Behind the story of भोली खुशी part-339
Hello dears,
मैं
सोच रहा था, आपके ढेर सारे सवाल हो गए है, जैसे कि website लेकर, stories
को लेकर, आदि-अनंता लेकर, मेरी stories को लेकर |
तो क्यों ना live होकर
सवाल-जवाब हो जाये ? कुछ भोली खुशी के characters की बातें हो जाएगी |
तो मैं सोच रहा हूँ, Insta और FB पर लाइव हो जाते है | तो अपने सवालों के साथ Date और time आप decide कर लीजिये | जो मेरे साथ Insta और FB पर नहीं जुड़े link नीचे है |
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संदीप ने अपनी मम्मी, बहन को रोहताश और उसके साथियों के पास ले जाकर खड़ा कर दिया |
“ये है यहाँ ना महशूर गुंडा, रोहताश चौधरी...|” संदीप ने रोहताश का नाम याद करते हुए बोला |
“इसका तो परिवार भी से...|” रोहताश का दोस्त हंसते हुए “मैं तो सोचूं था, हराम की पैदाइश है...|”
फिर से सारे दोस्त हंसने लगे |
“What’s he say...?” लड़की को समझ नही आया |
मगर संदीप ने आगे बढ़ दोस्त को एक तमाचा जड़ दिया | गुस्से में दोस्त ने संदीप को ही उठाकर दूर फेंक दिया |
“खले समझ रखा है के...?” दोस्त पूरे जोश में बोला |
लड़की डर गयी, मगर औरत अभी भी रोहताश के दोस्त को देख रही थी | संदीप के आदमी चिल्लाते हुए रोहताश और उसके दोस्तों की तरफ बढ़ने लगे | मगर औरत ने उन्हें रोक दिया |
“You...|” अब संदीप एक gun उठा दोस्त पर तान देता है |
“छोरे, बंदूक और परिवार बड्डा सभाल के चलाणा पड़े से...|” दोस्त मुस्कुराते हुए “तेरे अंदर तो कुछ भी ना से...|”
“एक और चीज चाहिए, ये दोनों चीज चलाने के लिए...|” औरत संदीप की gun नीचे करती हुई “जिगर, वो हमने अपने बेटे को बहुत दिया है, तभी तो तुम जैसे गुंडे इसके सामने जमीन पर पड़े है |”
“जिगर के साथ इसे दूसरो की बहु-बेटी के इज्जत करणा भी सीखा दी होती, तो इसका जो होवण वाला से, वो ना होता...|” रोहताश बोला |
“Mom, ये सब मेरे ऊपर झूठा इल्जाम लगाकर मुझे पैसे ऐठने आये थे |” संदीप ने सफाई दी |
“अगर सच में है तो क्या...?” औरत सोचते हुए “इसमें जिगर था, इसने कर दिया, तुम्हारे अंदर पीटने तक का जिगर था, तो तुम यहाँ बैठे हो...|”
“मजे तो लागे से, पूरा खाणदाण (खानदान) ही हराम की पैदाइश से...|” दूसरा दोस्त बोल पड़ा |
“क्या हो रहा है यहाँ...?” संदीप जैसे फिर से gun सामने करने लगा, पीछे से आदमी आ गया |
“कुछ नही, कुछ नाली के कीड़े हमे हराम की पैदाइश बोल रहे थे, बस उन्ही से निपट रहे है...|” औरत ने हाथ बाँधते हुए बोला |
“और तुम यहाँ खड़े होकर इनकी बात सुन रहे हो...?” आदमी संदीप पर चिल्लाते हुए “गोली मारो और उसी गंदी नाली में फेंक दो, police को मैं देख लूँगा...|”
“चौधरी, लागे से नोटो की चमक ने अंधा कर दिया से...|” रोहताश बैठे हुए घुटनों पर हाथ बाँधते हुए “मौत सामने बैठी से और तजे (तुम्हें) दिख भी णा रही...|”
“क्या बोला तूने...?” आदमी का आधा हाथ ही gun की तरफ गया था |
अगले ही पल उसकी आँखे और रुकी moment बता रही थी, वो रोहताश को पहचान गया था |
“कुछ याद आया चौधरी...?” रोहताश ने बोहें ऊपर करते हुए पूछा |
“रोहताश चौधरी...|” आदमी का हाथ अब अपने दिल पर चला गया था, जो शायद दौगुनी रफ्तार से दौड़ रहा था |
“किस्मत ही खराब से, यो तो पहचाण गया...|” तीसरा दोस्त ने हाथ पे हाथ मारा |
अपने पापा के मुहं से रोहताश का नाम सुन संदीप की घंटी बजने लगी, क्योंकि अगर उसके पापा का ये reaction था, तो मतलब रोहताश जो अब तक बोल रहा था, उस बात में सच्चाई थी |
“ये यहाँ कब से है...?” आदमी के माथे से पसीना टूटने लगा था |
“क्या हुआ dad...?” संदीप ने अपने dad को हिलाया |
“मैं पूछा, ये यहाँ कबसे है...?” अब आदमी ने संदीप पर तमाचो की बौछार कर दी |
“क्या कर रहे हो आप...?” औरत आदमी को अलग करने लगी |
मगर आदमी ने उसे भी दो-चार तमाचे जड़ दिए |
“यो तो खुद ही इसे मार देवेगा, म्हारे हाथ की खुजली का के होवेगा...?” दूसरे दोस्त ने रोहताश से पूछा |
“यो दिल का मर्जी, के कर पावेगा...?” रोहताश बोला |
“Uncle...|” संदीप का दोस्त बीच में आते हुए “2 घंटो से...|”
सुनकर आदमी मानों वहाँ से भागने को तैयार था, पर उसकी समझ में नही आ रहा था, आखिर करे क्या |
“Uncle हुआ क्या...?” संदीप के दोस्त ने आगे पूछा |
“क्या किया है इसने...?” आदमी लगभग दौड़ते हुए रोहताश के पास आकर पूछता है |
“छोरी कु गाड़ी से ठोक दिया, फेर उसके जख्मों पर बियर भी गेरी (डाली)...|” तीसरे दोस्त ने बोला |
अब आदमी को अपना खात्मा साफ दिख रहा था | वो अपना सर पकड़ रोहताश के सामने ही बैठ गया |
“Dad, आप क्या रहे है...?” संदीप उसके पास आ गया |
“के हुया चौधरी, थारी लुगाई (पत्नी) तो बड़ा जिगर-2 की बात करे थी, तेरे मे जिगर ना है के...?” दूसरा दोस्त बोल पड़ा |
“मैं बर्बाद हो गया, मेरे बेटे और उसकी माँ ने ही मेरी सारी महेनत मिट्टी में मिला दी...|” आदमी सर पकड़े ही रोने लगा |
“Dad, आप ये क्या कर रहे है, आप बताइये तो सही, हुआ क्या है...?” लड़की भी थोड़ा गुस्से में “ऐसा कौन सी तोप है ये, आप तो CM को जानते है ना, फिर क्यों ऐसा react रहे है...?”
“अभी तेरा CM कुछ देर में यही आवण (आने) लाग रा से...|” रोहताश लड़की को देखते हुए “जी भर के बात करिये उस ते...|”
“आखिर आप इस गुंडे से इनता क्यों कर रहे है...?” औरत ने हिम्मत करके पूछा |
“ये इससे नही डर रहा है...|” तभी पीछे से कयामत रूपी बिल्लों की आवाज आ गयी |
“नही...!!!” आदमी बिना किसी की परवाह किये गिरता-पड़ता पीछे की तरफ दौड़ गया |
“चलो, जान छूटी इस नाटक ते...|” तीसरा दोस्त अपनी कमर पर बंधी रिवाल्वर निकालकर खड़ा हो गया |
संदीप, उसका दोस्त, मम्मी, बहन, सब हैरान रह गये | सबने पीछे देखा तो दोनों घुटनों, बाये हाथ पर बंधी पट्टी के साथ हाथ में mobile लिए, साथ में लाडो पर सूरजभान के support लिए सुनीता खड़ी थी | जिसके mobile से निकल रही रौशनी से सामने काली के रूप में खड़ी थी बिल्लों और उसके साथ सूट-बूट वाले getup में थोड़ा गुस्सा में खड़ा था विराट...|
“Oh my god...|” लड़की ने विराट को देखते ही अपने मुहं पर हाथ रख लिया |
आदमी रोता हुआ बिल्लों के पैरों में गिर गया, जिसे वो पकड़ने की कोशिश रहा था, मगर वो खाली प्रकाश था | विराट ने अभी गुस्से में लाल आँखों के साथ अब संदीप को देखा |
“माफ़ कर दीजिये, ये अभी बच्चा है...|” आदमी ने रोते हुए बिल्लों के पैरों में सर रख दिया था |
“जिसे तुम्हारे बच्चे ने गाड़ी से ठोका, मेरी छोटी बहु है और जिसे बंदी बनाकर रखा, वो मेरा भांजा है...|” बिल्लों भी संदीप को घूरती हुई “किस आधर में माफ़ दूँ...|”
“देखिये, गलती बच्चो से ही होती है, ये अभी...|” औरत भी बोलने लगी |
“के बात कर री हो आंटी...?” रोहताश का दोस्त हैरानी का नाटक करते हुए “आपके छोरे में जिगर से, गलती भी जिगर वाले ही करे से...?”
“कुछ बोल रा था ना छोरे...?” रोहताश संदीप के सामने आते हुए “घणा excited था, म्हारी तोप देखण खात्तर (खातिर)...|” रोहताश बिल्लों की तरफ देखते हुए “यो से...|”
“मैं अपना सब कुछ देने के लिए तैयार हूँ, please इसे छोड़ दीजिये...|” आदमी अभी भी बिल्लों के सामने गिडगिडा रहा था |
अगले ही पल बिल्लों ने रोहताश को देखा, जिसने दोस्त के हाथ से रिवाल्वर ली और 4 fayer किये, जिसके साथ चार लोगो की चीख एक साथ निकली | संदीप ने अपने सीने को देखा, जहाँ पर कोई गोली का निशान नही था, जैसे ही उसके चेहरे पर मुस्कान उभरने लगी, वो अगले ही पल गिर पड़ा | उसके हाथ और पैर बेजान हो गये थे | उसके दोनों हाथ और पैर, एक-एक गोली सी छलनी थे |
औरत, बहन और आदमी चिल्ला रहे थे, मगर वहां किसी पर कोई फर्क नही पड़ा |
“कैसे छोड़ दूँ...?” बिल्लों अब जाकर आदमी को देखते हुए “बात इज्जत की है...|” बिल्लों आदमी को warn करती हुई “तेरे बूढ़े कंधे इसकी लाश नही उठा पायेगे, इसलिए जान बख्स दी इसकी, वरना...|” कहते हुए बिल्लों वहां से गायब हो गयी |
औरत बहन और दोस्त संदीप को हिला रहे थे, जिसके चेहरे पर गोली लगने का अफ़सोस नही था, उल्टा उसके चेहरे पर मुस्कान, माथे की लकीरे साफ थी |
“लगता है, अक्ल आयी नही अभी तुम्हें...?” विराट आगे बढ़ संदीप के सामने खड़ा हो गया |
“मैं अपने किये पर शर्मिंदा हूँ, मुझे माफ़ कर दीजिये...|” संदीप ने माफ़ी का नाटक किया, मगर उसकी भाव और words match नही कर पाए |
“तुम नही समझे, लगता है मारना ही पड़ेगा...|” विराट ने एक साँस छोड़ी |
“अभी भी कुछ बाकी है क्या...?” औरत चिल्लाते हुए “मेरी बेटे को इस हालत में पहुंचा दिया, अब क्या जान ही लेकर रहोगे...?”
“मजे तो पूरा परिवार ही नाटक मंडली में लागे से...|” रोहताश का दोस्त संदीप को देखते हुए “मगरमच्छ के आंसू बहा रहे है |”
“मारने से आप सामने वाले को वो नही समझा सकते, जो समझाना चाहते है....|” विराट संदीप को देखते हुए “मैं सोच को मारता हूँ...|” विराट औरत को देखते हुए “जो इस time तुम्हारे बेटे के दिमाग में चल रही है |”
लड़की अपने आंसू पौछ्ते हुए विराट को देखने लगी |
“इस आदमी के पास इतना ही पैसा छोड़ना, जिससे ये 1 time का खाना खरीद सके...|” विराट रोहताश को बोलने के साथ संदीप को देखते हुए “तब देखते है, तुम्हारी सोच क्या कमाल करती है...|” कहते हुए विराट गायब हो गया |
बाकी वहाँ खड़े तमाशा देखते रहे |
रात के time गीली आँखों के साथ सुनीता अपने घर की छत पर हाथ बांधे खड़ी थी और राहुल hologram के रूप में उसके आगे खड़ा हुआ सामने दूर तक फैले खेतों को देख रहा था |
“मैं तुम्हें ये सब इसलिए नही बता रहा, कि तुम films की तरह सब कुछ छोड़ मेरे पीछे चल दो..|” राहुल अपनी बात बढ़ता हुआ “तुम मुझ पर भरोसा करो, इसलिए बता रहा हूँ...|”
“मैं भरोसा करती हूँ तुम पर...|” सुनीता ने अपनी बात पर जोर डालते हुए बोला |
“मैं जानता हूँ, पर मैं तुम्हारे अंदर वो वाली feeling नही देखता, जो भाभी की आँखों में भाई के लिए और mom की आँखों में dad के लिए होती है...|” राहुल सुनीता की तरफ घूम गया |
“मैं तुम्हारे ऊपर उनसे भी ज्यादा भरोसा करती हूँ, शायद उनके जितनी पढ़ी-लिखी नही हूँ तो..|” सुनीता की गर्दन झुकने लगी |
“तुम मेरे लिए बहुत ज्यादा important हो सुनीता...|” राहुल आगे बढ़ सुनीता के बाजु पकड़ते हुए “मैं अपनी महेनत से तुम्हारे अंदर वो जोश भरना चाहता हूँ, जो उन दोनों के अंदर है...|” राहुल सुनीता का माथे चूमते हुए “इसलिए मुझे जाना होगा...|”
“पर तुम जा कहाँ रहे हो...?” टपकते आंसुओ के साथ सुनीता words पर दबाव डालते हुए पूछती है |
“मुझे याद करती रहना...|” राहुल पीछे हटते हुए “मैं always तुम्हारे साथ हूँ...|”
“अगर तुम मुझे बताये बिना गये, तो मैं...|” सुनीता राहुल को warning दे ही रही थी |
“I love you सुनीता...|” राहुल कहते हुए गायब हो गया |
सुनीता उसकी तरफ हाथ किये खड़ी रही |
Love story, Behind the story of भोली खुशी part-339
Reviewed by Mr.Singh
on
October 01, 2020
Rating:

👌👌👌
ReplyDeleteVirat ne bilkul she kiya ,marne sa jyada to bhukmare mar dage,kangal bna diya
ReplyDeleteExcellent story as always and eagerly waiting to read the next update 🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐🧐🙏🏼🧐
ReplyDeleteSir yar please hath jod rha bde part dalo
ReplyDeleteGood Rahul needs some updates on him
ReplyDeleteRight decision taken by virat
ReplyDeleteSuch a amazing❤ story
ReplyDeleteNice story
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