Love story, Behind the story of भोली खुशी part-337

 Behind the story of भोली खुशी part-337

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 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-337

 

 Hello dears,

मैं सोच रहा था, आपके ढेर सारे सवाल हो गए है, जैसे कि website लेकर, stories को लेकर, आदि-अनंता लेकर, मेरी stories को लेकर |

तो क्यों ना live होकर सवाल-जवाब हो जाये ? कुछ भोली खुशी के characters की बातें हो जाएगी |

तो मैं सोच रहा हूँ, Insta और FB पर लाइव हो जाते है | तो अपने सवालों के साथ Date और time आप decide कर लीजिये | जो मेरे साथ Insta और FB पर नहीं जुड़े   link नीचे है |

https://www.instagram.com/mr.singh2727/

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Mumbai की busy Morning में रुकुल अपने laptop के साथ बाहर के दरवाजे के सामने बैठी चाय की चुस्की लेती सामने वाले घर का नजारा देख रही थी, जिसमें किसी के shift होने का सामना लाया जा रहा था | उसके पापा TV पर news देख रहे थे, जिसमें breaking news चल रही थी, शायद कहीं कोई घटना हुई थी |

“मम्मी, गोखले uncle ने अपना घर बेच दिया क्या...?” रुकुल एक नजर laptop पर मारने के साथ अंदर देखने लगी |

“नही तो, क्यों...?” Kitchen से आवाज आयी |

“तो फिर उनकी लाटरी लग गयी है क्या, जो इतना सामान आ रहा है...?” रुकुल ने मजाक लेते हुए सवाल पूछा |

“चल पागल...|” मम्मी kitchen से हंसती हुई “रात वो बता रही थी, कोई किराये पर रहने आया है उनके घर पर...|”

“इनका घर इतना बड़ा कबसे हो गया, ये किराये पर देने लगे....?” रुकुल हंस दी |

सुनकर सुभाष भी मुस्कुरा दिया |

“अरे इनका बेटा तो पहले ही विदेश में है, घर में इन दोनों के अलावा रहता ही कौन है...?” मम्मी अंदर से बोलती हुई “सोचा time pass हो जाएगा...|”

“कौन आ रहा वैसे...?” रुकुल kitchen की तरफ घुमती पूछती ही है |

अगले ही पल किसी ने झुकते हुए उसकी गर्दन पर kiss कर लिया | एकदम झटके से रुकुल घूमी तो, सदमें में उसकी सांसो से ही साथ छोड़ दिया | रजत मुस्कुरती आँखों के साथ उसके सामने झुका हुआ था |

“मैं ही हूँ, साँस ले लो...|” रजत ने धीरे से बोला |

खुशी में आंसू बहाती रुकुल रजत का चेहरा पकड़ उसे kiss करती हुई उठकर उसके गले लग गयी |

“क्या होगा मेरा तुम्हारे बिना...?” रजत ने रुकुल को बाहों में लेते हुए ऊपर उठा लिया |

अब तक सुभाष की नजर रजत पर पड़ गयी |

“रजत...?” सुभाष को भी यकीन नही हो रहा था |

“नमस्ते uncle...|” रुकुल को छोड़ रजत आगे बढ़ सुभाष के पैर छू लेता है |

अब तक रुकुल की मम्मी भी वहां आ चुकी थी |

“तुम अचानक यहाँ कैसे...?” बड़ी मुश्किल से किसी तरह अपनी खुशी को सभालती रुकुल के गले से words निकले |

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“आजकल life में सब कुछ अचानक ही हो रहा है...|” रजत ने गर्दन हिलाते हुए बोला |

“अकेले आये हो...?” मम्मी ने रुकुल का पहनावा देखा, जो किसी भी तरह से एक बड़े खानदान की बहु जैसा तो बिल्कुल नही था |

रुकुल भी अपनी मम्मी की नजरों को समझ गयी थी, इसलिए उसने झट से बाहर की तरफ देखा |

“Relex...|” रजत उन सबकी tension दूर करते हुए “कोई नही आया मेरे साथ...|”

“किसी business meeting के लिए आये हो...?” सुभाष ने रजत को सोफे की तरफ इशारा किया |

“नही, मुझे घर से निकाल दिया गया है...|” रजत सामने चल रही news को देखने लगा |

“क्या...?” रुकुल की फिर से सांसे रुक गयी |

“वो भी धक्के देकर...|” रजत सोफे पर बैठ गया |

रुकुल, उसकी मम्मी और सुभाष बात को समझ नही पाए थे |

“तुम क्या बोल रहे हो, तुम्हें घरवालों ने क्यों निकाला...?” रुकुल रजत के समाने आकर खड़ी हो गयी |

“इसकी वजह से...|” रजत ने समाने चल ही news की तरफ इशारा किया |

अभी भी बात किसी के पल्ले नही पड़ी थी |

“क्या detail में बताओगे, हुआ क्या है...?” परेशान रुकुल ने थोड़ा कड़क आवाज में पूछा |

रजत रुकुल को देखता हुआ पिछले 2 दिन की यादों में चला गया |

 

कोई कुछ बोलता उससे पहले ही खुशी, राहुल का कार्लर पकड़ते हुए नीचे की तरफ लेकर चल दी |

“खुशी...!!” विराट ने उसे रोकना चाहा, मगर बिल्लों ने हाथ के इशारे से उसे रोक दिया |

“Mom, खुशी राहुल के साथ...|” विराट ने तर्क खत्म नही किये थे |

“मैंने बोला ना, चुप...|” बिल्लों भी तुषार के साथ नीचे की तरफ बढ़ गयी |

दूसरी तरफ खुशी ने राहुल को ले जाकर hall के बीचो-बीच खड़ा कर दिया | पीछे से बिल्लों, तुषार और विराट भी आकर खड़े हो गये थे |

“मुझे 10 मिनिट में पूरी family यहाँ चाहिए...|” खुशी की कड़क आवाज पूरे घर में गूंजी थी |

अगले 10 मिनिट में पूरी family, चाहे वो छोटा हो या बड़ा, सब hall में मौजूद थे |

“क्या हुआ...?” सौरव बगल में खड़ी नंदनी के कंधे से लगते हुए सोने लगा |

नंदनी ने उसे सीधा खड़ा कर दिया था |

“क्या हुआ भाभी...?” Ice ने गुस्से में तमतमाये खुशी के चेहरे को देखते हुए बोला |

“चल क्या रहा है इस घर में...?” खुशी Ice के सवाल का जवाब ना देते हुए हर किसी को देखते हुए “खाली एक रहीश खानदान में पैदा हो गये,यही सोचकर life कट रही है क्या सबकी...?”

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“हुआ क्या है बहु...?” कृष्णा ने खुशी से पूछा |

“हुआ ये है, आप अपने बच्चो के रूप में यहाँ कायरों की फौज पाल रहे है...|” खुशी बेधडक कृष्णा को देखते हुए “ये खाली अपने बाप के पैसों के मजे ले रहे है, इन्हें ना तो ये पता है, उसे कमाए कैसे, उसे सभाले कैसे, उसे आगे कैसे बढाये...|” खुशी कृष्णा के पास जाकर “ये हुआ है, अब आप जवाब दीजिये...|”

हर कोई खामोश एक-दूसरे को देख रहे थे | विराट इस बार सच में डरा हुआ था, खुशी उसके के लोगो की limits से खेल रही थी |

“क्या फायदा ऐसी दौलत, power का...?” खुशी राहुल को पकड़ फिर से सबके सामने करते हुए “ये, जिसके पास इतनी दौलत है, power है, पूरे देश को खरीद ले, ये...|” खुशी राहुल की बाजू पकड़ हिलाते हुए “इसकी होने वाली wife को किसी ने छेड दिया और ये डर से कांपता हुआ अपने बड़े भाई के पास चला आया...?” खुशी ने बोला |

सुनते ही सबकी आँखों में गुस्सा उबाल मारने लगा |

“है किसी के पास कोई जवाब...?” खुशी लगभग चिल्लाती हुई “है ये किसी लायक, इससे अच्छा तो सड़क पर रहने वाले आदमी है, जो अपने दम पर अपनी बहु-बेटियों को सड़क पर रखते है |”

खुशी की बात इतनी खरी थी, तुषार भी अंदर से राहुल को मारने के लिए छटपटा रहा था |

“ये...!!!” अब खुशी रजत का बाजु पकड़ बीच में लाती हुई “इसे अपनी शादी की पड़ी है...|” खुशी रजत को देखती हुई “कभी इस business को सभालने के बारे में सोचा है, शादी होते ही तुम्हें घर से निकाल दिया जाये तो क्या करोगे...?” खुशी ने रजत के चेहरे को देखा |

रजत के पास जवाब था, मगर उसे पता था, इस time जवाब का मतलब था खुद के लिए मुसीबत बढ़ाना |

“Oh, तुम तो job करके दोनों का पेट पाल लोगे...?” खुशी झूठी हैरानी के साथ “क्या job करने के लिए घर वालो के इतने पैसे, इतना time खराब कर रहे हो...?”

अब सबकी घूरने की नजर रजत पर थी |

“कितने साल हो गये तुम्हारी पढ़ाई को complete हुए...?” खुशी ने गौरव की रिमांड ले ली |

गौरव की सिट्टी-बिट्टी गुल हो गयी थी, उसके तो गले से words ही बाहर नही निकल रहे थे |

“ये है The Thakurs का future...|” खुशी गौरव की तरफ इशारा करते हुए “किसी ने कड़क आवाज में बात कर ली, इनका गला ही बंद हो गया |”

नरेंद्र अब गौरव को घूरने लगा | सौरव को पता था, अब उसका number है, इसलिए वो पहले नंदनी के पीछे छिपने लगा |

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“ये देखो...|” खुशी अपना सर पकड़ते हुए “माँ के पीछे छिप रहा है...|” गुस्से भरी मुस्कान के साथ खुशी सौरव की तरफ इशारा करते हुए “जहाँ तक मुझे बताया गया है, मेरे पति ने तुमसे भी छोटी उम्र में खुदको इस business में झोक दिया था और तुम क्या कर रहे हो...?”

कुछ देर के लिए सब शांत रहे यहाँ तक कि खुशी भी कुछ सोचती रही |

“आप सब भी औरत है, मैं भी औरत हूँ...|” खुशी नर्म होती आवाज एक साथ बिल्लों, शालनी और नंदनी से “पति जब बिस्तर में होता है तो आपको पता चल जाता है, वो कितना आपके साथ है और किसी बाहरी उलझनों से घिरा है |” खुशी अपनी गीली होती आँखों के साथ “मेरा पति कोई कोल्हू का बैल नही है, या उसे इस property में अलग से बड़ा हिस्सा नही मिलने वाला |” खुशी अपने room की तरफ चलते हुए “आगे आप सब खुद समझदार है |”

हर कोई जाती खुशी को देखता रहा गया, यहाँ तक की विराट भी कुछ पलों के लिए बुत की तरफ खड़ा रहा |

“किसी की कुछ समझ में आया...?” बिल्लों सबका ध्यान तोड़ते हुए “तुम्हारा भाई, तुमसे प्यार की वजह से कुछ नही बोलता, इसका ये मतलब नही है कोई नही बोलगे...|”

“अभी अपना pack करो और morning में घर से बाहर...|” कृष्णा रजत को इशारा करते हुए “अगर मेरे हिस्से का business चाहिए तो सबित करो, तुम उसके लायक हो...|” कृष्णा अपने room की तरफ चलते हुए “वरना शक्ल मत दिखाना अपनी...|” 

शालनी भी ईशा को चलने का इशारा करते हुए बिना रजत को देखे निकल गयी |

“क्या मुझे कुछ बोलने की जरूरत है...?” नरेंद्र ने गौरव की तरफ देखा |

“No dad...|” गौरव ने गर्दन झुकाते हुए बोला |

“तुम भी...|” नरेंद्र सौरव को इशारा करते हुए “अपना सामना pack करो, वो बाहर...|”

“But dad, मैं तो अभी...|” सौरव तर्क देने लगा |

मगर नंदनी ने ऊँगली के इशारे के साथ उसे रोक दिया | सौरव चाहते हुए भी अपनी बात नही रख पाया |

“मुझे कुछ दिनों के लिए Russia जाना है...|” Sandy ने बोला |

तुषार Sandy को देखने लगा |

“कुछ काम है...|” Sandy ने सफाई दी |

तुषार की तरफ से कोई जवाब नही आया |

“तुम कल से office जा रही हो...|” बिल्लों Ice को देखती हुई “वो भी बिना mobile के...|”

“But mom, मेरा तो project चल रहा है, उसे कैसे छोड़ दूँ...?” Ice ने बोला |

“Office, कल...|” बिल्लों उसे जाने के इशारे एक साथ बोली |

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Ice अपने पैर पिटती वहां से निकल गयी | अब बारी राहुल की थी, जो खड़ा सोच रहा था | बिल्लों ने आगे बढ़ उसका चेहरा पकड़कर ऊपर उठाया | राहुल की आँखे गीली थी |

“मेरी आज तक समझ में नही आया, इसमें मेरे गुण क्यों नही आये...?” बिल्लों ने तुषार को देखा |

तुषार के पास कभी भी ऐसी बातों का जवाब होता ही नही था, वो क्या बोलता |

“तुझे इतना डर क्यों लगता है...?” बिल्लों ने थोड़ी हैरानी में राहुल को देखा |

राहुल ने कोई जवाब नही दिया |

“Mom, मैं बात करता हूँ इससे...|” विराट ने बिल्लों से बोला |

“मैं बात कर रही हूँ ना इससे, तुम्हारा बोलना जरूरी है...?” बिल्लों विराट पर चिल्लायी थी |

वहाँ खड़ा हर कोई थोड़ा सा डर गया |

“पूरी life तुम्हारे सहारे से नही चलाना है इसे...|” बिल्लों विराट को घूरती हुई “आगे चलकर इसकी भी family बननी है, हर छोटी बड़ी बात के लिए तुम्हारा चेहरा देखगा क्या...?”

तुषार ने विराट को पीछे हटने का इशारा किया |

“क्या करना है इसका...?” बिल्लों ने तुषार से पूछा |

“इसको तूफान में अकेला छोड़ दो, या तो चट्टान बन जायेगा, या तूफान के साथ बह जायेगा...|” तुषार ने बोला |

“शर्मा अभी भी market में है क्या...?” बिल्लों ने तुषार से बोला |

“शायद...|” तुषार बोला |

“भेजो इसको वहाँ...|” बिल्लों राहुल को पीछे की तरफ धक्का देते हुए “नर्क क्या होता है, पता चले इसे...|”

तुषार ने कुछ नही बोला | कोई भी छोडो, विराट भी नही जानता था, शर्मा कौन है |

“और तुम देखो, किसकी हिम्मत हो गयी, जिसने मेरे भाई के बेटे पर हाथ डाला...!!” विराट को घूरते हुए बिल्लों वहाँ से निकल गयी |

विराट अब राहुल को देख रहा था और चाय का कप उठाता रजत यादों से बाहर आ गया | रुकुल, उसके पापा, वापिस आ चुका भाई और रुकुल की मम्मी आँखे फाडे रजत को देख रहे थे, जो बिस्किट को उठाकर देख रहा था |

“What...?” रजत ने उन तीनों को देखा |

“मलतब तुम सब...?” सवाल को बनाने की कोशिश में रुकुल अपना सर पकड़ लेती है |

“सबको घर से निकाल दिया गया है...|” रजत बिस्किट खाते हुए “सौरव को भी...|”

“तो जीजू अब आप क्या करेगे...?” रुकुल ने भाई ने पूछा |

“Mumbai में company को सभालना है, बिना किसी support के...|” रजत ने ठंडी आह भरते हुए “वो भी एक fix salary पर...|”

“रहोगे कहाँ...?” रुकुल ने अगला सवाल किया |

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“साहब, सारा सामना रख दिया है...|” तभी एक मजदूर दरवाजे पर खड़ा होते हुए “1 हजार रूपये हो गये |”

“क्या...?” रजत हैरानी में भड़कते हुए “1 हजार, truck से उतारने के 1 हजार, पागल हो गये हो क्या...?”

रजत के मुहं से ऐसे बातें सुन सब हैरान थे, खरबों का मालिक 1 हजार के लिए ऐसे react कर रहा था |

“साहब, सामना ज्यादा था तो...|” मजबूर बोल रहा था |

“गिनकर 10 चीजे नही है...|” रजत जेब से 500 और ऊपर से 100 रूपये निकलकर मजदूर के हाथ में रखते हुए “इतने ही है मेरे पास...|”

“साहब, ये तो बहुत कम है, हमने...|” मजदूर बोल ही रहा था |

“ये भी ज्यादा है, निकलो अब...|” रजत ने बोला |

मजदूर पैसे ले निकल गया |

“ये सब...?” सुभाष बोल ही रहा था |

“तुम ही समाने shift हुए हो क्या...?” रुकुल ने अंदाजा लगाया |

रजत ने हाँ में सर हिला दिया |

“तुम्हें कितने पैसे देकर भेजा गया है...?” रुकल ने आगे पूछा |

“10 हजार, plus ये सामना...|” रजत ने इशारा किया |

“तुम्हारे घरवाले पागल हो गये है...?” रजत की मम्मी ने पूछा |

“वो तो शुरू से ही पागल है...|” रजत ने बोला |

“राहुल कहाँ है...?” रजत की ये हालत देख रुकुल ने अंदाजा लगाते हुए पूछा |

“नर्क में...|” रजत ने सोचते हुए बोला |

एक normal paint-shirt पहने राहुल Delhi के चावडी बाजार में खड़ा था, जहाँ भीड़ की वजह से साँस भी नही लिया जा सकता था |

 

To be continue…
I hope you all like this story  Love story, Behind the story of भोली खुशी part-337. So reader, Please comments and share this story with you friends and family and add your valuable thoughts to….!!!

 

Love story, Behind the story of भोली खुशी part-337 Love story, Behind the story of भोली खुशी part-337 Reviewed by Mr.Singh on September 28, 2020 Rating: 5

19 comments:

  1. बहुत ही खतरनाक मोड़ पर पर आ गई है सभी भाई-बहनों की जिंदगी । अब तो इन सभी का भगवान ही मालिक है। कहानी हर रोज एक नया मोड़ ले कर आ जाती है। इस कहानी में मजा बहुत आ रहा है। इस कहानी के लिए आपका हार्दिक आभार 💐🙏👍

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  2. Bayeia plz jldi upload krna next part pr thoda bda 😛

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  3. Outstanding ������

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  4. Super se bhi super sir������

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  5. Super se bhi super sir👏👏👏👏

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  6. Excellent story as always and eagerly waiting to read the next update
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
    Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss

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  7. कभी कभी कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है, सबके पास रहने के लिए सबसे दूर रहना पड़ता है।
    बहुत ही अच्छे मोड़ पर है ये कहानी

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  8. Awesome & strange moves in this story. So grateful for it.

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  9. Well done khushi ,bht acha kam kiya thali mai parosa hua sbko acha lgta hai jb bnana pde tb smajh ata hai ,bht khubsurat or inspiring part

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  10. Raham karo in garibon par sorry amiron par singh sahab, yeh khushi kuchh jyaada denger ho gai hai.

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  11. Well done and great story eagerly awaiting for next part

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  12. Yeah scene bahut sahi tha...... Ab Khushi ek dum track pr Chal rahi h

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