, हमारे लिए तुम्हारी life important है, ना कि ये task...|” तुषार फिर से “खुदको साबित करना है तो, वहाँ रहकर भी किया जा सकता है...|”
“But मेरे लिए ये task, मेरी life से ज्यादा important है...|” रजत तुषार को देखते हुए “ताऊ जी, मैं looser बनकर अपनी life नही बिताना चाहता...|”
“Guards को बुलाओ, इसे 1 घंटे में airport पहुंचा है...|” बिल्लों ने तुषार से बोला |
“अगर आपने मेरे साथ अब जबरजस्ती की तो मैं पूरी life घर नही आऊंगा...|” रजत ने बिना गर्दन उठाये बोला |
“दिमाग खराब हो गया है तुम्हारा...?” बिल्लों रजत पर चिल्लाने के बाद रुकुल से “तू क्यों चुप खड़ी है, समझा नही सकती इसे...?”
“मैं रजत के साथ हूँ...|” रुकुल ने एक ही पल में अपना stand clear कर दिया |
“तुम...|” तुषार रजत को फिर से बोलने लगा |
“रहने दीजिये भाईसाहब...|” खुद को द्रड कर कृष्णा ने तुषार को रोक दिया |
“यहाँ movie चल रही है क्या...?” तुषार कृष्णा पर भड़कते हुए “उसकी जान...|”
“यहाँ से चलने पर अगर वो मन से खुश नही रहा तो, उसके यहाँ से जाने का फायदा क्या है...?” कृष्णा ने सवाल किया |
“बच्चा है ये हमारा...|” बिल्लों कृष्णा पर भड़कते हुए “पेड़ पर नही उगता, जो फिर से आ जायेगा...|”
“राहुल भी तो हमारा बच्चा ही है ना दीदी...?” शालनी कृष्णा का साथ देते हुए “वो भी तो अकेला रहा ना, भूखा-प्यासा, दूसरो की मार खायी |”
“मगर मरा नही वो...|” बिल्लों तर्क करते हुए “उसकी security के लिए 50 से ऊपर guards थे...|”
“एक distance पर आप उन्हें यहाँ भी रख सकते है, but...|” रजत बोलते हुए “इस company को फिर चलाने से पहले मैं वापिस नही आऊंगा...|”
बिल्लों रजत को मारने के लिए आगे बढ़ी, मगर तुषार के हाथ और कुछ बंदिशों को देखते हुए उसने अपने कदम रोक लिए | बिल्लों ने तुषार को देखा, जिसकी आँखों के इशारे के साथ ही वो अगले ही गायब हो गयी | तुषार के गायब होने के साथ ही अब room के अंदर कृष्णा, शालनी और रुकुल बचे थे |
“I’m sorry dad...|” रजत झुकी हुई गर्दन के साथ “मैं आपका अच्छा बेटा नही हूँ...|”
“अपना ये dilog उस time के लिए बचाकर रखो, जब तुम हार जाओ...|” कहते हुए कृष्णा भी गायब हो गया |
शालनी रजत के साथ रुकुल को देखती हुई गायब हो गयी थी | उन दोनों के गायब होने के साथ ही रजत अभी भी नीचे और रुकुल उसे देख रही थी |
शाम का time था | समुंद्र के किनारे ढेर सारी family enjoy करने के लिए आयी थी, जिसके बीच रजत भी आँखों में ढेर सारे सपने लिए किसी job करने वाले लड़के की तरह निराश बैठा था | तभी रुकुल हाथ में नमकीन का लिफाफा पकड़े उसके पास आकर बैठ गयी | रजत पर कोई खास असर नही पड़ा |
“Try करो, testy है...|” रुकुल ने किसी normal लड़की की तरह लिफाफा उसकी तरह कर दिया |
रजत ने अभी भी कोई react नही किया |
“क्या तुम किसी 9 to 5 की job करने वाले की तरह मुहं लटकाए हुए बैठे हो, जिसकी boss ने salary काट ली हो...?” रुकुल ने उसको कंधा मारा |
“मेरा मुड़ नही है...|” रजत ने रुकुल को सीधा बोला |
“मुड़ को क्या मैं तुम्हें बोल रही हूँ, आज रात मैं तुम्हारे बेड पर सोने वाली हूँ...?” रुकुल ने नमकीन खाते हुए बोला |
रुकुल की बात सुनते ही रजत ने गर्दन घुमाकर रुकुल की तरफ देखा |
“What...?” रुकुल अभी भी नमकीन खाते हुए पूछती है |
मगर रजत ने रुकुल को देखना नही छोड़ा |
“मतलब, सर पर तलवार लटकी है, मगर sex के नाम से तो...|” रुकुल बोल ही रही थी |
अगले ही पल रजत ने रुकुल को kiss कर लिया | कुछ देर के लिए रुकुल शांत रही | अगले कुछ पलों के बाद रजत ने रुकुल को गले से लगा लिया | रुकुल उस एहसास को समेटने के साथ रजत की पीठ को सहलाती रही |
“मैं looser नही बनना चाहता रुकुल...|” रजत रुकुल को कसते हुए “मैं भी चाहता हूँ, mom-dad, तुम मेरे ऊपर proud करो...|”
“मुझे always तुम पर proud है रजत...|” रुकुल अपने आंसू गिरने से पहले ही रोकते हुए “और मुझे पता है, तुम किसी से भी कम नही हो...|”
“फिर भी मैं अभी तक कुछ नही पाया, जबकि बाकी सबने अपने task पूरे भी कर लिए...|” रजत थोड़ा टूटने लगा था |
“उस ship को देख रहे हो...?” रजत से अलग होती रुकुल ने अपने बाल ठीक कर दूर से गुजरते ship की तरह इशारा करते हुए “उसका भी तो मन होता होगा, मैं भी हर जगह से किनारा touch करूं, बाकी सारी boat तो करती है...?”
रजत उस ship को देखने लगा |
“क्योंकि वो भारी है, उसे ...|” रुकुल फिर से रजत को देखते हुए “इसलिए वो बंदरगाह पर जमीन को touch करता है और...|” रुकुल रजत का हाथ अपने हाथ में ले चूमती हुई “Boat इधर-उधर कहीं भी park हो जाती है..|”
रजत फिर से रुकुल को देखने लगी |
“Moral of the story is...|” रुकुल रजत के बाल उलझती हुई “तुम्हें अपनी जमीन के लिए थोडा लम्बा चलना है, that’s it...|”
“लगता है books ज्यादा ही पड़ने लगी हो...?” रजत मुस्कुरा दिया |
“नही...|” रुकुल भी मुस्कुराती हुई “इंसानों को पढने लगी हूँ...|”
“अच्छा....|” रजत अपनी बाजु फैलाकर रुकुल को अपनी बगल से लगाते हुए “तो फिर आज रात तुम...|”
“I love to, अगर तुम खुदको और मुझे इस tension से दूर रख सको, कही मैं pregnant तो नही हो जाउंगी, तो...|” रुकुल ने बोला |
“Condom...?” रजत ने option दिया |
“फिर सोच सकते है...|” इस बार रुकुल के बोलने वो विश्वास नही था, जो पहली सारी बातों में था |
शायद वो अभी रजत के साथ psychical होने के लिए ready नही थी, but रजत का मन रखने के लिए ऐसे ही बोल रही थी |
“शायद इतना तो प्यार करता ही हूँ तुमसे...|” रजत इस बार रुकुल को अपने सीने से लगाते हुए “तुम्हारे मन में क्या चल रहा है, ये समझ लूँ...|”
“मुझे सच में issue नही है...|” रुकुल ने रजत से अलग होते हुए बोला |
“Stupid, कोई road पर चलता आम इंसान भी तुम्हारी आँखें पढ़ते हुए समझ जायेगा, तुम झूठ बोल रही हो...|” रजत अब अपनी tension दूर कर मुस्कुराते हुए रुकुल के सर पर मारते हुए फिर से उसे गले से लगा लेता है |
“मुझे तुम पर पूरा विश्वास है रजत, तुम best रहोगे...|” रुकुल अपनी हार मानते हुए फिर से उसके गले से लग गयी |
रजत ने उसे जकड़ने के अलावा कुछ नही बोला |
दूसरी तरफ खुशी night में बैठी हुई अपने laptop पर कुछ study कर रही थी | तभी उसका एक हाथ पेट पर चला गया | खुशी ने notice किया, शायद उसे हल्का सा दर्द था | खुशी से ignore करके फिर से laptop को देखने लगी, तो फिर से उसे दर्द feel हुआ | खुशी laptop बंद कर अपने बेड पर आकर बैठ गयी, मगर आज उसे नींद भी कहाँ आने वाली थी, विराट जा चुका था और खाली बेड उसके लिए कांटो की सेज जैसी थी | दूसरी तरफ विराट flight में बैठा अपने laptop को काम में लगा हुआ था और कोमल उसके समाने बैठे अपने laptop में |
“क्या मैं आपसे एक सवाल कर सकती हूँ...?” कोमल अपने laptop को देखते हुए सवाल करती है |
“पूछने से पहले permission ले रही हो, मतलब personals बात है...|” विराट ने एक साँस छोड़ते हुए सवाल किया |
“क्या शादी करना जरूरी है...?” कोमल ने सवाल किया |
“ना ही करो तो अच्छा है...|” विराट ने बोलने में कोई objection नही दिखाया |
“करनी चाहिए या नही...?” कोमल clear सुनना चाहती थी |
“अगर life में कही ठहराव चाहती हो तो, कर लेनी चाहिए...|” विराट बोलकर चुप हो गया |
“And...?” कोमल पूरा भाषण सुनना चाहती थी |
“And what...?” विराट उसे घूरते हुए “जिम्मेदारियों का बोझ, घर की tension, office की tension, wife के नखरे, उसके ताने, उसकी family, अपनी family, फिर बच्चे की tension, उसके लिए future set करने की tension...|” विराट चहेरे पर tension लिए वापिस काम में लगा गया |
“तो मैं शादी करूं या नही...?” माथे पर लकीरों के साथ कोमल ने अभी भी जवाब समझे से कोसो दूर थी |
“कर लो...|” पीछे हाथ बांधे खड़ी खुशी विराट की सारी बातें सुनने के बाद “मर्द को ऐसे देखने का chance कहाँ मिलाता है...?” खुशी गायब हो गयी |
“और हाँ, ये तो मैं बताना भूल ही गया था...|” विराट laptop को पटककर बंद करते हुए “Wife के बेवजह रूठ जाने के बाद उसे मनाने की tension...|” विराट laptop side में पटक mobile उठा पीछे चलते हुए “Blady hell....!!!!”
कोमल अभी भी same reaction के साथ उसी तरह बैठी रही...|
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Reviewed by Mr.Singh
on
December 17, 2020
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