Behind the story of भोली खुशी part-365
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Love story, Behind the story of भोली खुशी part-365 |
कृष्णा, शालनी, रजत, रुकुल, ईशा, Ice, Sandy से चिपके हुए थे | नरेंद्र सौरव को कुछ बता रहा था और गौरव फिर से शालनी को पटाने की कोशिश में था | तुषार और बिल्लों गायब हो गये थे, खुशी सुनीता को कुछ समझा रही थी और मैदान में बाकी थे विराट और राहुल |
“तो कैसा चल रहा है...?” विराट ने राहुल ने पूछा |
“पता नही कैसा चल रहा है...|” राहुल को अभी भी अपनी हालत समझ में नही आ रही थी |
“कब तक पता कर लोगे...?” विराट ने थोड़ा गम्भीरता के साथ पूछा |
राहुल के पास जवाब नही था |
“Time नही है राहुल...|” विराट ने राहुल की आँखों में देखा |
“जानता हूँ भाई...|” राहुल ने बोला |
“तुम नही जानते राहुल...|” अपने गुस्से को रोकते हुए विराट “तुम्हारा वहाँ एक दिन यहाँ पर billions में पड़ रहा है हमें...|”
राहुल की फिर से गर्दन झुकने लगी |
“कब तक सवाल से बचने के लिए गर्दन झुकाते रहोगे...?” विराट बाकी सबको अभी भी busy देखते हुए “सब कुछ जल्दी से shortout करो...|”
“जी भाई...|” राहुल ने कहते हुए पीछे कदम हटा दिए |
“राहुल...|” विराट ने फिर राहुल को देखा |
“जी भाई...?” राहुल ने गर्दन उठाकर विराट को देखा |
“जब तुम गये हो, mom-dad ने ठीक से खाना नही खाया है...|” विराट ने फिर राहुल की आँखों में देखा |
“जानता हूँ भाई...|” राहुल की आवाज नर्म पड़ने लगी थी |
“इस family के लिए तेरी life बहुत important है...|” विराट एक पल रुकने के बाद “इस बात को भूलना मत...|”
“जी भाई...|” राहुल ने बोला |
अगले ही पल विराट, खुशी को इशारा कर गायब हो गया | अब तक Ice और Sandy राहुल से बाते करने लगी थी और सुनीता wait में थी, कब उसे राहुल से बात करने को मिले | 15 मिनिट के बाद राहुल और सुनीता room के बाहर प्रकाश के रूप में चुप बैठे थे |
“ठीक से खाना नही खाते क्या...?” सुनीता ने बातों का सिलसिला चालू किया |
राहुल गम्भीरता के साथ सुनीता को देखने लगा, जिसकी आंखे गीली थी | सुनीता ने राहुल को देखते हुए अपना चेहरा घूमा लिया था |
“मेरे लिए दुखी हो या मेरी हालत को लेकर...?” राहुल ने पूछा |
“तुम्हारे लिए...|” सुनीता ने जवाब दिया |
“मेरे लिए दुखी होने मत हो...|” राहुल एक साँस छोड़ते हुए “मैं अभी उस लायक नही बना हूँ...|”
“मेरे लिय तुम...|” सुनीता बोल ही रही थी |
“अपनी feelings को words में बोलकर उन्हें छोटा मत करो...|” राहुल सुनीता के हाथ पर हाथ रखते हुए “बस मेरे ऊपर trust बनाकर रखो...|”
“तुम कहाँ पर हो...?” सुनीता राहुल के कंधे पर सर रख लेती है |
“इसी बात का जवाब ही तो ढूंड रहा हूँ...|” राहुल अभी भी गम्भीर था |
“तुम्हें देखने का बहुत मन हो रहा है...|” सुनीता ने धीरे से बोला |
“मैं तुमसे जल्दी ही मिलूँगा...|” कहते हुए राहुल गायब हो गयी और सुनीता उसी तरह बैठी रही |
गुरुद्वारे के एक खाली कोने में खड़ा राहुल सोचता हुआ mobile सामने कर देता है |
“क्या आपको कुछ और भी चाहिए...?” एक आदमी ने राहुल से पूछा |
“मुझे घर की update देते रहना...|” राहुल ने आदमी को देखा भी नही |
“जी sir...|” कहते हुए आदमी वहां से निकल गया |
राहुल अभी भी बिल्लों और सुनीता के बारे सोच ही रहा था, तभी बुढा आदमी उसे ढूंढता हुआ आ गया |
“तू यहाँ क्या कर रहा है...?” बूढ़े ने राहुल का ध्यान तोडा |
“कुछ नही...|” राहुल अभी भी सोचता हुआ बूढ़े को देखने लगा |
“टूटने का मन है क्या...?” बूढ़े ने राहुल को जगाने की कोशिश की |
“हाँ...|” आवेशो को रोके राहुल आँखों में द्रडता के साथ बूढ़े को देखते हुए वहां से निकल गया |
बुढा जाते राहुल को देखता रहा |
राहुल गुरुद्वारे से बाहर निकल shop की तरफ बढ़ता जा रहा था, तभी कोठी सेठ joging वाली dress में एक परेशान लड़की के साथ रास्ते में खड़ा उसका wait कर रहा था |
“Dad I’m border...|” लड़की खड़ी हुई परेशान हो चुकी थी |
“चुप कर...!!!” कोठी सेठ ने सामने से आते राहुल को देख उसे चुप रहने एक इशारे के साथ बोला |
राहुल को सामने देख कोठी सेठ उसे नमस्ते करता है | लड़की देखकर समझ नही पायी, उसके पापा एक नौकर जैसे कपड़े पहने लडके को नमस्ते क्यों रहे थे |
“क्या हुआ...?” बिना कोठी सेठ पर ध्यान दे, राहुल के पास आकर अपनी speed कम हुआ बोला |
“आपने जैसे बोला था, मैंने उनसे बात कर ली है...|” लडकी का हाथ पकड़ चलते राहुल के पीछे चलते कोठी सेठ ने बोला |
“फिर...?” राहुल ने उस पर ध्यान नही दिया |
“वो amount ज्यादा बोल रहे है...|” कोठी सेठ लड़की को लगभग खींचते हुए राहुल के साथ चल रहा था |
“Life में एक बार ही investment करना है...|” राहुल अभी भी चलते हुए “दे दो....|”
“जी...|” कोठी सेठ लड़की को खीचकर राहुल के बगल में करते हुए “ये मेरी बेटी है, चंचल नाम है इसका...|”
“Hello...|” राहुल बिना चेहरे के भाव बदले लड़की से बोला |
“Hello बोलो...|” कोठी सेठ ने कड़क आवाज में चंचल से बोला |
राहुल की हालत देख चंचल तो उसके पास भी खड़ी नही रहना चाहती थी |
“Dad...!!!” चंचल कोठी सेठ से हाथ छुड्वाते हुए “क्या हो गया है आपको, price बोलक एक नौकर से मेरा introducation करा रहे है...?”
चंचल की बात राहुल कोठी सेठ को देखने लगा |
“तुझे बोला था ना, अपना मुहं बंद रखना...|” कोठी सेठ बात को सभलाने के चक्कर में “सुबह जल्दी उठने से ये चिड जाती है तो...|”
“दिमाग में क्या चल रहा तुम्हारे...?” राहुल ने कोठी सेठ की चोरी पकडने की कोशिश में “ज्यादा ऊपर उड़ने की कोशिश मत करो...|”
“Who the hell are you talking like this to my dad...?” चंचल राहुल को पीछे की तरफ धक्का देते हुए “My dad is the king of this market...|”
“And I’m the king maker..!!!” First time राहुल में उल्टा चंचल पर चढ़ते हुए बोला |
जिसके साथ ही राहुल की security में चल रहे guards की guns निकल गयी थी, मगर hade के इंतजार के लिए सब रुके हुए थे | राहुल अभी भी चंचल को घूर रहा था, जिसे देख चंचल के साथ कोठी सेठ की सांसे भी रुक गयी थी |
“Next time अगर कुछ उल्टा-सीधा सोचा तो...|” राहुल आगे बढ़ते हुए “Road पर आ जाओगे...|”
“हर बाप अपने बच्चो के लिए अच्छा ही सोचता है, मैं भी दिल से चाहता हूँ मेरी बेटी की शादी आप जैसे genius से हो...|” कोठी सेठ बिना किसी चोरी के “मेरे मन में कोई चोरी नही है, एक दिल की ख्वाइश थी, आपके सामने रख दी |”
“मेरे पास ऐसी बातों के लिए time नही है...|” राहुल कोठी सेठ को warn करते हुए “तुम्हें जितना बोला है, जैसे बोला है, वैसा ही करो...|” कहते हुए राहुल वहां से निकल गया |
चंचल और कोठी सेठ राहुल को जाता देखते रहे |
“ये कौन था dad...?” चंचल ने कोठी सेठ का ध्यान तोड़ दिया |
“पासर पत्थर...|” कोठी सेठ एक साँस छोड़ते हुए “जिसे तूने एक ही झटके में लात मार दी...|”
“मतलब...?” चंचल समझ नही पायी थी |
“तेरे नसीब में रानी बनाना लिखा ही नही है...|” कहते हुए कोठी सेठ अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ गया |
“Please dad, बताइये ना...|” चंचल अब कोठी सेठ के पीछे पडती हुई “ये कौन था...?”
दूसरी तरह खुशी अपने room से बाहर निकली तो राशि और कुनाल हाथ बांधे उसका wait कर रहे थे |
“Good morning dad-mom...|” खुशी ने दोनों को देखा |
दोनों में से किसी ने भी जवाब नही दिया |
“What...?” खुशी ने सवाल भरी नजरों से दोनों को देखा |
“क्या तुम हम दोनों को शांति से अर्थी पर ले जाने दोगी...?” राशि ने खुशी से पूछा |
“अब क्या हुआ...?” खुशी शादी से पहले वाले reaction के साथ hall की तरफ बढ़ गयी |
“क्या हुआ...?” राशि उसके पीछे चलते हुए “पहले तो तू हमें ही चैन से नही रहने देती थी, अब अपनी ससुरालवालों का भी जीना मुश्किल कर दिया है तूने...?” राशि आगे चलती खुशी को ताने देते हुए “पता है, तेरी सास से क्या-2 सुनने को मिला है रात से अब तक...?”
“बेटी के लिए इतना नही सुन सकते क्या...?” खुशी बिना किसी चिंता के खाने की table पर बैठते हुए “लोग तो पता नही क्या-2 कर जाते है...|”
“मतलब तुझे अभी भी अपनी गलती का पछतावा नही है...?” राशि फिर से भड़कते हुए बोली |
“पिछले 1 घटें से पछतावा ही तो कर रही हूँ....|” खुशी अंगड़ाई तोड़ते हुए “सास, ससुर, पति और अब आप...|” खुशी राशि की आँखों में देखते हुए “और कितना पछतावा करूं...?”
“तेरा कुछ नही हो सकता...|” राशि सर पकड़कर उसके पास बैठती हुई “तेरे अदंर कुछ नही बदला |”
“बदलने को अभी भी कुछ बाकी है क्या मेरे अंदर...?” खुशी मजाक में ही serious बात बोलते हुए राशि से सवाल करती है |
“बस बहस मत करो...|” कहते हुए कुनाल खुशी के हाथ पर हाथ रखते हुए “तुझे पता है, रात हम सब कितना डर गये थे, विराट यहाँ ना होते हुए भी ऐसे react कर रहा था, मानों वो तुझे यही पकड़े खड़ा हो...?”
“I’m sorry dad...|” खुशी कुनाल के साथ पर हाथ रखते हुए “पता नही कैसे हो गया, next time से ध्यान रखूंगी |”
“देखा कितना आसान था...|” कुनाल राशि को घूरते हुए “जब देखो, हवा पर सवार रहती हो |”
“चंदु आज भी नही आया क्या...?” खुशी ने सवाल किया |
“चंदु हाजिर है madam...|” एक हाथ में tablet, दूसरे हाथ में मिठाई का डब्बा पकड़े चंदु सर झुकाए खड़ा था |
“शादी कर ली क्या...?” मिठाई का डब्बा देख खुशी ने सवाल किया |
“आपकी कृपा ऐसे ही बनी रही तो वो भी हो जाएगी...|” राशि और कुनाल के पैर छूने के साथ ही चंदु खुशी के पैरों में बैठ गया |
“ये क्या नौटंकी है...?” खुशी ने थोड़ा हैरानी के साथ बोला |
“Madam, नौटंकी नही सेवा है...|” चंदु हाथ जोड़ बैठे हुए “जिस दिन से आपके इन चरणों में आया हूँ, दिन बदल गये है मेरे...|” चंदु हाथ ऊपर उठा सोचते हुए “जहाँ गली का कुत्ता भी मुझे नही जानता था, वहाँ आज आधी दिल्ली मेरी fan बन गयी है...|”
“तूने ऐसी कौन से तोप मार ली, जो लोग तेरे fan बन गये...?” राशि ने पूछा |
“खुशी ठाकुर का PA होना क्या तोप मारने से कम है...?” चंदु ने राशि को देखते हुए जवाब दिया |
“तुम क्या नेताओ जैसी चिकनी-चुपड़ी बाते करने लगे हो...?” कुनाल चंदु को देखते हुए पूछता है |
“Madam का साथ ही कुछ ऐसा है, कि...|” चंदु फिर से बोलने लगा |
“असली बात क्या है, वो बोलो...?” खुशी ने चंदु को घूरा |
“मैंने उन भूतों से अपनी socal media की ID बनवायी थी...|” चंदु चेहरा उतारते हुए “उस पर madam के साथ कुछ खीचे कुछ photos डाल दिए थे |”
“तो इसमें आधी Delhi का तुम्हें जानने की बात कहाँ से आ गयी...?” राशि ने फिर सवाल किया |
“वो मैंने भूतो से पूछकर madam को tag कर दिया था तो...|” चंदु अपना सर खुजलाते हुए “मैं wairel हो गया...|”
“यहाँ दुनियाँ में अपनी पहचान बनाने के लिए हम करोड़ो dollars फूंक रहे है, ये free में ही famous हो रहा है...|” खुशी जूस के गिलास के साथ उठ गयी |
“Madam-3...!!!!” चंदु भी झट से उठकर फिर से खुशी के समाने जाकर खड़ा हो गया |
“Morning में मेरा मुड़ सही है, खराब मत करो...|” खुशी बाहर की तरफ जाने लगी |
“मुड़ खराब नही कर रहा madam...|” चंदु अपने हाथ मसलते हुए “2 दिन बाद मेरी सगाई है...|”
“तो छुट्टी चाहिए...?” खुशी बेफिक्री के साथ “जाओ, ऐश करो...|”
“छुट्टी नही चाहिए madam....|” चंदु थोड़ा सभलकर words use करते हुए “शायद जब आपने गाड़ी के लिए order दिया था, Delhi के showrooms पर गाड़ियाँ खत्म हो गयी होगी, वो गाड़ी अभी तक घर नही पहुंची तो...|” चंदु फिर से सर खुजलाते हुए “आप एक call कर देती तो, शायद गाड़ी आ गयी हो...|”
खुशी आँखे छोटी करते हुए चंदु को देख रही थी, जो सच में कुछ ज्यादा ही smart हो गया था | खुशी जैसे ही कुछ बोलने लगी, बाहर से कितने ही आदमियों की एक team घर के अंदर आकर खड़ी हो गयी |
“कौन हो तुम, और ऐसे अंदर कैसे घुसे चले आये...?” पहले ही खुशी को cover कर चुके guards के घेरे से बाहर निकलते हुए चंदु कड़क आवाज में पूछता है |
खुशी थोड़ा शांत खड़ी हुई उन आदमियों को देख रही थी |
To be continue…
I hope you all like this story Love story, Behind the story of भोली खुशी part-365. So reader, Please comments and
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👌👌👌
ReplyDeleteSir, this is my first comment on your whole novel...now im re-reading this novels and ab hame lagta hai ki khushi ki masumiyat pahchan thi uski jo ab nahi rahi...thik hai wo insaan acchi hai magar bholi...no...and you know what make me to comment is that...episode no. 136 mein virat kahta hai ki..." use khushi chahiye...jiska kli mukam ho...is ghar ko khush rakhne mein khud ko marne ke liye wo use vapas nahi le jaega.." ye thik hai lekin ab khushi kya hai...?
ReplyDeleteKaun hai ye log
ReplyDeleteExcellent story as always and eagerly waiting to read the next update
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Always 💜💜💜💜💜💜💜💜U Boss